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कांग्रेस हिंडनबर्ग के साथ मिलकर काम कर रही, रिपोर्ट पर बीजेपी हुई हमलावर

नई दिल्ली  हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये रिपोर्ट देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश है। बीजेपी नेता ने इसे हार के बाद विपक्ष की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह देश को आर्थिक रूप से बर्बाद करने की कोशिश है। उन्होंने सीधे-सीधे कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी ने कहा कि रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए सेबी प्रमुख ने उसका जवाब दे दिया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस हिंडनबर्ग के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि टूलकिट वालों को देश से कोई मतलब नहीं है। हिंडनबर्ग का भारत विरोधी एजेंडा रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने कहा कि यह पीएम मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिंदुस्तान से नफरत कर रही है और देश कांग्रेस पार्टी से नफरत कर रहा है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी एजेंडा चलाते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि यह शेयर बाजार को क्रैश कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। सेबी चीफ की सफाई इससे पहले सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इससे पहले हिंडनबर्ग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अडानी समूह में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था। जॉर्ज सोरोस को घेरा रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग में मुख्य निवेशक हैं. यह एक टूलकिट गैंग है और साजिश के तहत भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई जा रही है. शेयर बाजार को अस्थिर किया जा रहा है. आपने देखा होगा कि कैसे साजिश के तहत ये रिपोर्ट शनिवार को आई, जब बाजार बंद रहता है. सोमवार को इस रिपोर्ट के बाद बाजार में क्या हुआ आप सबने देखा. कांग्रेस पर बोला हमला रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर भी सवाल खड़े किए. बीजेपी नेता ने पूछा कि आखिर कांग्रेस चाहती क्या है. कांग्रेस चाहती है कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो. भारत की प्रगति को रोकने की साजिश रची जा रही है. कांग्रेस पार्टी भारत को कमजोर और भारत की आर्थिक स्थिति को बिगड़ना चाहती है. बीजेपी नेता ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि चमन उजड़ेगा नहीं और हम भारत को कमजोर नहीं होने देंगे. कौन हैं जॉर्ज सोरोस जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था. वे खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी बताते हैं. हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है. 11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था, जॉर्ज डब्ल्यू बुश को राष्ट्रपति पद से हटाना उनके जीवन का सबसे बड़ा मकसद है. और ये उनके लिए 'जीवन और मौत का सवाल' है. सोरोस ने कहा था कि अगर कोई उन्हें सत्ता से बेदखल करने की गारंटी लेता है, तो वो उस पर अपनी पूरी संपत्ति लुटा देंगे. 1956 में वो लंदन से अमेरिका आ गए थे. यहां आकर उन्होंने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखा और अपनी किस्मत बदली. 1973 में उन्होंने 'सोरोस फंड मैनेजमेंट' लॉन्च किया. उनका दावा है कि अमेरिकी इतिहास में उनका फंड सबसे बड़ा और कामयाब इन्वेस्टर है. भारत विरोधी बयान के लिए हैं मशहूर हंगरी-अमेरिकी मूल के मशहूर अरबपति जॉर्ज सोरोस अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. खासतौर पर उनकी नजर भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहे राजनीतिक बदलावों पर रहती है. सोरोस कई मंचों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लगातार सत्ता में बने रहने से तानाशाही की ओर बढ़ने वाला नेता कहते रहे हैं. पीएम मोदी पर उठाया था सवाल भारत में नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था. सोरोस का आरोप था कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है. – इसी साल जनवरी में जब हिंडनबर्ग से अडानी ग्रुप पर सवाल उठाया तो हाथ सेंकने के लिए जॉर्ज सोरोस भी सामने आ गए थे. जॉर्ज सोरोस ने अडानी मुद्दे के बहाने फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा. सोरोस ने दावा किया था कि अडानी के मुद्दे पर भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा. -बीते दिनों उन्होंने म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं. मोदी के तेजी से बड़ा नेता बनने के पीछे अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

हिंडनबर्ग ने दी चेतावनी, भारत को लेकर बड़ा ऐलान, वह जल्द ही कुछ बड़ा करने वाला है

नई दिल्ली अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत को लेकर फिर एक बड़ा ऐलान करते हुए चेतावनी दी है कि वह जल्द ही कुछ बड़ा करने वाला है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या एक बार फिर हिंडनबर्ग किसी भारतीय कंपनी को अपना निशाना बनाने वाला है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से शनिवार को पोस्ट करते हुए लिखा, 'जल्द ही कुछ बड़ा भारत में'। इस गुप्त संदेश को किसी भारतीय कंपनी पर निशाना बनाने की चेतावनी माना जा रहा है। गौरतलब है कि फर्म ने एक साल पहले अडानी समूह की कंपनियों पर भी कई आरोप लगाए थे, जिसमें उसने कहा था कि समूह शेयर बाजार में अंदरूनी व्यापार और अन्य उल्लंघनों में शामिल रहा है। अनियमितताओं का लगाया था आरोप जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें उसने अदानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इसके बाद कंपनी के शेयर मूल्य में भारी गिरावट आई थी। हालांकि समूह ने हिंडनबर्ग के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। कोर्ट और सेबी ने दी थी क्लीन चिट भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी आरोपों पर सेबी की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी थी। हाल ही में शीर्ष अदालत ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच के गठन की समीक्षा याचिका भी खारिज कर दी थी। इससे पहले इस साल जुलाई में वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया था कि चीनी लिंक वाले एक अमेरिकी-आधारित व्यवसायी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट बनाई थी, जिसके कारण जनवरी-फरवरी 2023 में अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। चीनी साजिश का लगा था आरोप महेश जेठमलानी ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे चीनी हाथ होने का आरोप लगाया, जिसमें भारतीय समूह को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि अडानी समूह पर हिट का काम हाइफा पोर्ट जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को खोने का चीनी प्रतिशोध था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

