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इन आदतों को अपनाएंगे तो सफल होने से कोई नहीं रोक पाएगा

हर इंसान अपने करियर में सफल होना चाहता है। खुश रहना चाहता है और अपने सारे लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है। लेकिन अपने लक्ष्यों को पाने का रास्ता कहां से शुरू होगा। इसके बारे में नहीं जानता। अगर आपको लाइफ में सक्सेज, हैप्पीनेस चाहिए। तो सबसे पहले इन 6 आदतों को अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बनाएं। ये आपको आगे बढ़ने के लिए सही मार्गदर्शन करेंगे। खुद का आंकलन करें सबसे पहले अपना आंकलन करें। खुद के विचारों, भावनाओं और अनुभवों की मदद से सीखें और पर्सनल ग्रोथ करें। जब आप अपने एक्सपीरिएंस से सीखते हैं तो दिमाग में अपने लक्ष्यों के प्रति ज्यादा क्लियर हो जाते हैं। आपको अपनी कमियों और खूबियों के बारे में पता चलता है। इसके साथ ही आप उन कमियों को दूर करने की कोशिश में लग जाएं। किताबें पढ़ें किताबें पढ़ना अच्छी हैबिट के साथ ही पर्सनल ग्रोथ के लिए भी जरूरी है। सेल्फ हेल्प, मोटिवेशन, गाइडेंस से जुड़ी बुक्स पढ़ें या फिर कोई नॉवेल। डेली रूटीन में बुक्स पढ़ने से स्ट्रेस कम होता है बल्कि आपकी नॉलेज भी दिन पर दिन ज्यादा होती जाती है। बुक रीडिंग की आदत आपके पर्सनल ग्रोथ में मदद करती है। भगवान को धन्यवाद देना ना भूलें प्रैक्टिस ग्रैटीट्यूड मतलब जो कुछ भी आपके पास अभी है। उसके लिए भगवान को थैंक्स कहना ना भूलें। जब आप अपने आसपास की अच्छी चीजों पर फोकस करते हैं तो माइंड में पॉजिटिव वाइब्स बनती है और आप खुश रहते हैं। ऐसा करने से स्ट्रेस, डिप्रेशन जैसी समस्या भी खत्म होने लगती है। मेडिटेशन करें मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से ना केवल फिजिकल हेल्थ अच्छी होती है। बल्कि ये मेंटल हेल्थ पर भी असर डालती है। साथ ही आपकी मेमोरी और ब्रेन पावर बूस्ट होती है। जिससे आपकी समझने की क्षमता भी बढ़ती है। लक्ष्य तय करें और टाइम मैनेजमेंट इन सारी आदतों को अपनाने के बाद आप अपने लक्ष्यों को जब सेट करते हैं तो उन्हें पूरा करना आसान होता है। साथ ही अपने गोल्स को पूरा करने के लिए टाइम मैनेजमेंट करें। हॉबी जरूर पूरी करें अपने गोल्स को पूरा करने के बीच खुद के लिए टाइम निकालें और अपनी हॉबी को पूरा करें। इससे आपको खुशी मिलती है और आप रिलैक्स महसूस करते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

