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मुंबई

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट भारत में घर वापसी की तैयारी कर रही है। देश की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक फ्लिपकार्ट कई सालों तक सिंगापुर में परिचालन करने के बाद अब अपना मुख्यालय सिंगापुर से वापस भारत ला रही है क्योंकि वह अगले साल भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।

फ्लिपकार्ट ने मंगलवार को बयान जारी कर दी जानकारी

इस संबंध में फ्लिपकार्ट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत में स्थापित करेगी। इस कदम को देश में संभावित सार्वजनिक सूचीबद्धता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा सकता है। इसकी मूल कंपनी वॉलमार्ट 17 साल पुरानी कंपनी को सार्वजनिक करने का लक्ष्य बना रही है। वर्तमान में फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर में स्थित है।

कंपनी ने कहा कि भारत में जन्मी और विकास करने वाली कंपनी के रूप में यह बदलाव हमारे ग्राहकों, विक्रेताओं, भागीदारों और समुदायों की सेवा करने में हमारे ध्यान और तत्परता को और बढ़ाएगा, ताकि देश की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और उद्यमिता में योगदान जारी रखा जा सके। अब भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और घरेलू तकनीकी फॉर्म में निवेशकों के दिलचस्पी बढ़ रही है, जिसके कारण फ्लिपकार्ट ने भारत वापस लौटने का फैसला किया है।

फ्लिपकार्ट की भारत में हुई थी शुरुआत

बताना चाहेंगे कि फ्लिपकार्ट की शुरुआत साल 2007 में बेंगलुरु में हुई थी लेकिन साल 2011 में विदेशी पूंजी को आकर्षित करने, टैक्स लाभों का फायदा लेने जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं के कारण कंपनी ने अपना हेड ऑफिस सिंगापुर स्थानांतरित कर दिया था। सचिन बंसल और बिनी बंसल ने मिलकर एक ऑनलाइन बुक स्टोर के रूप में फ्लिपकार्ट की शुरुआत की थी, जो आज भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक है। ये कंपनी ई-कॉमर्स क्षेत्र के अन्य बड़े खिलाड़ी जैसे अमेजॉन आदि को प्रतिस्पर्धा दे रही हैं।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट की 81 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। इसके बदले उन्होंने 16 अरब डॉलर का भुगतान किया। अभी वॉलमार्ट के पास फ्लिपकार्ट की 85 फीसदी हिस्सेदारी है।

 

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