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IAF ने पाकिस्तान पर चार बड़े हवाई हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान अमेरिका से सीजफायर की गुहार लगाने लगा

नई दिल्ली  भारत के ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान ने 10 मई को ऑपरेशन बनयान अल-मरसूस चलाया। लेकिन यह ऑपरेशन सिर्फ आठ घंटे ही चला। सूत्रों के मुताबिक 10 मई की रात भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान पर चार बड़े हवाई हमले किए थे। इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के एयर बेस, हवाई जहाज और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया जिसके बाद पाकिस्तान अमेरिका से सीजफायर की गुहार लगाने लगा। इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर किया भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान पर सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइलें दागीं। रफाल विमानों से SCALP मिसाइलें दागी गईं। SU-30 MKI विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलें दागी गईं। इन मिसाइलों ने चकलाल में स्थित नूर खान एयरबेस पर हमला किया। यह पाकिस्तान के उत्तरी एयर कमांड-कंट्रोल नेटवर्क का हिस्सा था। पहले हमले में ही यह तबाह हो गया। आखिरी हमला जैकोबाबाद और भोलारी एयर बेस पर किया गया। लेकिन तब तक पाकिस्तान हार मान चुका था, वह अमेरिका से युद्ध रोकने के लिए कह रहा था। पाकिस्तान ने 10 मई को सुबह 1:00 बजे ऑपरेशन बनयान अल-मरसूस शुरू किया था। उसने कहा कि वह अगले 48 घंटों में भारत के एयर बेस को तबाह कर देगा। लेकिन भारत ने पाकिस्तान पर जोरदार हमला किया। उसने हवा से सतह पर मार करने वाली कई मिसाइलें इस्तेमाल कीं। यह ऑपरेशन सुबह 9:30 बजे ही खत्म हो गया। S-400 ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 11 बार काम किया भारत का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम आदमपुर में है। इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 11 बार काम किया। इसने पाकिस्तान के SAAB-2000 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम को मार गिराया। यह सिस्टम पाकिस्तान के अंदर 315 किलोमीटर दूर था। S-400 एक ऐसा सिस्टम है जो हवा में आने वाले खतरों को भांप लेता है और उन्हें मार गिराता है। IAF के पास इस बात के सबूत हैं कि उसकी मिसाइलों ने एक C-130J विमान, एक JF-17 और दो F-16 लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया। IAF ने SCALP और ब्रह्मोस मिसाइलों को एक साथ इस्तेमाल किया ताकि निशाना चूक न जाए। 7 मई को भारत ने नौ आतंकी कैंपों पर हमला किया था। सात कैंपों को अलग-अलग तरह के गोला-बारूद से निशाना बनाया गया। सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर यह हमला किया था। मुरिदके और बहावलपुर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर SCALP और ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया गया। ये मिसाइलें सटीक निशाना लगाती हैं। सूत्रों के अनुसार, 10 मई को भारत ने लाहौर में चीन में बने LY-80 एयर डिफेंस सिस्टम को HARPY कामिकेज़ ड्रोन से मार गिराया। इसके अलावा, कराची के मलीर में HQ-9 (S-300 का चीनी वर्जन) को भी एक भारतीय मिसाइल ने तबाह कर दिया। पाकिस्तान के DGMO ने युद्धविराम की गुहार लगाई भारतीय नौसेना 10 मई की सुबह कराची नौसेना बंदरगाह पर हमला करने के लिए तैयार थी। उसका जहाजी बेड़ा मकरान तट से 260 मील दूर था। लेकिन पाकिस्तान के DGMO ने फोन करके कहा कि अगर भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से बंदरगाह पर हमला किया तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान की धमकी से भारतीय सेना और सरकार डरे नहीं। लेकिन 10 मई की दोपहर तक पाकिस्तान के DGMO ने युद्धविराम की गुहार लगाई। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

भारतीय वायुसेना के विमान पर हवा में उड़ान के दौरान साइबर अटैक, जानें क्या है पूरा मामला

