MY SECRET NEWS

पिछले एक दशक में देश में कंप्यूटर का चलन तेजी से बढ़ा है। बड़ी से बड़ी कंपनी और छोटे से छोटे ऑफिस तक की सारी गोपनीय जानकारियां कंप्यूटर में रखी जा रही हैं। सुरक्षा को ध्यान में रख कर कंप्यूटर पर पासवर्ड सेट किये जा रहे हैं। पासवर्ड ज्यादा सुरक्षित हों, इसके भी तरीके उजागर किये जा रहे हैं।

साइबर सुरक्षा के तमाम उपाय करते हुए भी उनकी जानकारियां पलक झपकते ही सात समंदर पार बैठे लोगों तक आसानी से पहुंच जा रही हैं। यह काम कंप्यूटर के जानकारों द्वारा ही किया जाता है। इन्हें रोकने का जिम्मा एथिकल हैकर का होता है और इस पूरी प्रक्रिया को एथिकल हैकिंग का नाम दिया गया है। हालिया कुछ वर्षो में इमेल हैकिंग, गोपनीय दस्तावेज लीक होने, आतंकी हमले आदि की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इससे व्यक्ति विशेष, संस्थान के अलावा पूरे देश की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ी है।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत:- नासकॉम की एक रिपोर्ट की मानें, तो देश में 77 हजार एथिकल हैकरों की प्रतिवर्ष आवश्यकता है, जबकि सिर्फ 25-30 हजार प्रोफेशनल्स प्रतिवर्ष सामने आ रहे हैं। यानी इसकी जरूरत से काफी कम लोग हर साल यह कोर्स कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एथिकल हैकर की मांग आनेवाले समय में और अधिक बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि हर क्षेत्र में कंप्यूटर का दखल बढ़ता जा रहा है और लोग अपनी सारी गोपनीय जानकारियां कंप्यूटर में ही रखना चाह रहे हैं।

कब करें यह कोर्स:- एथिकल हैकिंग से संबंधित बैचलर, मास्टर, पीजी डिप्लोमा और डिप्लोमा कई तरह के कोर्स मौजूद हैं। कुछ कोर्स ऐसे भी हैं, जिनमें एथिकल हैकिंग एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। बैचलर कोर्स में दाखिला 12वीं के बाद, मास्टर व पीजी में प्रवेश ग्रेजुएशन के बाद और डिप्लोमा में बारहवीं के बाद प्रवेश ले सकते हैं। इन योग्यताओं के साथ-साथ इसमें कंप्यूटर की जानकारी को सर्वोपरि रखा जाता है। बैचलर व मास्टर कोर्स कंप्यूटर एप्लीकेशन से संबंधित होते हैं। बैचलर कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा पास करना जरूरी है। अंकित फाड़िया सर्टिफाइड एथिकल हैकर कोर्स भी प्रचलन में है।

कोर्स से जुड़ी जानकारी:- कोर्स के दौरान छात्रों को कंप्यूटर सिक्योरिटी से जुड़ी पूरी जानकारी प्रदान की जाती है। क्लास में प्रेजेंटेशन टेस्ट, गैजेट्स की जानकारी, हैकिंग, पासवर्ड क्रैकिंग, मालवेयर एनालिसिस, पोर्ट स्कैनिंग, बफर ओवरफ्लो आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है। कोर्स के दौरान ही छात्र सिक्योरिटी से संबंधित समस्याओं की रिपोर्ट करने, नियम के दायरे में रह कर काम करने, बायोमेट्रिक्स सिस्टम पर प्रोजेक्ट तैयार करने और हालिया घटित हैकिंग के नये मामलों पर चर्चा करते हैं।

इसमें संभावनाएं हैं अपार:- कोर्स समाप्त होने के बाद प्रोफेशनल्स को किसी कंपनी में सिक्योरिटी एनालिस्ट, चीफ इन्फार्मेशन ऑफिसर, प्रेजेंटेशन टेस्टर व नेटवर्किग स्पेशलिस्ट के रूप में काम करने का अवसर मिलता है। प्रेजेंटेशन टेस्टर के रूप में प्रोफेशनल्स फायरवाल की जांच करते हैं, जिससे कि गैरजरूरी चीजों का प्रवेश रोका जा सके। जबकि नेटवर्किग स्पेशलिस्ट के अंतर्गत संस्थान के कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा, सॉफ्टवेयर आदि की सुरक्षा का जिम्मा होता है। साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल के अनुसार इस क्षेत्र में शुरुआती दौर में 40 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह की सैलरी आसानी से मिलती है। यदि प्रोफेशनल्स के अंदर स्किल्स हैं, तो वे 80 से 90 हजार प्रतिमाह का भी पैकेज पा सकते हैं।

कहां मिलते हैं रोजगार:- एथिकल हैकिंग का कोर्स करने के बाद उम्मीदवार बैंक,  एयरलाइंस, होटल्स, टेलीकॉम कंपनी, आउटसोर्सिग यूनिट्स, आइटी सर्विस कंपनी, रिटेल चेन, इंटरनेट फम्र्स आदि में काम कर सकते हैं।

कंप्यूटर नेटवर्किग नॉलेज है जरूरी:- इस प्रोफेशन में सबसे जरूरी है कंप्यूटर नेटवर्किग नॉलेज। बिना इसके लंबी रेस का घोड़ा नहीं बना जा सकता। इसके अलावा प्रोफेशनल्स को जावा, यूनिक्स व सी$$ में भी दक्ष होना जरूरी है। साथ ही उसे अपना दिमाग हमेशा खुला रखना होगा और नेटवर्किग से जुड़ी हर जानकारी को आत्मसात करना होगा। प्रॉब्लम सॉल्विंग, एनालिटिकल स्किल्स, सिक्योरिटी सिस्टम और कंप्यूटर का गहरा ज्ञान भी काफी ऊंचाई तक ले जा सकता है।

मुख्य संस्थान:-

आइआइआइटी, इलाहाबाद और हैदराबाद
इनोबुज नॉलेज सॉल्यूशन, नयी दिल्ली
इंडियन सेंटर ऑफ इसी काउंसिल सर्टिफाइड एथिकल हैकर, हैदराबाद
अंकित फाड़िया सर्टिफाइड एथिकल हैकर

 

Loading spinner
यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0