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मोहन भागवत ने कहा- भारत की शास्त्रार्थ परंपरा सत्य को सहमति से स्थापित करती है, पड़ोसियों को तंग नहीं करते

नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत की शास्त्रार्थ परंपरा सत्य को सहमति से स्थापित करती है। हिंदू मैनिफेस्टो इसी उद्देश्य से प्रस्तावित है, जो व्यापक चर्चा और सहमति के लिए प्रमाणित पुस्तक है। यह विश्व को नया रास्ता देने का भारत का कर्तव्य है, क्योंकि 2000 वर्षों के आस्तिक, नास्तिक और जड़वादी प्रयोग असफल रहे। भौतिक सुख बढ़ा, लेकिन असमानता और पर्यावरण हानि भी बढ़ी। एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि भारत की प्राचीन दृष्टि पर आधारित जीवन व्यवस्था स्थापित होनी चाहिए। पुस्तक में आठ सूत्र पूर्ण हैं, लेकिन भाष्य काल और परिस्थिति के अनुसार बदलते हैं। पिछले 1500 वर्षों से नया शास्त्र नहीं आया, जिसके कारण जाति व्यवस्था जैसे दोष समाज में आए। वेदों का सही भाष्य आज आवश्यक है। शास्त्रों में अस्पृश्यता या जाति का कोई स्थान नहीं, जैसा उडुपी के संत समाज ने भी कहा। आततायियों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म: भागवत उन्होंने जोर दिया कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन आततायियों को सबक सिखाना भी धर्म है। पड़ोसियों को तंग नहीं करते, लेकिन उपद्रव करने वालों को दंड देना राजा का कर्तव्य है। भ्रष्टाचारियों को छोड़ना उचित नहीं, क्योंकि धर्म में अर्थ और काम को मर्यादा में रखना जरूरी है। धर्म को केवल कर्मकांड तक सीमित नहीं करना चाहिए; यह सत्य, करुणा और सुचिता है। हिंदू समाज को अपने धर्म को समझने की जरूरत: भागवत हिंदू समाज को अपने धर्म को समझने की जरूरत है। हिंदू मैनिफेस्टो शास्त्रार्थ के माध्यम से शुद्ध परंपरा को सामने लाएगा और कालानुरूप स्वरूप स्थापित करेगा। यह पुस्तक विश्व कल्याण के लिए है, और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 15

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख भागवत आज 4 मार्च को भोपाल में 700 कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर उद्घाटन करेंगे

भोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत आज  भोपाल में रहेंगे। वे विद्या भारती के देशभर से आने वाले 700 से ज्यादा पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं के अभ्यास वर्ग का उद्घाटन करेंगे।दरअसल, इस अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान के लगभग 700 कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. संघ के एक पदाधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण शिविर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय में आयोजित किया जाएगा. संघ के इस पदाधिकारी ने बताया कि आठ मार्च को शिविर के समापन सत्र को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और आरएसएस के विचारक और विद्या भारती के वरिष्ठ सलाहकार सुरेश सोनी भी संबोधित करेंगे. मंत्री विश्वास सारंग ने प्रदर्शनी का किया  उद्घाटन उद्घाटन से एक दिन पहले यानी सोमवार 3 मार्च को मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विश्वास सारंग और अन्य गणमान्य व्यक्ति सोमवार को उसी स्थान पर भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य की झलक पेश करने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया . उन्होंने बताया कि पूरे प्रशिक्षण शिविर के दौरान आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल मौजूद रहेंगे. केरवा डैम रोड स्थित शारदा विहार में 5 दिन चलने वाले अभ्यास वर्ग में एनसीईआरटी, सीबीएसई डायरेक्टर, भाषा भारती अध्यक्ष सहित शिक्षा के क्षेत्र से जुडे़ अधिकारी और विशेषज्ञ सत्रों में शामिल होंगे। कार्यकर्ता पिछले 3 महीनों से इस अभ्यास वर्ग के लिए तैयारियां कर रहे थे। संघ के अनुसार, आरएसएस से संबद्ध विद्या भारती, एक गैर-सरकारी शैक्षणिक संगठन है, जो 1952 से देश में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है. तब उसने गोरखपुर में अपना पहला स्कूल स्थापित किया था. इस वक्त विद्या भारती देश भर में 22,000 स्कूल चलाती है. इन विद्यालयों में सामूहिक रूप से 1,54,000 शिक्षक और लगभग 36 लाख विद्यार्थी हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक्नोलॉजी पर फोकस राव ने बताया विद्या भारती के करीब 22 हजार औपचारिक और अनौपचारिक विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में शैक्षणिक, प्रबंधन और तमाम कामों को करने वाले 700 से ज्यादा पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को अभ्यास वर्ग में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के सभी जिलों में एक अच्छा स्किल डेवलपमेंट सेंटर तैयार हो। कल्पना यही है कि स्किलिंग बाय स्कूलिंग यानि शिक्षा के साथ निपुणता की व्यवस्था हो। अपडेटेड नॉलेज से समृद्ध बने। इस दृष्टि से हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक्नोलॉजी में हमारे शिक्षक गण दक्ष हों। हमारे पास 1 लाख 6 हजार आचार्य हैं उनको सशक्त करने के लिए यह अभ्यास वर्ग चला रहे हैं। वर्ग में कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सामाजिक परिवर्तन के प्रयासों को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकेंगे। जिला स्तर पर देंगे प्रशिक्षण पूर्ण रूप से विद्याभारती के लिए काम करने वाले जिला और उससे ऊपर के कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण वर्ग आयोजित हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले नए परिवर्तन पर प्रशिक्षण लेकर यह जिला स्तर पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे। प्रदर्शनी में भारत की सांस्कृतिक झलक आयोजन स्थल को पर्यावरण-संवेदनशील बनाते हुए पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त रखने का संकल्प लिया गया है। भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य की झलक डिजिटल व मैन्युअल प्रदर्शनियों का नियोजन किया जाएगा। ये प्रदर्शनियां भारत की संस्कृति, विज्ञान, शिक्षा और राष्ट्रसेवा के अद्वितीय पहलुओं को प्रस्तुत करेंगी। स्कूल से ओलंपिक तक जाते हैं विद्या भारती के विद्यार्थी विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री अवनीश भटनागर ने बताया कि विद्याभारती के 22 हजार स्कूलों में 35 लाख विद्यार्थी पूरे देश में अध्ययनरत हैं। विद्यालय से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया जो भारत के स्कूली खेलों का आयोजन करती है। इसने 29वें राज्य के रूप में विद्या भारती को मान्यता दी। हमारे विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक खेलने जाते हैं। उसके बाद ओलंपिक तक में सहभागिता करते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 18

मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हैं. बल्कि हम उनके अनुशासक हैं: रामभद्राचार्य

