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एम्स भोपाल ने कोरोना मरीजों के उपचार के लिए कसी कमर, 20 बेड का वार्ड तैयार,टास्क फोर्स का किया गठन

भोपाल देश में कोरोना के दो नए वैरिएंट के मामले एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगे हैं। मध्यप्रदेश में अब तक इंदौर में 6 मामले ही सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य संस्थाओं को सारी तैयारियां करने के निर्देश भी दिए हैं। एम्स भोपाल ने भी कोरोना मरीजों के उपचार के लिए तैयारियां तेज कर दी है। जानकारी के मुताबिक एम्स में 20 बेड का जनरल वार्ड तैयार कर लिया गया है। वहीं वेंटीलेटर से युक्त एक आईसीयू भी कोविड मरीजों के लिए तैयार किया गया है। टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। जबकि जिला अस्पताल जेपी और हमीदिया में किसी तरह की तैयारी नहीं दिख रही है। लोगों को जागरूक होना जरूरी कोरोन के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट (जेएन. 1) के दो सब-वैरिएंट (एनबी. 1.8.1 और आईएफ 7) एक्टिव हैं। एमपी में अभी तक इंदौर में 6 मरीज मिले हैं। जिसमें से एक वृद्धा की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना नियंत्रण में है, लेकिन लोगों को जागरूक होना जरूरी है। जो लोग विदेश से यात्रा कर लौटे हैं, उन्हें एहतियातन जांच कराना चाहिए। यदि सर्दी-जुकाम या वायरल से पीड़ित होते हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं और ट्रैवल हिस्ट्री भी न छिपाएं। चार साल में धूल खा रही मशीन हमीदिया अस्पताल में कोरोना के वैरिएंट की जांच करने वाली जीनोम सिक्वेसिंग मशीन धूल खा रही है। गौरतलब है कि चार साल पहले कोरोना लहर के दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने जीएमसी में पांच करोड़ रुपए की लागत से जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन स्थापित की थी। लेकिन तब से अब तक इस मशीन से एक भी टेस्ट नहीं हो सका। यही नहीं जीएमसी की वायरोलॉजी लैब की हालत भी खराब है। यहां कोरोना टेस्ट के लिए रिएजेंट तक नहीं है।  नए वेरिएंट से डर नहीं बचाव है जरूरी एक बार फिर कोरोनावायरस (Coronavirus in Madhya Pradesh) ने अपना डरावना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. भारत के भी 20 राज्यों में Covid-19 मरीजों की बड़ी संख्या सामने आ रही है. कोविड-19 के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रकोप के असर से मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं है. इंदौर और उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. अब कोविड के नए रूप के बीच एमपी और राजधानी भोपाल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या हाल है और खुद को कैसे बचाना है, भोपाल के वरिष्ठ डॉक्टर सुरेशचंद्र शर्मा से जानिए. कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के बढ़ते असर के बीच भोपाल के रेडक्रॉस हॉस्पिटल में एडिशनल सुपरीटेंडेंट वरिष्ठ डॉक्टर सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस नए वायरस का राजधानी भोपाल में अब तक तो कोई खास असर नहीं दिखा है, हां बस वायरल फीवर और सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या जरूर बढ़ी है लेकिन वो कोविड नहीं है. कोरोना का ये वेरिएंट जरूर नया है, पर हमें अपनी वही पुरानी आदत जैसे- मास्क लगाना और लगातार हाथ धुलने की आदत को अपनाना होगा. कोरोना के खिलाफ एक ही ब्रह्मास्त्र कोविड-19 के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के भारत में केस मिलने के बाद पब्लिक में डर को लेकर डॉ शर्मा ने कहा कि इस वायरस से डरने की नहीं बल्कि हमें वही अपनी पुरानी आदतों को अपनाना होगा. इसके साथ ही कोरोना के खिलाफ हमें सबसे बड़े ब्रह्मास्त्र यानी सैनिटाइजर का लगातार उपयोग करना है. इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अभी जाने से बचना है. बाकी इस बीमारी में डर नहीं बस सावधानी बरतने की जरूरत है. मध्य प्रदेश कोविड से लड़ाई को कितना तैयार? दुनियाभर के कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते केस का डर भारत में भी दिखने लगा है. जिसके चलते केंद्र से लेकर सभी राज्य सरकारें भी स्वास्थ सुविधाओं को पुख्ता करने में जुट गई हैं. कोरोना के इस नए वेरिएंट से लड़ने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भी सभी जिलों