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होर्डिंग लगाकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज!

नई दिल्ली दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए होर्डिंग लगाने के लिए कथित तौर पर पब्लिक मनी के दुरुपयोग के मामले में FIR दर्ज करने आदेश दे दिया है. बताया जा रहा है कि होली के बाद केजरीवा और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने साल 2019 में द्वारका में बड़े होर्डिंग लगाकर कथित तौर पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में ये स्पष्ट किया कि केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बनता है. पुलिस को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 156(3) CRPC के तहत याचिका मंजूर की जाती है. कोर्ट ने द्वारका साउथ पुलिस को इस मामले मे FIR दर्ज कर 18 मार्च तक SHO को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. क्या है मामला दरअसल, 2019 में कोर्ट के समक्ष दाखिल शिकायत में आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल, पूर्व आप विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पार्षद नितिका शर्मा ने इलाके में विभिन्न जगहों पर बड़े आकार के होर्डिंग लगाकर जानबूझकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया है. इसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने सितंबर 2022 में शिकायत को खारिज करते हुए एक आदेश पारित किया था. इसके बाद सत्र न्यायाधीश ने मामले को मजिस्ट्रेट अदालत में वापस भेज दिया था. इस मामले में विशेष न्यायाधीश ने मजिस्ट्रेट अदालत से मामले की नए सिरे से सुनवाई करने को कहा था.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

राज्यसभा सदस्य बन सकते हैं अरविंद केजरीवाल, संजीव अरोड़ा छोड़ सकते हैं अपनी सीट

नई दिल्ली दिल्ली चुनाव में आप की शिकस्त के बाद अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. अब सूत्रों से ये खबर आ रही है कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए संजीव अरोड़ा राज्‍यसभा की सीट छोड़ सकते हैं. कहा जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में संजीव अरोड़ा की जगह ले सकते हैं. इस तरह केजरीवाल का पंजाब से राज्य सभा जाना तय माना जा रहा है. वहीं संजीव अरोड़ा लुधियाना वेस्ट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होंगे. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव नहीं जीत पाए. केजरीवाल की हार के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की भी करारी हार हुई.  मीडिया के गलियारों में केजरीवाल के सियासी सफर पर अटकलें जारी हैं. इस बीच पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने दावा करते हुए कहा था कि केजरीवाल पंजाब के रास्ते राज्यसभा जा सकते हैं. केजरीवाल को लेकर कई तरह के दावे फिलहाल, इस पर भी अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. खबरें ये भी हैं कि आप अरोड़ा की जगह केजरीवाल को ऊपरी सदन भेजने की योजना पर विचार कर रही है. पहले केजरीवाल के लुधियाना विधानसभा सीट से चुनाव लडने की अटकलें थी. हालांकि आप सांसद मलविदर सिंह कंग ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और तमाम राजनीतिक दलों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि केजरीवाल पंजाब के सीएम की कुर्सी भी अपने हाथों में ले सकते हैं. मतलब ये कि वो खुद सीएम बन सकते हैं. इन दावों और बयानों पर CM भगवंत मान ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. ये संभव ही नही है. विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा-आप आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पंजाब से राज्यसभा भेजे जाने की चर्चाओं पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है. विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है. विपक्ष के नेता विधानसभा के अंदर कोई मुद्दा उठा नहीं सकते ना ही कुछ बोल सकते हैं इसलिए इस प्रकार के मुद्दे गुमराह करने के लिए उठा रहे हैं. पंजाब सरकार टिकने वाली नहीं- बाजवा दिल्ली में आप की हार के बाद से ही सबकी निगाहें पंजाब सरकार पर टिकी हुई है. भगवंत मान की सरकार को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यह सरकार टिकने वाली नहीं है, अगले चार से पांच महीनों में इस सरकार के साथ एकनाथ शिंदे प्रकरण होगा, जब महाराष्ट्र का विमान चंडीगढ़ में उतरेगा. आम आदमी पार्टी (AAP) के 32 विधायक संपर्क में हैं. बाजवा कह रहे हैं बीजेपी नेतृत्व रवनीत बिट्टू के जरिए सीएम मान के संपर्क में है और कई गुप्त बैठकें हो चुकी है. चुनाव लड़ेंगे संजीव अरोड़ा लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया है. ये सीट आप विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद खाली हुई है. संजीव अरोड़ा को विधानसभा चुनाव में उतारे जाने के बाद पंजाब में एक राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी. संजीव अरोड़ा की जगह खाली होने वाली राज्यसभा सीट से अरविंद केजरीवाल राज्य सभा जा सकते हैं. कौन हैं संजीव अरोड़ा संजीव अरोड़ा पंजाब के बड़े बिजनेसमेन हैं. संजीव अरोड़ा का एक्सपोर्ट इंडस्ट्री में प्राइमरी बिजनेस है. उनके ऑफिस दूसरे देशों में भी है. संजीव अरोड़ा ने चंडीगढ़ रोड पर हैम्पटन बिजनेस पार्क और हैम्पटन होम्स को भी विकसित किया है. साल 2018 में उन्होंने फेमेला फैशन लिमिटेड कंपनी लॉन्च की और महिलाओं के कपड़ों के ब्रांड फेमेला की स्टेबलिश किया. इसके बाद साल 2019 में उन्होंने मेटल बिजनेस में भी कदम रखा. संजीव अरोड़ा कई सोशल और कल्चर संस्थाओं से भी जुड़े हैं. वह दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के गवर्निंग बोर्ड में हैं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 42