नई दिल्ली आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का हिंदू समाज को लेकर बयान चर्चा में है. अब देश के दो बड़े संतों का रिएक्शन आया है. तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, मैं मोहन भागवत के बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हूं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हैं. बल्कि हम उनके अनुशासक हैं. वहीं, उत्तराखंड में ज्योतिर्मठ पीठ के शंकरचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने मोहन भागवत पर राजनीतिक रूप से सुविधाजनक रुख अपनाने का आरोप लगाया. अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, जब उन्हें सत्ता चाहिए थी, तब वे मंदिरों के बारे में बोलते रहे. अब जब उनके पास सत्ता है तो वे मंदिरों की तलाश ना करने की सलाह दे रहे हैं. 'अतीत में हिंदुओं पर अत्याचार हुए हैं' अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना था कि अतीत में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की एक लिस्ट तैयार की जाए और हिंदू गौरव को बहाल करने के लिए स्ट्रक्चर का पुरातात्विक सर्वे किया जाए. उन्होंने कहा, अतीत में हिंदुओं पर बहुत अत्याचार हुए हैं. उनके धार्मिक स्थलों को नष्ट कर दिया गया है. अगर अब हिंदू समाज अपने मंदिरों का जीर्णोद्वार और संरक्षण करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है? मोहन भागवत ने क्या कहा था? दरअसल, आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हाल ही में नए मंदिर-मस्जिद विवादों के उभरने पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं. यह स्वीकार्य नहीं है. मोहन भागवत ने आगे कहा था कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था. उन्होंने किसी विशेष स्थान का जिक्र किए बिना कहा, 'हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है. इसकी इजाजत कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता. भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं.' हालांकि, आरएसएस प्रमुख ने किसी विशेष विवाद का जिक्र नहीं किया. उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए. उन्होंने कहा, लेकिन अब देश संविधान के अनुसार चलता है. इस व्यवस्था में लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, जो सरकार चलाते हैं. आधिपत्य के दिन चले गए हैं. मुगल बादशाह औरंगजेब का शासन इसी तरह की दृढ़ता से जाना जाता था. हालांकि उनके वंशज बहादुर शाह जफर ने 1857 में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया था.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

मोहन भागवत ने कहा – दो या तीन बच्चे पैदा करना जरूरी, वरना मानवता ही खतरे में आ जाएगी

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने जनसंख्या नीति को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने रविवार को महाराष्ट्र में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह जरूरी है कि जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 2.1 से नीचे न जाए। हमारे लिए यह जरूरी है कि दो या तीन बच्चे पैदा किए जाएं। ऐसा जनसंख्या विज्ञान कहता है और यदि औसत आंकड़ा 2.1 का ही रहा तो फिर बिना किसी खतरे के ही पृथ्वी से मानवता समाप्त हो जाएगी। आबादी यदि ऐसे ही कम होने की दर बनी रही तो फिर कई भाषाएं और सभ्यताएं खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएंगी। मोहन भागवत ने कहा, 'आबादी का घटना चिंता का विषय है। आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब जन्म दर 2.1 से नीचे जाती है तो फिर धरती से मानवता ही खत्म होने का खतरा पैदा हो जाता है। ऐसी स्थिति में समाज खत्म हो जाता है, जबकि उसके आगे कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं होता। ऐसी स्थिति में कई भाषाओं और सभ्यताओं के खत्म होने का खतरा होता है। देश की जनसंख्या नीति 1998 या 2002 में तय हुई थी। जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए यह जरूरी है कि दो या तीन बच्चे हों। आबादी की जरूरत है क्योंकि समाज का अस्तित्व रहना चाहिए।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 36

भारत को अपने विकास के मॉडल बनाने की जरूरत है जो वैश्विक उदाहरण बन सकें : मोहन भागवत

