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BJP has tied a bandage on the mouth of Bina MLA Nirmala Sapre, she cannot talk to the media

  • कांग्रेस से बनी विधायक और भाजपा की बैठक में हो रहीं शामिल, कांग्रेस की आपत्ति के बाद भी नहीं दे रहीं इस्तीफा

भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी संगठन ने बीना विधायक निर्मला सप्रे पर इस बात की पाबंदी लगा दी है कि वे अब मीडिया से बात नहीं कर सकेंगे। दरअसल मीडिया ने कोशिश की वो उनसे मिलें बातचीत करें और उनसे जाने कि निर्मला का अगला कदम क्या होगा, लेकिन सप्रे ने साफ साफ कह दिया है कि मीडिया से बात नहीं करने के लिए मुझे ऊपर से आदेश है।
मतलब भारतीय जनता पार्टी के संगठन से आदेश है कि जब तक वे अंतिम निर्णय नहीं लेती है जब तक कि वे किस पार्टी में है किसमें नहीं है, यह तय नहीं कर लेती हैं तब तक अब मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे। निर्मला 2023 में कांग्रेस के टिकट पर बीना से विधायक चुनी गई थी।
लेकिन 3 मई 2024 को रात में उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के बाद आज तक निर्मला सप्रे ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वे चाहतीं तो इस्तीफा देकर बीजेपी से चुनाव लड़ेगी, लेकिन ऐसी कुछ परिस्थितियां बन गई है कि विधायक सप्रे अब इस्तीफा देने को तैयार नहीं है।

BJP has tied a bandage on the mouth of Bina MLA Nirmala Sapre


सब जानते हैं कि जो निर्मला सप्रे ने अपने मतदाताओं और कार्यकर्ताओं व अपने समर्थकों से जो कहा था कि अभी बीना के विकास के लिए इस्तीफा दे रही है। प्रदेश में अभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो बीना का विकास होगा। बीना जिला भी बनेगा, लेकिन यह बात तय हो गई है कि अब भारतीय जनता पार्टी बीना को जिला नहीं बनाएगी। क्योंकि बीना और खुरई के बीच में जिला बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। कौन जिला बनना चाहिए, कौन नहीं बनना चाहिए। दूसरा मध्यप्रदेश में अब जिलों को लेकर एक परिसीमन समिति का गठन कर दिया गया है।
जब तक वह समिति की रिपोर्ट नहीं आती है तब तक बीना जिला नहीं बनेगा। बेशक मुख्यमंत्री ने बीना का दौरा कर लिया है। तमाम विकास कार्यों की घोषणा कर दी है, लेकिन निर्मला सप्रे आज भी हिम्मत नहीं कर पा रही है कि वे कांग्रेस से इस्तीफा दे दें और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े। एक इंटरव्यू में सप्रे ने यह दावा था कि अक्टूबर में वे कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव का रास्ता सुगम कर देंगी। लेकिन आप जानते हैं कि उस समय से लेकर आज तक निर्मला सप्रे लगातार कहती रही है कि वह जल्द निर्णय लेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसा अभी तक नहीं किया। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में उनको देखा गया। उनसे मीडिया ने कुछ सवाल जानने की कोशिश की, लेकिन वे भाग निकली। भाजपा ने उनके मुँह पर पट्टी बांध दी है कि कुछ भी हो जाए, लेकिन अब आपका कोई भी बयान मीडिया में नहीं आना चाहिए। वरना आपके लिए खतरा पैदा हो सकता है। क्योंकि अब यह पूरा मामला कोर्ट कचहरी की ओर जा रहा है। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बाकायदा एक शिकायत विधानसभा स्पीकर को दी है कि सप्रे को अब आप दलबदल कानून के तहत बाहर का रास्ता दिखाएं। उन्हें नोटिस भी मिले।
एक नहीं तीन तीन नोटिस मिले। उन्होंने जवाब भी दे दिया कि कांग्रेस की विधायक हैं। बीजेपी में गई नहीं है। कितना झूठ बोल सकते हैं वो सारे झूठ के सहारे ले लिए गए हैं। उसके बाद अभी तक अध्यक्ष ने अपना फैसला नहीं सुनाया है। निश्चित तौर पर जैसे ही अध्यक्ष का फैसला आएगा, उन्हें तीन महीने में निर्णय लेना होता है। जैसे फैसला आएगा कांग्रेस हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला वहां जा सकती है। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं ने निर्मला से कहा है बिल्कुल चुप रहना है। एक शब्द नहीं बोलना है। आपका एक भी शब्द हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में बयान माना जा सकता है। बीना में इस बात की भी चर्चा है कि उन्हें उपचुनाव में शायद हार का मुँह देखना पड़ सकता है इसलिए वे इस्तीफा नहीं दे रहीं हैं। वे बुधनी और विजयपुर उपचुनाव के हालात से भी डरी हुई हैं।

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