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बोत्सवाना से मध्य प्रदेश में लाए जाएंगे आठ और चीते, मई महीने में आएंगे चार

भोपाल दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से आठ चीतों को दो चरणों में मध्य प्रदेश में लाया जाएगा। मई 2025 तक बोत्सवाना से चार चीतों को भारत लाने की योजना है। इसके बाद चार और चीतों को लाया जाएगा। प्रोजेक्ट चीता के तहत चीतों को अब गांधी सागर अभयारण्य में भी चरणबद्ध तरीके से स्थानांतरित किया जाएगा।   जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को भोपाल में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में चीता परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। एनटीसीए अधिकारियों ने बताया कि अब तक देशभर में चीता परियोजना पर 112 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं, जिसमें से 67 प्रतिशत व्यय मध्य प्रदेश में चीता पुनर्वास पर खर्च किया गया है। चीता प्रोजेक्ट पर अब तक खर्च हो चुके 112 करोड़ भारत और केन्या के बीच भी अनुबंध पर सहमति बनाई जा रही है। देश में चीता प्रोजेक्ट पर अब तक 112 करोड़ रुपये से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है। प्रोजेक्ट चीता के तहत ही अब गांधी सागर अभयारण्य में भी चीते चरणबद्ध रूप से विस्थापित किए जाएंगे। भूपेंद्र यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में चल रहे वन्य प्राणियों की पुनर्वास परियोजनाओं की देखरेख के लिए वन, पर्यटन, पशु चिकित्सा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक टास्क फोर्स बनाया जाए। श्योपुर के 80 गांवों के 400 चीता मित्रों को प्रशिक्षित करने का अनुबंध कर सकते हैं। चीतों को गांधी सागर अभयारण्य में लाया जाएगा प्रोजेक्ट चीता के तहत राजस्थान की सीमा से सटे गांधी सागर अभयारण्य में चरणबद्ध तरीके से चीतों को बसाया जाएगा। अत: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच अंतरराज्यीय चीता संरक्षण क्षेत्र स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के बारे में जानकारी देते हुए वन अधिकारियों ने बताया कि वहां 26 चीते हैं, जिनमें से 16 खुले जंगल में और 10 पुनर्वास केंद्र (बाड़ों) में हैं। अधिकारी ने बताया कि चीतों पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट कॉलर आईडी का उपयोग करके 24 घंटे ट्रैकिंग की जाती है। चीतों की जा रही है निगरानी अधिकारियों ने कहा कि चीतों की निगरानी के लिए ‘सैटेलाइट कॉलर आईडी’ का उपयोग करके 24 घंटे निगरानी की जा रही है।  अधिकारियों ने बताया कि मादा चीता ज्वाला, आशा, गामिनी और वीरा ने शावकों को जन्म दिया है। इतना ही नहीं, केएनपी में पर्यटकों की संख्या दो साल में दोगुनी हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक पांच मादा और तीन नर सहित आठ नामीबियाई चीतों को 17 सितंबर, 2022 को केएनपी में छोड़ा गया था। उनके मुताबिक फरवरी 2023 में, 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में स्थानांतरित किया गया। वर्तमान में, केएनपी में 26 चीते हैं, जिनमें भारत में जन्मे 14 शावक शामिल हैं। चीतों के कदम पड़ते ही बदल जाएगी गांधीसागर की रंगत इस बीच मंदसौर से खबर है कि गांधीसागर अभयारण्य को भारत में चीता पुनर्स्थापन योजना के तहत चीतों का दूसरा घर बनने में अब महज एक दिन शेष है। कूनो नेशनल पार्क से दो नर चीते यहां छोड़े जा रहे हैं। चीतों के यहां आने के बाद निश्चित ही गांधीसागर व आस-पास के क्षेत्र की रंगत बदल जाएगी। यहां पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी और निश्चित ही गांधीसागर, रामपुरा, भानपुरा की अर्थव्यवस्था भी बदलेगी। वहीं अभयारण्य के लिहाज से देखे तो यहां की जैव विविधता भी समृद्ध होगी। चीते के आने से इसमें भी सितारे जड़ जाएंगे। गांधीसागर अभयारण्य में अभी तो चीते बाड़ों में ही रखे जाएंगे। कुछ माह बाद इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके बाद गांधीसागर व आस-पास के नगरीय क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में भी परिवर्तन आएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

