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Labor Day 2025: A global day dedicated to the struggle and contribution of workers

1 मई को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है — एक ऐसा दिन जो मेहनतकश श्रमिकों के अधिकारों, सम्मान और संघर्षों को सलाम करता है।

भोपाल। 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Workers’ Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में कामगारों, मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लोगों के संघर्षों और सामाजिक-आर्थिक योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है। यह एक ऐसा अवसर है जब श्रमिकों के अधिकारों, वेतन, काम की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा पर चर्चा की जाती है।

मजदूर दिवस की शुरुआत 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर से मानी जाती है, जब हज़ारों श्रमिकों ने 8 घंटे के कार्यदिवस की मांग को लेकर आंदोलन किया था। यह आंदोलन बाद में “हेमार्केट हत्याकांड” में बदल गया और इसी के बाद 1 मई को वैश्विक मजदूर दिवस के रूप में स्वीकार किया गया।

भारत में मजदूर दिवस को पहली बार 1923 में मद्रास (अब चेन्नई) में मनाया गया था, जब भारतीय मजदूर किसान पार्टी ने इसे औपचारिक रूप से मनाना शुरू किया।

आज के दिन विश्व के अनेक देशों में सरकारी छुट्टियाँ, रैली,सम्मेलन, संस्कृतिक कार्यक्रम और श्रमिक कल्याण योजनाओं की घोषणाएँ होती हैं। यह दिवस मजदूरों के अधिकारों और गरिमा के समर्थन में एकजुटता दिखाने का प्रतीक बन चुका है।

मजदूरों के लिए आज भी कई चुनौतियाँ

  • असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक आज भी न्यूनतम वेतन, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं।  
  • कई देशों में बाल श्रम और शोषण जैसी समस्याएं अब भी मौजूद हैं।  
  • तकनीकी बदलावों और ऑटोमेशन के चलते परंपरागत श्रमिक नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

विशेष संदेश  

मजदूर दिवस हमें यह याद दिलाता है कि दुनिया के सबसे ऊंचे निर्माण भी उन्हीं हाथों से खड़े होते हैं जो मेहनत की नींव रखते हैं। श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सम्मान देना एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है।

1 मई – नमन उन हाथों को जो दुनिया को गढ़ते हैं!  

अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 2025 पर आइए श्रमिकों के अधिकारों और योगदान को करें सम्मानित।      

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