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नई दिल्ली
रतन टाटा के निधन के बाद, उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस नई जिम्मेदारी के बारे में बात करते हुए, नोएल टाटा ने कहा कि वे रतन टाटा और टाटा समूह के संस्थापकों की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने इस अवसर पर अपने साथी ट्रस्टियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह इस जिम्मेदारी को लेकर सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहे हैं।

नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "एक सदी से भी अधिक समय पहले स्थापित टाटा ट्रस्ट सामाजिक भलाई के लिए एक अनूठा माध्यम है। हम अपने विकास और परोपकारी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए खुद को फिर से समर्पित कर रहे हैं।"

टाटा ट्रस्ट का बयान
टाटा ट्रस्ट्स ने भी नोएल टाटा की नियुक्ति पर एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि टाटा ट्रस्ट्स के कई ट्रस्टियों की मुंबई में एक संयुक्त बैठक हुई। बैठक में रतन एन. टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया गया और उनके राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद किया गया। सर्वसम्मति से नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया, और यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू की गई।

नोएल टाटा का परिचय
नोएल टाटा, रतन टाटा के पिता नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोना डुनोयर के बेटे हैं, इसलिए वे रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वे टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड, और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा, वे टाटा स्टील और टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष भी हैं।

टाटा ट्रस्ट का महत्व
टाटा ग्रुप, जो लगभग 34 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप का मालिक है, की अधिकांश होल्डिंग कंपनियां टाटा संस के पास हैं। टाटा संस की 66% से अधिक हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट के पास है, जिससे टाटा ग्रुप का संचालन टाटा ट्रस्ट के अधीन होता है। ऐसे में नोएल टाटा का टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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