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ऑनलाइन मनी गेम्स पर संसद की सख्ती: 3 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना

Parliament’s strictness on online money games: 3 years imprisonment and 1 crore fine strictness online money games लोकसभा ने बुधवार को ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन गेम्स की लत, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी जैसी बढ़ती समस्याओं पर अंकुश लगाना है। क्या है विधेयक की खास बातें? strictness online money games किन गेम्स पर लगेगा प्रतिबंध? strictness online money gamesयह कानून सभी प्रकार के ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों पर लागू होगा। इसमें शामिल हैं: संसद में विरोध और पारित होने की प्रक्रिया strictness online money gamesविपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संक्षिप्त टिप्पणी के बाद इसे सदन में प्रस्तुत किया। बहस के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। Read More: सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ी के पास कैसे पहुंचीं? ग्रामीणों ने पकड़ी गड़बड़ी, प्राचार्य कटघरे में आगे का रास्ताराज्यसभा से भी विधेयक पारित होने के बाद यह कानून लागू हो जाएगा। इसके बाद देशभर में ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। लोकसभा ने ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित किया। अब जुआ, सट्टा, पोकर, रम्मी और फैंटेसी गेम्स अवैध होंगे। उल्लंघन पर 3 साल कैद और 1 करोड़ रुपये जुर्माना। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

छतरपुर का गौरव: धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें और महाराजा छत्रसाल की विरासत

छतरपुर का गौरव: धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें और महाराजा छत्रसाल की विरासत

Pride of Chhatarpur: Historical heritage of Dhubela and legacy of Maharaja Chhatrasal छतरपुर ! Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur मध्यप्रदेश का छतरपुर जिला न केवल प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि अपने गौरवशाली इतिहास के लिए भी जाना जाता है। यही वह भूमि है जहां वीर योद्धा महाराजा छत्रसाल ने मुगलों के खिलाफ संघर्ष कर बुंदेलखंड में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी। उनकी राजधानी रहा धुबेला गांव, आज भी अतीत की कहानियां समेटे खड़ा है। बुंदेलखंड में छत्रसाल का साम्राज्य Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur 17वीं शताब्दी में स्थापित धुबेला गांव, महाराजा छत्रसाल की वीरता, कला और प्रेम का साक्षी है। कहा जाता है कि छत्रसाल ने मुगल सम्राट औरंगजेब को परास्त कर अपना स्वतंत्र राज्य खड़ा किया था। यही कारण है कि बुंदेलखंड की धरती पर आज भी उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। Read more: कांग्रेस के शहरी और ग्रामीण अध्यक्ष ने रखा लक्ष्य, ग्राउंड जीरो तक पहुंचेगा संगठन अद्भुत धरोहरें और स्थापत्य कला धुबेला की ऐतिहासिक धरोहरें आज भी अपनी भव्यता से लोगों को आकर्षित करती हैं। इनमें छत्रसाल महल, रानी कमलापति स्मारक, मस्तानी महल, हृदय शाह महल और शीतल गढ़ी प्रमुख हैं। धुबेला का ऐतिहासिक महत्व Maharaja Chhatrasal in Chhatarpur इतिहासकार मानते हैं कि धुबेला केवल छत्रसाल की राजधानी ही नहीं, बल्कि उनकी कर्मभूमि भी थी। यहां की धरोहरें न केवल स्थापत्य की उत्कृष्टता दिखाती हैं, बल्कि बुंदेलखंड की संस्कृति और वीरता की गाथा भी सुनाती हैं। छतरपुर का धुबेला गांव आज भी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। महाराजा छत्रसाल की गाथा, मस्तानी और बाजीराव की कहानी, तथा रानी कमलापति का स्मारक—ये सभी मिलकर बुंदेलखंड की पहचान को और भी मजबूत बनाते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

