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Rakesh Tikait’s sharp attack on VP Resignation: “Dhankhar was not given resignation, he was made to resign”

नई दिल्ली ! भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है। टिकैत का कहना है कि यह स्वेच्छा से दिया गया इस्तीफा नहीं, बल्कि ‘पूंजीपतियों की सरकार’ द्वारा लिया गया त्यागपत्र है। उन्होंने दावा किया कि जो भी सरकार के विरुद्ध, गांव-गरीब और किसान की बात करेगा, उसे व्यवस्था से बाहर कर दिया जाएगा।

मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा —

“धनखड़ हमेशा गांव, गरीब और किसान की बात करते थे। ऐसी बात करने वाले इस सरकार में टिक नहीं सकते। इस सरकार में पूंजीपतियों की चलेगी, न कि किसानों की।”

उन्होंने आगे कहा कि इस्तीफे से पहले कोई भी मेडिकल कारण या स्पष्ट राजनीतिक स्थिति सामने नहीं आई।

“यह सीधा संकेत है कि सरकार अब पूरी तरह पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है। राजनीतिक दलों और संवैधानिक पदों पर भी अब नियंत्रण कर लिया गया है।”

टिकैत ने भाजपा पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा —

“अब जो 50 साल से कम उम्र के लोग पार्टी में समझौते करेंगे, उन्हें दुष्यंत चौटाला बना दिया जाएगा, और जो उससे ऊपर होंगे, उन्हें सतपाल मलिक या फिर जगदीप धनखड़ जैसा बना दिया जाएगा।”

“अबकी बार ढोल किसी और के दरवाजे पर बजेगा”
इस लाइन के जरिए टिकैत ने आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अबकी बार परिणाम सत्ता पक्ष के अनुकूल नहीं होंगे।

“गांव तक के लोग कह रहे हैं कि इस्तीफा लिया गया है। यानी जनता सब समझ रही है।”

क्या यह लोकतंत्र बनाम कॉरपोरेट का संघर्ष है?
टिकैत के इस बयान को केवल एक किसान नेता की टिप्पणी नहीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक असंतोष की आवाज के रूप में देखा जा रहा है। यह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सत्ता में किसानों और ग्रामीण भारत की भागीदारी कम होने पर सवाल उठा रही है।

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