को अलर्ट पर रहने को कहा है. जिसके बाद राजधानी भोपाल में भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सीएमएचओ समेत बड़े अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया. भोपाल के सीनियर डॉक्टर सुरेश चंद्र शर्मा ने तैयारियों को लेकर कहा कि भोपाल पूरी तरह से कोरोना के इस नए हमले से लड़ने को तैयार है. नए वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि नए वैरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। एम्स पूरी तरह तैयार है। समय पर जांच, बेहतर इलाज और सही जानकारी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को सही जानकारी मिले और डर की जगह सतर्कता बरती जाए। संस्थान ने तेज जांच और इलाज के लिए जरूरी स्वास्थ्य ढांचा मजबूत किया है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

छत्तीसगढ़ कोरोना फिर पाँव पसार रहा, रायपुर और दुर्ग में आए 2 नए केस

रायपुर भारत सहित दुनिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। छत्तीसगढ़ के दो जिलों में COVID-19 पॉजिटिव दो मरीज मिले हैं, जिसमें एक रायपुर और एक दुर्ग जिला शामिल है। प्रदेश में अब कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। मरीज को सिंगल वार्ड में रखा गया है और इलाज की अलग से विशेष व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पॉजिटिव मरीज के परिजनों का सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही हाल के दिनों में मरीज़ के संपर्क में आए लोगों की ट्रैकिंग और स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर में लगभग 50 वर्षीय एक महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह महिला अवंति विहार इलाके की रहने वाली है। जांच में पाया गया कि महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, जिससे संक्रमण का स्रोत अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। संक्रमित महिला का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। वहीं ​दुर्ग जिले में मिले कोरोना मरीज में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण पाए गए हैं, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्ग सीएमएचओ डॉ. मनोज दानी ने बताया कि कोरोना टेस्ट किए जाने पर मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। मरीज का भिलाई के निजी हॉस्पिटल में इलाज जारी है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भिलाई के सीएम मेडिकल कॉलेज और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में मरीजों के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कोरोना मरीज की पुष्टि होने के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। 24 मई को रायपुर में मिला पहला पॉजिटिव मरीज बता दें कि इससे पहले 24 मई को रायपुर के पचपेड़ी नाका निवासी एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। उक्त मरीज सर्दी-खांसी का रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल पहुंचा था। लक्षणों के आधार पर डॉक्टरों को कोरोना की आशंका हुई, जिसके बाद उसका सैंपल लिया गया। रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद तुरंत उसे आइसोलेट कर इलाज शुरू कर दिया गया। संक्रमित मरीज को एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है, जहां उसका इलाज कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि संक्रमित मरीज का किसी दूसरे राज्य की यात्रा का कोई इतिहास नहीं है। कोविड नियमों का पालन करें, अस्पताल भी जाएं कोरोना कंट्रोल सेंटर के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सावधानियां बरतें। मास्क का उपयोग करें, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें और हाथों को बार-बार धोते रहें। यदि किसी भी तरह के लक्षण महसूस होते हैं तो तत्काल स्वास्थ्य की जांच कराएं। कोरोना संक्रमण को लेकर डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। इधर देश में कोरोना के दो नए वेरिएंट्स को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सप्लाई, वेंटिलेटर और जरूरी दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कवायद तेज कर दी गई हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 18

देश में एक्टिव हुए कोरोना के दो वैरिएंट NB.1.8.1 and LF.7, जानें ये कितने खतरनाक?

