निर्मला सप्रे का स्पष्टीकरण: विधानसभा अध्यक्ष को लिखित जवाब, कहा- ‘न मैंने कांग्रेस छोड़ी, न बीजेपी जॉइन की

Nirmala Sapre’s clarification: Written reply to the Assembly Speaker, said- ‘Neither I left Congress, nor joined BJP’

भोपाल। मध्य प्रदेश की विधायक Nirmala Sapre’s clarification के दलबदल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में जवाब दिया है। निर्मला ने कहा कि न मैंने कांग्रेस छोड़ी है और न बीजेपी ज्वाइन की है। उनके इस बयान से प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है।

Nirmala Sapre's clarification: Written reply to the Assembly Speaker, said- 'Neither I left Congress, nor joined BJP'

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान Nirmala Sapre’s clarification ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुई थी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इसे लेकर उमंग सिंघार ने विधानसभा में आवेदन दिया था। विधानसभा सचिवालय ने नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर निर्मला सप्रे को नोटिस जारी किया था।

लिखित जवाब में क्या कहा?

विधानसभा अध्यक्ष को भेजे गए अपने लिखित जवाब में सप्रे ने दो टूक शब्दों में कहा कि उनकी निष्ठा कांग्रेस पार्टी के प्रति हमेशा रही है और रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके नाम का इस्तेमाल कर कुछ तत्व भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लिखा, “कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए मेरे नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। मैं इसे पूरी तरह से खारिज करती हूं और कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी और समर्पण को दोहराती हूं।”

राजनीतिक हलकों में हलचल

निर्मला सप्रे की इस प्रतिक्रिया के बाद, राज्य की राजनीति में कई अटकलों पर विराम लग गया है। कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर राहत की सांस ली है, क्योंकि सप्रे पार्टी की एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं। बीजेपी खेमे में भी इस खबर को लेकर चर्चा हो रही थी, लेकिन अब सप्रे के इस बयान से यह साफ हो गया है कि उन्होंने कोई दल नहीं बदला है।

निर्मला सप्रे ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का दो बार जवाब नहीं दिया था। नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक सप्ताह का समय दिया था। निर्मला ने 10 अक्टूबर को बंद लिफाफे में उत्तर भेजा। नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर निर्मला सप्रे ने जवाब देते हुए कहा था कि मैंने दलबदल नहीं किया है। इस मामले की सुनवाई अब विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर 21 अक्टूबर को कर सकते हैं। स्पीकर कांग्रेस से दलबदल के सबूत पेश करने को कह सकते हैं।

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