मुंबई ऑपरेशन ब्रह्मा म्यांमार को राहत पहुंचा रहा IAF यानी भारतीय वायुसेना का एक विमान साइबर अटैक का शिकार हो गया। खबर है कि यह हमला उस वक्त हुआ, जब विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार जा रहा था। हालांकि, वायुसेना के जांबाजों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने सूझबूझ से रास्ता निकाला और यात्रा को पूरा किया। अपने सैटेलाइट आधारित जीपीएस सिग्नल में स्पूफिंग के रूप में भारतीय वायुसेना के विमान को साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है। अखबार ने सूत्रों क हवाले से बताया है कि म्यांमार के हवाई क्षेत्र में किसने जीपीएस स्पूफिंग की है, इसका पता लगाना मुश्किल साबित हो सकता है। खास बात है कि यहां चीन ने बड़ी रणनीतिक पैठ बना ली है। क्या है जीपीएस स्पूफिंग अखबार से बातचीत में एक सूत्र ने कहा, 'जीपीएस स्पूफिंग आमतौर पर पायलट को गलत कॉर्डिनेट्स देकर उनकी लोकेशन के बारे में गुमराह करता है। यह ऑपरेशनल इलाकों में आम है। म्यामांर में IAF के पायलट्स ने अपना मिशन पूरा करने के लिए फिर INS यानी इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम का सहारा लिया।' ऑपरेशन ब्रह्मा भारत ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से हुई तबाही के बाद त्वरित कदम के रूप में अपना राहत मिशन ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया। ऑपरेशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना आपदा में घायल हुए लोगों को तत्काल देखभाल प्रदान करने के लिए 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेगी। यह सुविधा ट्रामा के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को संभालने में सक्षम होगी, जिससे स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता मिलेगी, जो आपदा के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। भारत 15 टन राहत सामग्री म्यांमार पहुंचा चुका है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 3

एयरफोर्स के लिए 70 एचटीटी-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की डील हुई, ट्रेनर एयरक्राफ्ट लीज पर लेने का विचार

नई दिल्ली  इंडियन एयरफोर्स के पास फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ ही ट्रेनर एयरक्राफ्ट की भी कमी है। जिसे दूर करने के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने की डील साइन हुई है और ये ट्रेनर एयरक्राफ्ट इस साल सितंबर से मिलने की उम्मीद है। ट्रेनर एयरक्राफ्ट की कमी पूरी करने के लिए एयरफोर्स ट्रेनर एयरक्राफ्ट को लीज पर लेने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से रक्षा मामलों की संसदीय कमेटी को यह जानकारी दी गई है। संसदीय कमिटी ने जब रक्षा मंत्रालय से एयरफोर्स के ट्रेनर एयरक्राफ्ट और सिमुलेटर की संख्या के बारे में पूछा तो रक्षा मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि एयरफोर्स के पास जो ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं उनमें बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट, इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर और एडवांस्ड जेट ट्रेनर हैं। सभी मॉर्डन एयरक्राफ्ट के सिमुलेटर्स हैं। एयरफोर्स के पास ट्रेनिंग के लिए कुल 14 सिमुलेटर उपलब्ध हैं। बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट लीज पर लेने का विकल्प रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में एयरफोर्स के पास ट्रेनर एयरक्राफ्ट की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए HAL के साथ 70 एचटीटी-40 इंडिजिनियस ट्रेनर एयरक्राफ्ट की डील साइन हुई है। जिसकी डिलवरी इस साल सितंबर से होनी है। जब ये ट्रेनर एयरक्राफ्ट एयरफोर्स में ऑपरेशनलाइज हो जाएंगे उसके बाद 36 अतिरिक्त एचटीटी-40 लिए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एयरफोर्स बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट लीज पर लेने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। अभी ट्रेनर एयरक्राफ्ट की संख्या करीब 260 करीब दो साल पहले कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने एयरफोर्स के लिए 70 HTT-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट लेने को मंजूरी दी थी। तब कहा गया था कि छह साल में ये सभी 70 ट्रेनर एयरक्राफ्ट एयरफोर्स को मिल जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक एयरफोर्स के पास अभी ट्रेनर एयरक्राफ्ट की संख्या करीब 260 है जबकि स्वीकृत संख्या 388 है। एयरफोर्स के पास ट्रेनर एयरक्राफ्ट के तौर पर 75 एयरक्राफ्ट पीसी-7 मार्क-2 बेसिक ट्रेनर हैं। 86 किरण मार्क-1 और मार्क 1 ए हैं जो इंटमीडिएट जेट ट्रेनर हैं। 99 हॉक मार्क-132 एडवांस्ड जेट ट्रेनर हैं और 42 किरण मार्क टू हैं। प्रोफेशनल मिलिट्री एजुकेशन का पूरा प्रोग्राम एयरफोर्स की तरफ से संसदीय कमेटी को बताया गया कि एयरफोर्स तकनीकी रूप से संवेदनशील सेवा है। इसलिए एयर वॉरियर्स की ट्रेनिंग और स्किल डिवेलपमेंट मानव संसाधन विकास का अहम हिस्सा है। इसके लिए सर्विस से जुड़े कोर्स में प्रोफेशनल मिलिट्री एजुकेशन का पूरा प्रोग्राम है। एयरफोर्स की तरफ से बताया गया कि ट्रेनिंग में सिमुलेटर के इस्तेमाल पर काफी जोर दिया गया है। अब जो अधिकतर सिमुलेटर एयरफोर्स में शामिल किए जा रहे हैं वे स्वदेशी सोर्स से हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

