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जयपुर
 राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने हाल ही में दिल्ली रूट पर संचालित होने वाली एसी बसों के किराए में कमी की है। इस आदेश से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स में काफी हलचल हो रही है। इसको लेकर कई ऑपरेटर्स रोडवेज अधिकारियों के चक्कर काटते भी दिखाई दे रहे हैं। वहीं रोडवेज चेयरमैन शुभ्रा सिंह व एमडी पुरुषोत्तम शर्मा की ओर से की गई सख्ती से रोडवेज की इनकम 74 प्रतिशत से बढ़कर 102 प्रतिशत हो गई है।

जानकारी के अनुसार पहले दिल्ली रूट पर हर तीन से चार घंटे में एसी बसें उपलब्ध थी लेकिन अब हर डेढ़ घंटे में वाया कोटपूतली व एक्सप्रेस-वे (दौसा होते हुए) बसों का संचालन किया जा रहा है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल रही है। जयपुर से वाया कोटपूतली होते हुए प्रतिदिन सात बसें संचालित हो रही है। इनमें एसी बस का 540 रुपए और स्कैनिया (वोल्वो) का 750 रुपए प्रति यात्री किराया है। इसी प्रकार एक्सप्रेव-वे वाया दौसा होते हुए प्रतिदिन 9 बसें उपलब्ध है। स्कैनिया वोल्वो का 790 व एसी बस में 640 रुपए प्रति यात्री किराया है।

सबसे फायदेमंद वाला था दिल्ली रूट
राजस्थान रोडवेज के लिए दिल्ली रूट सबसे फायदेमंद वाला रूट था। यहां सबसे अधिक यात्रीभार के साथ राजस्व भी ठीक मिलता था लेकिन पिछले कुछ सालों में रोडवेज अधिकारियों की अनदेखी के कारण यह रूट घाटे का सौदा होने लगा। यदि रोडवेज प्रशासन यह सुविधा पिछले छह साल पहले ही कर देता तो आज ऐसी हालत नहीं होती। आखिर रोडवेज प्रबंधन को रोस्टर करने में कौन रोक रखा था।

झालावाड़ रूट पर सख्ती से मिलने लगा फायदा
रोडवेज का सबसे अधिक घाटा झालावाड़ व हाड़ौती रूट पर था। चेयरमैन व एमडी की ओर से मुख्य प्रबंधकों पर सख्ती करने व 4200 पे ग्रेड वाले अधिकारियों को बसों की चैकिंग करने के पॉवर देने और फ्लाइंग टीम को प्रतिदिन रूट पर चैकिंग करने के निर्देश के बाद अचानक यात्रीभार के साथ राजस्व बढ़ने लगा। इससे हाड़ौती क्षेत्र की प्रतिदिन की इनकम 74 प्रतिशत से बढ़कर 102 प्रतिशत हो गई है। रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा। इसके साथ ही काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।  

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