पंजाब में पैदा हो सकते हैं दिल्ली जैसे हालात, आप पार्टी को लड़नी होगी अस्तित्व की लड़ाई

नई दिल्ली दिल्ली में करारी हार के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। 10 साल राजधानी में काबिज रहने के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि चुनाव में जनता उन्हे इस तरह का झटका देगी। केजरीवाल खुद अपनी सीट पर हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हार गए। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सौरभ भारद्वाज को भी कड़ी शिकस्त झेलनी पड़ी। 2013 के बाद दिल्ली में पहली बार AAP को हार का मुंह देखना पड़ा। इसमें बड़ा फैक्टर एंटी इनकंबेंसी भी है जिसका सामना पंजाब में भी करना पड़ेगा। ऐसे में आम आदमी पार्टी को अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी है। 62 से सीधे 22 पर AAP आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार उसे मात्र 22 सीटों पर संतष करना पड़ा है। पार्टी का वोट शेयर भी 10 फीसदी कम होकर 43.57 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली में ऐसी भी 14 सीटें थीं जिनपर जीत हार का फैसला बेहद कम अंतर से हुआ। इन सीटों पर 5 हजार से कम के अंतर से जीत हार हुई। वहीं अरविंद केजरीवाल ने दोपहर में ही अपनी हार स्वीकार कर ली। इसके बाद रविवार को आतिशी ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मिडिल क्लास की नाराजगी पड़ी भारी जानकारों का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिडिल क्लास की नाराजगी का सामना करना पड़ा। वहीं बीजेपी ने 'शीश महल' का नाम लेकर चुनाव प्रचार किया जो कि मिडल क्लास का मुद्दा बन गया। वहीं दिल्ली के लोगों ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान को भी देखा है। ऐसे में डबल इंजन की सरकार के प्रति लोगों ने भरोसा जता दिया। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आम आदमी पार्टी ने गरीबों के वोट से पकड़ खो दी है। इस चुनाव में भी गरीबों ने आम आदमी पार्टी का खुलकर साथ दिया है। आम आदमी पार्टी अब भी एमसीडी पर काबिज है। 250 मे से 134 सीटें आम आदमी पार्टी के पास हैं। ऐसे में दिल्ली के लोगों के साथ AAP का जुड़ाव खत्म नहीं होने वाला है। वहीं आम आदमी पार्टी की हालत बीजेपी जैसी नहीं हुआ है। अब भी विधानसभा में उसके 22 सदस्य होंगे। आम आदमी पार्टी विधानसभा में सक्रिय विपक्ष की भूमिका निभा सकती है। वहीं पंजाब की बात करें तो वहां आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान ही खतरे की घंटी बज गई थी। वहीं दिल्ली का चुनाव आम आदमी पार्टी को फिर सावधान कर रहा है। यह भी चर्चा है कि पंजाब में भी कई AAP विधायक असंतुष्ट हैं। ऐसे में पंजाब पर पकड़ बनाए रखने के लिए आम आदमी पार्टी को जमीन पर उतरना पड़ेगा। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार के आरोपों से पार पाने की है। पीएम मोदी ने साफ कह दिया है कि दिल्ली में भ्रष्टाचार की चांज करवाई जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