भारतीय वायुसेना को नए प्लेन की खरीद में लग रहा समय, ट्रेनिंग देने में लगेगा टाइम

नई दिल्ली  वायुसेना के पास फाइटर प्लेन की ताकत ऐतिहासिक रूप से कम हो गई है। स्थिति यह है कि भारत के फाइटर प्लेन की क्षमता साल 1965 से भी कम हो गई है। इस पर एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का कहना है कि 'जो कुछ भी हमारे पास है, उसी से लड़ने' को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान मौजूदा असेट्स के संरक्षण और कर्मियों को उनके सही तरीके से उपयोग करने के लिए ट्रेनिंग देने पर है। फाइटर प्लेन हो रहे रिटायर हालांकि एयरफोर्स के पास 42 स्क्वाड्रन की स्वीकृत क्षमता है। यह संख्या सीमा पर खतरे की स्थिति को देखते हुए विस्तृत विचार-विमर्श के बाद स्वीकृत की गई है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें लगातार कमी आई है। इसकी वजह है कि पुराने सोवियत युग के फाइटर प्लेन रिटायर हो गए हैं और उनकी जगह नए प्लेन को लाने का आदेश नहीं दिया गया है। पिछले 6 साल से नहीं दिख रही प्रोग्रेस अपने वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना प्रमुख ने कहा कि स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमानों (एलसीए) का उत्पादन, जो समय से पीछे चल रहा है, को तेज करने की जरूरत है। इसके साथ ही नए मल्टी रोल वाले वाले फाइटर प्लेन विमानों की जरूरत "कल से ही" है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि वायुसेना ने 2018 में मेक इन इंडिया योजना के तहत 114 मल्टीरोल फाइटर प्लेन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन पिछले छह साल से कोई प्रोग्रेस नहीं दिख रही है। रातों-रात प्लेन नहीं खरीद सकते वायुसेना प्रमुख ने लड़ाकू विमानों की कमी को स्पष्ट रूप से बताते हुए कहा कि यह कोई थोड़े समय की बात नहीं है कि हम रातों-रात सामान खरीद सकते हैं। इसमें समय लगता है, सिर्फ सेलेक्शन ही नहीं, बल्कि शामिल करने में भी समय लगता है। इसके साथ ही, अगर हम दो या तीन स्क्वाड्रन शामिल भी करते हैं, तो निश्चित रूप से उनका उपयोग करने में सक्षम होने के लिए ट्रेनिंग में समय लगता है। इसलिए हम इस समय जिस चीज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वह यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है, हम उससे तुरंत लड़ने में सक्षम हों। 1965 के बाद सबसे कम ताकत रिकॉर्ड बताते हैं कि 31 स्क्वाड्रन की मौजूदा ताकत 1965 के बाद से भारत की सबसे कम ताकत है, जब पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा गया था। 1965 के युद्ध के बाद यह संख्या लगातार बढ़ती गई और 1996 में 41 स्क्वाड्रन तक पहुंच गई। जैसे-जैसे विमान की रूपरेखा बदलती गई, 2013 में यह संख्या घटकर 35 रह गई और तब से लगातार कम होती गई। सर्विस में मौजूद 31 स्क्वाड्रन में से दो स्क्वाड्रन कम से कम उड़ान भर रहे हैं। ये अपने मिग 21 लड़ाकू विमानों को बचा रहे हैं, जिन्होंने पहली बार 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था। ये विमान लंबे समय से अपने लाइफ के अंत तक पहुंच चुके हैं। उनकी रिटायरमेंट को कई सालों के लिए टाला जा रहा है। इसकी वजह है कि वायुसेना एलसीए एमके1ए लड़ाकू विमानों की डिलीवरी का इंतजार कर रही है। अतीत से सबक लेने की जरूरत एलसीए परियोजना से करीब से जुड़े रहे वायुसेना प्रमुख ने चेतावनी दी कि अतीत से सबक लेने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे कोई देरी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि जेट विमानों के उत्पादन में प्राइवेट सेक्टर को बड़े पैमाने पर शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर एलसीए डिलीवरी की समयसीमा पूरी हो जाती है और मल्टी-रोल फाइटर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर हो जाते हैं, तो वायुसेना 'बुरी स्थिति में' नहीं होगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