चीतों के लिए नया घर तैयार:गांधीसागर अभयारण्य में चीतों के लिए बड़े बाड़े तैयार, जन्मे दो नर चीतों को 20 अप्रैल को किया जाएगा रिलीज

भोपाल  मध्य प्रदेश में चीतों का दूसरा घर यानी गांधी सागर अभयारण्य जल्द ही चीतों से आबाद होने जा रहा है। यहां चीतों को बसाने की तारीख तय हो गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि 20 अप्रैल को गांधी सागर अभ्यारण्य में 2 चीतों को कूनो से यहां शिफ्ट किया जाएगा।  कूनो नेशनल पार्क के बाद अब गांधी सागर अभयारण्य चीतों का दूसरा रहवास स्थल हो जाएगा। बताया जा रहा है कि चीतों की शिफ्टिंग के लिए चीता स्टीयरिंग कमेटी ने अपनी हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव के बीच आज गुरुवार को होने वाली बैठक के बाद शिफ्टिंग की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। मध्यप्रदेश के कूनो में इस समय कुल 26 चीते हैं। इनमें 12 वयस्क और 14 शावक शामिल हैं। इनमें से 6 वयस्क और 11 शावक, यानी कुल 17 चीते, कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं। वन विभाग ने शुरू कर दी तैयारी अफ्रीका, केन्या के प्रतिनिधिमंडलों और केंद्र सरकार की सात सदस्यीय हाइपावर कमेटी के निरीक्षण के बाद आखिरकार तय हो गया कि भारत की धरती पर जन्म लेने वाले चीतों से ही गांधीसागर आबाद होना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की हां होते ही वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। दो नर चीतों को लाया जा रहा है फिलहाल यहां कूनो नेशनल पार्क में जन्मे लेने वाले दो नर चीतों को लाया जा रहा है। उन्हें 20 अप्रैल को यहां छोड़ा जाएगा। इसकी तैयारी गांधीसागर अभयारण्य में काफी समय पहले से चल रही थी। मंदसौर के डीएफओ संजय रायखेरे ने बताया कि 6400 हेक्टेयर में चीतों के लिए बड़े बाड़े बनकर तैयार हैं। इनमें आठ क्वारंटाइन बाड़े भी हैं। शुरुआत में चीतों को क्वारंटीन बाड़ों में रखा जाएगा। गांधीसागर अभयारण्य को अनुकूल बताया था बता दें कि केंद्र सरकार की सात सदस्यीय हाइपावर कमेटी ने निरीक्षण के बाद दिल्ली में वन मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में गांधीसागर अभयारण्य को चीतों के लिए पूरी तरह से अनुकूल बताया था, तो केंद्र सरकार ने यहां कूनो से ही चीते भेजने का निर्णय लिया है। विशेषज्ञों ने बाड़े, क्वारंटाइन बाड़ों, हाइमास्ट कैमरा, जलस्रोत मानीटरिंग के लिए बनाए गए स्थल और उपचार केंद्र सहित सभी तैयारी देखी हैं। बड़े जानवरों का शिकार नहीं कर सकता चीता चीता बड़े जंगली जानवरों का शिकार नहीं कर सकता है। ऐसे में गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में 1250 चीतल और हिरणों को चीतों के भोजन के लिए छोड़ने का लक्ष्य है। अभी तक करीब 472 हिरण-चीतल छोड़े गए हैं। भोपाल के वन विहार, नरसिंहगढ़ सेंचुरी और कान्हा टाइगर सफारी आदि स्थानों से हिरण व चीतल को पकड़कर यहां छोड़े जा रहे हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पानी पिलाने वाले कर्मचारी को वापस मिली नौकरी, फूल-माला और मिठाई से हुआ स्वागत

