वैदिक ज्योतिष में शनि देव को न्याय प्रदाता और कर्मफल दाता माना गया है। वहीं शनि देव का रत्न नीलम होता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति नीलम रत्न को धारण करता है उसे जीवन में कम संघर्षों का सामना करना पड़ता है। ऐसा व्यक्ति भाग्य से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखते हैं। नीलम धारण करने से करियर और कारोबार में भी तरक्की मिलती है। आइए आज हम आपको बताते हैं किस राशि के जातकों को नीलम धारण करना चाहिए।
नीलम पहनना किन राशियों के लिए है शुभ?
नीलम रत्न पहनना कुछ राशियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसमें कुंभ और मकर राशि के लोग शामिल हैं, क्योंकि इन राशियों के स्वामी शनि देव होते हैं। इसके अलावा वृष, मिथुन, कन्या और तुला राशि के लोग भी नीलम धारण कर सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि कमजोर होता है वह भी नीलम पहन सकते हैं। यदि शनि देव शुभ (उच्च) के कुंडली में स्थित हैं, तो भी नीलम पहना शुभ होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि देव त्रिकोण और कर्म भाव के स्वामी हैं और वह स्व या मित्र राशि में विराजमान हैं, तो भी नीलम रत्न धारण किया जा सकता है।
नीलम रत्न धारण करने के लाभ
नीलम रत्न का संबंध शनि देव से होता है, इसलिए इसको धारण करने से व्यक्ति मेहनती और परिश्रमी होता है। साथ ही व्यक्ति को करियर और कारोबार में भी तरक्की मिलती है। जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत रहती है, वह भी नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। धैर्य की कमी होने पर भी व्यक्ति नीलम पहन सकता है, लेकिन नीलम के साथ भूलकर भी माणिक्य और मूंगा नहीं पहनना चाहिए। इससे प्रभाव विपरीत भी हो सकते हैं।
नीलम धारण करने की विधि
सबसे अच्छा नीलम रत्न श्रीलंका देश में मिलता है, जिसे सीलोनी कहा जाता है। हालांकि यह थोड़ा महंगा भी होता है। दरअसल, नीलम रत्न शरीर के वजन के हिसाब से खरीदना चाहिए। नीलम को अंगूठी या पेंडेंट के रूप में धारण किया जा सकता है। नीलम को पंचधातु में धारण करना शुभ माना जाता है। इसे मध्यमा उंगली में पहना जा सकता है और इसे शनिवार के दिन धारण करना लाभप्रद होता है।

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