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MBBS चिकित्सक ही बन सकता है निगम में हेल्थ ऑफिसर: हाईकोर्ट

 ग्वालियर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी पद को लेकर एक अंतरिम आदेश जारी किया है। इस अंतरिम आदेश का असर ग्वालियर नगर निगम के साथ ही इंदौर नगर निगम पर भी पड़ना तय है। दरअसल, हाईकोर्ट(MP High Court) की ग्वालियर खंडपीठ ने माना है कि नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी का पद केवल एमबीबीएस(MBBS) की डिग्री प्राप्त व्यक्ति को ही दिया जा सकता है। इसके उलट इंदौर में स्वास्थ्य अधिकारी का पद वेटनरी डॉक्टर के पास है। 42 साल: MBBS डॉक्टर की नहीं हुई निगम में भर्ती इंदौर निगम में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर फिलहाल पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश उपाध्याय संभाल रहे हैं। वे एमबीबीएस नहीं हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक वे इस पद के लिए योग्य नहीं हैं। इंदौर निगम में इस पद की योग्यता रखने वाला कोई अधिकारी ही नहीं है। इंदौर में डॉ. अखिलेश उपाध्याय के अलावा सात और अधिकारियों को स्वास्थ्य अधिकारी का पद संभाल रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी के पास भी एमबीबीएस की डिग्री नहीं है। 1983 के बाद नहीं हुई भर्ती इंदौर निगम में एमबीबीएस डॉक्टर्स की भर्ती 1983 में हुई थी। उस समय दो डॉक्टर्स को भर्ती किया था, जिनमें से डॉ. केएस वर्मा पांच साल पहले रिटायर हो गए थे। हालांकि, डॉ. नटवर शारडा प्रतिनियुक्ति पर निगम में थे, लेकिन कोरोना के समय उनका भी ट्रांसफर मूल विभाग में हो गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी का पद वेटनरी डॉक्टर्स ही संभाल रहे हैं। इसलिए दिया ग्वालियर हाईकोर्ट ने आदेश राज्य सरकार की ओर से ग्वालियर नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर डॉ. अनुज शर्मा को नियुक्त किया गया था। डॉ. अनुज शर्मा वेटनरी डॉक्टर हैं, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी पद की योग्यता के नियम भी आए थे, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर कम से कम एमबीबीएस की डिग्री जरूरी बताई गई थी। इसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने ग्वालियर निगम में वेनरी डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में जानकारी मिली है। हम न्यायालय के आदेशों का पालन करेंगे। इसके लिए जो भी उचित होगा वो किया जाएगा। – शिवम वर्मा, आयुक्त नगर निगम   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

मेडिकल कॉलेज का एक्शन 50 छात्रों के साथ हुई रैगिंग की वारदात, MBBS के 5 छात्र निलंबित

 रायपुर तमाम सख्ती और कायदे कानूनों के बावजूद देश के कई कॉलेजों में रैंगिंग के मामले रुक नहीं रहे हैं. अब इसी को लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (Pandit Jawahar Lal Nehru Medical College) प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग के आरोप में छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया है. इतना ही नहीं उनके पैरेंट्स को बुलाकर शपथ पत्र भी लिया जाएगा. ये एक्शन मेडिकल कॉलेज के 50 छात्रों के साथ हुई रैगिंग की वारदात के बाद लिया गया है. दरअसल रायपुर का पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज राज्य का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज है. यहां के सीनियर छात्रों ने MBBS के फर्स्ट ईयर के करीब 50 छात्रों के साथ रैगिंग की है. इस दौरान सीनियर छात्रों ने नए छात्रों का सामूहिक मुंडन कराया था और थप्पड़ भी मारे थे. यही नहीं जूनियर लड़कियों को सिर पर खास तरह का तेल लगाकर आने को भी कहा गया था. इसके बाद WhatsApp पर उनकी फोटो भी मंगवाई गई थी. पीड़ित छात्रों की इसकी शिकायत नेशनल मेडिकल काउंसिल से की. छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी इसके खिलाफ कैंपेन जैसा चलाया. एंटी रैगिंग हेल्पलाइन में भी मामले की शिकायत की. इस दौरान  मामले को जोर-शोर से उठाया. इतना होने के बाद कॉलज प्रशासन भी हरकत में आया. कॉलेज प्रबंधन की बैठक और रैगिंग के मामले पहले MBBS के दो छात्रों को 10 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया. अब कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच के बाद कुल 5 सीनियर छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है. खुद छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सरकार रैगिंग की शिकायतों को गंभीरता से लिया है. 11 नवंबर को ही एंटी रैगिंग कमेटी की फिर से बैठक हुई थी जिसके बाद इन छात्रों के निलंबन का फैसला लिया गया. इस मामले में कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि मामले को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है. सभी क्लासेस में रैगिंग के खिलाफ सख्त हिदायत दी जा रही है. साथ ही जूनियर छात्रों को कहा गया है कि अगर ऐसे कोई परेशान करता है तो अपने कॉलेज फैकल्टी को इसकी जानकारी अवश्य दें. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 44

खत्म हो गया बॉन्ड का चक्कर, राज्य सरकार का बड़ा कदम, काउंसलिंग के बाद भी छोड़ सकेंगे सीट