नई दिल्ली देश में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है और स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है। मई 2025 के अंत तक भारत में कोविड-19 के एक्टिव केस 1000 का आंकड़ा पार कर चुके हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और बिहार समेत कई राज्यों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिस पर केंद्र और राज्य सरकारों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा केस कहां? कोविड की इस नई लहर में केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बनकर सामने आया है, जहां अब तक 430 से अधिक एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, दिल्ली में 100 से ज्यादा मरीज, महाराष्ट्र में 43 नए केस, और नोएडा में 8 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। पटना में भी संक्रमण ने दस्तक दे दी है, जहां एक मरीज पटना एम्स का डॉक्टर है। नोएडा और पटना में नए केस नोएडा में सामने आए मामलों में से एक व्यक्ति की हाल की यात्रा चेन्नई से रही है, जो नए संक्रमण के प्रसार की आशंका को और गहरा करता है। वहीं बिहार की राजधानी पटना में दो नए केस दर्ज किए गए हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। कोरोना के नए वेरिएंट भारत में इस समय 4 वेरिएंट्स की पुष्टि हो चुकी है:     XFG सीरीज     LF.7 सीरीज     JN.1 सीरीज     NB.1.8.1 सीरीज इन वेरिएंट्स में से JN.1 तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है, जिसके लक्षणों में नाक बहना, गले में खराश, बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। एशिया में भी बढ़ता खतरा भारत के साथ-साथ एशिया के कई देशों में कोरोना मामलों में तेजी देखी जा रही है। हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन में रोज़ नए संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। सिंगापुर और हांगकांग में मौतों की संख्या में भी इजाफा दर्ज हुआ है। कोरोना के दो वैरिएंट NB.1.8.1 and LF.7, जानें ये कितने खतरनाक? पिछले सप्ताह में वायरस के कारण कम से कम सात मौतें हुई हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डेटा के अनुसार इस समय देश में कोरोना वायरस के दो वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 – JN.1 भी पाए गए हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में ख्याल आ सकता है कि यह दोनों वैरिएंट कितने खतरनाक हैं. चलिए हम आपको इस सवाल का जवाब देते हैं. सबसे पहले आपको संक्षेप में इन मामलों के अपडेट बताते हैं.     INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला पाया गया था, जबकि मई में गुजरात में LF.7 के चार मामले सामने आए थे.     अब तक, 22 अलग-अलग देशों के ग्लोबल जीनोम डेटाबेस में NB.1.8.1 वैरिएंट के 58 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और सिंगापुर शामिल हैं. अमेरिका में, कैलिफ़ोर्निया, वाशिंगटन, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान इस वैरिएंट की पहचान की गई थी. कोरोना वायरस के NB.1.8.1 और LF.7 – JN.1 वैरिएंट क्या हैं? इसे जानने के लिए आपको पहले वैरिएंट का मतलब समझना होगा. दरअसल फैलने के लिए एक वायरस किसी होस्ट (इंसान या जानवर) को संक्रमित करता है, वह अपनी बहुत साली कॉपी बनाता है. जब कोई वायरस अपनी कॉपी बनाता है, तो वह हमेशा अपनी एक सटीक कॉपी तैयार करने में सक्षम नहीं होता है. इसका मतलब यह है कि, समय के साथ, वायरस अपने जीन सीक्वेंस (जिन कैसे लाइन में लगे हैं) में थोड़ा अलग होना शुरू कर सकता है. इस प्रक्रिया के दौरान उस वायरस के जीन सीक्वेंस में किसी भी परिवर्तन को म्यूटेशन के रूप में जाना जाता है, और इन नए म्यूटेशन (नए या अलग जीन सीक्वेंस वाले वायरस) वाले वायरस को ही वेरिएंट कहा जाता है. वेरिएंट एक या एक से अधिक म्यूटेशन से भिन्न हो सकते हैं. अब वापस आते हैं कोरोना वायरस के दो वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 – JN.1 पर. NB.1.8.1 और LF.7 दोनों कोरोना के JN.1 वैरिएंट में बदलाव होने से बने हैं आनी वे उप-वंशावली हैं. अभी भारत में सबसे अधिक फैलने वाला वैरिएंट JN.1 ही है. सभी मालूम चले कोरोना मामलों के सैंपल में 53% JN.1 वैरिएंट के ही हैं. इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) का स्थान है. भारत सरकार की तैयारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को विशेष गाइडलाइंस जारी की हैं। टेस्टिंग, ट्रैकिंग और आइसोलेशन पर ज़ोर देने की सिफारिश की गई है, ताकि संक्रमण को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके। क्या कहती हैं ताज़ा रिपोर्ट्स?     दिल्ली में बीते एक हफ्ते में 100+ नए केस सामने आए हैं।     महाराष्ट्र में अब तक कोविड से 5 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।     