श्योपुर कूनो नेशनल पार्क में चीतों को पानी पिलाने वाले ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को फिर से काम पर रख लिया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। वीडियो में वह चीतों के नजदीक जाकर पानी पिला रहे थे। सोशल मीडिया पर लोगों और गुर्जर समाज ने उनका समर्थन किया। इसके बाद पार्क प्रबंधन ने उन्हें वापस बुला लिया। समाज ने फूल और मिठाई से उनका सम्मान भी किया। वायरल वीडियो की विभागीय जांच अभी जारी है। नौकरी से निकालने के बाद वापस रखा कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला और उसके बच्चों को पानी पिलाने के बाद सत्यनारायण गुर्जर चर्चा में आए थे। वन विभाग से जुड़ी एक निजी गाड़ी के ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को वीडियो वायरल होने के बाद हटा दिया गया था लेकिन अब उन्हें वापस रख लिया गया है। तीन दिन बाद सत्यनारायण अपने समाज के सम्मान समारोह में पहुंचे। वीडियो पर क्या बोले सत्यनारायण सत्यनारायण ने वीडियो की सच्चाई बताते हुए कहा, 'जब से कूनो में चीते आए हैं, मैं उनसे जुड़ा हुआ हूं। मेरी निजी गाड़ी ट्रैकिंग टीम के लिए किराए पर ली गई थी। उस दिन चीते प्यासे थे, तो मैंने उन्हें पानी पिला दिया। वीडियो वायरल होने के बाद मुझे हटा दिया गया, लेकिन एक दिन पहले पार्क प्रबंधन ने मुझे वापस बुला लिया। अब कोई शिकवा नहीं है।' वीडियो वायरल होने से मचा था हड़कंप पिछले शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक युवक जंगल में चीता ज्वाला और उसके बच्चों को पानी पिला रहा था। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया था। जांच में पता चला कि यह युवक सत्यनारायण गुर्जर है। वह चीता ट्रैकिंग टीम की अनुबंधित निजी गाड़ी का ड्राइवर है। पार्क प्रबंधन ने इसे नियमों का उल्लंघन माना और उसे तुरंत हटा दिया। हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स और गुर्जर समाज ने सत्यनारायण का समर्थन किया। मामला बढ़ने पर प्रबंधन ने उन्हें वापस काम पर रख लिया। फूल माला पहनाकर किया स्वागत मंगलवार को सत्यनारायण श्योपुर के ढेंगदा गांव में गुर्जर समाज के भगवान देव नारायण मंदिर पहुंचे। वहां समाज के लोगों ने उन्हें फूल माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। सत्यनारायण ने कहा, 'मेरे परिवार की कई पीढ़ियां जंगल में रहती आई हैं। मुझे जानवरों से लगाव है। उस दिन ट्रैकिंग टीम के साथ था, तो सुबह चीते प्यासे दिखे। मैंने उन्हें पानी पिला दिया। किसी ने वीडियो बना लिया, जो वायरल हो गया। डीएफओ के निर्देश पर मुझे हटा दिया गया था, लेकिन अब वापस बुलाया गया है। मैं प्रशासन का आभारी हूं।' श्योपुर गुर्जर समाज के अध्यक्ष देवी शंकर गुर्जर ने कहा, 'सत्यनारायण ने प्यासे चीतों को पानी पिलाकर गौरवपूर्ण कार्य किया। इसलिए हमने उनका सम्मान किया।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