Indian Air Force के नए प्रमुख बने एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह, संभाला कार्यभार

नई दिल्ली भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का बेहद खास वीडियो सामने आया है। इसमें वायुसेना प्रमुख अपनी मां को सैल्यूट करते हुए और पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए नजर आ रहे हैं। ये खास तस्वीरें उस समय सामने आईं जब वायुसेना प्रमुख बुधवार सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने देशवासियों के सामने खास मिसाल पेश की। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अपनी मां पुष्पंत कौर का आशीर्वाद लेते नजर आए। अमर प्रीत सिंह का दिल छू लेने वाला वीडियो इंडियन एयरफोर्स के नए चीफ का पदभार संभालने के बाद अमर प्रीत सिंह ने जिस तरह से अपनी मां का सम्मान किया, वो पल बेहद दिल छू लेने वाला था। वीडियो में नजर आ रहा कि उनकी मां व्हीलचेयर पर बैठी थीं। इसी दौरान वायुसेना प्रमुख एपी सिंह नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे। यहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसी दौरान उन्होंने अपनी मां को सबसे पहले सैल्यूट किया फिर उनके पैर छुए। उन्हें बेहद प्यार से गले लगाया। पहले किया सैल्यूट फिर मां के छुए पैर मां के प्रति जिस तरह से भारतीय वायु सेना प्रमुख एपी सिंह ने प्यार और सम्मान जताया, वो हर किसी के लिए मिसाल है। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने सोमवार को वायुसेना चीफ का कार्यभार संभाला है। उन्होंने वीआर चौधरी की जगह ली है। एयर चीफ एपी सिंह को 5 हजार घंटे से ज्यादा समय तक विमान उड़ाने का अनुभव है और वह लड़ाकू विमान के बेहद ट्रेंड पायलट हैं। एयर चीफ मार्शल सिंह अपने पिछले कार्यभार में वायु सेना के उपप्रमुख के रूप में कार्यरत थे। वीआर चौधरी की जगह संभाली वायुसेना प्रमुख की जिम्मेदारी एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी तीन साल तक वायु सेना की कमान संभालने के बाद रिटायर हुए। एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का जन्म 27 अक्टूबर 1964 को हुआ था। उन्होंने दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना में लड़ाकू विमान पायलट के तौर पर कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी सेवा में विभिन्न कमान, स्टाफ, निर्देशात्मक और विदेशी नियुक्तियों में काम किया। इन पदों की भी थी जिम्मेदारी वह नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) भी थे और उन्हें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, तेजस का उड़ान परीक्षण करने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर और पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु स्टाफ अधिकारी के महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियां भी संभाली हैं। वायु मुख्यालय जाने से पहले वह केंद्रीय वायु कमान के वायु अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ भी थे। एयर मार्शल एपी सिंह ने दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर और पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु स्टाफ अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया है। केंद्रीय वायु कमान के वायु अधिकारी कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में भी उन्होंने उत्कृष्ट सेवा दी। उनकी नेतृत्व क्षमता और तकनीकी विशेषज्ञता के बल पर भारतीय वायुसेना को लगातार मजबूती मिली है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

