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महाकुंभ के कारण एमपी-यूपी सीमा पर यातायात कंट्रोल किया, चाकघाट पर वाहनों की आवाजाही पर रोक, लगा लंबा जाम

रीवा महाकुंभ को लेकर एक बार फिर उत्तर प्रदेश वह मध्य प्रदेश के सीमा चाकघाट पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। कल सुबह से जहां धीमी गज से वाहनों को रवाना किया जा रहा था वही सुबह 9 बजे तक वाहनों के पहिए थम गए हैं। इसके कारण तकरीबन 5 किलोमीटर का लंबा जाम अब तक लग चुका है। श्रद्धालुओं तथा महाकुंभ में जाने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए जिला प्रशासन एक बार फिर जिले के चार स्थानों पर मिशन हाईवे 39 पर आने वाले वाहनों को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने कहा है कि श्रद्धालुओं को जलपान एवं भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला डीआईजी साकेत पांडे से बात की है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 17

कानपुर सेंट्रल स्टेशन से लेकर ट्रेनों के प्लेटफॉर्म तक हर जगह महाकुंभ की झलक दिखेगी

 कानपुर  महाकुंभ-2025 को दिव्य-भव्य बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। कानपुर सेंट्रल स्टेशन से लेकर ट्रेनों के प्लेटफॉर्म तक हर जगह महाकुंभ की झलक दिखेगी। जैकेट पहने कर्मचारी क्यूआर कोड स्कैन कराकर महाकुंभ-2025 का एप डाउनलोड कराएंगे। हर प्लेटफॉर्म पर ये कर्मचारी तैनात रहेंगे। महाकुंभ की महत्ता बताती व्यवस्थाओं सुविधाओं के स्लोगन भगवा होंगे। शिवा अवस्थी, कानपुर। केंद्र व प्रदेश सरकार महाकुंभ-2025 को दिव्य-भव्य केवल स्लोगन तक ही नहीं, हकीकत में दिखाएगी। सेंट्रल स्टेशन, ट्रेनों से प्लेटफार्मों पर जैकेट पहने कर्मियों के माध्यम से दिव्य-भव्य महाकुंभ की झलक नजर आएगी। जैकेट पहने कर्मी क्यूआर कोड स्कैन करा महाकुंभ-2025 का एप डाउनलोड कराएंगे। इनकी जैकेट से ही क्यूआर कोड स्कैन करते ही एप डाउनलोड की सुविधा आपके मोबाइल फोन पर मिलेगी। हर प्लेटफार्म में ये कर्मचारी तैनात रहेंगे। महाकुंभ की महत्ता बताती व्यवस्थाओं, सुविधाओं के स्लोगन भगवा होंगे। कानपुर से बुंदेलखंड, आसपास जिलों तक प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय, वीआइपी लाउंज, टिकट वेंडिंग मशीनें, कियास्क सजेंगे। ट्रेनों की आवाजाही में उद्घोषणा भी महाकुंभ के रंग में रंगी होगी। महाकुंभ की शुरुआत जनवरी से होनी है, लेकिन कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर अभी से सब कुछ महाकुंभ मय दिखने लगा है। आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) महाकुंभ-2025 का स्वागत करने लगे हैं। अब प्लेटफार्मों, उद्घोषणा, प्रतीक्षालय, वीआइपी लाउंज में इंतजाम शुरू हो गए हैं। कैंट छोर पर प्लेटफार्म संख्या एक और सिटी साइड में प्लेटफार्म संख्या 10 के प्रवेश द्वारों पर भी महाकुंभ आस्था की हिलोरे लेगा। हर आने-जाने वाले श्रद्धालु, विदेशी पर्यटकों की अगवानी होगी। रिंग रेल सेवा वाली ट्रेनों के साथ ही विशेष गाड़ियों में महाकुंभ-2025 से संबंधित चित्रकारी संगम तट का अहसास कराएगी। प्लेटफार्मों पर पहुंचते ही मोबाइल रिजर्व टिकट सिस्टम से तत्काल टिकट मिलेंगे। इसमें मल्टी एमयूटीएस भी महाकुंभ के रंग में दिखाई पड़ेंगे। बुकिंग आफिस से लेकर प्लेटफार्मों तक मिलने वाली ये सुविधा हर कदम आकर्षण का केंद्र रहेगी। अंगुली से