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 येरूशलम
 पहलगाम आतंकी हमले
के बाद आतंकियों के खात्में के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद सरकार और सेना कई बार साफ कर चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा। वहीं, अब इजराइल में भारत के राजदूत ने एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर को कुछ समय के लिए रोका गया है, यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है।

इजराइल में भारतीय राजदूत जेपी सिंह का कहना है कि जब तक पाकिस्तान हाफिज सईद, साजिद मीर, जाकिउर्र रहमान लखवी समेत सभी खूंखार आतंकियों को भारत को नहीं सौंप देता, तब तक ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं होगा।

आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी: जेपी सिंह
इजराइली टीवी i24 को दिए एक साक्षात्कार में जेपी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया था। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने लोगों को धर्म के आधार पर गोली मारी। उन्होंने गोली मारने से पहले पर्यटकों का धर्म पूछा और 26 मासूमों की जान ले ली।

ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ: जेपी सिंह
सीजफायर पर बात करते हुए जेपी सिंह ने कहा कि, "सीजफायर अभी भी लागू है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर पर हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि इसे रोका गया है, खत्म नहीं किया गया है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हमने एक न्यू नॉर्मल सेट करते हुए आक्रामक प्रतिक्रिया दी है। आतंकवादी चाहे जहां भी हों हम उन्हें मारेंगे और उनकी इमारतों को भी तबाह कर देंगे। तो अभी सब खत्म नहीं हुआ है। "

"आतंकवाद रुकना चाहिए", भारतीय राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की संधि लागू होनी चाहिए और पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद रोकना चाहिए. भारत में पाकिस्तान से शुरू हुए आतंकी हमलों की एक लंबी लिस्ट का हवाला देते हुए जेपी सिंह ने कहा कि "मूल कारण ये दो समूह हैं – जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा".

उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के नेता खुलेआम घूम रहे हैं, जिसमें कई यहूदी भी मारे गए थे. राजदूत जेपी सिंह ने जोर देकर कहा, "उन्हें एक बहुत ही सरल चीज करने की जरूरत है – जब प्रस्तावना में सद्भावना और दोस्ती शामिल है, तो उन्हें बस इन आतंकवादियों को हमें सौंपने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि हाल ही में अमेरिका ने मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को प्रत्यर्पित किया था. इसी से सीखकर इस्लामाबाद भी ऐसा कर सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा, "जब अमेरिका इन दोषियों को सौंप सकता है, तो पाकिस्तान क्यों नहीं सौंप सकता? उन्हें बस हफीज सईद, लखवी, साजिद मीर को सौंपना होगा और चीजें खत्म हो जाएंगी."

यह तर्क देते हुए कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, भारतीय दूत ने चुनौती का सामना कर रहे देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया.

पाकिस्तान में मचा हड़कंप
नूर खान एअरबेस की बात करते हुए जेपी सिंह ने कहा कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। उनके DGMO ने भारत में फोन करके सीजफायर करने की मांग रखी।

पानी के बदले पाक ने आतंकवाद दिया: जेपी सिंह
सिंधु जल समझौते पर बात करते हुए जेपी सिंह कहते हैं, "सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) 1960 में साइन की गई थी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच दोस्ती बरकरार रखा था। मगर पिछले कई सालों से देखा गया है कि हम पाकिस्तान को पानी देते हैं और बदले में पाकिस्तान हमारे देश में आतंकी हमले करवाता है। इसे लेकर लोगों में बेहद गुस्सा था। हमारे प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि अब पानी और खून एकसाथ नहीं बहेगा।"

आतंक के खिलाफ भारत का युद्ध है ऑपरेशन सिंदूर
जेपी सिंह ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान चाहता है कि सिंधु जल समझौता कायम रहे तो उसे आतंकवाद खत्म करना होगा। ऑपरेशन सिंदूर भारत का आतंकवाद के खिलाफ युद्ध है। पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए दो अहम संगठन जिम्मेदार हैं – जैश-ए-मोहम्म और लश्कर-ए-तैयबा।

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