MP BJP’s new controversy: It is not Taj Mahal but ‘Shiv Mandir’ – is it a conspiracy to distort history? भोपाल । Taj Mahal but ‘Shiv Mandir मध्यप्रदेश से BJP MLA Murli Bhanwra के एक हालिया बयान ने देशभर में एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उन्होंने ऐतिहासिक ताजमहल को ‘तजोमहल’ बताते हुए उसे भगवान शिव का प्राचीन मंदिर करार दिया है। उनका कहना है कि ताजमहल में जलधारा बहती है जो शिवलिंग पर गिरती है, और यदि वैज्ञानिक जांच कराई जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह एक शिवमंदिर है। लेकिन सवाल ये है — भाजपा बार-बार इतिहास को क्यों कटघरे में खड़ा करती है? क्या यह भारत की साझा संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों पर हमला नहीं है? क्या ये बयान इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की राजनीतिक कवायद है? मुरली भंवरा ने यह भी कहा कि “हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है।” मगर क्या अब भाजपा अपने ‘सही इतिहास’ की नई परिभाषा गढ़ने पर तुली है? Taj Mahal but ‘Shiv Mandir ताजमहल, जिसे दुनिया सात अजूबों में गिनती है और जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बनवाया था, अब बार-बार साजिशों और विवादों के घेरे में क्यों लाया जा रहा है? क्या ये देश को वास्तविक मुद्दों से भटकाने का एक और प्रयास है? इतिहासकारों और पुरातत्वविदों द्वारा इन दावों को पहले भी नकारा जा चुका है, लेकिन भाजपा के कुछ नेता बार-बार इन्हें हवा देते रहे हैं। यह मानसिकता केवल ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती है और भारत की विविधता और सहिष्णुता को चोट पहुंचाती है। Read More: स्टाम्प शुल्क में बेतहाशा वृद्धि! जनता पर सरकार का नया बोझ, पटवारी ने CM को लिखा पत्र Taj Mahal but ‘Shiv Mandir क्या देश को अब विकास, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए या फिर ताजमहल के नीचे शिवलिंग खोजने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए? ऐसे बयान न केवल हमारी ऐतिहासिक समझ को धुंधला करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कैसे सियासी एजेंडे के तहत इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। अब वक्त है कि देश पूछे — क्या भाजपा की मानसिकता वाकई इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की हो चुकी है? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 41

VP Resignation पर राकेश टिकैत का तीखा वार: “धनखड़ को इस्तीफा नहीं दिया गया, दिलवाया गया”

VP Resignation पर राकेश टिकैत का तीखा वार: “धनखड़ को इस्तीफा नहीं दिया गया, दिलवाया गया”

Rakesh Tikait’s sharp attack on VP Resignation: “Dhankhar was not given resignation, he was made to resign” नई दिल्ली ! भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है। टिकैत का कहना है कि यह स्वेच्छा से दिया गया इस्तीफा नहीं, बल्कि ‘पूंजीपतियों की सरकार’ द्वारा लिया गया त्यागपत्र है। उन्होंने दावा किया कि जो भी सरकार के विरुद्ध, गांव-गरीब और किसान की बात करेगा, उसे व्यवस्था से बाहर कर दिया जाएगा। मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा — “धनखड़ हमेशा गांव, गरीब और किसान की बात करते थे। ऐसी बात करने वाले इस सरकार में टिक नहीं सकते। इस सरकार में पूंजीपतियों की चलेगी, न कि किसानों की।” उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफे से पहले कोई भी मेडिकल कारण या स्पष्ट राजनीतिक स्थिति सामने नहीं आई। “यह सीधा संकेत है कि सरकार अब पूरी तरह पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है। राजनीतिक दलों और संवैधानिक पदों पर भी अब नियंत्रण कर लिया गया है।” टिकैत ने भाजपा पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा — “अब जो 50 साल से कम उम्र के लोग पार्टी में समझौते करेंगे, उन्हें दुष्यंत चौटाला बना दिया जाएगा, और जो उससे ऊपर होंगे, उन्हें सतपाल मलिक या फिर जगदीप धनखड़ जैसा बना दिया जाएगा।” “अबकी बार ढोल किसी और के दरवाजे पर बजेगा”इस लाइन के जरिए टिकैत ने आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अबकी बार परिणाम सत्ता पक्ष के अनुकूल नहीं होंगे। “गांव तक के लोग कह रहे हैं कि इस्तीफा लिया गया है। यानी जनता सब समझ रही है।” क्या यह लोकतंत्र बनाम कॉरपोरेट का संघर्ष है?टिकैत के इस बयान को केवल एक किसान नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक असंतोष की आवाज के रूप में देखा जा रहा है। यह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सत्ता में किसानों और ग्रामीण भारत की भागीदारी कम होने पर सवाल उठा रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

