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एम्स भोपाल ने कैंसर की AI आधारित स्क्रीनिंग में दक्षता हासिल की, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा कैंसर का इलाज

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एम्स और राजस्थान में स्थित जोधपुर एम्स मिलकर कैंसर की पहचान और रोकथाम के लिए काम करने वाले हैं। एम्स भोपाल ने कैंसर की एआई आधारित स्क्रीनिंग में दक्षता हासिल की है। इसका इस्तेमाल जोधपुर एम्स में भी किया जाएगा। इससे कैंसर का निदान और अधिक सटीक और व्यापक रूप से सुलभ हो जाएगा।  यह तकनीक बिना लक्षण वाले मरीजों में भी प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने में सक्षम है। एम्स निदेशक प्रो. अजय सिंह का कहना है कि, कैंसर की स्क्रीनिंग को तेज और अधिक सुलभ बनाकर, दूर दराज और पिछड़े क्षेत्रों में कई जानें बचा सकते हैं। विकसित करेंगे शीर्ष केंद्र दोनों एम्स मिलकर कैंसर देखभाल के लिए शीर्ष केंद्र विकसित करना चाहते हैं। यह केंद्र टियर 2 जैसे शहरों में कैंसर के इलाज में मददगार साबित होंगे। स्नोफ्लेक मॉडल दिया है नाम एम्स ने कैंसर के उपचार का जो मॉडल विकसित किया है। उसे स्नोफ्लेक मॉडल नाम दिया है। इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) और हब-एंड-स्पोक मॉडल के साथ जोड़ा जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

भोपाल AIIMS ने कर दिया कमाल, 70 वर्षीय बुजुर्ग का डॉक्टरों ने बिना चीरा लगाए ही बदला वाल्व

भोपाल  राजधानी के AIIMS में एक 70 वर्षीय मरीज का सफल ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (TAVI) किया गया। मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं माना जा रहा था। यह मध्य प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार हुआ है। इस प्रक्रिया में मरीज के खराब हो चुके एओर्टिक वाल्व को बदला गया। प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले यहां इलाज का खर्च लगभग 40% कम था। मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जो एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस के कारण थी। जोखिम भरा था ऑपरेशन मरीज का ऑपरेशन बुधवार को किया गया और उम्मीद है कि उन्हें गुरुवार को छुट्टी मिल जाएगी। AIIMS भोपाल के हृदय रोग विभाग के एचओडी (प्रभारी) डॉ. भूषण शाह ने बताया कि मरीज को क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (COPD) भी थी, इसलिए ओपन-हार्ट सर्जरी करना जोखिम भरा था। प्राइवेट अस्पतालों में लाखों का होता है खर्चा AIIMS भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि यह संस्थान द्वारा किफायती कीमतों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक और पहल है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में इस प्रक्रिया का खर्च लगभग 19 लाख से 25 लाख रुपये है। AIIMS भोपाल ने CGHS दरों पर TAVI प्राप्त करके लागत कम की। सरकारी अस्पताल होने के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खर्च भी कम है। पैर की धमनी से हार्ट तक पहुंचता है वाल्व डॉ. योगेश निवरिया, जो AIIMS भोपाल में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख हैं, ने बताया कि इस तकनीक में पैर की धमनी के माध्यम से एक विशेष डिलीवरी सिस्टम का उपयोग करके वाल्व हृदय तक पहुंचता है। इसे बिना चीरे, सामान्य एनेस्थीसिया या वेंटिलेटर के लगाया जाता है। सुरक्षा के लिए एनेस्थीसिया और अन्य विभागों के चिकित्सा कर्मी भी प्रक्रिया के दौरान मौजूद थे। क्या है TAVI TAVI एक कम चीर-फाड़ वाली प्रक्रिया है। इसका उपयोग ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता के बिना खराब हो चुके एओर्टिक वाल्व को बदलने के लिए किया जाता है। यह बुजुर्ग मरीजों या कई स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो पारंपरिक सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं। मरीज को पिछले 6 से 8 महीनों से सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी। इसका कारण एओर्टिक वाल्व का सिकुड़ना था, जिससे खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पा रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की हालत और फेफड़ों की बीमारी को देखते हुए ओपन हार्ट सर्जरी करना खतरनाक हो सकता था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