भारतीय चिप लाने पर चल रहा काम, चीन की होगी छूटी

नई दिल्ली स्मार्टफोन मार्केट की बात होती है भारत का जिक्र जरूर होता है। क्योंकि भारत एक बड़ी स्मार्टफोन मार्केट है और हर कंपनी इसमें एंट्री करना चाहती है। बढ़ती डिमांड और यूजर्स को ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से एक नई शुरुआत की गई है। इसमें मोबाइल चिप पर काम किया जा रहा है। अभी तक इस मार्केट चीन और अमेरिका का दबदबा है। इसके अलावा साउथ कोरियन कंपनी सैमसंग के स्मार्टफोन भी डिमांड में रहते हैं। इन सबके बावजूद भारतीय कंपनियों के स्मार्टफोन की डिमांड नहीं रहती है। अब सरकार एक ऐसा प्लान बना रही है, जिसके तहत भारतीय मोबाइल चिप लाई जा सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स (MeitY) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) की तरफ से काम किया जा रहा है। खास बात है कि अब दोनों ही डिपार्टमेंट इस पर साथ आ गए हैं। दोनों की तरफ से मोबाइल चिप पर काम किया जा रहा है। 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत इस काम को पूरा किया जा रहा है। एक वरिष्ठ मिनिस्ट्री ऑफिशियल ने ET को इसकी जानकारी दी है। भारतीय चिप की मदद से स्मार्टफोन मार्केट को बूस्ट मिल सकता है। साथ ही इससे स्मार्टफोन की डिमांड में भारतीय चिप का इस्तेमाल किया जा सकता है। भारतीय चिप पर क्या बोले सेक्रेटरी कृष्णन मिनिस्ट्री ऑफ इलेट्रॉनिक्स और IT के सचिव एस कृष्णन ने कांग्रेस में कहा, 'जब हम भारत में विकसित किए जा रहे मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम की बात कर रहे हैं, तो मोबाइल फोन के चिपसेट की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। इस दिशा में हम डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, (इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय) इसे "इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन" और "डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम" के तहत समर्थन दे रहा है।' बजट में भी था सेमीकंडक्टर पर फोकस भारत ने इस बार के बजट में सेमीकंडक्टर पर फोकस किया है। यही वजह है कि बजट में 83 फीसद का इजाफा किया गया है। इस तरह सेमीकंडक्टर का बजट करीब 7,000 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि मोबाइल फोन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनीशिएटिव यानी पीएलआई स्कीम का बजट 55 फीसद बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही ये साफ हो गया है कि सरकार की तरफ से भी इस पर फोकस किया जा रहा है। वहीं, चीन का सेमीकंडक्टर बजट करीब 47 बिलियन डॉलर यानी करीब 4 लाख करोड़ रुपये है, जो कि भारत के मुकाबले में काफी ज्यादा है। AI सपोर्ट वाली सेमीकंडक्टर चिप AI के लिए भी सेमीकंडक्टर चिप महत्वपूर्ण साबित होने वाली है। इसकी मदद से AI एप्लीकेशन को भी बढ़ावा मिल सकता है। कृष्णन की तरफ से इस पर भी फोकस किया जाता है। वह कहते हैं, 'इनमें से कई AI एप्लिकेशन टेलीकॉम से जुड़ी बुनियादी संरचना का उपयोग करेंगे, डेटा को एक साथ लाएंगे, और यह एक सहज प्रक्रिया होगी जो सभी चीजों को जोड़कर रखेगी।' यानी भारत सरकार की स्कीम को भी इससे लाभ मिलने वाला है। भारत में नौकरियों पर पड़ेगा असर ? भारत में AI की वजह से नौकरियों पर भी असर पड़ेगा ? ये सवाल हर किसी के मन में है। कृष्णन ने इसके जवाब सीधा नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि भारत में AI की वजह से नौकरियों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। क्योंकि यहां व्हाइट कॉलर जॉब बहुत कम हैं। हमारे यहां ऑफिस जॉब्स कम देखने को मिलती है। अभी AI ऐसे काम पर असर डाल सकता है जो रोजाना एक जैसा होता है। लेकिन भारतीय बाजार पर फिलहाल इसका असर कम देखने को मिल सकता है।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

