पक्षियों को मौसम की मार से बचाने जबलपुर में वन विभाग घर-घर रखवाएगा ‘घरौंदा’

पक्षियों को मौसम की मार से बचाने जबलपुर में वन विभाग घर-घर रखवाएगा ‘घरौंदा’

Forest Department will arrange ‘Gharaunda’ in every house in Jabalpur to protect the birds from the weather.

( विशेष संवाददाता )
जबलपुर । गर्मी, सर्दी और वर्षा, तूफान का मौसम बेजुबान पक्षियों के लिए खतरा बन जाते हैं। वर्तमान में वर्षा का मौसम है ऐसे में पक्षियों के घरौंदे सुरक्षित नहीं है। घरौंदा बनवाने जबलपुर आरा मिल एसोसिएशन का सहयोग लिया है, जो लकड़ी के ऐसे घरौंदे बनवा कर वन विभाग को मुहैया करवा रहा जो घरों में आसानी से वृक्षों में टांगे जा सके।

वन मंडल अधिकारी की पहल
जबलपुर वन मंडल अधिकारी की इस पहल को ‘घरौंदा’ अभियान का नाम दिया गया है। पहले चरण में तीन हजार घरौंदे घरों में रखवाएं जाएंगे और ये कारगार साबित हुआ तो अगले चरण में सभी घरों में रखवाए जाएंगे। फिलहाल वन विभाग ने ऐसे 200 घरौंदे नागरिकों को वितरित भी किए हैं।

अक्सर उजड़ जाते हैं आशियाने
पक्षियों के लिए घरौंदा बनाने और निश्शुल्क वितरण के इस नवाचार पर वन मंडल अधिकरी जबलपुर ऋषि मिश्रा बताते हैं कि अक्सर देखा गया है कि पक्षी बड़ी मेहनत से घरौंदे बनाते हैं जो ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाते अक्सर उजड़ जाते है या उजाड़ दिए जाते हैं।

लोग अज्ञानवता वश उन्हें हटा देते हैं
पक्षी बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, घरों में एयर कंडिशनर के बाहर लगे केबल व उपकरणों सहित अन्य जगहों पर घरौंदा बना लेते हैं, कई लोग अज्ञानवता वश उन्हें हटा देते हैं। कई बार घरौंदों में पक्षियों के अंडे और चूजे भी गिरकर नष्ट हो जाते हैं।

पक्षी नहीं कर पाते अपना संरक्षरण
इंसान तो हर मौसम परिस्थितियों में अपना संरक्षरण कर सकता है पर बेजुबान पक्षी नहीं कर पाते। इसे ध्यान में रखते हुए पक्षियों के लिए घरौंदा अभियान शुरू करने का विचार आया और कार्ययोजना तैयार कर आरामिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा की गई।

घरौंदा बनाकर उपलब्ध कराने का निर्णय
कार्ययोजना का स्वीकार कर घरौंदा बनाकर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। अब तक 200 से ज्यादा घरौंदे बनाकर नागरिकों को निश्शुल्क वितरित किए जा चुके है। उद्देश्य तीन हजार घरौंदे वितरण का है। तो उन्होंने घरौंदों के निर्माण का प्रस्ताव

मजबूत है लकड़ी के घरौंदे
आरामिल एसोसिएशन द्वारा जो घरौंदे वन विभाग को तैयार कर दिए गए हैं वे प्लाइबोर्ड या प्लास्टिक के नहीं हैं, बल्कि ठोस लकड़ी से बने हैं और दो प्रकार की आकृतियों में हैं। पहली आकृति त्रिकोण है और दूसरी आकृति चौकोर। जो काफी मजबूत है।

दाना-पानी देने किया जा रहा प्रेरित
वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा शहर व आस-पासके क्षेत्रों में पक्षियों के संरक्षण के लिए न सिर्फ घरौंदों का वितरण कर उन्हें घरों में सुरक्षित जगह रखवाया जा रहा बल्कि नागरिकों से घरौंदों में पक्षियों के लिए दाना-पानी भी उपलब्ध कराने के लिए जागरूक व प्रेरित किया जा रहा है। यदि प्रयास सफल रहा तो वन मंडल परिक्षेत्रों में अन्य संगठनों के सहयोग से ऐसे घरौंदे बनवाएं और रखवाएं जाएंगे।

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