विरोध का नया स्वर: OBC समागम व विपक्षी गठबंधन की रणनीति’

विरोध का नया स्वर: OBC समागम व विपक्षी गठबंधन की रणनीति’

New voice of protest: OBC Sammelan and the strategy of opposition INDIA alliance कांग्रेस द्वारा 25 जुलाई को आयोजित “OBC न्याय और भागीदारी सम्मेलन” केवल एक विपक्षी सभा नहीं, बल्कि उनको जातीय जनगणना और आरक्षण सीमा हटाने जैसे संवैधानिक मुद्दों पर नया मोर्चा खोलने की रणनीति है CM सिद्धारमैया ने ‘अहिन्दा मॉडल’ को राष्ट्रीय दृष्टिकोण के रूप में पेश करते हुए इसे सामाजिक न्याय की मिसाल बतायायह पूरी योजना कांग्रेस द्वारा पिछड़े वर्गों की राजनीतिक शक्ति को फिर से केंद्रित करने का स्पष्ट संकेत है। 19 जुलाई को हुई वर्चुअल बैठक में सीट बंटवारे, साझा घोषणा पत्र और आगामी चुनावी रणनीति जैसे विषयों पर विपक्षी दलों के बीच समन्वय की समीक्षा हुईबीजेपी के बढ़ते चुनावी दबाव को देखते हुए यह बैठकों का सिलसिला अब और तेज़ हो रहा है। इससे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों ही दल विरोधी के बिल्कुल समान मुद्दे उठाते हुए जनता के बीच अलग-अलग प्रस्तुति दे रहे हैं। कांग्रेस ने OBC सम्मेलन को न सिर्फ नैरेटिव बदलने का जरिया बनाया है, बल्कि उससे आक्रामक विपक्षी रणनीति भी तैयार कर रही है।INDIA गठबंधन की बैठक इस दिशा में पहला ठोस कदम है, लेकिन इसके लिए राष्ट्रव्यापी समन्वय और स्पष्ट नेतृत्व की भी आवश्यकता है।बीजेपी और कांग्रेस के बीच की ‘कॉपिकैट’ रणनीतियों से स्पष्ट है कि आगामी चुनावी चर्चाएँ वस्तुनिष्ठ मुद्दों से हटकर प्रतीकात्मक राजनीति की ओर बढ़ रही हैं—जहां असली मुकाबला संवाद की न बजाय जुबानी प्रतिस्पर्धा की होगी। चुनौती और अवसर यदि विपक्ष की ये रणनीतियाँ स्थानीय जनभावनाओं से जुड़कर आगे बढ़ाईं गयीं, तो बीजेपी को न सिर्फ जवाबी मोर्चा बनाना पड़ेगा, बल्कि उसे नई राजनीतिक जोर जुटाना होगा।वहीं बीजेपी की जातिगत जनगणना अधिसूचना कांग्रेस की ओबीसी रणनीति को जबाव देने की सीधी कोशिश है—लेकिन देखना यह है कि कौन जनता को असली बदलाव का भरोसा दिला पाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 47

लोकतंत्र की जड़ें हिलाने वाला फैसला! मोदी सरकार के दबाव में था चुनाव आयोग? विपक्ष ने किया बड़ा खुलासा

लोकतंत्र की जड़ें हिलाने वाला फैसला! मोदी सरकार के दबाव में था चुनाव आयोग? विपक्ष ने किया बड़ा खुलासा