प्रसव कक्ष में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर को नवजात शिशुओं की देखभाल और उपचार के बारे में एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी

भोपाल  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय भोपाल द्वारा नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। जिसमें सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट, एन बी सी सी, एन बी एस यू और प्रसव कक्ष में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर को नवजात शिशुओं की देखभाल और उपचार के बारे में एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में शासकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के नर्सिंग अधिकारी शमिल होंगे। एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है। नवजात देखभाल और उपचार सेवाओं को और बेहतर करने के लिए उन्मुखीकरण प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय भोपाल द्वारा नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। जिसमें सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट, एन बी सी सी, एन बी एस यू और प्रसव कक्ष में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर को नवजात शिशुओं की देखभाल और उपचार के बारे में एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में शासकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों के नर्सिंग अधिकारी शमिल होंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है। नवजात देखभाल और उपचार सेवाओं को और बेहतर करने के लिए उन्मुखीकरण प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

मरीजों से स्वास्थ्य की ली जानकारी, छत्तीसगढ़-रायपुर के एम्स और मेकाहारा अस्पताल पहुंचे राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा

रायपुर. राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा राजधानी रायपुर स्थित एम्स, डीकेएस और मेकाहारा हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान मंत्री वर्मा ने अस्पताल का निरीक्षण करने के साथ-साथ मरीज़ों से स्वास्थ्य की जानकारी ली। मंत्री वर्मा ने अस्पताल की व्यवस्था और इलाज के संबंध में मरीजों से जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों को समय पर मरीज़ों को बेहतर इलाज और दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री वर्मा ने बालौदाबाज़ार जिले के रहने वाले पुकार यादव, ग्राम देवरी की निर्मला वर्मा, बालौदाबाज़ार के सुमन दास साहू से मिलकर स्वास्थ्य की जानकारी ली। सिर में चोट के इलाज के लिए डीकेएस के वार्ड- सी 6 में भर्ती 20 वर्ष के पुकार सिंह ने बेहतर इलाज के कारण स्वास्थ्य में तेजी से सुधार की जानकारी दी। इसी तरह नस में ब्लाकेज के इलाज के लिए मेकाहारा हॉस्पिटल के वार्ड-19 में भर्ती 55 वर्षीय सुमन दास साहू ने स्वास्थ्य में सुधार की बात कही। इसी तरह बलौदाबाजार के ग्राम देवरी की 54 वर्षीय निर्मला वर्मा निमोनिया के इलाज के लिए एम्स हॉस्पिटल में भर्ती है। वर्मा ने उनके स्वास्थ्य के बारे में चिकित्सकों से चर्चा कर बेहतर इलाज के निर्देश दिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

बीएमएचआरसी का एम्स में नहीं होगा विलय, हाई कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र ने दी जानकारी

भोपाल /जबलपुर  भोपाल गैस त्रासदी के संबंध में दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ को बताया कि डिजिटाइजेशन के लिए टेंडर आमंत्रित किये गये थे. लेकिन सिर्फ एक कंपनी द्वारा निविदा प्रस्तुत किये जाने के कारण इसे रद्द कर दिया गया है. सरकार शीघ्र ही दूसरा टेंडर जारी करेगी. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 9 दिसम्बर को निर्धारित की है. गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे. इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया. कोर्ट के निर्देश थे कि मॉनिटरिंग कमेटी प्रत्येक 3 माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करेगी. इसके बाद पेश रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. इसी मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. बीएमएचआरसी में कितने मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति इसी के साथ याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई. याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि बीएचएमआरसी में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के निर्धारित पदों में 70 प्रतिशत से अधिक की नियुक्ति कर दी गयी है. बीएमएचआरसी को एम्स में मर्ज करने का मामला इसी दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से मांग की गई कि बीएचएमआरसी को एम्स में मर्ज नहीं किया जाए. मर्ज की मांग को संसदीय बोर्ड में चर्चा के बाद उसे केन्द्र लोक स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण विभाग को भेजा गया. केन्द्र लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने पूर्व में ही मर्ज नहीं किये जाने के संबंध में निर्णय लिया है. युगलपीठ ने बीएचएमआरसी को एम्स में मर्ज नहीं किये जाने के संबंध में लिखित जवाब पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. सरकार की तरफ से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पैरवी की. हर तीन माह में रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 दिशा-निर्देश दिए थे। इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने कमेटी भी गठित की थी। कोर्ट ने कमेटी को हर तीन माह में रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करने कहा था।  दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से प्रस्तुत जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 दिशा निर्देश जारी किए थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी समिति भी गठित की थी। कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि निगरानी समिति प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी। पेश रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इस मामले के लंबित रहने के दौरान निगरानी समिति की अनुशंसाओं का परिपालन न किए जाने के विरुद्ध अवमानना याचिका 2015 में दायर की गई थी। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि बीएचएमआरसी में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के निर्धारित पदों में 70 प्रतिशत से अधिक की नियुक्ति कर दी गई है। एक याचिकाकर्ता की ओर से आवेदन दायर करते हुए मांग की गई थी कि बीएचएमआरसी को एम्स में विलय नहीं किया जाए।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