फोल्डेबल iPhone लॉन्च कर सकता है Apple

नई दिल्ली Apple की तरफ से हर साल 4 नए iPhone मॉडल लॉन्च किए जाते हैं। 2025 में इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि Apple iPhone 17 Air लॉन्च कर सकता है। ये फोन Plus वैरिएंट की जगह ले सकता है। इसके अलावा, कंपनी 2026 में एक फोल्डेबल iPhone भी पेश करने की योजना बना रही है। iPhone 17 Air और फोल्डेबल iPhone की नई जानकारी टेक रिपोर्टर Mark Gurman (Bloomberg) के अनुसार, Apple का फोल्डेबल iPhone क्लैमशेल (Flip) डिजाइन की बजाय बुक-स्टाइल डिजाइन अपनाएगा। यह डिजाइन Samsung Galaxy Z Fold की तरह हो सकता है। iPhone 17 Air Apple का सबसे पतला फोन होगा, जिसकी मोटाई सिर्फ 5.5mm होगी। इस अल्ट्रा-स्लिम डिजाइन के चलते स्पीकर और कैमरा पर कुछ समझौते हो सकते हैं, लेकिन बेहतर बैटरी लाइफ मिलेगी। यह iPhone 16e के बैटरी परफॉर्मेंस से मिलता-जुलता होगा। यह फोन फोल्डेबल iPhone के विकास के लिए एक प्रयोग के रूप में काम करेगा। Apple का फोल्डेबल iPhone: क्या कुछ खास होगा? रिपोर्ट्स और लीक के मुताबिक, Apple के फोल्डेबल iPhone में कुछ फीचर्स खास हो सकते हैं। 7.8-इंच की मेन डिस्प्ले (फोल्ड ओपन करने पर) हो सकती है। जबकि 5.5-इंच की एक्सटर्नल स्क्रीन हो सकती है। इसके अलावा लिक्विड मेटल हिंज होगी जो ज्यादा मजबूती और स्क्रीन क्रीजिंग को कम करने के लिए इस्तेमाल होगी। फोल्ड ओपन होने पर 4.5mm और बंद होने पर 9mm – 9.5mm हो सकता है। Face ID हटाकर Touch ID दिया जा सकता है, यह पावर बटन में इंटीग्रेटेड हो सकता है ताकि अंदर ज्यादा जगह बचाई जा सके। टाइटेनियम चेसिस – प्रीमियम लुक और मजबूती के लिए डिजाइन के साथ ही फोन की बैटरी लाइफ पर भी काम किया जाएगा। इस फोन की बैटरी लाइफ बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। हालांकि अभी तक ज्यादा स्पेसिफिकेशन को तय नहीं किया गया है। Mark Gurman के मुताबिक, इसका संभावित दाम $2000 (लगभग 1,71,885 रुपए) हो सकता है। शुरुआत में इसकी प्रोडक्शन लिमिटेड हो सकती है, जिससे इसकी उपलब्धता कम रहेगी। अगर सब कुछ सही रहा, तो इसे iPhone 18 सीरीज के तहत लॉन्च किया जा सकता है। Apple के इस फोल्डेबल iPhone को लेकर टेक कम्युनिटी में काफी एक्साइटमेंट है। अगर ये अफवाहें सही साबित होती हैं, तो यह iPhone के इतिहास का सबसे बड़ा डिजाइन में बदलाव देखने को मिल सकता है। ऐपल की तरफ से बहुत समय से लाइट वेट iPhone लाने पर विचार किया जा रहा था। अब ऐसा होता नजर आ रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