भोपाल  प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस में प्रवेश लेने जा रहे डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है। अब काउंसलिंग के पहले दो चरण तक प्रवेश के बाद सीट छोड़ने पर उनके ऊपर सीट लीविंग बांड लागू नहीं होगा। मॉप-अप राउंड से यह प्रभावी होगा। पिछले सत्र तक दूसरे चरण में प्रवेश लेने के बाद सीट छोड़ने पर सीट लीविंग बांड लगता था। इसमें सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेने वाले को 30 लाख रुपये और निजी कॉलेज वाले को पूरे पाठ्यक्रम की शुल्क बांड राशि के रूप में शासन को जमा करानी होती थी। अभ्यर्थी अच्छा कॉलेज या विषय मिलने के बाद भी त्यागपत्र नहीं दे पाते थे। एमबीबीएस में पहले ही यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पीजी की 1262 और निजी कॉलेजों में 830 सीटें थीं। इस वर्ष सरकारी और निजी दोनों कॉलेजों में कुछ सीटें बढ़ने के आसार हैं। प्रवेश नियमों में यह भी निर्धारित किया गया है कि अभ्यर्थियों को सिर्फ एक बार ही पंजीयन का अवसर दिया जाएगा। एमबीबीएस में दूसरी बार भी अवसर दिया था। एमडी-एमएस में प्रवेश के लिए दो अक्टूबर से पंजीयन प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। अभी जारी नहीं हुआ काउंसलिंग का कार्यक्रम हालांकि, अखिल भारतीय कोटे की सीटों का कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं होने से चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने भी अभी काउंसलिंग का कार्यक्रम जारी नहीं किया है। पहले चरण की काउंसलिंग में सीट आवंटन इसी माह होने के आसार हैं। MBBS and BDS: अब नहीं भरना होगा बॉन्ड मध्यप्रदेश सरकार ने ये ऐतिहासिक फैसला लिया है। आप चाहे सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस बीडीएस में दाखिले ले रहे हों या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में, आपको सीट लीविंग बॉन्ड भरने की जरूरत नहीं होगी। आने वाले सत्र से इसे लागू किया जाएगा। इस फैसले से सीधे सीधे 30 से 40 लाख रुपये तक की बचत हो सकेगी। क्योंकि किसी भी कारण से बीच में ही पढ़ाई छोड़ने पर आपको ये मोटी रकम नहीं भरनी होगी। Seat Leaving Bond क्या है? अब तक जो नियम हैं, उसके अनुसार MBBS Admission और BDS Admission के समय कॉलेज स्टूडेंट्स से एक बॉन्ड भरवाते हैं। इसमें ये लिखा होता है कि अगर छात्र/ छात्रा किसी भी कारण कोर्स पूरा नहीं करते हैं और बीच में ही कॉलेज छोड़ देते हैं, तो उन्हें एक निश्चित रकम कॉलेज को देनी होगी। ये रकम 5 लाख से 40 लाख रुपये तक.. बल्कि कई कॉलेजों में इससे ज्यादा भी होती है। इसी साल नेशनल मेडिकल कमीशन ने भी इस मामले में दखल दिया था। National Medical Commission ने 2024 की शुरुआत में कहा था कि 'हमारे पास आयोग के पास इस बॉन्ड को लेकर ढेर सारी शिकायतें आई हैं। ये बताती हैं कि हालात कितने गंभीर हैं। इस नियम के कारण स्टूडेंट्स स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन तक का शिकार हो रहे हैं। खासकर पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स।' इसके मद्देनजर NMC ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मेडिकल कॉलेजं में सीट लीविंग बॉन्ड खत्म करने के लिए कहा था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

MBBS की पढ़ाई कर पांच दिन पहले चीन से लौटी मेडिकल छात्रा की चौथी मंजिल से गिरकर मौत

ग्वालियर चाइना में MBBS की पढ़ाई कर रही मेडिकल स्टूडेंट की ग्वालियर में मौत हो गई। गुरुवार रात 10 बजे अचानक मेडिकल स्टूडेंट मल्टी के चौथे माले से गिर गई।  घायल छात्रा को परिजन बिड़ला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना डीडी नगर कोठारी हाउस के सामने की है।महाराजपुरा थाना पुलिस मेडिकल स्टूडेंट का गिरना हादसा है या सुसाइड? कारण जानने मामले की जांच कर रही है। पांच दिन पहले ही आई थी ग्वालियर महाराजपुरा थाना क्षेत्र में डीडी नगर स्थित कोठारी हाउस के सामने रहने वाले राजीव दुबे आर्मी से रिटायर्ड फौजी हैं। राजीव की इकलौती बेटी दीक्षा चाइना से MBBS की पढ़ाई कर रही थी। कुछ समय से छात्रा डिप्रेशन में थी, जिसका इलाज शहर के एक मनोचिकित्सक से चल रहा था। पांच दिन पहले ही दीक्षा चाइना से ग्वालियर आई थी। फौजी पिता दो दिन पहले ही दीक्षा को डॉक्टर दिखाया था। तेज आवाज के बाद मची भगदड़ जानकारी के मुताबिक, चौथी मंजिल पर फौजी का परिवार रहता है। गुरुवार रात साढ़े नौ बजे अचानक तेज आवाज आई। आसपास के लोग और छात्रा के पिता बाहर आए तो देखा 22 वर्षीय दीक्षा दुबे सड़क पर लहूलुहान पड़ी है। परिजन और पड़ोसी छात्रा को गोला का मंदिर स्थित बिड़ला हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आशंका जाहिर की जा रही है कि छात्रा चौथी मंजिल की छत से ही गिरी है। पुलिस जांच में खुलेगा राज फोरेंसिक टीम के साथ मिलकर पुलिस जांच कर पता लगा रही है कि दीक्षा ने सुसाइड किया है या फिर उसका गिरना हादसा है। पुलिस पता लगा रही ह कि आखिरकार मेडिकल स्टूडेंट के डिप्रेशन का कारण क्या है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 57