अदाणी के बाद अब कौन, किस पर गिरने वाली है बिजली? हिंडनबर्ग का दावा- भारत को लेकर जल्द बड़ा खुलासा करेंगे

नई दिल्ली हिंडनबर्ग रिसर्च याद है? अमेरिका की इस शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने पिछले साल गौतम अडानी पर ऐसा बम फोड़ा था कि अडानी ग्रुप आज तक उससे उबर नहीं पाया है। हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में एक और बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। कंपनी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई तरह के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप के मार्केट कैप में $150 अरब तक गिर गया था। इससे गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई थी और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में काफी नीचे खिसक गए थे। हालांकि हाल के महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है। Hindenburg Research ने अब तक कई कंपनियों में घालमेल का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस कंपनी की स्थापना 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। दरअसल यह एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। इस कंपनी का नाम छह मई, 1937 में हुए हाई प्रोफाइल हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे के नाम पर रखा गया है। यह दुर्घटना अमेरिका में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट पब्लिश करती है। कंपनी का दावा है कि उसकी नजर मैन-मेड डिजास्टर्स पर रहती है। इनमें अकाउंटिंग में गड़बड़ी, मिसमैनेजमेंट और छिपाकर किए गए लेनदेन शामिल हैं। कंपनी फिर प्रॉफिट कमाने के लिए टारगेट कंपनी के खिलाफ बेट लगाती है। कई कंपनियों का भंडाफोड़ एंडरसन ने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट से इंटरनेशनल बिजनस में डिग्री लेने के बाद एक डेटा कंपनी FactSet Research Systems Inc में काम किया। वहां उनका काम इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों से जुड़ा हुआ था। साल 2020 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'मुझे महसूस हुआ कि कामचलाऊ एनालिसिस हो रहा है।' एंडरसन इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर का काम भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भारी दबाव में काम करने में मजा आता है। वह हैरी मार्कपोलोस को अपना रोल मॉडल मानते हैं। मार्कपोलोस एक एनालिस्ट हैं जिन्होंने बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश किया था। हिंडनबर्ग का दावा है कि 2017 से अब तक कम से कम 36 कंपनियों में गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है। अडानी पर बेट से कितने कमाए हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि अडानी सिक्योरिटीज की शॉर्टिंग से उसे अपने क्लाइंट के जरिए 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिला। लेकिन यह रकम रिसर्च में लगी उसकी राशि के बराबर भी नहीं है। कंपनी ने कहा कि हमने इनवेस्टर रिलेशनशिप के जरिए अडानी शॉर्ट्स से 4.1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया साथ ही कंपनी ने अडानी के अमेरिकी बांड को शॉर्ट करके भी 31,000 डॉलर कमाए। कंपनी का कहना है कि यह बहुत छोटी पोजीशन थी। लीगल और रिसर्च खर्चों को छोड़कर हम अडानी शॉर्ट पर भी ब्रेक-ईवन से आगे निकल सकते हैं। हिंडनबर्ग ने इस मामले में कोटक बैंक को भी लपेटा था। उसने कहा था कि बैंक ने एक विदेश फंड स्ट्रक्चर बनाया जिसे उसके इनवेस्टर पार्टनर ने अडानी ग्रुप के खिलाफ बेट के लिए इस्तेमाल किया। सेबी ने हिंडनबर्ग को जारी किया था नोटिस इस साल जून में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर चर्चा में आया था, जब उसने खुलासा किया कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने उनके खिलाफ भारतीय नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक नोटिस जारी किया था. यह घटनाक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने पहली बार अपनी रिपोर्ट में कोटक बैंक की स्पष्ट रूप से पहचान की. नतीजतन, इस खुलासे के कारण कोटक बैंक के शेयर मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट आई, जो शुरुआती कारोबारी सत्र में जून के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. हिंडेनबर्ग ने कहा कि भारतीय बाजार नियामक की ओर से 27 जून, 2024 को जारी किया गया नोटिस 'बकवास' है. इसे एक पूर्व-निर्धारित उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था. उसने कहा कि भारत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है. सेबी के नोटिस में हुआ था बड़ा खुलासा सेबी के नोटिस में खुलासा हुआ कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) में महत्वपूर्ण निवेश किया है. यह पता चला कि किंगडन कैपिटल ने हाल ही में आई एक रिपोर्ट से बाजार में आई अस्थिरता का फायदा उठाया. फर्म ने रिपोर्ट सामने आने से पहले अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) में शॉर्ट पोजीशन स्थापित करने के लिए $43 मिलियन आवंटित करके एक रणनीतिक कदम उठाया. इसके बाद, किंगडन कैपिटल ने इन पोजीशन को सफलतापूर्वक बंद कर दिया, जिससे $22.25 मिलियन का लाभ हुआ.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए 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