आम आदमी पार्टी के ‘अजेय’ होने का दंभ बना हार का कारण, फ्रीबीज पॉलिटिक्स में बीजेपी ने केजरीवाल को दे दी पटखनी

नई दिल्ली दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी में आम आदमी पार्टी हवा हो गई। वो आम आदमी पार्टी जो लगातार दो चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार बीजेपी की कुछ ऐसी हवा चली कि AAP के बड़े-बड़े शूरमा उखड़ गए। खुद अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए। मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए। AAP के तमाम दिग्गज चुनाव हार गए। न फ्री का वादा काम आया, न मुफ्त की रेवड़ियां काम आईं और न ही 'कट्टर ईमानदार' अरविंद केजरीवाल का चेहरा काम आया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि कभी 70 में से 67 और 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार बुरी शिकस्त का सामना करना पड़ा? आइए देखते हैं AAP की हार के 7 बड़े कारण क्या रहे। 1- एंटी-इन्कंबेंसी आम आदमी पार्टी ने अपने जन्म के साथ ही दिल्ली के लोगों के दिल पर राज किया। 2013 के अपने पहले चुनाव में वह बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर रही थी लेकिन त्रिशंकु विधानसभा में वह उस कांग्रेस से हाथ मिला ली, जिसके कथित भ्रष्टाचार के विरोध से राजनीति शुरू की थी। खैर, कांग्रेस के साथ गठबंधन वाली आम आदमी पार्टी की वो सरकार 2 महीने भी नहीं टिकी। उसके बाद 2015 में 70 में से 67 और 2020 में 70 में से 62 सीटों पर जीत के साथ इतिहास रचा। पार्टी लगातार 10 सालों तक दिल्ली की सत्ता में रही। लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करना वैसे भी बहुत आसान नहीं होता क्योंकि सत्ताविरोधी रुझान यानी एंटी-इन्कंबेंसी का खतरा बना रहता है। आम आदमी पार्टी को भी इस फैक्टर का नुकसान उठाना पड़ा। 2- करप्शन का दाग अब इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिस पार्टी ने भ्रष्टाचार-विरोधी आंदोलन से जन्म लिया, सत्ता में आने पर वह भी अपने दामन को करप्शन की कालिख से नहीं बचा पाई। खुद को कट्टर ईमानदार कहने वाले अरविंद केजरीवाल को करप्शन का दाग भारी पड़ा। भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें खुद जेल जाना पड़ा। मनीष सिसोदिया को जेल जाना पड़ा। सत्येंद्र जैन को जेल जाना पड़ा। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी लगातार खुद के कट्टर ईमानदार होने की दुहाई देते रहे लेकिन दिल्ली की जनता ने उनको नकार दिया। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के शिल्पी अरविंद केजरीवाल जब दिल्ली की सत्ता में आए तो एक नई तरह की साफ-सुथरी, ईमानदार और वैकल्पिक राजनीति का वादा किया था। लेकिन किया क्या? सीएजी की रिपोर्ट को विधानसभा की पटल तक पर नहीं रखा। कभी जिस दिल्ली के एक मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना जैन हवाला कांड में अपना नाम लिए जाने पर ही पद से इस्तीफा दे दिया था, उसी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल आरोप तो छोड़िए, जेल में जाने के बाद भी इस्तीफा नहीं दिया। लालू प्रसाद यादव से लेकर हेमंत सोरेन तक तमाम मुख्यमंत्रियों ने जेल जाने की नौबत आने पर नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा दिया था। लेकिन ईमानदारी की राजनीति के कथित चैंपियन केजरीवाल ने तो जेल से सरकार चलाने की ऐसी जिद दिखाई जो भारत की राजनीति में कभी नहीं हुआ। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इस्तीफा जरूर दिया लेकिन शायद तबतक बहुत देर हो चुकी थी। अगर जेल जाते ही इस्तीफा दिए होते तो 3- मुफ्त बिजली-पानी मॉडल से आगे नहीं बढ़ पाना अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने पहली बार सत्ता में आने के बाद मुफ्त-बिजली पानी वाला मॉडल पेश किया। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की दशा में भी सुधार का दावा किया। सुधार हुए भी, लेकिन उतने भी नहीं जितना आम आदमी पार्टी ढिंढोरा पीटती है। इस मॉडल की बदौलत दो बार सरकार भी बनाई लेकिन पार्टी इससे आगे नहीं बढ़ पाई। हर नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने का चलन चलाया। सड़कें बदहाल रहीं। जगह-जगह गंदगी का अंबार रहा। निगम चुनाव में जीत के बाद साफ-सफाई की जिम्मेदारी से भाग भी नहीं सकते थे। यमुना को साफ करने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए लेकिन पानी आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं रहा। ये सब चीजें आम आदमी पार्टी के खिलाफ गईं। 4- फ्रीबीज पॉलिटिक्स में केजरीवाल को मिला तगड़ा कंपटिशन दूसरी तरफ, विरोधियों ने भी केजरीवाल के खिलाफ उसी हथियार का इस्तेमाल किया जो उनकी ताकत थी। ये हथियार था मुफ्त वाली योजनाओं का जिन्हें राजनीति में फ्रीबीज या मुफ्त की रेवड़ियां भी कहा जाता है। केजरीवाल की फ्रीबीज पॉलिटिक्स को मुफ्त की रेवड़ियां बताकर और देश के लिए घातक बताकर खारिज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी भी इसी होड़ में कूद गए। बीजेपी ने भी महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये, त्योहारों पर मुफ्त सिलिंडर, बुजुर्गों के लिए बढ़ी हुई पेंशन, मुफ्त इलाज जैसे लोकलुभावन वादे किए। साथ में ये भी कि आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से चलाई जा रहीं मुफ्त वाली योजनाओं को भी जारी रखेंगे। इस चुनाव से पहले तक बीजेपी दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ियों का विरोध किया था लेकिन इस बार उसने केजरीवाल के ही हथियार से केजरीवाल को मात दे दी। ये बात दीगर है कि फ्रीबीज पॉलिटिक्स से दिल्ली की इकॉनमी का कचूमर निकलता है, सत्ता तो आ ही गई। 5- केंद्रीय बजट दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के कारणों में केंद्रीय बजट को भी गिना ही जाएगा। चुनाव से ठीक पहले जिस तरह बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी सौगात दी गई, 12 लाख रुपये तक की आमदनी और वेतनभोगियों के मामले में तो 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी को इनकम टैक्स से मुक्त करने का जो ऐलान हुआ, उसका सीधा लाभ बीजेपी को दिल्ली चुनाव में मिला है। 6-अरविंद केजरीवाल की गैर-जिम्मेदार राजनीति अरविंद केजरीवाल ने सियासत में कदम रखते ही अलग तरह की राजनीति के नाम पर बिना किसी सबूत या आधार के बाकी सभी पार्टियों और उनके नेताओं को थोक के भाव में चोर-बेईमान का सर्टिफिकेट बांटना शुरू किया था। ये सिलसिला तब खत्म हुआ जब उन्हें नितिन गडकरी, कपिल सिब्बल, अवतार सिंह भड़ाना जैसे तमाम नेताओं से अदालतों में माफी मांगनी पड़ी। खैर इन सबका उन्हें राजनीतिक नुकसान नहीं उठाना पड़ा, बस ये फर्क पड़ा कि हर विरोधी नेता को चोर बताने की उनकी आदत छूट गई। लेकिन इस बार के दिल्ली … Read more