सुप्रीम कोर्ट में भी अब एआई का इस्‍तेमाल, मौखिक दलीलें लिखना होगी आसान

नई दिल्ली देश की सर्वोच्‍च अदालत सुप्रीम कोर्ट में भी अब आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। भारत का सुप्रीम कोर्ट, न्यायिक प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (ML) टूल्‍स का इस्‍तेमाल कर रहा है। इसकी मदद से कोर्ट के काम, केस फाइल करने और कानूनी अनुवाद में तेजी आने की उम्‍मीद है। जज भी कानूनी रिसर्च आसानी से कर पाएंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में एक लिखित बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, AI और ML बेस्‍ड टूल्स का इस्तेमाल कर रहा है। इससे कोर्ट का काम और तेजी से होगा। बताया गया है कि एआई का इस्तेमाल संविधान पीठ के मामलों में मौखिक दलीलों को लिखने में किया जा रहा है। एआई की मदद से लिखी गई दलीलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी नेशनल इन्‍फर्मेटिक्‍स सेंटर (एनआईसी) के साथ मिलकर एआई और एमएल बेस्‍ड टूल्स का इस्‍तेमाल कर रही है। इसका मकसद अंग्रेजी भाषा से 18 भारतीय भाषाओं जैसे- असमिया, बंगाली, गारो, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, खासी, कोंकणी, मलयाली, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संताली, तमिल, तेलुगु और उर्दू में फैसलों को ट्रांसलेट करना है। आईआईटी मद्रास की भी मदद बताया गया है कि हाल ही में 200 एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को प्रोटोटाइप तक पहुंच दी गई है, ताकि वो एआई टूल्‍स का इस्‍तेमाल कर पाएं। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी आईआईटी मद्रास की मदद से एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) टूल्स के प्रोटोटाइप्स का परीक्षण कर रही है। इन टूल्‍स को इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग मॉड्यूल और केस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर यानी इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (आईसीएमआईएस) के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। न्‍यायिक फैसलों को एआई का इस्‍तेमाल नहीं सरकार की तरफ से स्‍पष्‍ट किया गया है कि AI का इस्तेमाल न्यायिक फैसले लेने के लिए नहीं किया जा रहा है। अभी इसका इस्‍तेमाल सिर्फ संविधान पीठ की सुनवाई के दौरान कही गई बातों को लिखने में किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे नियमित सुनवाई के दिनों में भी इस्तेमाल करने की योजना है। गौरतलब है कि एआई टूल्‍स अब हर जगह बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल हो रहे हैं। मेटा के मालिकाना हक वाला वॉट्सऐप में अपने ऐप में एआई टूल को राइटिंग के स्‍तर पर लाने वाला है। उसकी मदद से यूजर्स को अपना मैसेज लिखने में आसानी होगी। मैसेज रिराइट कराया जा सकेगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

