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कानपुर
नौतपा के दूसरे दिन उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने जोर मारा। शुष्क हवाएं चलीं पर नमी अधिक होने के कारण उमस बढ़ गई। हीट इंडेक्स के कारण आधे से ज्यादा यूपी के जिले रेड जोन में चले गए हैं। मौसम विभाग ने चेताया है कि अधिक तापमान से ही नहीं ज्यादा हीट इंडेक्स से भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। अप्रैल से लेकर अब तक मौसम में बदलाव रहा है। इसे मौसम के पैटर्न में आ रहे बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। मई में अब तक केवल छह दिन ऐसे रहे हैं जब दिन का पारा 40 डिग्री या इससे अधिक रहा है। 40 के ऊपर पारे से हीट वेव मानी जाती है। मई में हीट वेव की स्थिति कमजोर रही है। मौसम के नए पैटर्न में कम तापमान में भी ज्यादा गर्मी का अहसास होना है.यह स्थिति सेहत के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य तौर पर पारा ड्राई बल्ब तापमान के आधार पर मापा जाता है। यह थर्मामीटर के आधार पर मापा जाता है। शरीर का तापमान केवल ड्राई बल्ब के आधार पर नहीं बल्कि वेट बल्ब तापमान और इसके आधार पर हीट इंडेक्स जैसी वजह तय करती है। हमें कितनी गर्मी महसूस हो रही है। वेट बल्ब तापमान में हवा की आर्द्रता को भी ध्यान में रखा जाता है। जब आर्द्रता अधिक होती है तो पसीना आसानी से नहीं सूखता, जिसके कारण शरीर को ठंडक नहीं मिल पाती और ज्यादा गर्मी महसूस होती है भले ही तापमान कम हो।

इंडेक्स बढ़ने पर हीट स्ट्रोक का खतरा
मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि द लैंसेट न्यूरोलॉजी जर्नल में पब्लिश स्टडी के मुताबिक हीट इंडेक्स यदि रेड है तो इससे हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। यदि ऑरेंज है तो देर तक धूप में रहने से ऐसा हो सकता है। डार्क ग्रीन की स्थिति में लंबे समय तक रहने से थकान हो सकती है। आने वाले दिनों में आंधी-पानी की संभावना बनी रहेगी। मई के अंतिम दिनों में हल्की बारिश संभव है।

उमस भरी गर्मी से जूझे कानपुर वाले
सोमवार को कानपुर का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री रहा जो सामान्य से कम रहा। रात का पारा 28 डिग्री रहा। सामान्य से अधिक रहा। नमी का अधिकतम प्रतिशत 66 और न्यूनतम 45 फीसदी रहा। इस तरह कानपुर का हीट इंडेक्स 62 रहा। यह रेड जोन में आता है।

 

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