MY SECRET NEWS

बालोद.

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक बार फिर से हाथियों की दस्तक देखने को मिल रही है। हाथियों ने जिले के गुरूर और दल्ली राजहरा वन परिक्षेत्र में तांडव मचा कर रखा हुआ है। खड़ी फसलों को बेतहाशा नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग भी रात भर जाग-जाग कर हाथियों एवं लोगों की सुरक्षा में लगा हुआ है।

आपको बता दें कि हाथी के स्वतंत्र टहलने का रात का एक्सक्लूसिव वीडियो भी सामने आया है। वन विभाग द्वारा गांव में मुनादी कराई गई है कि कोई भी व्यक्ति अकेले घर से बाहर या फिर जंगलों की ओर न जाए। अब तक छह लोगों की हाथियों ने जान ले ली।

अब तक छह लोग गवा चुके हैं जान
हाथी को गुस्सा आने पर वह आक्रामक हो सकता है।बालोद जिले में बीते तीन वर्षों में छह लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसलिए लोगों को समझाइस दी जा रही है। अभी का जो समय है वह धान कटाई का समय है। यहां पर फसले लगभग पककर तैयार हो गई हैं और खड़ी फसलों पर हाथियों का आतंक देखने को मिल रहा है। जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि हाथी द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने के बाद वन विभाग द्वारा इसके लिए किसानों को मुआवजा भी दिया जाता है।

जानिए कहां है हाथी
हाथी की उपस्थिति वर्तमान में बालोद वनमंडल बालोद अंतर्गत हिडकापार बताई जा रही है जो कि आड़ेझर बीट और नलकसा सर्किल का एरिया है। इस क्षेत्र में हाथी ने कोई फसल नुकसान नहीं की है। सबसे ज्यादा गुरुर वन परिक्षेत्र में हाथियों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया गया था। वर्तमान में वन विभाग द्वारा अंगारा नलकसा पुसावड़ शेरपार कोसमी पैंदुर नारंगसुर जैसे लगभग आधा दर्जन गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। जहां हाथी विचरण कर रहा है। उसका नाम एमई- 3 बताया जा रहा है जो कि एक दंतैल हाथी है। उप वन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, गांव में जागरुकता फैलाई जा रही है। मुनादी भी कराई जा रही है ताकि किसी तरह की कोई हानि न हो।

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0