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मुंबई
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई की एक अदालत ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अदालत ने पुलिस को दूसरे आरोपी की उम्र निर्धारित करने के लिए अस्थि अस्थिकरण परीक्षण कराने का निर्देश दिया, क्योंकि उसने नाबालिग होने का दावा किया है। पुलिस को परीक्षण कराने के बाद दूसरे आरोपी को फिर से पेश करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद अदालत तय करेगी कि उसके खिलाफ कार्यवाही किशोर न्यायालय में की जाएगी या नियमित न्यायालय में।

शनिवार को की गई थी हत्या
इससे पहले पुलिस ने कथित हमलावरों को रविवार दोपहर अदालत में पेश किया, जिनकी पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है। गौरतलब है कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी नेता सिद्दीकी (66) को मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने घेर लिया और गोली मार दी।

पुलिस ने बताया कि उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने आरोपी दोनों की 14 दिनों की रिमांड मांगी और कहा कि उन्हें यह जांचने की जरूरत है कि क्या इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय लिंक शामिल है। मारा गया व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पूर्व मंत्री था। सुरक्षा के बावजूद हमलावर उसे गोली मारने में कामयाब रहे।

'मंशा और मकसद का पता लगाने की जरूरत'
अभियोजन पक्ष ने कहा कि हमें अपराध के पीछे की मंशा और मकसद का पता लगाने की जरूरत है। सरकारी वकील गौतम गायकवाड़ ने अदालत को बताया कि पुलिस को यह जांचने की जरूरत है कि क्या गोलीबारी में कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता शामिल थी। दोनों आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने दलील दी कि अपराध बहुत दुखद और निराशाजनक था, लेकिन आरोपियों की भूमिका साबित नहीं हुई है। वकील ने दलील दी कि हो सकता है कि उनकी (सिद्दीकी) हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण की गई हो और दोनों आरोपियों को मामले में झूठा फंसाया गया हो।

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