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हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व माना जाता है, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है यानी अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त को देखने जरूरत नहीं होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के मौके पर सभी कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. अक्षय तृतीया के दिन सोना और चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है.

ऐसा माना जाता है कि इस दिन कुछ खास चीजों का दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस बार अक्षय तृतीया की तिथि दो दिन पड़ रही है, जिससे लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है कि आखिर अक्षय तृतीया 29 अप्रैल को मनाई जाएगी या फिर 30 अप्रैल को. ऐसे में चलिए आपका यह कंफ्यूजन दूर करते हुए बताते हैं कि इस साल 2025 में अक्षय तृतीया कब है.

2025 में अक्षय तृतीया कब है?
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:31 मिनट से शुरू होकर 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदया का महत्व है, इसलिए उदयातिथि के अनुसार, इस साल 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी.

अक्षय तृतीया 2025 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल को सुबह 5:41 मिनट से लेकर दोपहर 12:18 मिनट तक है. ऐसे में आप इस दौरान किसी भी समय पूजा-अर्चना कर सकते हैं.

    ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:15 मिनट से 4:58 मिनट तक.
    अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं है.
    विजय मुहूर्त – दोपहर 2:31 मिनट से 3:24 मिनट तक.
    सर्वार्थ सिद्धि योग – पूरे दिन रहेगा.
    गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:55 मिनट से 7:16 मिनट तक.

अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया के अवसर पर दान करने का विशेष महत्व माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन दान करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. पौराणिक कथा के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी अक्षय तृतीया से ही सतयुग की शुरुआत हुई थी. ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन से वेद व्यास जी ने महाभारत लिखने की शुरुआत की थी.

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