केरल, कर्नाटक और मुंबई जैसे शहरों में रेड अलर्ट लागू कर दिया गया है। कोरोना वायरस के NB.1.8.1 और LF.7 – JN.1 वैरिएंट कितने खतरनाक? WHO के इन वैरिएंट को लेकर उनके जोखिम का जो शुरुआती मूल्यांकन किया है, उसके अनुसार, NB.1.8.1 वैरिएंट दुनिया भर में कम सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है. फिर भी इसमें A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है. यह दिखाता है कि यह अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैल सकता है और शरीर के इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की क्षमता) को मात दे सकता है. शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि NB.1.8.1 और LF.7 के संक्रमण से सामान्य फ्लू या हल्के COVID-19 के समान लक्षण होते हैं. अधिकांश रोगी अस्पताल में एडमिट हुए बिना घर पर ही जल्दी ठीक हो जाते हैं. यह डेल्टा जैसे पहले के वेरिएंट के उल्टा है, जो अधिक गंभीर बीमारी और उच्च मृत्यु दर का कारण बनता है, खासकर बिना टीकाकरण वाले लोगों में या उनमें जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है . हांगकांग-ताइवान में मरीजों की भीड़…. कोरोना कहां-कहां बरपा रहा कहर? भारत में पिछले एक हफ्ते में कोविड-19 के 752 नए केस रिपोर्ट किए गए हैं. देश में कुल पॉजिटिव मामलों की तादाद 1,000 से ज्यादा हो गई है. केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली ऐसे राज्य हैं, जहां पिछले एक हफ्ते में सबसे ज्यादा नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इसके साथ ही विदेश में भी कोरोना के … Read more

महीनों की शांति के बाद, कोरोना वायरस भारत के शहरों में धीरे-धीरे वापसी कर रहा, 20 राज्यों में आये मामले

नई दिल्ली महीनों की शांति के बाद, कोरोना वायरस भारत के शहरों में धीरे-धीरे वापसी कर रहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में कोविड-19 के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है. इन सभी राज्यों में अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. भारत में दो नए कोविड-19 वेरिएंट- NB.1.8.1 और LF.7 का पता चला है. देश के कम से कम 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के नए मरीज सामने आए हैं. आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य जरूरी उपकरणों के साथ अस्पतालों को अपनी ओर से पूरी तैयारी रखने का निर्देश है. महाराष्ट्र में कोरोना के ज्यादातर नए केस मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे शहरों में रिपोर्ट हो रहे हैं. केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इस महीने कोरोना के नए मामले सामने आए हैं. कर्नाटक में भी बेंगलुरु नए कोविड मामलों का सेंटर बनकर उभरा है. राष्ट्रीय राजधानी में तीन साल में पहली बार कोरोना वायरस के 23 मामले दर्ज किए गए हैं. ज्यादातर मामले हल्के हैं और मरीजों को कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई है. हालांकि, ठाणे और बेंगलुरु में कोरोना संक्रमित दो मरीजों की मौत भी हुई है. कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जिस कोरोना संक्रमित 84 वर्षीय व्यक्ति की बेंगलुरु में मौत हुई, उसे पहले से कई गंभीर बीमारियां थीं. वहीं, ठाणे नगर निगम ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज कालवा अस्पताल में इलाज करा रहे 21 वर्षीय कोविड-19 मरीज की मौत हो गई. केरल में कोविड संक्रमण के सर्वाधिक मामले मई में कोविड संक्रमण के सर्वाधिक 273 मामले केरल में सामने आए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. केरल के अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और खांसी के लक्षण वाले लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है. पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भी कोविड के मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है, जहां 35 संक्रमण दर्ज किए गए हैं. इनमें होसकोटे का नौ महीने का बच्चा भी शामिल है. सांस की गंभीर बीमारी या सांस लेने में दिक्कत का सामना करने वाले लोगों को तत्काल अपना कोविड टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है. मुंबई में मई में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 95 मामले सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र में कोविड संक्रमण के कुल मामलों का सबसे बड़ा हिस्सा है. हालांकि, शहर में अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रही है, केवल 16 मरीज भर्ती हुए हैं. बीएमसी ने सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) जैसे लक्षण वाले सभी मरीजों को अपना कोविड जांच कराने की सलाह दी है. महाराष्ट्र के ठाणे में पिछले तीन दिनों में कोविड के 10 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखा गया है. आंध्र प्रदेश में कोरोना के मामलों में बहुत ज्यादा उछाल नहीं आया है, लेकिन राज्य ने अस्पतालों को वैक्सीन, पीपीई किट और ट्रिपल-लेयर मास्क की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने का निर्देश दिया है. कोविड प्रभावित देशों, खासकर एशियाई देशों से लौटने वालों को कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी गई है. तमिलनाडु में भी मई महीने में अब तक कोरोना संक्रमण के 66 नए मामले दर्ज किए गए हैं. अचानक क्यों बढ़ने लगे कोरोना के मामले? दक्षिण एशिया में कोविड मामलों में उछाल संभवतः JN.