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भोपाल
भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने, संरक्षित रखने और जीवित रखने में भारतीय महिलाओं ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं के ज्ञान की अनदेखी नहीं की जा सकती। भारतीय समाज में प्राचीन वैदिक काल से लेकर वर्तमान तक महिलाओं का सम्मानीय स्थान रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने उक्त आशय की बातें कहीं। राज्य मंत्री श्रीमती गौर शुक्रवार को विज्ञान भारतीय की महिला इकाई शक्ति द्वारा मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में आयोजित 3 दिवसीय “स्त्री’’ सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रही थीं।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि समाज की उन्नति और अवनति का सीधा संबंध समाज में महिलाओं की प्रस्थिति और उनके सम्मान से रहा है। समाज में जब और जिस समय महिलाओं का सम्मान रहा है, उस समय के समाज ने उन्नति और प्रगति का सफर तय किया है। जब-जब समाज में महिलाओं के सम्मान में कमी आयी है, तब के समाज में पतन की स्थिति देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में महिलाओं की सम्मानीय स्थिति और वैदिक काल के युग में भारत विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। भारतीय समाज के निर्माण में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वेदों, शास्त्रों और ऋचाओं को लिखने वाली महिलाएँ थीं। महिलाएँ अनेक अवसरों पर शास्त्रार्थ करती थीं। प्राचीन भारत में महिलाओं को स्वतंत्रता और अनेक अधिकार प्राप्त थे।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि भारतीय इतिहास के मध्य काल में महिलाओं के सम्मान में कमी आयी। महिलाओं को अनेक अधिकारों से वंचित भी किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं। राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि आज 21वीं सदी में महिलाएँ आत्म-निर्भर हैं। उन्होंने आज के युग की विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि हम टेक्नालॉजी पर आधारित 21वीं सदी में आगे बढ़ रहे हैं। हमें टेक्नालॉजी और नवाचारों के साथ आगे बढ़ना है और साथ में अपनी परम्पराओं से भी जुड़े रहना है। राज्य मंत्री श्रीमती गौर ने शक्ति के तत्वावधान में स्त्री-2024 के आयोजनकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रदर्शनी में भाग ले रहे विभिन्न कलाकारों और उद्यमियों से उनके उत्पादों के संबंध में चर्चा की।

स्त्री सम्मेलन को प्रो. चांसलर आरएनटीयू डॉ. अदिति चक्रवर्ती ने भी संबोधित किया। मेनिट के निदेशक प्रो. के.के. शुक्ला, महानिदेशक एमपीसीएसटी डॉ. अनिल कोठारी, निदेशक एनआईटीटीआर डॉ. सी.सी. त्रिपाठी, संयोजक स्त्री-2024 प्रो. अनुपमा शर्मा, शक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य अतिथि उपस्थित थे।

 

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