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 मुरिदके

भारतीय सैन्यबलों ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात पाक के कब्जे वाले कश्मीर समेत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया. सेना ने पीओके के मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया ही, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरिदके को भी सैन्य एक्शन की जद में लिया. सेना ने मुरीदके के मरकज तैयबा कैंप को नेस्तनाबूद कर दिया.

यह वही मरकज है, जहां 26/11 के गुनहगार अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली की ट्रेनिंग हुई थी. भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान से कई वीडियो सामने आए, जो तबाही के निशान समेटे हुए थे. पाकिस्तान के मुरीदके से अब एक नया वीडियो सामने आया है. ताजा वीडियो लश्कर के मुख्यालय मरकज तैयबा का बताया जा रहा है.

करीब 82 एकड़ जमीन में फैले इस परिसर के वीडियो में रेस्क्यू की गाड़ियां, एम्बुलेंस खड़ी नजर आ रही हैं. हाफिफ सईद के टेरर कैंप की ध्वस्त इमारतों का बिखरा मलबा भारतीय हमले में हुई तबाही का मंजर बयान कर रहे हैं. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि इमारतों की छतें फर्श में तब्दील हो गई हैं. इमारत के अंदर भी दीवारों ने जो बोझ उठा भी रखा है, उसमें भी बस सरिया ही नजर आ रहा है.

इमारतों की दीवारों पर लकड़ियों के फ्रेम तो हैं, लेकिन वह भी ऐसे नहीं जो अंदर देखने से रोक पाएं. इमारतों में रखे फर्नीचर तक तबाह हो गए हैं. लश्कर के आतंकी जिस मरकज परिसर में पहुंचकर ट्रेनिंग लेते थे, भारत में आतंकी गतिविधियों के दौरान दिशानिर्देश लेते थे, आका का फरमान पाते थे, उस परिसर में हर तरफ मलबा ही मलबा बिखरा नजर आ रहा है.

ताजा तस्वीर यह है कि जिसे पाकिस्तान में आतंकियों की सबसे बड़ी नर्सरी कहा जाता था, वहां बस तबाही ही तबाही नजर आ रही है. ध्वस्त इमारतों के इर्द-गिर्द पाकिस्तान की ओर से लगाया गया सील का लेबल तबाही की कहानी खुद ही बयान कर रहा है. गौरतलब है कि इस मरकज की स्थापना 25 साल पहले हुई थी.

तल्‍हा सईद मारा गया या नहीं?
यह हमला पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में हुआ, जहां से तल्‍हा सईद ऑपरेशन चल रहा था. हमले में कैंप की दीवारें खून से सन गईं. चारों ओर लाशें ही लाशें बिखरी नजर आईं. सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में तल्‍हा सईद के पांच टॉप कमांडर मारे गए हैं, कहा जा रहा है क‍ि इसमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान भी शामिल था. कैंप में रखे गए सारे हथियार और गोला बारूद जमींदोज हो गए हैं. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि ताल्हा सईद स्ट्राइक के वक्त वहां पर मौजूद था या नहीं.

तल्हा सईद कैसे चला रहा था कैंप?
तल्हा सईद लश्कर-ए-तैयबा का दूसरा सबसे बड़ा कमांडर है और संगठन की वित्तीय गतिविधियों को संभालता है. 2023 में हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद तल्हा ने मुजफ्फराबाद कैंप की कमान संभाली थी. कैंप में 18-25 साल के युवाओं को भर्ती कर उन्हें हथियार चलाने, बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी. पहलगाम हमले के लिए आतंकियों को इसी कैंप में प्रशिक्षित किया गया था. तल्हा ने सऊदी अरब और खाड़ी देशों से फंडिंग जुटाई, जिसका इस्तेमाल हथियार खरीदने और आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया. उसने जिहाद के नाम पर ऑनलाइन डोनेशन कैंपेन भी चलाए.

 

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