सचिवालय सील, सरकारी दस्तावेजों और डाटा की सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों को तुरंत दिल्ली सचिवालय पहुंचने का निर्देश दिया

नई दिल्ली दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों की मतगणना जारी है। इसी बीच प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकारी दस्तावेजों और डाटा की सुरक्षा के मद्देनजर अधिकारियों को तुरंत दिल्ली सचिवालय पहुंचने का निर्देश दिया गया है। संयुक्त सचिव ने आदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने आला अधिकारी को तुरंत दिल्ली सचिवालय पहुंचने का निर्देश दिया है। यह फैसला दिल्ली में चुनाव रुझानों को देखते हुए लिया गया है। दिल्ली में भाजपा की जीत के बाद हलचल तेज हो गई है। सरकारी दस्तावेजों और डाटा की सुरक्षा के लिए संयुक्त सचिव प्रदीप तायल ने अधिकारियों को तुरंत दिल्ली सचिवालय पहुंचने का आदेश दिया है। आदेश में उन्होंने लिखा है, 'सुरक्षा चिंताओं और रिकॉर्ड्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, यह अनुरोध किया जाता है कि प्रशासनिक विभाग की अनुमति के बिना कोई भी फाइल/दस्तावेज, कंप्यूटर हार्डवेयर आदि दिल्ली सचिवालय परिसर से बाहर न ले जाया जाए। इसलिए यह निर्देश दिया जाता है कि दिल्ली सचिवालय में स्थित विभागों/कार्यालयों के अंतर्गत संबंधित सभी ब्रांच इंचार्ज को उनके सेक्शन/ब्रांच के अंतर्गत रिकॉर्ड्स, फाइलों, दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक फाइलों आदि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 23

दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी की हार के ये बड़े 5 फैक्टर

