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ढाका
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर अब बुलडोजर चल गया है। एक दिन पहले ही यहां तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। खबरें हैं कि मौके पर एक फिलिस्तीनी झंडा भी देखा गया है। खास बात है कि सोशल मीडिया पर पहले ही 'बुलडोजर जुलूस' की अपील की जा रही थी। यह सब उस दौरान हुआ, जब शेख हसीना लोगों को संबोधित करने की तैयारी कर रही थीं।

गुस्साई भीड़ ने शेख मुजीबुर रहमान के धानमंडी इलाके में स्मारक और आवास पर जमकर तोड़फोड़ की थी। साथ ही आवास में आग लगा दी गई थी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अब गुरुवार सुबह शेख के आवास पर बुलडोजर चला दिया गया है। साथ ही मौके पर एक युवक को फिलिस्तीन का झंडा भी लहराते हुए देखा गया है। भीड़ शेख रहमान की बनाई आवामी लीग पर बैन की मांग कर रही है।

तोड़फोड़ और आगजनी
पीटीआई भाषा के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित घर के सामने हजारों लोग शाम से ही एकत्र हो गए थे। इस घर को पहले एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था। सोशल मीडिया पर "बुलडोजर जुलूस" का आह्वान किया गया था, क्योंकि हसीना स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे अपना संबोधन देने वाली थीं। हसीना का संबोधन आवामी लीग की अब भंग हो चुकी छात्र शाखा छात्र लीग द्वारा आयोजित किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों से वर्तमान शासन के खिलाफ संगठित प्रतिरोध करने का आह्वान किया।

हसीना ने स्पष्ट रूप से नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, 'उनके पास अभी भी इतनी ताकत नहीं है कि वे राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट कर सकें, जिसे हमने लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित किया है।' उन्होंने कहा, 'वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं… लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।'

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