A decision that shook the roots of democracy! Was the Election Commission under pressure from the Modi government? The opposition made a big revelation Election Commission under Modi government जब लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रहरी, चुनाव आयोग, की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होने लगें, तब यह केवल एक संस्थान की विफलता नहीं होती, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे की जड़ें हिलती हैं। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के संदर्भ में जो कुछ हुआ, वह इस बात का उदाहरण है कि अगर विपक्ष सजग न होता, तो एक बड़ा फर्जीवाड़ा बिना किसी शोर के अंजाम दिया जा सकता था। विपक्ष ने जब इस मुद्दे पर आवाज़ उठाई, तब उसकी नीयत पर संदेह किया गया, आरोपों का मज़ाक उड़ाया गया। लेकिन गनीमत है कि विपक्ष झुका नहीं, डटा रहा और आखिरकार चुनाव आयोग को अपना फैसला बदलना पड़ा। छह दिन के भीतर आयोग ने स्पष्ट किया कि 60 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं को अब दस्तावेज़ देने की ज़रूरत नहीं होगी। यह ‘यू-टर्न’ कई सवाल खड़े करता है। सवाल यह नहीं है कि आयोग ने फैसला क्यों बदला, बल्कि यह है कि उसने पहला फैसला किस दबाव में लिया था? विपक्ष का दावा है कि यह पूरा मामला मोदी सरकार के इशारे पर खेला जा रहा था — यह संदेह यूं ही नहीं उठता। यदि तीन करोड़ से अधिक मतदाताओं की जांच का काम जारी रहेगा, तो यह भी तय है कि यह जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए, वरना लोकतंत्र की यह बुनियादी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में आ जाएगी। Read more: दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो कहां है? | World’s Largest Film Studio in Hindi यहाँ एक और चिंता की बात यह है कि बीजेपी जैसी पार्टी, जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देती है, उसे यह लोकतांत्रिक असंतुलन क्यों नहीं दिखा? क्या यह संभव है कि नई वोटर लिस्ट के जरिए विपक्ष समर्थित मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा था? यदि नहीं, तो फिर इतनी जल्दबाजी और दबाव में फैसला क्यों लिया गया? चुनाव आयोग संविधान के प्रति जवाबदेह है, न कि किसी सरकार के प्रति। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस प्रकार उसकी निष्पक्षता पर बार-बार सवाल उठे हैं, वह एक बड़े खतरे का संकेत है। यह केवल बिहार का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश की लोकतांत्रिक नींव पर सवाल है। Election Commission under Modi government विपक्ष का सजग रहना, सवाल पूछना और निर्णयों की समीक्षा कराना अब केवल उसका हक नहीं, बल्कि उसकी ज़िम्मेदारी बन चुकी है। यह एक बार फिर सिद्ध हुआ कि यदि सवाल नहीं पूछे जाते, तो जवाबदेही भी नहीं होती। अब समय है कि चुनाव आयोग पारदर्शिता से आगे बढ़े, इस पूरी प्रक्रिया को सार्वजनिक करे और यह स्पष्ट करे कि उसके निर्णय स्वतंत्र थे या किसी दबाव का परिणाम। लोकतंत्र का मूल्य तभी है जब हर मतदाता को पूरा विश्वास हो कि उसका वोट गिना जाएगा — न कि जांच की आड़ में गुम कर दिया जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 89

डिजिटल इंडिया या मौत का इंतज़ार? सरकार बताए—30 सेकंड की चेतावनी जरूरी है या ज़िंदगी?

डिजिटल इंडिया या मौत का इंतज़ार? सरकार बताए—30 सेकंड की चेतावनी जरूरी है या ज़िंदगी?