अरविंद श्रीनिवास की कंपनी खरीद सकती है टिकटॉक

नई दिल्ली चाइनीज कंपनी बाइटडांस का शॉर्ट वीडियो प्‍लेटफॉर्म टिकटॉक अमेरिका में मुसीबतों में है। ट्रंप सरकार के आने से पहले यह लगभग बंद ही हो गया था, लेकिन फ‍िर उसे वापसी का मौका मिला। शर्त यह है कि टिकटॉक को अमेरिका में अपना कारोबार बेचना होगा। अमेरिका में टिकटॉक को बैन से बचाने के लिए कई कंपनियां उसका बिजनेस खरीदने की कोशिश कर रही हैं। इस दौड़ में अब AI कंपनी Perplexity भी शामिल हो गई है। एंड्रॉयड हेडलाइन्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्‍क और Mr. Beast जैसे लोगों के नाम पहले से टिकटॉक खरीदने की रेस में हैं। अब परप्‍लेक्सिटी भी इसे खरीदना चाहती है। कंपनी के सीईओ 31 साल के अरविंद श्रीनिवास हैं, जिनका जन्‍म साल 1994 में चेन्‍नई में हुआ था। कौन हैं अरविंद श्रीनिवास साल 1994 में चेन्‍नई में जन्‍मे अरविंद श्रीनिवास, एआई कंपनी Perplexity के को-फाउंडर और सीईओ हैं। यह एक एआई आधारित सर्च इंजन है। अरविंद श्रीनिवास ने आईआईटी-मद्रास से पढ़ाई की है। उसके बाद वह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी करने चले गए। खास बात है कि श्रीनिवास ने अपने करियर की शुरुआत ओपनएआई से की थी, जिसे चैटजीपीटी बनाने के लिए जाना जाता है। बाद में उन्‍होंने गूगल और डीपमाइंड जैसी कंपनियों में भी काम किया। आखिरकार उन्‍होंने Perplexity शुरू की। क्‍या काम करती है Perplexity Perplexity एक एआई कंपनी है। यह एआई से चलने वाला सर्च इंंजन बनाती है। कंपनी सैन फ्रांसिस्‍को से ऑपरेट करती है। बताया जाता है कि टिकटॉक के अमेरिकी हिस्‍से को खरीदने के लिए 18 अरब डॉलर जुटाने पर काम कर रही है। अगर कंपनी अपने मकसद में कामयाब हो गई तो वह टिकटॉक एल्‍गोरिदम को ओपन-सोर्स बना सकती है यानी वह हर किसी के लिए ओपन होगा। कंपनी यह भी कह रही है कि अगर उसे टिकटॉक को खरीद लिया तो अमेरिका में डेटा सेंटर्स बनाएगी ताकि टिकटॉक पर अमेरिका की निगरानी रहे। टिकटॉक पर छाए हैं संकट के बादल टिकटॉक को लेकर अमेरिका में संकट के बादल हैं। टिकटॉक यूजर्स भी इसके भविष्‍य को लेकर असमंजस में हैं। अमेरिका में यह प्‍लेटफॉर्म तभी ऑपरेट हो सकता है, जब बाइटडांस इसके अमेरिकी बिजनेस को बेच दे। ऐसा नहीं होने पर टिकटॉक को अमेरिका से लौटना होगा। भारत में टिकटॉक बहुत पहले ही बैन किया जा चुका है। अगर यह अमेरिका में भी बंद होता है तो कंपनी को बड़ा झटका लगेगा। अमेरिकी कंपनियां टिकटॉक को एक मौके की तरह देख रही हैं। एलन मस्‍क इसमें पहले ही दिलचस्‍पी दिखा चुके हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

संभल जाओ नहीं तो हो जाएगा सब बर्बाद! इन गलतियों के कारण महिलाओं पर ज्यादा अटैक कर रहा कैंसर