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट) के प्रसार के कारण हो रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट काफी एक्टिव है, लेकिन इसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है. कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीजों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और वह चार दिनों के भीतर ठीक हो जाता है. कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, थकावट इत्यादि शामिल हैं. तमिलनाडु में अप्रैल 2025 में NB.1.8.1 की पहचान की गई, जबकि गुजरात में मई में LF.7 के चार मामलों की पुष्टि हुई. इन दोनों को WHO द्वारा 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' के रूप में वर्गीकृत किया गया है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रमुख स्ट्रेन JN.1 बना हुआ है, जो सभी जांच किए गए सैंपल्स के 53% में पाया गया है. इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) आते हैं. NB.1.8.1 और LF.7 जैसे वैरिएंट के सामने आने के बावजूद, कोई सबूत नहीं है कि ये ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बन रहे हैं. इनसे संक्रमित होने वाले मरीजों में लक्षण सामान्य सर्दी या हल्के फ्लू जैसे ही रहते हैं. बढ़ते कोविड मामले कितनी परेशानी की बात? कोरोना संक्रमण में अचानक बढ़ोतरी को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, घबराने की नहीं. उनका कहना है कि पिछले संक्रमणों और टीकाकरण से मिली मजबूत हाइब्रिड इम्युनिटी के साथ, भारत स्थिर स्थिति में है. साथ ही उन्होंने सरकार को नए कोविड वैरिएंट पर कड़ी नजर रखने की सलाह दी है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत में मामूली वृद्धि कोविड-19 संक्रमण की सही संख्या को सही ढंग से नहीं दर्शा सकती है, क्योंकि श्वसन संबंधी लक्षणों वाले कई व्यक्ति कोविड-19 परीक्षण नहीं करवाते हैं. फिर भी, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि वायरस ने अधिक गंभीर बीमारी पैदा करने के लिए म्यूटेशन किया है. वायरस के विकास पर नजर रखने वाले माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स का कहना है कि जब तक वायरस में महत्वपूर्ण विकासात्मक बदलाव नहीं आता, तब तक संक्रमण के पैटर्न या गंभीरता में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. लोगों में बन गई है सेल्फ इम्युनिटी: डॉ. गुलेरिया दिल्ली एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आज तक से बातचीत में कहा कि जो नया वैरिएंट JN.1 सामने आया है, यह 2023 में ही रिपोर्ट हुआ था. कोरोना का यह वैरिएंट पूरी दुनिया में अब सबसे डॉमिनेंट वैरिएंट हो गया है. इस वैरिएंट में कुछ म्यूटेशन हुए हैं, जिसके कारण यह ज्यादा संक्रमणकारी हो गया है. यह लोगों की बॉडी की इम्युनिटी को बायपास करके उनको संक्रमित कर रहा है. लेकिन इससे संक्रमित लोगों में देखा गया है कि लक्षण हल्के होते हैं. अधिकतर लोगों में खांसी, नजला, बुखार, गले में खरास जैसे सामान्य लक्षण ही … Read more

इंदौर में मिले 2 पॉजीटिव मरीज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, मरीजों को घरों में ही किया आइसोलेट. जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर.

इंदौर  मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर कोरोना ने दस्तक दे दी है. यहां जनवरी से अब तक कुल 5 मरीज मिले. फिलहाल दो लोग कॉविड पॉजिटिव पाए गए हैं, जिन्हें उनके घर पर ही आइसोलेट किया गया है. जिन दो लोगों को कोविड पॉजिटिव पाया गया है, उनकी केरल की ट्रैवल हिस्ट्री मिली है. इंदौर के सीएएचओ भूरे सिंह सैत्या के मुताबिक "फिलहाल दोनों मरीजों की स्थिति सामान्य है, इनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं है. दोनों को बुखार, सर्दी, खांसी थी." दोनों मरीजों की मॉनीटरिंग कर रहा स्वास्थ्य विभाग इसके बाद जांच करने पर दोनों पॉजिटिव निकले. स्वास्थ्य विभाग की टीम इन मरीजों की मॉनिटरिंग कर रही है. अच्छी बात यह है जनवरी से लेकर अभी तक सिर्फ 5 मरीज ही इंदौर में मिले हैं, जिसमें से सिर्फ एक की मृत्यु हुई है और यह मृत्यु भी अन्य बीमारियों के चलते