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धामी सरकार की मदरसों पर है टेढ़ी नजर! हल्द्वानी में 18 मदरसों की जांच, 3 सील

 हल्द्वानी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सख्त निर्देशों का पालन करते हुए राज्य के हल्द्वानी में स्थानीय प्रशासन एक्शन मोड में आया हुआ है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में प्रशासन ने अवैध तौर पर संचालित मदरसों के खिलाफ छापेमारी की है। इस दौरान कई मदरसों को सील किया गया है। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है। ये इंतजाम इसलिए किए गए हैं क्योंकि इलाके में किसी तरह की अशांति ना फैले और कानून व्यवस्था भी बनी रहे। मदरसे हुए सील बता दें कि अपर जिला अधिकारी विवेक राय ने बताया है कि ये कार्रवाई उन मदरसों पर की गई है, जिनके पास मान्यता नहीं है। जिन मदरसों में शइक्षा विभाग व सरकार के नियमों का पालन नहीं हो रहा था उन्हें सील किया गया है। इन मदरसों ने बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता संबंधित मानकों का पालन किया है। प्रशासन को पहले कुछ मदरसों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली है। इनमें बच्चों के बैठने की व्यवस्था ना होना, साफ सफाई की कमी, शौचालय ना होना, सीसीटीवी सुरक्षा व्यवस्था ना होगा। कई मदरसों में मस्जिदों में संचालित हो रहे थे। ये सरकारी नियमों के विरुद्ध है। इस कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हुआ है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि किसी तरह की अफवाह से बचने व शांति बनाए रखें। प्रशासन का कहना है कि ये कार्रवाई अवैध तौर से संचालित हो रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले ही निर्देश दिए थे कि राज्य में सभी मदरसों की जांच की जाए।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

धामी सरकार भू-कानून लागू करने की ओर कदम बढ़ा रही है, बाहरी आदमी को नहीं मिलेगी ज़मीन !

देहरादून उत्तराखंड में सख्त भू-कानून की जोर पकड़ रही है। भू-कानून को लेकर लोग आंदोलित हो रहे हैं। आगामी 24 अक्टूबर को भू कानून लागू करने की मांग को लेकर लेकर राजधानी में तांडव रैली का आयोजन भी होने जा रहा है। उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने की सीमा तय की गई है। राज्य के स्थाई निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई लिमिट नहीं है। भू-कानून को लेकर उत्तराखंड के लोग काफी समय से सक्रिय हैं। भू-कानून न होने के कारण अब तक मैदानी क्षेत्र से लेकर पहाड़ी जिलों तक बाहरी लोगों ने जमीन खरीद ली थी। इस कारण से आए दिन कोई न कोई बखेड़ा होता रहता है। इसी के मद्देनजर उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की ओर सरकार कदम बढ़ा रही है। सरकार के अनुसार बाहरी व्यक्ति प्रदेश में अब 250 वर्ग मीटर जमीन नहीं खरीद सकता है। अगर किसी व्यक्ति ने यदि ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने के बाद अपनी पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो उनके लिए दिक्कत हो सकती है। अब ऐसी जमीनों को सरकार में निहित किया जाएग। अंधाधुंध बिक्री पर लगेगी रोक भू-कानून लागू होने से प्रदेश में अंधाधुंध बिक रही जमीनों की बिक्री पर रोक लगेगी तो वहीं कृषि भूमि भी बचेगी। इस तरह से बाहरी लोगों के उत्तराखंड में बसने और दखलअंदाजी करने पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर रोक लगाने में आसानी होगी। 'निवेशकों को समस्‍या नहीं' इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखंड के विकास और रोजगार के लिए उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को जमीन की कोई दिक्कत नहीं आएगी। यदि कोई व्यक्ति उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेता है लेकिन उसका उपयोग दूसरे प्रयोजन के लिए करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन सरकार में निहित हो जाएगी। डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा उत्तराखंड में अन्य राज्यों के निवासियों को किसी भी तरह की जमीन खरीदने से पहले डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा। इस प्रक्रिया में खरीदार में पृष्ठभूमि की जांच भी की जाती है और यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि जमीन का प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाएगा। इस परीक्षण का उद्देश्य राज्य में भूमि की अनियंत्रित खरीद और इसके गलत इस्तेमाल को रोकना है। आवास के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन का प्रावधान है जो निकाय क्षेत्रों को छोड़कर पूरे प्रदेश में लागू होगा। भू-कानून उत्तराखंड से बाहर के लोगों के लिए लागू होगा लेकिन प्रदेश के स्थायी निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई सीमा तय नहीं की गई है। विदित हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021 में भू-कानून पर शोध के लिए एक उच्च स्तरीय समूह समिति बनाई थी। समिति ने 80 पन्नों की रिपोर्ट में भू-कानून से जुड़े 23 सुझाव सरकार को दिए थे। रोजगार भी बढ़ेगा जानकारी के अनुसार समिति ने अपनी सिफारिशों में ऐसे बिंदु शामिल किए हैं जिसे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही भूमि के बेवजह दुरुपयोग को रोकने की सिफारिश भी की गई है। भू-कानून लागू करने का उद्देश्य उत्तराखंड के सांस्कृतिक पहचान, परंपराओं, खान-पान, पहनावा और जीवन शैली सुरक्षित और संरक्षित करना है। पारंपरिक मूल्‍यों की गिरावट को रोकना भी मकसद बाहरी लोगों द्वारा प्रतिबंधित भूमि खरीदने के कारण सांस्कृतिक परिवर्तन भी तेजी से हो रहे हैं और पारंपरिक मूल्यों का क्षरण भी हो रहा है जिसे रोकने के लिए भू-कानून लाना बेहद जरूरी माना जा रहा है। वहीं भू-कानून से प्राकृतिक संसाधनों, जंगलों वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी बाहरी लोगों द्वारा अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण करने से रोकने के लिए जोर दिया जा रहा है। उत्‍तराखंड भू कानून की अहम बातें     उत्तराखंड भू-कानून में भूमि की खरीद-बिक्री में नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। तकनीक का इस्तेमाल करके नियमों के उल्लंघन पर नज़र रखी जाएगी।     गैर निवासियों द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित ज़मीन की पहचान कर उसे वापस वापस लिया जाएगा।     उत्तराखंड भूमि राजस्व अधिनियम, 2012 के मुताबिक, किसी भी बाहरी व्यक्ति को केवल आवासीय, औद्योगिक, या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ही ज़मीन खरीदने की अनुमति है।     कृषि गतिविधि के लिए जमीन खरीदने का अधिकार केवल उत्तराखंड के स्थानीय निवासियों को ही है।     नगर निकाय क्षेत्र से बाहर की ज़मीन पर, कोई भी बाहरी व्यक्ति 250 वर्ग मीटर तक ज़मीन खरीद सकता है।     सरकार, किसी भी व्यक्ति को ज़मीन पट्टे पर दे सकती है, लेकिन पट्टे पर दी गई जमीन का कुल क्षेत्रफल 12 एकड़ से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43