Digital India or waiting for death? Government should tell-30 seconds warning is more important or life? Digital India or waiting for death देश डिजिटल युग में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है, लेकिन अफसोस कि तकनीक की यही तेज़ रफ्तार अब आम आदमी की जिंदगी में देरी का कारण बन रही है और कभी-कभी मौत का भी। बीते दिनों एक दिल दहला देने वाली घटना में महज 38 सेकंड में 242 जिंदगियां जलकर राख हो गईं। अब कल्पना कीजिए कि अगर उन क्षणों में किसी ने मदद के लिए फोन मिलाया होता, तो उसे पहले 30 सेकंड अमिताभ बच्चन की साइबर क्राइम चेतावनी सुननी पड़ती। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल व्यवस्था की एक क्रूर सच्चाई है। सरकार और दूरसंचार कंपनियों ने साइबर सुरक्षा को लेकर कॉल से पहले एक चेतावनी संदेश जारी करना शुरू किया है, जिसमें मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की आवाज़ में लोगों को आगाह किया जाता है। लेकिन यह चेतावनी अब सामान्य सुविधा नहीं, बल्कि आपात स्थिति में बाधा बन चुकी है। Digital India or waiting for death सोचिए अगर कोई सड़क हादसे का शिकार हो गया हो, कोई महिला संकट में हो, या किसी को दिल का दौरा पड़ा हो — उस समय हर सेकंड कीमती होता है। वहां 30 सेकंड का यह चेतावनी संदेश जान ले सकता है। किसी तकनीकी या साइबर धोखाधड़ी से बचाने के नाम पर अगर हम इंसानों की जान को दांव पर लगाएं, तो यह नीतिगत असंवेदनशीलता ही कहलाएगी। Read more: घरेलू कामों को बोझ न समझें, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली की कुंजी मानें! इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि प्रधानमंत्री कार्यालय, दूरसंचार मंत्रालय और नेटवर्क कंपनियां तीनों ही मौन हैं। क्या इन संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वे जनता की सुरक्षा और सुविधा के संतुलन को समझें? टेक्नोलॉजी का उद्देश्य सुविधा देना होता है, न कि बाधा बनना। यह कहना उचित है कि साइबर क्राइम से बचाव ज़रूरी है, लेकिन यह तभी तक उपयोगी है जब तक वह जीवन रक्षक साधनों में हस्तक्षेप न करे। अगर कोई व्यक्ति दिन में 10 बार कॉल कर रहा है, तो हर बार वही चेतावनी सुनाना न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि जनता की सुनने की क्षमता और धैर्य की परीक्षा भी है। जब एक बार चेतावनी पर्याप्त हो सकती है, तो उसे हर कॉल पर सुनाना किस तर्क पर आधारित है? यह व्यवस्था नागरिकों की आपात प्रतिक्रिया क्षमता को कुंद करती है। समस्या की जड़ यह भी है कि हमने तकनीकी सुधार को जनता की जमीनी जरूरतों से अलग कर दिया है। अधिकारी वातानुकूलित कार्यालयों में बैठकर साइबर क्राइम से बचाव के लिए चेतावनियां जारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह अंदाज़ा नहीं कि वास्तविक भारत में इंटरनेट की गति और मोबाइल नेटवर्क आज भी कमजोर है। उस पर यह 30 सेकंड की जबरन चेतावनी — यह सिर्फ फोन कॉल नहीं रोकती, बल्कि संवेदनशीलता का गला घोंट देती है। ज़रूरत है कि दूरसंचार मंत्रालय इस पर तुरंत संज्ञान ले और एक व्यावहारिक समाधान निकाले। चेतावनी दिन में केवल एक बार दी जाए, या आपातकालीन कॉल (जैसे 112, 100, 101) के लिए यह बाध्यता पूरी तरह से हटाई जाए। साथ ही, नेटवर्क कंपनियों को इस दिशा में जवाबदेह बनाया जाए। यह भी आवश्यक है कि इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं हस्तक्षेप करें, क्योंकि यह मुद्दा तकनीकी से कहीं बढ़कर — मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़ा है। आज ज़रूरत है कि हम एक ऐसी डिजिटल व्यवस्था बनाएं, जो नागरिक को जागरूक तो करे, पर उसकी जान बचाने में बाधा न बने। वरना अगली बार जब कोई आपातकाल में फोन मिलाएगा, तो हो सकता है वह आपका कॉल साइबर सुरक्षा के लिए रिकॉर्ड किया जा रहा है सुनते-सुनते दुनिया से ही कटा रह जाए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 70