भी हुई है. बाकी 4 मरीजों की स्थिति सामान्य है. दो मरीज जो हाल ही में मिले हैं, उनकी पुनः जांच कराई जा रही है. किसी भी प्रकार की कोई ऐसी स्थिति वर्तमान में निर्मित नहीं है कि इंदौर में पॉजिटिव कैसे बढ़ रहे हैं. यह जो कैसे आए हैं यह भी इंदौर के जरूर है लेकिन इनकी ट्रैवल हिस्ट्री भी है. देश में कुल 300 मरीजों का आंकड़ा बता दें कि देश में 300 के करीब संक्रमित मरीजों का आंकड़ा हो गया है. फिलहाल मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, तमिलनाडु, गुजरात और केरल में करीब 259 मामले दर्ज किया जा चुके हैं. हालांकि इन मरीजों की स्थिति सामान्य है. हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में 3 नए मामले सामने आए हैं, जबकि गुजरात में 15 और महाराष्ट्र में 26 मामले दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि वर्तमान में जे एन 1वेरिएंट पाया जा रहा है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर तेज़ी देखी जा रही, अब तक 312 मामले

नई दिल्ली देश के कई इलाकों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसको लेकर सरकारों ने चिंता जताई है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. इसी बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी अस्पतालों को सतर्क रहने और कोविड से निपटने की पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं. ये पहली बार है जब दिल्ली में लगभग तीन वर्षों के बाद COVID-19 मामले सामने आए हैं. वहीं,  गुजरात, हरियाणा, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में कोविड-19 के नए मामले सामने आए हैं. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में सभी अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता के लिए तैयार रहने को कहा गया है. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि गुरुवार तक कोविड-19 के 23 मामले सामने आए हैं और सरकार इस बात की पुष्टि कर रही है कि मरीज दिल्ली के निवासी हैं या उन्होंने शहर से बाहर की यात्रा की है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये पॉजिटिव मामले निजी लैब द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस वेरिएंट में सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण हैं. क्या बोले दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने आजतक से बातचीत में कहा कि आज दिल्ली के तमाम अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के साथ हमने बैठक की है, जिसमें अस्पतालों को निर्देश दिया गया है की कोविड से लड़ने के लिए तमाम तैयारियां की जाए चाहे वह ऑक्सीजन बेड की हो ऑक्सीजन कंसंट्रेट की हो. उन्होंने बातचीत में ये भी बताया की पैनिक होने की जरूरत नहीं है, अभी दिल्ली में कोरोना के जो केस आए हैं. उनकी संख्या में 23 है, सरकार मॉनिटरिंग कर रही है कि यह जो केस दिल्ली में दर्ज किए गए हैं. वह बेशक प्राइवेट लैब के जरिए आए हो, लेकिन क्या वह दिल्ली के हैं या फिर वह बाहर से आए हैं. इन सब की मॉनिटरिंग सरकार कर रही है और जनता को वक्त-वक्त पर अपडेट दिया जाता रहेगा. दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों से कोविड-19 के सभी पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने का निर्देश दिया है. साथ ही दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी मापदंडों की दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है. सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में साफ कहा गया है, 'अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, अन्य दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. सभी उपकरण जैसे वेंटिलेटर, बीआई-पीएपी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पीएसए (प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन) चालू स्थिति में होने चाहिए.' एडवाइजरी के अनुसार, समर्पित कर्मचारियों को रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जा सकता है और सभी स्वास्थ्य सुविधाओं (ओपीडी/आईपीडी) में इन्फ्लूएंजा जैसी रोग (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों की दैनिक रिपोर्टिंग इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पोर्टल पर सुनिश्चित की जानी चाहिए. पुष्टि किए गए इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 मामलों को भी आईएचआईपी पर एल फॉर्म के तहत दर्ज किया जाना चाहिए. एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि अस्पताल कैंपस और स्वास्थ्य सुविधाओं पर मास्क पहनने समेत श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए. सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर अविरल माथुर ने कहा, "जेएन.1 वेरिएंट और इसके सब-वेरिएंट से जुड़े कोविड-19 