‘गामिनी’ और 4 शावकों को मिली आजादी… Kuno के खुले जंगल में अब 17 चीते

 श्योपुर भारत की महत्वाकांक्षी चीता संरक्षण परियोजना के तहत सोमवार को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (KNP) में एक और बड़ा कदम उठाया गया. दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता गामिनी और उसके 4 शावकों को पार्क के खजूरी वन क्षेत्र में खुले जंगल में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया. सिंह परियोजना के डायरेक्टर ने बताया कि मां और चारों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं. खजूरी वन क्षेत्र अहेरा पर्यटन जोन का हिस्सा है, जिसके कारण अब पर्यटकों को सफारी के दौरान चीतों को देखने का मौका मिल सकता है. 17 चीते अब खुले जंगल में गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़े जाने के बाद अब कूनो नेशनल पार्क में 17 चीते खुले में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी चीते स्वस्थ हैं गामिनी ने 10 मार्च, 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बाद में दो शावकों की मौत हो गई. इससे पहले, 21 फरवरी 2025 को नामीबियाई मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को भी केएनपी के जंगल में छोड़ा गया था. चीता परियोजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (पांच मादा और तीन नर) को कूनो नेशनल पार्क में छोड़कर इस ऐतिहासिक परियोजना की शुरुआत की थी. इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 अतिरिक्त चीतों को केएनपी में स्थानांतरित किया गया. इस परियोजना का उद्देश्य भारत में चीतों की विलुप्त प्रजाति को पुनर्जनन करना और वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देना है. KNP में चीतों की कुल संख्या 26 वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में चीतों की कुल संख्या 26 हो गई है, जिसमें भारतीय धरती पर जन्मे 14 शावक शामिल हैं. यह परियोजना न केवल जैव विविधता को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है. गामिनी और उसके शावकों को जंगल में छोड़ने से चीता संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिली है. खाजुरी वन क्षेत्र में छोड़ा गया गामिनी और उसके शावकों को अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि गामिनी और उसके 12 माह के चार शावकों (दो नर और दो मादा) को श्योपुर जिले के खाजुरी वन क्षेत्र में छोड़ा गया है। यह क्षेत्र अहेरा टूरिज्म ज़ोन का हिस्सा है, जिससे अब पर्यटकों को जंगल सफारी के दौरान चीतों को देखने का मौका मिल सकता है। वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि कूनो नेशनल पार्क में चीतों की बढ़ती संख्या से पर्यटकों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। गामिनी के पहले शावकों की जानकारी गामिनी ने 10 मार्च 2024 को अपने पहले लिटर में छह शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बाद में दो शावकों की मृत्यु हो गई थी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

गामिनी कूनो को गुलजार करेगी, अफ्रीकी मादा चीता को लेकर सीएम मोहन यादव ने दी खुशखबरी

