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भोपाल
 मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक धनकुबेर सौरभ शर्मा की 108.25 करोड़ की संपत्ति जब्त होगी। प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए कोर्ट में अभियोजन शिकायत दी है। ED ने सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरण पर जांच शुरू की थी।

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने काली कमाई से करोड़ों रुपये इकट्‌ठा किये थे। ईडी ने मंगलवार को इस संबंध में पीएमएलए कोर्ट में शिकायत की। भ्रष्टाचार के जरिये इकट्‌ठा की गई 108.25 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त करने का आवेदन दिया है। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। ED ने सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरण पर जांच शुरू की थी। इस दौरान सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को पीएमएलए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल में हैं। ईडी ने सौरभ शर्मा, उसके रिश्तेदारों, सहयोगियों और इनके स्वामित्व वाली कंपनियों में 92.07 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति को 25 मार्च को कुर्क किया था।

सौरभ शर्मा समेत 12 लोगों को बनाया आरोपी

ED ने 52 किलो सोने के मामले में जेल में बंद परिवहन विभाग के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा उसके सहयोगी शरद जायसवाल, मां और पत्नी समेत 12 अन्य सहयोगियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया है। ये चालान सचिन कुमार घोष की अदालत में पेश किया गया।

18 दिसंबर को लोकायुक्त का छापा, IT ने बरामद किया था सोना और कैश

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी, जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे।

52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिलने के बाद शुरू हुई जांच

कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था, जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला। जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ED और IT भी सक्रिय हो गई।

27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। वहीं सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD मिली थी। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। सौरभ शर्मा को 62 दिन बाद विशेष न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट से लोकायुक्त केस में जमानत मिल गई है।

11 अप्रैल को खत्म हो रही न्यायिक हिरासत

11 अप्रैल को सौरभ शर्मा, चेतन सिंह और शरद जायसवाल की न्यायिक हिरासत खत्म हो रही है। लोकायुक्त द्वारा समय पर चालान पेश नहीं किए जाने के कारण अदालत लोकायुक्त के मामले में पहले ही सौरभ, चेतन गौर और शरद की जमानत मंजूर कर चुकी है, लेकिन ईडी का चालान पेश नहीं होने के कारण तीनों ही जेल से बाहर नहीं आ सके हैं। अब चालान पेश होने के बाद सौरभ की ओर से जमानत का आवेदन लगाया जाएगा। सौरभ के अलावा चेतन और शरद के वकील भी जमानत का आवेदन लगा सकते हैं। वहीं प्यारेलाल की गिरफ्तारी को लेकर ईडी आरोपियों की जमानत का विरोध करेगी।

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