नई दिल्ली दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 27 सालों का सूखा खत्म करते हुए सत्ता की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। भाजपा ने सीटों पर बढ़त बनाकर रुझानों में बहुमत हासिल कर लिया है। 2013 में अन्ना हजारे के 'क्रांतिपथ' से निकलकर राजनीति की राह में बढ़ने वाले अरविंद केजरीवाल को पहली राजनीतिक हार मिली है। मुफ्त बिजली, पानी, बस सफर जैसी स्कीमों के बाद उनकी हार ने काफी कुछ साफ कर दिया है। मुस्लिम बहुल इलाके हों, गांधी नगर जैसे कारोबारी क्षेत्र हों या फिर पूर्वी दिल्ली का पटपड़गंज हो, सभी जगहों पर आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा है तो साफ है कि अलग-अलग वर्गों में उसने अपने जनाधार को खोया है। इसकी पर्याप्त वजहें हैं, जो चुनाव के दौरान ही साफ थीं, लेकिन अरविंद केजरीवाल अपने नाम पर चुनाव में जीत दिलाने की कोशिश में थे।   दिल्ली की सड़कों की बदहाली अरविंद केजरीवाल एक तरफ रेवड़ियां बांटने के लगातार ऐलान करते रहे तो भाजपा ने सड़क, पानी जैसे मुद्दों को नहीं छोड़ा। बुराड़ी से संगम विहार तक और पटपड़गंज से उत्तम नगर तक अलग-अलग इलाकों में टूटी सड़कों को भाजपा दिखाती रही। भाजपा का कहना था कि कहीं जल बोर्ड ने सड़कें उखाड़ तो दीं, लेकिन उन्हें सही नहीं किया। वहीं तमाम इलाकों में 10 साल में एक बार भी सड़क नहीं बनी। खराब सड़कों की रिपेयरिंग तक नहीं हो सकी। यहां तक कि अरविंद केजरीवाल ने भी सड़कों की बदहाली को स्वीकार किया था और उनका कहना था कि हम इस मोर्चे पर काम नहीं कर सके। पानी के टैंकर और पलूशन का भी असर दिल्ली के कई इलाकों में टैंकर माफिया के सक्रिय होने और गर्मी के मौसम में हर साल पानी की किल्लत की खबरें आती रही हैं। एक तरफ फ्री बिजली और पानी देने के वादे तो कहीं पानी की ही किल्लत होने से दिक्कतें आईं। माना जा रहा है कि जनता ने पानी की परेशानी के नाम पर भी वोट दिया। एक तरफ भाजपा ने फ्री वाली स्कीमों को जारी रखने का वादा किया तो वहीं सुधार की भी बात कही। माना जा रहा है कि दिल्ली के लोगों ने पानी और सड़क के नाम पर भाजपा को मौका देने का फैसला लिया है। मुस्लिम वोटों का बंटवारा, दिल्ली दंगों ने बदला माहौल ओखला से लेकर मुस्तफाबाद तक में भाजपा ने बढ़त कायम की है। यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने वोट काटे हैं तो वहीं कांग्रेस को भी मुस्लिमों का वोट मिला है। इस बार मुस्लिमों के बीच आम आदमी पार्टी के लिए एकतरफा वोटिंग नहीं हुई। माना जा रहा है कि इसके चलते भाजपा को सीधे बढ़त मिली है। कई मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने इस बात की शिकायत की कि 2020 के दंगों में अरविंद केजरीवाल ने साथ नहीं दिया। इसके अलावा कोरोना काल में मुस्लिमों को बदनाम किया गया। ऐसे में मुस्लिम वोटों का AAP के पक्ष में एकजुट न रहना उसके लिए झटके के तौर पर सामने आया है। 8वां वेतन आयोग, पेंशन और टैक्स राहत के ऐलान से भाजपा के साथ सरकारी कर्मी? आरके पुरम जैसी सीट पर भाजपा आगे है। यह सीट सरकारी कर्मचारिचों के बहुलता वाली मानी जाती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा को समर्थन किया है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम और फिर 8वां वेतन आयोग घोषित करके भाजपा ने दिल्ली चुनाव में सरकारी कर्मचारियों को लुभा लिया। यही नहीं 1 फरवरी को ही आए बजट में 12 लाख रुपये तक ही कमाने वालों की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इसका फायदा पार्टी को चुनाव में मिला है। आरएसएस ने संभाला मोर्चा, एकजुटता से लड़ा संगठन भाजपा ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सातों सीटें पाई थीं। लेकिन कुछ राज्यों में झटका लगा था तो आरएसएस के साथ तालमेल को लेकर सवाल उठा था। इस बार भाजपा और आरएसएस के बीच बेहतर तालमेल दिखा। यही नहीं संघ के लोगों को बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह भाजपा और संघ के आनुषांगिक संगठनों में अच्छा समन्वय दिखा। माना जा रहा है कि इसका असर ग्राउंड पर दिखा और अब नतीजा सामने है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

दो सीटों से चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वो सिर्फ एक सीट से चुनाव लड़ेंगे

नई दिल्ली दिल्ली विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। 5 फरवरी को दिल्ली में वोटिंग होनी है। चुनावों के ऐलान से पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली की दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने सभी अटकलों पर ब्रेक लगाते हुए अपना मूड बता दिया। अटकलों को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वो सिर्फ एक सीट से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि विधानसभा चुनावों के की सुगबुगाहट के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ेंगे। इस मामलो को लेकर भाजपा ने भी हवा दी थी। भाजपा का कहना था कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव में जीत को लेकर अश्वस्त नहीं हैं, इसलिए वो दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, अब इन सभी अटकलों विराम लगाते हुए केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वो सिर्फ नई दिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने तेजी दिखाते हुए सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। 'आप' कैंडिडेट लिस्ट में जानकारी सामने आई, जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सीट बदल गई थी। सिसोदिया की सीट पटपड़गंज विधानसभा से मशहूर शिक्षक और यूट्यूबर अवध ओझा पर आम आदमी पार्टी ने भरोसा जताया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री आतिशी कालका जी और मनीष सिसोदिया को इस बार के चुनावों में जंगपुरा सीट से मैदान में उतारा है। इसके अलावा आप ने सभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान पहले ही कर दिया था। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के ऐलान के बाद अब भाजपा के प्रत्याशियों का ऐलान बाकी है। हालांकि, भाजपा ने भी 29 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39