नई दिल्ली भारत के प्रमुख चिकित्सा पैनल ने खुलासा किया है कि निदान के बाद पाच में से तीन लोग कैंसर से मर जाते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट में पाया गया कि पिछले दशक में कैंसर की घटनाओं में वृद्धि हुई है, पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्थिति ज्यादा खराब है।  चिंता की बात तो यह है कि दुनियाभर में कैंसर से हो रही मौतों के 10% से ज्यादा मामले सिर्फ भारत में ही आ रहे हैं। दुनिया में हर मिनट में एक महिला की ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो रही है. डब्ल्यूएचओ ने इसके लिए कई कारण भी बताए हैं, इसमें अनहेल्दी खानपान, बदलती लाइफस्टाइल, बढ़ती उम्र समेत कई समस्याएं शामिल हैं. ब्रेस्ट कैंसर की ज्यादा शिकार हो रही महिलाएं रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में कैंसर के नए केस में करीब 30% मामले ब्रेस्ट कैंसर के हैं, इसके बाद गर्भाशय कैंसर के करीब 19% मामले हैं.। पुरुषों में सबसे ज्यादा माउथ कैंसर पाया गया है, जिससे 16% नए मामले दर्ज किए गए। रिसर्च टीम ने अलग-अलग एज ग्रुप में कैंसर बढ़ने के लेवल में भी बदलाव पाया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कैंसर की सबसे ज्यादा बीमारी वृद्धावस्था में देखी गई है, इनमें 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोग हैं। इसके बाद 15 से 49  साल की उम्र वालों में कैंसर के मामले पाए गए । खुलकर बात करने से बचती हैं महिलाएं हमारा समाज अभी भी स्त्री रोग संबंधी समस्याओं के बारे में नियमित रूप से बात करने में सहज नहीं है।  महिलाएं अभी भी इसे वर्जित मानती हैं और किसी भी स्त्री रोग संबंधी समस्या के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने में झिझकती हैं, जिससे उपचार में देरी होती है। कभी-कभी उनके लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि उनके शरीर में क्या सामान्य है और क्या असामान्य। महिलाओं में कैंसर की स्क्रीनिंग कम होती है, जिससे बीमारी देर से पकड़ में आती है। देर से पहचान होने के कारण कैंसर के मामलों की संख्या और मृत्यु दर बढ़ जाती है।   महिलाओं को कैंसर अधिक क्यों होता है? स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) और ओवेरियन कैंसर महिलाओं में सबसे आम प्रकार हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हार्मोनल बदलाव, जीवनशैली, जागरूकता की कमी, और जेनेटिक कारण शामिल हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन** के उतार-चढ़ाव से स्तन और ओवरी से जुड़े कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।  रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद कैंसर का खतरा अधिक होता है।   जिन महिलाओं के परिवार में स्तन या सर्वाइकल कैंसर का इतिहास रहा हो, उनमें इसकी संभावना बढ़ जाती है।   स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा ज्यादा भारत में हर 8 में से 1 महिला को अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होने की संभावना रहती है। भारत में हर साल 1 लाख से अधिक महिलाओं को गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर होता है। इन दोनों प्रकार के कैंसरों की दर पुरुषों में पाए जाने वाले प्रमुख कैंसरों (फेफड़े, लीवर, मुँह के कैंसर) की तुलना में अधिक होती है।  स्तन कैंसर की सेल्फ-चेकिंग, पैप स्मीयर टेस्ट, और नियमित हेल्थ चेकअप** की कमी के कारण महिलाओं को देर से डायग्नोस किया जाता है।   देरी से मां बनना भी खतरनाक  जो महिलाएं  30-35 की उम्र के बाद मां बनती हैं, उनमें स्तन और ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।  ब्रेस्टफीडिंग न करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना ज्यादा होती है। पुरुषों के मुकाबले कम प्रतिशत में सही, लेकिन जो महिलाएं शराब या तंबाकू का सेवन करती हैं, उनमें कैंसर की संभावना ज्यादा होती है। महिलाओं में धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर और गले का कैंसर बढ़ रहा है।   घरेलू और कॉस्मेटिक उत्पादों में मौजूदकेमिकल्स (BPA, पैराबेन्स, फॉर्मल्डिहाइड) से हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।  पानी और खाने में मौजूद कीटनाशक (Pesticides) और भारी धातुएं महिलाओं के प्रजनन अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।      कैंसर से बचाव के लिए क्या करें? -40 वर्ष की उम्र के बाद स्तन कैंसर की जांच के लिए हर साल मैमोग्राफी करवाएं। -सर्वाइकल कैंसर की पहचान के लिए 21 साल के बाद हर 3-5 साल में पैप स्मीयर टेस्ट कराएं।   – हरी सब्जियां, फल, होल ग्रेन्स और एंटीऑक्सीडेंट युक्त फूड्स खाएं।   – रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज या योग करें और वजन को नियंत्रण में रखें।   – मेडिटेशन, योग और रिलैक्सेशन तकनीकों से मानसिक शांति पाएं।   -एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine)सर्वाइकल कैंसर से बचाव में मदद कर सकती है।   इन बातों से अनजान हें महिलाएं जब 45 वर्षीय महिला गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से पीड़ित होती है, तो उसके कैंसर की प्रक्रिया कई साल पहले ही शुरू हो चुकी होती है। इसलिए गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी टीकाकरण की सिफारिश 9-14 वर्ष की बहुत कम उम्र में की जाती है (यानी एचपीवी वायरस के संपर्क में आने से पहले)।मो टापा अब एंडोमेट्रियल (गर्भाशय) कैंसर के लिए प्रमुख परिवर्तनीय जोखिम कारक के रूप में तंबाकू चबाने के समान है। एंडोमेट्रियल कैंसर के लगभग 50% मामले मोटापे के कारण होते हैं। और दुखद बात यह है कि ऐसी अधिकांश महिलाएँ अभी भी 30 वर्ष की आयु में हैं, इस प्रकार वे अपना गर्भाशय और आगे गर्भधारण करने की क्षमता खो देती हैं। लगभग 99.9% गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर विभिन्न प्रकार के HPV वायरस के कारण होता है, जिनमें सबसे आम HPV 16 और 18 प्रकार हैं। दस में से आठ महिलाएँ अपने जीवन में किसी न किसी समय HPV वायरस से संक्रमित होती हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की … Read more