श्योपुर  कूनो नेशनल पार्क अब चीतों को सूट करने लगा है. यहां 26 चीतों का कुनबा अब प्रकृति से तालमेल बिठाने में कामयाब हो रहा है. यही वजह है कि अब सरकार भी इन्हें एक के बाद एक बाड़े से खुले जंगलों में छोड़ती जा रही है. कूनो प्रबंधन ने अब तक 12 चीतों को बाड़े से खुले जंगल में आजाद किया था, वहीं एक बार फिर एक मादा चीता और उसके चार शावकों को यहां छोड़ा जा रहा है. खुले जंगल में होगा 17 चीतों का दीदार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यह खुशखबरी देते हुए कहा, " कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा! कूनो नेशनल पार्क के खजूरी पर्यटन जोन में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता गामिनी अपने दो नर और दो मादा शावकों के साथ कल खुले जंगल में छोड़ी जाएगी. सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा, जिससे निश्चित ही पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी. मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पित है." बता दें कि पर्यटन के लिहाज से भी यह एक बड़ा कदम है क्योंकि लंबे अरसे से भारत में सैलानियों को चीतों के दीदार की आस है और हाल ही में जंगल में आजाद छोड़े गए चीते पर्यटकों की नजर में आने लगे हैं. ऐसे में पांच और चीतों को छोड़े जाने से चीता सफारी में साइटिंग की उम्मीदें और बढ़ गई हैं. अब कूनो में 17 चीतों को सफारी के दौरान देखा जा सकता है.         कूनो में बढ़ेगा चीतों का कुनबा !         कूनो नेशनल पार्क के खजूरी पर्यटन जोन में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता गामिनी अपने दो नर और दो मादा शावकों के साथ कल खुले जंगल में छोड़ी जाएगी। सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा जिससे निश्चित ही…         — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) March 16, 2025 कूनो में कब-कब कितने चीते छोड़े गए? सबसे पहले 4 दिसम्बर 2024 को नर चीता पावन और अग्नि को जंगल में छोड़ा गया था. इसके बाद इसी साल 2 बार कुल 10 चीतों को छोड़ा जा चुका है. 6 फरवरी 2025 को मादा चीता धीरा, आशा और तीन शावक तो मुख्यमंत्री ने आजाद किया था. वहीं 21 फरवरी 2025 को मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को जंगल में रिलीज किया गया था. वहीं अब 17 मार्च 2025 को मादा अफ्रीकी चीता गामिनी, उसके दो नर शावक और दो मादा शावक जंगल में छोड़े जा रहे हैं. 17 मार्च को 17 होगी आजाद चीतों की संख्या कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन द्वारा 12 चीतों को आजाद किया जा चुका है. इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 21 परवरी को 5 चीतों को रिलीज किया था. वहीं अब 17 मार्च को 5 और चीते कूनो के खुले जंगलों में छोड़े जाने से इनकी संख्या 17 पहुंच जाएगे. सोमवार को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता गामिनी और उसके दो नर शावक और दो मादा शावक खुले जंगल में तूफानी रफ्तार से दौड़ते नजर आएंगे. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

कूनो की रानी कहलाने वाली मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बने हुए

श्योपुर मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में विदेशी और भारतीय चीते अब न केवल जंगल में दौड़ते नजर आ रहे हैं, बल्कि पर्यटकों को भी खुली आंखों से दिखाई दे रहे हैं. वर्तमान में कूनो के खुले जंगल में 12 चीते स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं, जिससे पार्क में आने वाले पर्यटकों को इनका लगातार दीदार हो रहा है. चीतों की मौजूदगी से न सिर्फ पर्यटकों का रोमांच बढ़ रहा है, बल्कि उनकी संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा है.   कूनो की रानी कहलाने वाली मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावक पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बने हुए हैं. बीते शुक्रवार को पार्क में आए पर्यटकों का उत्साह उस समय चरम पर पहुँच गया, जब यह चीता परिवार उनके सामने आ गया. कुछ पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें और वीडियो कैद किए, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. इन तस्वीरों में ज्वाला और उसके शावकों की जंगल में चहलकदमी और मस्ती साफ दिखाई दे रही है. यह चीता परिवार अहेरा पर्यटन जोन में घूम रहा है, जो खुले जंगल में रिलीज किए गए 12 चीतों का हिस्सा है. पर्यटकों का अनुभव कूनो में चीतों को देखने आए निवेश यादव ने बताया, "हमारा अनुभव बेहद शानदार रहा. कूनो नेशनल पार्क का जंगल बहुत अच्छा है. हमें मादा चीता ज्वाला और उसके चार शावकों को देखने का मौका मिला. निजी सफारी संचालक आदर्श गुप्ता के साथ हमने पाँच चीतों को देखा और उनके फोटो-वीडियो भी बनाए. पिछले दो साल से हम चीतों का दीदार करने को उत्सुक थे, आज हमारा इंतजार पूरा हुआ." पर्यटकों का कहना है कि चीतों को इतने करीब से देखना उनके लिए एक यादगार पल रहा. कूनो में चीतों की स्थिति कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं. इनमें से 12 चीते खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और अपना शिकार कर रहे हैं, जबकि शेष 14 चीते अभी बड़े बाड़ों में रखे गए हैं. पार्क के अधिकारियों का कहना है कि चीतों की बढ़ती संख्या और उनकी जंगल में मौजूदगी से पर्यटन को नई गति मिल रही है. पर्यटन को बढ़ावा चीतों के आने से कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है. ज्वाला और उसके शावकों की मौजूदगी ने पार्क को वन्यजीव प्रेमियों के बीच और आकर्षक बना दिया है. यह प्रोजेक्ट न केवल चीतों की संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय पर्यटन और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दे रहा है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