हाईकोर्ट ने कहा केंद्र सरकार हमें लिखकर दें कि BMHRC और AIIMS विलय का प्लान नहीं

भोपाल  गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए उचित चिकित्सा सुविधा की मांग वाली याचिका पर एमपी हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र से लिखित में जवाब मांगा है कि एम्स-भोपाल और बीएमएचआरसी का विलय नहीं किया जाएगा। यह मामला 1984 के भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज से जुड़ा है। पीड़ितों के लिए काम करने वाला संगठन ने किया विरोध दरअसल, गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले एक NGO ने BMHRC को AIIMS में मिलाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने ICMR और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए वकील विक्रम सिंह से यह लिखित जवाब मांगा है कि दोनों अस्पतालों का विलय नहीं होगा। ICMR के पास है प्रशासनिक नियंत्रण गौरतलब है कि BMHRC, ICMR के प्रशासनिक नियंत्रण में है। सुनवाई के दौरान, विक्रम सिंह ने कहा कि विलय के प्रस्ताव को पहले ही ठुकराया जा चुका है। अदालत को बताया गया कि एक NGO ने गैस पीड़ितों की बेहतर देखभाल के लिए दोनों अस्पतालों को मिलाने के लिए पत्र लिखा था। इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने 2018 में स्वास्थ्य मंत्रालय को विलय का प्रस्ताव भेजा था लेकिन इसे ठुकरा दिया गया था। विलय का हो रहा था विरोध हालांकि, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन (BGIA), जिसने विलय का विरोध करते हुए आवेदन दिया था। संगठन ने कहा कि AIIMS-भोपाल और BMHRC के विलय के लिए एक कैबिनेट नोट फिर से चलन में है। इसके बाद, अदालत ने केंद्र सरकार से लिखित जवाब मांगा कि विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है। डिजिटलीकरण के लिए निकाला जाएगा टेंडर अदालत को केंद्र की ओर से यह भी बताया गया कि भोपाल गैस पीड़ितों के मेडिकल रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए एक टेंडर निकाला गया था, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि केवल एक ही प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। सरकारी वकील ने कहा कि एक और टेंडर निकाला जाएगा। रिपोर्ट पेश करने को कहा उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (NIREH), भोपाल को अगस्त 2012 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। दरअसल, BGIA ने आरोप लगाया था कि NIREH ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सौंपे गए काम को छोड़ दिया था। BGIA का आरोप है कि NIREH, भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य पर MIC गैस के प्रभाव के बजाय दूसरे विषयों पर शोध कर रहा था। गौरतलब है कि अगस्त 2012 में, सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों की चिकित्सा देखभाल के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग करने वाली जनहित याचिका को मप्र उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था। न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन भी किया गया था, ताकि गैस पीड़ितों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सुविधाओं पर नजर रखी जा सके और अपनी सिफारिशों के साथ मप्र उच्च न्यायालय को त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। बाद में, याचिकाकर्ताओं ने एक अवमानना याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि निगरानी समिति की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन केंद्र और राज्य सरकारों और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 48