मामलों में हालिया उछाल के साथ, हमें सावधानी के साथ काम करना चाहिए. यह स्ट्रेन अत्यधिक संक्रामक है. हालांकि, लक्षण ज्यादातर हल्के ही रहते हैं. फिर भी,रोकथाम जरूरी है. दिल्ली में 23 नए केस, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइज़री में सभी अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है . स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार तक कोविड-19 के 23 मामले सामने आए हैं . सरकार यह पुष्टि कर रही है कि मरीज दिल्ली के निवासी हैं या उन्होंने शहर से बाहर की यात्रा की है . स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ये पॉजिटिव मामले निजी लैब द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है . उन्होंने कहा कि इस वेरिएंट में सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण हैं . दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के साथ बैठक की है, जिसमें अस्पतालों को ऑक्सीजन बेड और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया गया है . सरकार निगरानी कर रही है और जनता को समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा . सभी कोविड-19 पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने और सभी स्वास्थ्य डेटा की दैनिक रिपोर्टिंग 'दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल' पर अनिवार्य कर दी गई है . एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अस्पताल परिसर और स्वास्थ्य सुविधाओं पर मास्क पहनने सहित श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन किया जाना चाहिए . गुरुग्राम और अन्य राज्यों में भी दस्तक दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम में भी कोरोना की दस्तक हुई है, जहां दो मरीज मिले हैं . दोनों को फिलहाल आइसोलेशन में रखा गया है, जिनमें से एक मुंबई से गुरुग्राम आई थी . गुरुग्राम के सीएमओ ने बताया कि लक्षण हल्के हैं और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है . गुरुवार को गुजरात में कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए . अहमदाबाद में 4 नए केस दर्ज हुए, जिनमें 84 साल के एक मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी होम आइसोलेशन में हैं . पूरे मई महीने में अहमदाबाद में 38 कोरोना केस दर्ज हुए हैं, जिनमें 31 एक्टिव केस हैं . बुधवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि राज्य में मई में कोविड-19 के 182 मामले सामने आए . कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने 21 मई को पुष्टि की कि राज्य में कोविड-19 के 16 सक्रिय मामले हैं . बेंगलुरु में नौ महीने के एक बच्चे में भी कोविड-19 की पुष्टि हुई है . JN.1 वेरिएंट: तेजी से फैलने वाला, पर कम खतरनाक इस नई लहर के लिए ओमिक्रॉन का JN.1 वेरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स .F.7 और NB.1.8 जिम्मेदार हैं . विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को दिसंबर 2023 में 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था . विशेषज्ञ बताते … Read more

एशिया में कोविड का नया वेरिएंट JN.1 से खतरे की घंटी? पिछले 1 साल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस, डॉक्टर ने कही ये बात

नई दिल्ली कोरोना वायरस कहें या कोविड-19 साल 2020 के बाद से इसका खौफ लोगों के बीच खूब देखने को मिला. इस महामारी से दुनियाभर में सैंकड़ों लोगों ने जान गवाईं. अभी लोग ढंग से कोविड-19 द्वारा मचाई गई तबाही को भूले भी नहीं थे के इस बीच एशिया के कुछ देशों में कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं. सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसकी वजह है ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट है जो बहुत जल्दी फैलता है और अब इसका असर दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है. सिंगापुर में 3 मई तक के हफ्ते में 14,200 नए कोरोना केस मिले, जबकि पिछले हफ्ते यह संख्या 11,100 थी. वहां अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 30% बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से वहां के हेल्थ ऑफिसर ज्यादा सतर्क हो गए हैं. हांगकांग में भी हालात अच्छे नहीं हैं. वहां कोरोना का फैलाव काफी ज्यादा बताया जा रहा है. हेल्थ ऑफिसर अल्बर्ट औ के मुताबिक, इस साल अब तक सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. एक ही हफ्ते में 31 लोगों की मौत भी हुई है, जो एक साल में सबसे ज्यादा है. कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. भारत में अभी कोरोना के मामले कम हैं, लेकिन थोड़ी बढ़त जरूर हुई है. 19 मई तक 257 एक्टिव केस सामने आए हैं. आसपास के देशों में मामले बढ़ने की वजह से भारत के डॉक्टर और हेल्थ ऑफिर्स अलर्ट पर हैं और हालात पर नजर रख रहे हैं ताकि समय रहते कोई जरूरी कदम उठाया जा सके. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर ओमिक्रॉन का ये नया वेरिएंट JN.1 क्या है? इसके लक्षण क्या हैं और ये कैसे फैलता है? चलिए जानते हैं. JN.1 वैरिएंट क्या है? JN.1 कोरोना वायरस का एक नया रूप है, जो ओमिक्रॉन से जुड़ा है. यह BA.2.86 नाम के पुराने वेरिएंट से निकला है, जिसे पिरोला भी कहा जाता है. इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले 2023 के आखिरी में हुई थी. इसके बाद यह अमेरिका, यूके, भारत, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में तेजी से फैल गया. इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन (वायरस का वो हिस्सा जिससे वह शरीर की सेल्स से चिपकता है) में एक खास बदलाव (म्यूटेशन) हुआ है. इस बदलाव की वजह से यह वायरस ज्यादा तेजी से फैल सकता है. यह शरीर की उस इम्युनिटी को भी बेद सकता है, जो वैक्सीन लगवाने या पहले कोविड होने के बाद बनी थी. कितना खतरनाक है JN.1? फिलहाल के आंकड़ों के मुताबिक, JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन के पुराने वेरिएंट्स की तरह ही है और इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा बहुत कम है. अधिकतर लोगों में इसके लक्षण हल्के से मध्यम लेवल के ही देखे गए हैं. इनमें गले में खराश, बहती नाक, हल्का बुखार, थकान और खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं. ये लक्षण पहले वाले ओमिक्रॉन वायरस से बहुत मिलते-जुलते हैं. हालांकि, JN.1 की सबसे बड़ी चिंता इसकी तेजी से फैलने की क्षमता है. यह वेरिएंट बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, इसलिए इसके केस तेजी से बढ़ सकते हैं. अभी तक डॉस्पिटल में एडमिट होने वालों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं देखी गई है, लेकिन फिर भी बुज़ुर्ग लोगों, पहले से बीमार लोगों और जिनकी इम्युनिटी कमजोर है उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है. इस वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता बहुत जरूरी है, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके. कोविड का नया वेरिएंट JN.1 क्या खतरे की घंटी कोरोना एक बार फिर एशिया के कुछ हिस्सों में दस्तक दे रहा है। भारत में पिछले एक साल में सबसे अधिक 257 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं, जिससे लोगों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि, AIIMS के एक्सपर्ट डॉ संजय रॉय का कहना है कि JN-1 एक साल पुराना वेरिएंट है, कोई नया वायरस नहीं है। न ही यह कोई नया स्ट्रेन है। पॉजिटिव केस इसलिए सामने आ रहे हैं क्योंकि टेस्ट किए जा रहे हैं। मौजूदा हालात में JN.1 को लेकर घबराने वाली बात नहीं है। अभी तक इसको लेकर साइंस यही कहता है कि यह कॉमन कोल्ड है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय का भी कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के एक्सपर्ट और कोरोना वैक्सीन ट्रायल के प्रमुख रहे डॉक्टर संजय रॉय ने बताया कि कोरोना फैमिली के हजार से भी ज्यादा वेरिएंट हैं। लेकिन, मुख्य रूप से सात ऐसे वायरस हैं जो इंसानों को प्रभावित करते हैं। 2002 तक कोरोना वायरस (CoV) इंसानों के लिए मामूली वायरस माना जाता था। लेकिन पिछले 20 से 25 सालों में इसके इफेक्ट को देखें तो कोरोना परिवार का 5वां वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) आया। इसके बाद इस परिवार का छठा वायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) आया। अब इसका 7वां वायरस कोविड-19 है। जहां तक वर्तमान हालात की बात है तो अब यह कॉमन कोल्ड है। इसके ज्यादा खतरनाक होने का कोई एविडेंस अभी नहीं है। वैज्ञानिक समझ के आधार पर करनी होगी बात डॉक्टर संजय ने कहा कि साइंस की बातें तो साइंस के आधार पर ही होनी चाहिए। वट्सऐप से जानकारी लेकर बातें नहीं करनी चाहिए। JN.1 वेरिएंट में नया कुछ नहीं है। एक साल पुराना है। इसको लेकर इतनी बातें करने के पीछे कोई साइंस तो नहीं दिख रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी का कमर्शियल इंट्रेस्ट हो तो यह अलग बात है, लेकिन यह भी बहुत दिनों तक नहीं चलता है। अमेरिका जैसे देश ने अपने यहां छह महीने तक के बच्चों का भी कोविड वैक्सीनेशन करा दिया, जबकि हमने साइंस की बात की। हमारी सरकार ने भी इसे तवज्जो दिया और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को एक भी वैक्सीन नहीं लगी और वायरस का उनपर असर भी कुछ नहीं हुआ। हमें समझना होगा और वैज्ञानिक समझ के आधार पर ही बात करनी होगी। सिक्वेंसिंग में पहले भी मिला था वेरिएंट JN.1 दिल्ली में कोरोना वायरस पर नजर रखने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की जाती थी, लेकिन सूत्रों का कहना है … Read more