Cough syrup death case: Leader of Opposition Singhar gives Rs 50,000 each to the families of the deceased children.
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव पर साधा निशाना, बोले- उन परिवारों की भी चिंता करो जिन्होंने अपने बच्चे खो दिए
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंचे और कफ सिरप से मृत हुए बच्चों के परिजनों से मुलाक़ात की और दुख की घड़ी में उनका ढाँडस बंधाया। सिंघार ने मृत बच्चे के प्रत्येक परिवार को ₹50,000 की सहायता देने की बात कही।
उन्होंने इस लापरवाही के लिए सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव चाहते तो इन शोक में डूबे परिवारों की आर्थिक मदद कर सकते थे, लेकिन यह गरीब परिवार हैं इसलिए वे इनकी मदद नहीं करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार अमीरों की है और उन्हीं की मदद करती है। विदेशों में दौरे करने के लिए सरकार पानी की तरह पैसा बहाती है, लेकिन इनकी मदद करना उचित नहीं समझती है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने दौरे की जानकारी अपने सोशल अकाउंट x पर दी।
छिंदवाड़ा के परासिया में ज़हरीली कफ़ सिरप से हुई मासूम बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को रुला दिया है। मैं पीड़ित परिवारों से मिला और हर मृत बच्चे के परिवार को ₹50,000 की सहायता देने जा रहा हूँ।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) October 9, 2025
कई मृत बच्चों के परिवार इलाज के दौरान लाखों के कर्ज़ में डूब चुके हैं। मैंने अपनी…
उमंग ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के परासिया में ज़हरीली कफ़ सिरप पीने से मासूम बच्चों की हुई दर्दनाक मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक घटना के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि, कई परिवार इलाज के दौरान लाखों के कर्ज़ में डूब गए हैं। मैंने अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए हर मृत बच्चे के परिवार को ₹50,000 की सहायता देने का निर्णय लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि केवल अस्पताल में भर्ती बच्चों के इलाज का खर्च उठाना पर्याप्त नहीं है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव आप अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए मृत बच्चों के शोकग्रस्त परिजनों को भी सम्मानजनक आर्थिक सहायता दें, तभी सच्ची सहानुभूति मानी जाएगी, अन्यथा यह सिर्फ दिखावा है। सिंघार ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि मानवता का है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और घटिया दवाओं की सप्लाई ने इन मासूमों की जान ली। परासिया में फैली यह त्रासदी न केवल सरकारी सिस्टम की नाकामी उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर प्रदेश की दवा आपूर्ति व्यवस्था में इतने बड़े पैमाने पर चूक कैसे हुई। प्रदेश में अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है, जबकि पीड़ित परिवार अब भी न्याय और राहत की आस में हैं।

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