अस्त्र मार्क-1 अडवांस बियॉन्ड विजुवल रेंज एयर टू एयर मिसाइल, टारगेट लॉक होने का बाद निशाना पक्का

नईदिल्ली इंडियन एयरफोर्स को जल्द ही 200 एयर टू एयर अस्त्र मार्क-1 मिसाइल मिलेंगी। इनके प्रॉडक्शन को एयरफोर्स ने मंजूरी दे दी है। ये मिसाइल फाइटर जेट सुखोई और स्वदेशी फाइटर जेट तेजस में फिट होंगी। अस्त्र मार्क-1 मिसाइल की खरीद को पिछले साल रक्षा अधिग्रहण समिति ने मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसके कई टेस्ट किए गए और सभी टेस्ट में सफल होने के बाद अब एयरफोर्स ने इसके प्रॉडक्शन के लिए क्लियरेंस दे दिया है। इसे डीआरडीओ ने डिवेलप किया है और भारत डायनामिक लिमिटेड (बीडीएल) इसे बनाएगा। टारगेट लॉक होने का बाद निशाना पक्का पिछले साल इस मिसाइल को फाइटर जेट तेजस से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया था और यह तय मानकों पर पूरी तरह खरा रहा। अस्त्र मार्क-1 अडवांस बियॉन्ड विजुवल रेंज एयर टू एयर मिसाइल है। इसमें यह तकनीक भी है जिससे यह मिसाइल उस टारगेट को भी आसानी से निशाना बना सकती है जो जैमर के आसपास होता है। अस्त्र मार्क-1 में स्वदेशी सीकर लगा है यानी यह लॉक करके सटीक निशाना लगा सकती है। अगर इस मिसाइल से टारगेट लॉक कर दिया तो ये उसे निशाना बनाकर ही छोड़ेगी। अस्त्र मार्क-1 मिसाइल की रेंज 100 किलोमीटर तक है। अस्त्र मार्क-2 डिवेलप करने पर भी काम हो रहा है। अस्त्र मार्क-2 की रेंज करीब 130 किलोमीटर होगी। जल्द ही इसके टेस्ट शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही लॉन्ग रेंज अस्त्र डिवेलप करने की योजना भी है। जिसकी रेंज 300 किलोमीटर तक हो सकती है। हालांकि अभी इस पर काम शुरू नहीं हुआ है। पड़ोसी देशों के पास क्या है?पाकिस्तान के फाइटर जेट F-16 में AMRAAM (AIM-120) अडवांस्ड मीडियम रेंज एयर टू एयर मिसाइल फिट है जिसकी मारक क्षमता 100 किलोमीटर से ज्यादा है। इसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने बालाकोट स्ट्राइक के बाद किया था और उस वक्त इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन के मिग-21 पर पाकिस्तान के फाइटर जेट ने इसी से अटैक किया था। चीन के पास है PL-15 मिसाइल है। जिसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर बताई जाती है। इसे चीन ने अपने J-16 और J-20 फाइटर जेट में फिट किया है। इस मिसाइल के एक्सपोर्ट वर्जन PL-15 E मिसाइल चीन ने पाकिस्तान को भी दी है। इसकी रेंज 145 किलोमीटर बताई जाती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29