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हाईकोर्ट ने कहा केंद्र सरकार हमें लिखकर दें कि BMHRC और AIIMS विलय का प्लान नहीं

भोपाल  गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए उचित चिकित्सा सुविधा की मांग वाली याचिका पर एमपी हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केंद्र से लिखित में जवाब मांगा है कि एम्स-भोपाल और बीएमएचआरसी का विलय नहीं किया जाएगा। यह मामला 1984 के भोपाल गैस पीड़ितों के इलाज से जुड़ा है। पीड़ितों के लिए काम करने वाला संगठन ने किया विरोध दरअसल, गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले एक NGO ने BMHRC को AIIMS में मिलाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने ICMR और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए वकील विक्रम सिंह से यह लिखित जवाब मांगा है कि दोनों अस्पतालों का विलय नहीं होगा। ICMR के पास है प्रशासनिक नियंत्रण गौरतलब है कि BMHRC, ICMR के प्रशासनिक नियंत्रण में है। सुनवाई के दौरान, विक्रम सिंह ने कहा कि विलय के प्रस्ताव को पहले ही ठुकराया जा चुका है। अदालत को बताया गया कि एक NGO ने गैस पीड़ितों की बेहतर देखभाल के लिए दोनों अस्पतालों को मिलाने के लिए पत्र लिखा था। इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने 2018 में स्वास्थ्य मंत्रालय को विलय का प्रस्ताव भेजा था लेकिन इसे ठुकरा दिया गया था। विलय का हो रहा था विरोध हालांकि, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन (BGIA), जिसने विलय का विरोध करते हुए आवेदन दिया था। संगठन ने कहा कि AIIMS-भोपाल और BMHRC के विलय के लिए एक कैबिनेट नोट फिर से चलन में है। इसके बाद, अदालत ने केंद्र सरकार से लिखित जवाब मांगा कि विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है। डिजिटलीकरण के लिए निकाला जाएगा टेंडर अदालत को केंद्र की ओर से यह भी बताया गया कि भोपाल गैस पीड़ितों के मेडिकल रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के लिए एक टेंडर निकाला गया था, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया, क्योंकि केवल एक ही प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। सरकारी वकील ने कहा कि एक और टेंडर निकाला जाएगा। रिपोर्ट पेश करने को कहा उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (NIREH), भोपाल को अगस्त 2012 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। दरअसल, BGIA ने आरोप लगाया था कि NIREH ने 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सौंपे गए काम को छोड़ दिया था। BGIA का आरोप है कि NIREH, भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य पर MIC गैस के प्रभाव के बजाय दूसरे विषयों पर शोध कर रहा था। गौरतलब है कि अगस्त 2012 में, सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों की चिकित्सा देखभाल के लिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग करने वाली जनहित याचिका को मप्र उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया था। न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन भी किया गया था, ताकि गैस पीड़ितों को प्रदान की जा रही चिकित्सा सुविधाओं पर नजर रखी जा सके और अपनी सिफारिशों के साथ मप्र उच्च न्यायालय को त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। बाद में, याचिकाकर्ताओं ने एक अवमानना याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि निगरानी समिति की सिफारिशों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन केंद्र और राज्य सरकारों और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

BMHRC में सिकल सेल के मरीजों को समस्त उपचार सुविधाएं निश्शुल्क, विशेष वार्ड तैयार

भोपाल  राजधानी के करोंद इलाके में स्थित भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) में अब सिकल सेल बीमारी की जांच से लेकर पूरा उपचार हो सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने बीएमएचआरसी को सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र का दर्जा दिया है। इस तरह का यह मध्य प्रदेश का पहला संस्थान है। केंद्र सरकार की पहल पर हो रहा काम केंद्र सरकार ने 27 जून 2023 को मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने बीएमएचआरसी में सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र बनाने का फैसला किया। सिकल सेल के मरीजों के लिए यह सक्षमता केंद्र निश्शुल्क होगा। ये उपचार सुविधाएं उपलब्ध केंद्र में सिकल सेल की स्क्रीनिंग का काम शुरू हो गया है। इसके लिए अस्पताल में सभी आवश्यक मशीनें आ गई हैं। जल्द ही सिकल सेल के मरीजों के लिए अलग ओपीडी होगी, जहां ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के डाक्टर मरीजों को परामर्श देंगे। मरीजों एवं उनके स्वजनों के लिए क्लीनिकल हेमेटोलाजिस्ट व बाल्य रोग विशेषज्ञ उपस्थित होंगे। मरीजों की काउंसलिंग की जाएगी। दर्द से जूझ रहे सिकल सेल के मरीजों का पेन क्लिनिक में उपचार होगा। हाथ-पैरों में जकड़न की समस्या से ग्रस्त मरीजों को फिजियोथैरेपी की सुविधा मिलेगी। जरूरत पड़ने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती भी किया जाएगा। सिकल सेल बीमारी के लिए यह प्रदेश के 12 जिलों के लिए रेफरल सेंटर की तरह काम करेगा। इन जिलों में स्थित स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल मरीजों को जांच व उपचार के लिए यहीं भेजेंगे। स्पेशल वार्ड तैयार इसके लिए अलग छह बिस्तरों का सिकल सेल वार्ड तैयार किया गया है। मरीजों को निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र में जल्द ही एक टेलिमेडिसिन सेंटर भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत एक फोन नंबर जारी किया जाएगा। सिकल सेल से प्रभावित कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर फोन करके बीमारी के बारे में सलाह ले सकता है। 17 राज्यों के प्रतिनिधियों ने किया दौरा राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का प्रशिक्षण लेने भोपाल आए 17 राज्यों के नोडल अधिकारियों ने बुधवार को बीएमएचआरसी के सिकल सेल एनीमिया सक्षमता केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने बारीकियों को जाना। प्रतिनिधिमंडल ने मालिक्यूलर लैब एवं आनुवांशिक लैब, सिकल सेल वार्ड, फिजियोथैरेपी विभाग व अन्य स्थानों का दौरा भी किया। इनका कहना है यह हमारे लिए गर्व की बात है कि केंद्र सरकार ने बीएमएचआरसी को सिकल सेल जैसी बीमारी के लिए सक्षमता केंद्र बनाया है। यहां मरीजों के लिए निश्शुल्क उपचार सुविधाएं दी जाएंगी। – डा. मनीषा श्रीवास्तव, सक्षमता केंद्र की प्रभारी व बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32