कंपनियों से निकलने वाला रासायनिक सीवेज का पानी बेतवा नदी को कर रहा है प्रदूषित
Chemical sewage water from companies is polluting the Betwa River. मंडीदीप। polluting the Betwa River मध्य प्रदेश सरकार नदियों को संभालने के लिए भरसक प्रयास कर रही है परंतु राजधानी के सटीक औद्योगिक शहर मंडीदीप मे कंपनियों से निकलने वाले रासायनिक केमिकलो से नदियां प्रदूषित हो रही है जिसको रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार नदियों की हालत यह है कि कंपनियों से निकलने वाला काला रसायन युक्त पानी एवं सीवेज का पानी नदियों में मिलने से बदबू चारों ओर फैल रही है जिसके कारण नदी प्रदूषित हो ही रही है। साथ ही बदबू आने से लोगों का आवागमन दुश्वार है जिसकी चमक अब बेतवा नदी के अस्तित्व पर भारी पड़ती नजर आ रही है। यहां की दर्जनों औद्योगिक इकाइयों से प्रतिदिन हजारों लीटर गंदा पानी बिना शोधन के नदी में गिराया जा रहा है। परिणामस्वरूप बेतवा का जल पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है और इसका असर मानव, पशु एवं पर्यावरण पर सीधा पड़ रहा है। कंपनियां कर रही है प्रदूषितमंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र की कई बड़ी इकाइयों से निकलने वाला रासायनिक युक्त अपशिष्ट सीधे नालों के माध्यम से बहकर बेतवा नदी में जा रहा है। शुद्धिकरण संयंत्र (ETP) केवल कागजों में सक्रिय हैं, हकीकत में अधिकांश इकाइयों में उनका संचालन नहीं किया जा रहा। नाला बनकर नदी में बहाते हे गंदा पानी polluting the Betwa Riverऔद्योगिक क्षेत्र से लेकर बेतवा के किनारों तक छोटे-बड़े नाले दिखाई देते हैं, जिनसे लगातार काला और बदबूदार पानी नदी में मिल रहा है। यह दृश्य न केवल प्रदूषण की भयावहता को दर्शाता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करता है। बेतवा नदी मंडीदीप पहुंचते ही गंदे पानी से हो जाती है दूषित polluting the Betwa Riverबेतवा नदी जब मंडीदीप सीमा में प्रवेश करती है, तो उसका जल बिल्कुल साफ दिखाई देता है। लेकिन कुछ ही किलोमीटर बाद पानी का रंग हरा-काला पड़ जाता है, जिसमें झाग और तेल की परतें स्पष्ट नजर आती हैं। दूषित जल में जलीय जीवों की हो रही है मृत्युरासायनिक अपशिष्ट और ऑक्सीजन की कमी के कारण नदी में मछलियों और अन्य जलीय जीवों की मृत्यु हो रही है। स्थानीय मछुआरे बताते हैं कि अब नदी में जीव-जंतुओं की संख्या तेजी से घट गई है। किसान अपने खेतों में नहीं देते बेतवा का पानीबेतवा का पानी इतना जहरीला हो गया है कि किसान अब इससे अपने खेतों की सिंचाई करने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि इस पानी से फसलें खराब हो जाती हैं और मिट्टी की उर्वरता घटती जा रही है। जानवर भी नहीं पीते बेतवा का पानीस्थानीय पशुपालक बताते हैं कि अब उनके मवेशी भी बेतवा नदी का पानी नहीं पीते। नदी के किनारे जब पशु चराने जाते हैं, तो बदबू और झाग देखकर वे स्वयं पीछे हट जाते हैं। बेतवा नदी का अस्तित्व खतरे में प्रशासन को रहना पड़ेगा सतर्क polluting the Betwa Riverयदि यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में बेतवा नदी का प्राकृतिक अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। एक ओर उद्योगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरणीय सुरक्षा के मानक पूरी तरह नजरअंदाज किए जा रहे हैं। प्रशासन को सतर्क होकर नदियों का अस्तित्व बचाना चाहिए जिम्मेदार अधिकारी मूखदर्शक दर्शक बने देख रहे हैं तमाशास्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों द्वारा कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिका और जिला प्रशासन को शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे हैं और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग निश्चिंत होकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जनता की मांग बेतवा को बचाने तुरंत हो सख्त कार्रवाईपर्यावरण प्रेमियों ने मुख्यमंत्री एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि मंडीदीप की सभी औद्योगिक इकाइयों की जांच की जाए, दोषी उद्योगों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और बेतवा नदी को बचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इनका कहना है। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी शीघ्र ही कार्रवाई कीजाएगी ओर बेतवा नदी को प्रदूषित होने होने से बचाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा और शीघ्र ही कठोर कदम उठाए जाएंगे।चंद्रशेखर श्रीवास्तव एसडीएम गोहरगंज Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र mysecretnews.com recent visitors 37