मध्य प्रदेश के जंगल में अब आजाद हो जाएंगे चीते, कूनो में पर्यटकों की भी मौज

भोपाल अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस, 4 दिसंबर को, कूनो नेशनल पार्क में चीते अग्नि और वायु को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। यदि सब ठीक रहा, तो बाकी चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से उनके बाड़ों से आजाद किया जाएगा। यह चीता पुनर्स्थापना परियोजना का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लगभग 70 वर्षों के बाद भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है। पर्यटकों को इन राजसी जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनोखा अवसर मिलेगा। आधे से अधिक हैं शावक कूनो में 24 चीते, जिनमें से आधे शावक हैं, एक साल से भी ज्यादा समय से सुरक्षा के लिए बाड़ों में रह रहे हैं। कई चीतों की मौत हो गई है, कुछ का कारण भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल होने में कठिनाई बताया गया है, और कुछ की मौत के कारण अस्पष्ट हैं। भटकने वाला पवन नाम का चीता अकेला जंगल में था, लेकिन इस साल अगस्त में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया। उसकी मौत एक बड़ा झटका थी और बाकी 24 चीतों के जंगल में छोड़ने पर एक सवालिया निशान लग गया। चीता दिवस पर मिलेगी खुशखबरी लेकिन 2024 का चीता दिवस खुशियों की किरण लाने वाला है। राजेश गोपाल की अध्यक्षता वाली एक संचालन समिति 3 दिसंबर को कूनो का दौरा करेगी। यह चीतों को छोड़ने की अंतिम तैयारियों की समीक्षा करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि संरक्षित बाड़ों से जंगल में सुचारु रूप से बदलाव के लिए सभी साजो-सामान, सुरक्षा और बचाव के उपाय मौजूद हों। अग्नि और वायु हैं सबसे मजबूत अग्नि और वायु सबसे तेज और सबसे मजबूत चीतों में से हैं, इसलिए उन्हें पथप्रदर्शक के रूप में चुना गया है। जंगल में उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपने नए वातावरण में अच्छी तरह से ढल जाएं। अधिकारियों ने कहा कि पर्यटकों को इन राजसी जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनोखा अवसर मिलेगा। चीतों को देखने का मिलेगा मौका पिछले चीता रिलीज के विपरीत, जहां आगंतुक केवल तेज चीतों की दूर से झलक ही पाते थे, खुला जंगल करीब से देखने का मौका दे सकता है, हालांकि उनकी सुरक्षा के लिए अभी भी एक नियंत्रित वातावरण में। भाग्यशाली लोग चीतों को शिकार करते हुए भी देख सकते हैं। 70 साल बाद चीते देखने को मिलेंगे चीतों को जंगल में छोड़ना चीता पुनर्स्थापना परियोजना में एक मील का पत्थर होगा। यह लगभग 70 वर्षों के बाद जंगली चीता आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है। कई चीतों की मौत चिंता का विषय रही है। कुछ मौतें भारतीय परिस्थितियों के अनुकूलन की कठिनाई के कारण हुईं, जबकि कुछ अस्पष्टीकृत रहीं। पवन की रहस्यमयी मौत ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। यह चीता पुनर्स्थापना परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। संचालन समिति चीतों के जंगल में सफलतापूर्वक संक्रमण सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए प्रतिबद्ध है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24