रायगढ़.
जंगल प्रकृति का एक बेहद ही खूबसूरत चेहरा है। जंगल हरे-भरे पेड़ और कई प्रकार के जीव-जंतुओं के अलावा अनेकों प्रकार के पशु-पक्षियों का आशियाना है। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला चारों तरफ घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है और यहां के जंगलों में कई तरह के वन्यप्राणी विचरण करते हैं। जंगली हाथियों की बात करें तो जिले के रायगढ़ व धरमजयगढ़ दोनों वन मंडलों में बीते कई सालों से जंगली हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। इनकी लगातार बढ़ती संख्या ग्रामीणों के लिये समस्या बनी हुई है।
हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह दिन हाथियों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा के लिये कई प्रकार के जागरूक कार्यक्रम करके मनाया जाता है। रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों की मौजूदगी साल भर रहती है। रायगढ़ एक ऐसा जिला है, जिसमें दो वन मंडल हैं। रायगढ़ व धरमजयगढ़ वन मंडल दोनों एक ही जिले में होनें से यहां जंगली हाथियों का आना-जाना दोनों ही वन मंडल में लगा रहता है।
108 हाथी कर रहे विचरण
रायगढ़ जिले का जंगल कोरबा एवं पड़ोसी राज्य ओडिसा के जंगलों से जुड़ा हुआ था, जिस वजह से इसे हाथियों का कॉरीडोर भी कहा जाता है। वर्तमान स्थिति की अगर बात करें तो अभी मौजूदा समय में दोनों वन मंडलों को मिलाकर जिले में कुल 108 हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं। जिसमें धरमजयगढ़ वन मंडल जहां 103 हाथी तो वहीं रायगढ़ वन मंडल में कुल 5 हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं।
किस रेंज में कितने हाथी
हाथियों के इस दल में सबसे अधिक हाथी छाल रेंज के पुरूंगा बीट में 37 हाथी, लैलूंगा रेंज के कहरचुवां बीट में 21 हाथी, छाल रेंज के एडु बीट में 14 हाथी, कापू रेंज में 10 हाथी के अलावा अलग-अलग रेंज व बीट में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के इस दल में नर हाथी 29, मादा हाथी 49 के अलावा 30 बच्चे शामिल हैं। रायगढ़ जिले के जंगलों में विचरण करने वाले हाथियों का दल कभी कोरबा तो कभी सरगुजा क्षेत्र के जंगलों में चले जाने के कारण इनकी संख्या में कभी कमी तो कभी बढ़ोतरी देखी जाती रही है।
12 किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान
शनिवार रात जंगली हाथियों ने 12 से अधिक जगहों में जमकर उत्पात मचाया है। इसमें धरमजयगढ़ क्षेत्र के शेरबन में चार किसानों की फसलों को नुकसान, छाल क्षेत्र के कुडेंकेला में चार किसानां की झटका मशीन एवं पाइप को नुकसान, छाल के पुरूंगा में चार किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है। जिले में हाथियों की बढ़ी हुई संख्या के कारण इस तरह के नुकसान के आंकड़े रोजाना आ रहे हैं।
ड्रोन कैमरे से रखी जाती है नजर
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के घने जंगलों में हाथियों की मौजूदगी हमेशा से ही अधिक रही है। इस वजह से हाथी मित्र दल एवं हाथी ट्रैकरों के द्वारा यहां हाथियों पर विशेष रूप से ड्रोन कैमरे के जरिये नजर रखी जाती है, ताकि हाथी के हर मूवमेंट की जानकारी लेकर प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सचेत किया जा सके। इस दौरान हाथियों के मस्ती करते हुए के अलावा नहाते हुए कई मनमोहन वीडियो भी अब तक ड्रोन कैमरे में कैद हो चुके हैं।
किया जाता है प्रचार-प्रसार
वन विभाग की टीम भी हाथी और मानव के बीच द्वंद्व को रोकने हाथी प्रभावित गांवों में लगातार प्रचार-प्रसार करते हुए हाथी विचरण करने वाले जंगलों में ग्रामीणों को किसी भी हाल में जंगल तरफ नही जाने की समझाइश दी जाती रही है, ताकि किसी तरह की जनहानि की घटना घटित न हो। साथ ही साथ गांव-गांव में मुनादी कराकर हाथी से सावधानी बरतने की बात कही जाती है।
दल से भटकता नहीं हाथी
बताया जाता है कि नर हाथी दल से बिछड़ता नहीं है, बल्कि बरसात के समय उनका उत्पात अधिक हो जाने के चलते मादा हथनियां जो कि हाथियों के दल की प्रमुख होती हैं, उनके द्वारा ही उस नर हाथी को दल से खदेड़ दिया जाता है जो कि कुछ समय बाद पुनः अपने दल में वापस मिल जाता है।
फसलों से प्रभावित होते हैं हाथी
जानकार लोगों का कहना है कि हाथियों में सूंघने की शक्ति अधिक होती है। इस वजह से जंगलों में विचरण करने वाले हाथी अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में लगे फसलों केला, गन्ना, कटहल, धान से प्रभावित होकर गांव तक पहुंच जाते हैं और यहां उत्पात मचाकर वापस जंगलों में लौट जाते हैं।
झटका मशीन का करते हैं उपयोग
एक अन्य जानकारी के मुताबिक, धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के कई किसान ऐसे भी हैं जो जंगली हाथियों से अपनी फसलों को बचाने के लिये झटका मशीन का उपयोग करते हैं, ताकि जंगली हाथी जब उनके खेतों में धान की फसल को खाने पहुंचते हैं, तब तार के संपर्क में आते ही हल्का सा हटका लगने पर जंगली हाथी वापस भाग जाते हैं। इस झटका मशीन से जंगली हाथियों को किसी प्रकार की कोई हानि नही होती।
हाथी मानव द्वंद्व रोकने की गई पहल
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मन की बात में छत्तीसगढ़ में हाथियों के लिए शुरू किये गये रेडियो कार्यक्रम ‘हमर हाथी हमर गोठ’ का जिक्र किया था। 2017 में छत्तीसगढ़ में हाथी और मानव के बीच द्वंत और उनके आतंक को कम करने के उद्देश्य से आकाशवाणी के रायपुर केंद्र से ‘हमर हाथी-हमर गोठ’ कार्यक्रम का प्रसारण किया गया।

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें
इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र