किसानों की दुर्दशा पर जीतू पटवारी का तंज: ‘मंत्रीजी को सिर्फ टूटी कुर्सी दिखती है, किसान की तकलीफ नहीं!

किसानों की दुर्दशा पर जीतू पटवारी का तंज: ‘मंत्रीजी को सिर्फ टूटी कुर्सी दिखती है, किसान की तकलीफ नहीं!

Jeetu Patwari’s sarcasm on the plight of farmers: ‘The minister only sees the broken chair, not the farmer’s troubles!

भोपाल ! जीतू पटवारी ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए किसानों की समस्याओं को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सहित पूरे देश के किसान अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन कृषि मंत्री टूटे हुए कुर्सी पर ध्यान दे रहे हैं।

पटवारी ने आरोप लगाया कि किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पूरे नहीं हुए, बल्कि वे दोगुना नुकसान झेल रहे हैं। एमएसपी को लेकर सरकारी दावे झूठे साबित हो रहे हैं, वहीं खाद, बीज और बिजली की कमी किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मंत्रीजी का लग्जरी जीवन उन्हें किसानों की तकलीफों से दूर रखता है, जिससे उन्हें किसानों का परिश्रम और पसीना नहीं दिखता।

https://twitter.com/jitupatwari/status/1893196453822243001

एयर इंडिया की हालिया घटना का संदर्भ देते हुए जीतू पटवारी ने कटाक्ष किया कि एयरलाइन ने कोई गलती नहीं की, बल्कि केवल कुर्सी बदली है। उनका इशारा इस ओर था कि जब कुर्सी बदलती है, तो शायद उस पर बैठने वाले व्यक्ति को किसानों की असली तकलीफों का अहसास हो सकता है।

किसान हितों के मुद्दे पर गर्मागरम बहस छिड़ गई है। हाल ही में जीतू पटवारी ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि देशभर के किसान, खासकर मध्य प्रदेश के, अपनी ही जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पटवारी ने आरोप लगाया कि जबकि किसान अपनी जीविका और भविष्य के लिए जूझ रहे हैं, कृषि मंत्री जी सिर्फ “टूटी कुर्सी” को ही निशाना बना रहे हैं।

read more: पेपर पर आ रहे इन्वेस्टमेंट… कांग्रेस ने निवेश के दावों पर उठाए सवाल, एमपी जीआईएस को लेकर गरमाई सियासत

किसानों की दुविधा पर आलोक:
Jeetu Patwari’s sarcasm on the farmers, किसानों की आय में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि उन्हें दुगना घाटा उठाना पड़ रहा है। MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर सरकार द्वारा किए जा रहे झूठे वादों और वास्तविकता में दिख रही असुविधाओं पर भी उन्होंने कटाक्ष किया। खाद, बीज और बिजली की कमी जैसी समस्याएँ किसानों के दैनिक संघर्ष को और भी कठिन बना रही हैं।

विचारधारा में अंतर:
पटवारी ने यह भी कहा कि जहाँ एक ओर देश के किसान कड़ी मेहनत से अपना भविष्य संवारने में जुटे हैं, वहीं कृषि मंत्री की लक्जरी लाइफस्टाइल उन्हें समझ नहीं आती। किसान का पसीना, उनके संघर्ष और परिश्रम की कोई कद्र नहीं की जा रही। इस बयान के जरिए पटवारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिर्फ कुर्सी बदलने से समस्या का समाधान नहीं होगा।

इस वक्त राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के हितों के मुद्दे पर बहस तेज है। जीतू पटवारी का यह बयान सरकार की नीतियों और निर्णय प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाता है। किसान समुदाय के दुख-दर्द और उनकी चुनौतियों को यदि गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में उनका संघर्ष और भी बढ़ सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कृषि मंत्री और सरकार किस प्रकार से इन आलोचनाओं का सामना करते हैं और किसानों के लिए ठोस कदम उठाते हैं या नहीं।

भोपाल मध्य प्रदेश लेटेस्ट खबरें