अच्छी सेहत के लिए जरूरी है फाइबर

कभी वर्क कभी फोटो शूट तो कभी मार्केटिंग कॉल पर आउटडोर जाना इनके काम में शुमार है। होटल की ब्रैंडिंग के लिए लोगों से मिलना और होटल में ही खाना इनके रुटीन में शामिल होता है। जी हां, होटल्स मार्क कॉम मैनेजर का प्रोफेशन ही कुछ ऐसा है कि इन्हें अपने लिए भी समय नहीं मिलता। ऐसे में यह अपनी सेहत और खानपान का खयाल कैसे रखते हैं, डीडी ने की पड़ताल। साथ ही इनकी लाइफस्टाइल को दुरुस्त करने के लिए डाइटीशियन से जानें कुछ खास टिप्स। दिनचर्या: मेरे दिन की शुरुआत सुबह 7 बजे होती है। मुझे घर से होटल के लिए लगभग 8.30 बजे निकल जाना होता है। 7.30 से 8 के बीच मैं ब्रेकफस्ट करती हूं। सुबह का इतना बिजी शेड्यूल होता है कि कोई एक्सरसाइज या वर्कआउट तक नहीं कर पाती। मैं पिछले एक साल से इस जॉब में हूं। व्यस्तता के कारण वॉक नहीं कर पाती। सुबह भागमभाग रहती है। ब्रेकफस्ट: मैं सुबह 7.45 बजे ब्रेकफस्ट करती हूं जिसमें आमतौर पर एक ग्लास दूध या चाय, कॉर्नफ्लेक्स, फ्रूट्स, ब्रेड बटर या फिर ऑमलेट होते हैं। इससे ज्यादा समय नहीं होता। मैं नॉनवेजटेरियन हूं। मैं होटल पहुंचने के बाद 9.30 तक ग्रीन टी लेती हूं। मन हुआ तो साथ में बिस्किट भी ले लेती हूं। 12.30 बजे तक कोई फल खाती हूं या ज्यादा भूख हो तो लंच जल्दी कर लेती हूं। मैं 2-3 घंटे के अंतर पर थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ खाती रहती हूं। लंच: आमतौर पर मैं लंच 1 बजे तक कर लेती हूं। होटल में ही खाती हूं, जिसमें दाल, चपाती, सब्जी और दही या सैलेड होते हैं। स्नैक्स: शाम 4-5 बजे कभी कोल्ड कॉफी-बिस्किट या जूस या फिर सैंडविच लेती हूं। कोल्ड कॉफी पंद्रह दिन में एक बार लेती हूं। फिर घर पहुंचकर 7.00-7.30 बजे तक मेयोनीज चिकेन या हैम सैंडविच लेती हूं या फिर 1 ग्लास दूध लेती हूं। मैं सप्ताह में 2-3 दिन रात में या शाम को दूध लेती हूं। डिनर: रात 10 बजे तक डिनर में दाल, रोटी, सब्जी और थोड़ा चावल लेती हूं। जब बाहर जाती हूं तो सिर्फ सैलेड, फ्रूट्स या सूप ही प्रेफर करती हूं। रात 12 बजे तक सो जाती हूं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7