छूते ही स्क्रीन बताएगी सब जानकारियां महाकुंभ के दौरान सेंट्रल स्टेशन समेत सभी स्टेशनों पर भगवा कियास्क लगाए जाएंगे। इनमें टच स्क्रीन होगी। इस स्क्रीन पर अंगुली से छूते ही ब्योरा आ जाएगा। इसमें ट्रेनों, प्लेटफार्म संख्या, आने व जाने के समय से लेकर रेलवे की महाकुंभ से संबंधित और जानकारियां मिल सकेंगी। यहां भी महाकुंभ की झलक     प्लेटफार्म संख्या एक पर यात्री सुविधा केंद्र में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी पर 24 घंटा कर्मी बैठेंगे। यहां महाकुंभ से जुड़े स्लोगन व बैनर होंगे।     स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से प्रयागराज के संगम तट की झलक मिलेगी।     सभी छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के स्वागत में महाकुंभ के बैनर लगेंगे।     हरे, लाल, पीले व नीले रंगों से महाकुंभ के क्षेत्रवार यात्री व आश्रय स्थल पता चलेंगे। कानपुर सेंट्रल स्टेशन के निदेशक, आशुतोष सिंह ने बताया     महाकुंभ-2025 के लिए मुख्यालय से मिले निर्देश के आधार पर व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। प्लेटफार्मों से लेकर हर जगह महाकुंभ की झलक दिखेगी व श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के इंतजाम किए जा रहे हैं। सहायक वाणिज्य प्रबंधक कानपुर सेंट्रल, संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया     सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही पर प्लेटफार्म से लेकर कैंट व सिटी साइड के सर्कुलेटिंग एरिया तक महाकुंभ के मद्देनजर इंतजाम किए जा रहे हैं। यात्रियों की सहूलियत के लिए महाकुंभ-2025 के रंग में सब कुछ रंगा दिखेगा, जिससे उन्हें कोई सुविधा पाने के लिए भटकना न पड़े।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर पूरे शहर, आस-पास एवं मेला क्षेत्र में कई निर्माण कार्य चल रहे

महाकुंभ 2025 के निर्माण कार्यों से बढ़ी प्रयागराज में होटल और होम स्टे की मांग Mahakumbh 2025 :प्रयागराज में न केवल संगम क्षेत्र बल्कि पूरे शहर में निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर पूरे शहर, आस-पास एवं मेला क्षेत्र में कई निर्माण कार्य चल रहे प्रयागराज  सनातन आस्था के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में दिव्य, भव्य, नव्य और ग्रीन बनाने के कार्य प्रयागराज में जोर-शोर से चल रहे हैं। प्रयागराज में न केवल संगम क्षेत्र बल्कि पूरे शहर में निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। शहर में सड़कों, चौराहों, फ्लाईओवर, पार्कों और होटलों का निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य हो रहा है। इसके चलते शहर में पिछले कुछ महीनों से कई राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कंस्ट्रक्शन कंपनियां डेरा जमाए हुए हैं। इन कंपनियों के इंजीनियर, अधिकारियों और कर्मचारियों के शहर में ठहरने की जरूरत ने प्रयागराज निवासियों, होटल और मकान मालिकों को आय का नया स्रोत प्रदान किया है। प्रयागराजवासी महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर आशान्वित और उत्साहित हैं। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर पूरे शहर, आस-पास एवं मेला क्षेत्र में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप सभी निर्माण एवं सौंदर्यीकरण के कार्य 15 दिसंबर तक पूरे किए जाने हैं। कई सरकारी और निजी कंस्ट्रक्शन कंपनियां शहर में अपने प्रोजेक्टस तेजी से पूरे करने में जुटी हैं। इसके चलते इन कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को शहर में ठहरने के लिए किराए के मकान, होटल और होम स्टे की जरूरत पड़ रही है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत के मुताबिक शहर में वेल फर्निश्ड, नॉन फर्निश्ड मकानों की मांग बढ़ी है। प्रयागराज के प्रापर्टी डीलरों का कहना है कि बड़ी संख्या में उनके पास क्वेरी आ रही हैं। इसके दृष्टिगत कई मकान मालिक अपने खाली पड़े कमरों और मकानों को होम स्टे में बदल रहे हैं। जहां लोगों को रहने, खाने और अन्य दैनिक जरूरतों की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। इसके साथ ही, रेस्टोरेंट्स और टिफिन संचालकों की भी आमदनी बढ़ी है। प्रयागराज होटल्स और रेस्टोरेंट्स ओनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हरजिंदर सिंह का कहना है कि महाकुंभ 2025 को लेकर शहर के सभी होटल्स व रेस्टोरेंट संचालक उत्साहित हैं। वो अपने-अपने होटल्स और रेस्टोरेंट में महाकुंभ के मुताबिक सुविधाओं का निर्माण करा रहे हैं। शहर के होटल्स में कई नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए कमरे बुक हैं और उनके कई अधिकारी पिछले कई दिनों से उनमें रह भी रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अभी से कई श्रद्धालु और पर्यटक महाकुंभ के दिनों के लिए इनक्वायरी और एडवांस बुकिंग भी करा रहे हैं। महाकुंभ 2025 का दिव्य, भव्य, नव्य आयोजन प्रयागराज वासियों के लिए उमंग, उत्साह के साथ-साथ आय के नए स्रोत भी पैदा कर रहा है।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 61

महाकुंभ 2025 : श्रद्धालुओं को कुंभ नगरी की भव्यता का दिव्य दर्शन करवाने सरकार ने भारी भरकम बजट का ऐलान किया

प्रयागराज  महाकुंभ-2025 को लेकर योगी सरकार प्रयागराज के तीर्थों का कायाकल्प करने में युद्धस्तर पर जुटी है। श्रद्धालुओं को कुंभ नगरी की भव्यता और नव्यता का दिव्य दर्शन करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने भारी भरकम बजट का ऐलान किया है। अक्षयवट का बड़ा पौराणिक महत्व है। मान्यता के अनुसार, संगम स्नान के पश्चात 300 वर्ष पुराने इस वृक्ष के दर्शन करने के बाद ही स्नान का फल मिलता है। इसलिए तीर्थराज आने वाले श्रद्धालु एवं साधु संत संगम में स्नान करने के बाद इस अक्षयवट के दर्शन करने जाते हैं। जिसके बाद ही उनकी मान्यताएं पूरी होती हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी अक्षयवट कॉरिडोर सौंदर्यीकरण योजना का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान आस्था का प्रमुख केंद्र होगा। प्रभु श्रीराम वन जाते समय संगम नगरी में भारद्वाज मुनि के आश्रम में जैसे ही पहुंचे उन्हें, मुनि ने वटवृक्ष का महत्व बताया था। मान्यता के अनुसार माता सीता ने वटवृक्ष को आशीर्वाद दिया था। तभी प्रलय के समय जब पृथ्वी डूब गई तो वट का एक वृक्ष बच गया, जिसे हम अक्षयवट के नाम से जानते हैं। महाकवि कालिदास के रघुवंश और चीनी यात्री ह्वेन त्सांग के यात्रा वृत्तांत में भी अक्षय वट का जिक्र किया गया है। कहा जाता है कि अक्षयवट के दर्शन मात्र से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भारत में चार प्राचीन वट वृक्ष माने जाते हैं। अक्षयवट- प्रयागराज, गृद्धवट-सोरों ‘शूकरक्षेत्र’, सिद्धवट- उज्जैन एवं वंशीवट-वृंदावन शामिल हैं। यमुना तट पर अकबर के किले में अक्षयवट स्थित है। मुगलकाल में इसके दर्शन पर प्रतिबंध था। ब्रिटिश काल और आजाद भारत में भी किला सेना के आधिपत्य में रहने के कारण वृक्ष का दर्शन दुर्लभ था। योगी सरकार ने विगत 2018 में अक्षयवट का दर्शन व पूजन करने के लिए इसे आम लोगों के लिए खोल दिया था। पौराणिक महत्व के तीर्थों के लिए योगी सरकार की ओर से कई विकास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। यहां कॉरिडोर का भी कार्य चल रहा है। अयोध्या से प्रयागराज पहुंचे प्रसिद्ध संत और श्रीराम जानकी महल के प्रमुख स्वामी दिलीप दास त्यागी ने बताया कि अक्षयवट का अस्तित्व समाप्त करने के लिए मुगल काल में तमाम तरीके अपनाए गए। उसे काटकर दर्जनों बार जलाया गया, लेकिन ऐसा करने वाले असफल रहे। काटने और जलाने के कुछ माह बाद अक्षयवट पुन: अपने स्वरूप में आ जाता था। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अक्षय वट को लेकर जो सौंदर्यीकरण और विकास कार्य शुरू किए हैं वो स्वागत योग्य हैं। महाकुंभ में संगम स्नान के बाद इसके दर्शन से श्रद्धालुओं को पुण्य प्राप्त होगा। रामायण, रघुवंश और ह्वेनत्सांग के यात्रा वृत्तांत में भी अक्षय वट का जिक्र प्रभु श्रीराम वन जाते समय संगमनगरी में भरद्वाज मुनि के आश्रम में जैसे ही पहुंचे उन्हें, मुनि ने वटवृक्ष का महत्व बताया था। मान्यता के अनुसार माता सीता ने वटवृक्ष को आशीर्वाद दिया था। तभी प्रलय के समय जब पृथ्वी डूब गई तो वट का एक वृक्ष बच गया, जिसे हम अक्षयवट के नाम से जानते हैं। महाकवि कालिदास के रघुवंश और चीनी यात्री ह्वेनत्सांग के यात्रा वृत्तांत में भी अक्षय वट का जिक्र किया गया है। कहा जाता है कि अक्षयवट के दर्शन मात्र से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भारत मेें चार प्राचीन वट वृक्ष माने जाते हैं। अक्षयवट- प्रयागराज, गृद्धवट-सोरों 'शूकरक्षेत्र', सिद्धवट- उज्जैन एवं वंशीवट- वृंदावन शामिल हैं। मुगलकाल में रहा प्रतिबंध यमुना तट पर अकबर के किले में अक्षयवट स्थित है। मुगलकाल में इसके दर्शन पर प्रतिबंध था। ब्रिटिश काल और आजाद भारत में भी किला सेना के आधिपत्य में रहने के कारण वृक्ष का दर्शन दुर्लभ था। योगी सरकार ने आम लोगों के लिए खोला था दर्शन का रास्ता योगी सरकार ने विगत 2018 में अक्षयवट का दर्शन व पूजन करने के लिए इसे आम लोगों के लिए खोल दिया था। पौराणिक महत्व के तीर्थों के लिए योगी सरकार की ओर से कई विकास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। यहां कॉरिडोर का भी कार्य चल रहा है। काटने और जलाने के बाद भी पुन: अपने स्वरूप में आ जाता था वट वृक्ष अयोध्या से प्रयागराज पहुंचे प्रसिद्ध संत और श्री राम जानकी महल के प्रमुख स्वामी दिलीप दास त्यागी ने बताया कि अक्षय वट का अस्तित्व समाप्त करने के लिए मुगल काल में तमाम तरीके अपनाए गए। उसे काटकर दर्जनों बार जलाया गया, लेकिन ऐसा करने वाले असफल रहे। काटने व जलाने के कुछ माह बाद अक्षयवट पुन: अपने स्वरूप में आ जाता था। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अक्षय वट को लेकर जो सौंदर्यीकरण और विकास कार्य शुरू किए हैं वो स्वागतयोग्य हैं। महाकुंभ में संगम स्नान के बाद इसके दर्शन से श्रद्धालुओं को पुण्य प्राप्त होगा।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 83