नई दिल्ली  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)प्रमुख मोहन भागवत  गुरुग्राम पहुंचे थे। यहां वह 'विविभा-2024:विकसित भारत के लिए विजन' के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। भागवत ने कहा कि विकास के लिए शिक्षा अनिवार्य लेकिन वह भारत-केंद्रित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को अपने विकास के मॉडल बनाने की जरूरत है जो वैश्विक उदाहरण बन सकें। भारत-केंद्रित हो- मोहन भागवत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है,लेकिन यह शिक्षा भारत-केंद्रित होनी चाहिए। हमें दुनिया भर से अच्छे विचार लेने चाहिए, लेकिन कभी भी अंधाधुंध अनुयायी नहीं बनना चाहिए। भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित शोध के लिए शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। "भारतीय शिक्षण मंडल- युवा आयाम" की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जैसे विशिष्ट वक्ताओं ने देश भर के विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ विकसित भारत को प्राप्त करने के बारे में अपने विचार साझा किए। एस सोमनाथ ने विकसित भारत की ओर भारत की यात्रा में अगले 25 वर्षों के महत्व पर प्रकाश डाला। '16वीं शताब्दी तक भारत हर क्षेत्र में आगे था' मोहन भागवत ने कहा कि पहली शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक भारत हर क्षेत्र में आगे था। हमने बहुत पहले ही बहुत कुछ खोज लिया था। हम बस रुक गए और इसी कारण हमारा पतन शुरू हुआ। उन्होंने खेती का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में पिछले 10,000 सालों से खेती हो रही है, लेकिन जमीन,पानी,हवा के प्रदूषित होने की समस्या कभी नहीं थी। लेकिन जब बाहर से खेती आई, तो 500-600 सालों में ही ये चीजें होने लगीं। भागवत ने कहा, 'कहीं न कहीं भारत की दृष्टि में कमी थी, जिसके कारण विकास भी एकतरफा हुआ। भारत में विकास समग्र रूप से होना चाहिए।' उन्होंने कहा कि आजकल बहस इस बात पर होती है कि विकास किया जाए या पर्यावरण की रक्षा,जैसे हमें एक को चुनना है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में,यह एक या दूसरे को चुनने के बारे में नहीं है,बल्कि दोनों को एक साथ लेकर चलने के बारे में है। भागवत ने आगे कहा कि सिर्फ चार प्रतिशत लोग 80 प्रतिशत संसाधनों पर नियंत्रण करना चाहते हैं। इस तरह का विकास लोगों पर लाठी का इस्तेमाल करके धकेला गया है। भागवत ने कहा कि जो लोग तकनीकी विकास को आगे बढ़ाते हैं,तो आप देख सकते हैं कि वे आबादी का सिर्फ 4 प्रतिशत हैं,लेकिन उन्हें 80 प्रतिशत संसाधनों की जरूरत है और उन संसाधनों को प्राप्त करने के लिए वे कई लोगों पर लाठी का इस्तेमाल करना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि इस तरह के विकास के लिए लोगों को वास्तव में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और जुनून के साथ काम करना पड़ता है,लेकिन उन प्रयासों का फल बहुतों को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि जुनून को फिर से जगाने के लिए लाठी का इस्तेमाल उनके ही लोगों पर करना चाहिए,ऐसी स्थितियां हर जगह देखने को मिलती हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 68

कभी-कभी कठोर कदम उठाने पड़ते हैं और अपने ही लोगों पर डंडा चलाना पड़ता है : मोहन भागवत

नई दिल्ली आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार (15 नवंबर. 2024) को गुरुग्राम में आयोजित 'विकसित भारत की दिशा' सम्मेलन में अपने विचार रखे. उन्होंने इस दौरान विकास और पर्यावरण की रक्षा को लेकर चर्चा की है. भागवत ने कहा, "विकास करें या पर्यावरण की रक्षा करें. दोनों में से एक चुनना है, लेकिन हमें दोनों को साथ लेकर चलना पड़ेगा." इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि जब तकनीकी प्रगति के मापदंडों की बात आती है, तो मात्र चार प्रतिशत जनसंख्या को 80 प्रतिशत संसाधन मिलते हैं और ऐसे विकास के लिए लोगों को पूरी मेहनत से काम करना पड़ता है. नतीजे न मिलने पर निराशा होती है और ऐसी स्थिति में कभी-कभी कठोर कदम उठाने पड़ते हैं और अपने ही लोगों पर डंडा चलाना पड़ता है, जो आज की स्थिति में साफ तौर से देखा जा रहा है. 'हम रुके और हमारा पतन शुरू हो गया' भागवत ने आगे कहा कि दुनिया भी यह मानती है कि 16वीं सदी तक भारत हर क्षेत्र में अग्रणी था. उन्होंने कहा,  "हमने कई महत्वपूर्ण खोजें की थीं, लेकिन उसके बाद हम रुक गए और हमारे पतन की शुरुआत हो गई." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा यह मिसाल पेश किया है कि सभी को साथ लेकर चलना चाहिए. आरएसएस चीफ के मुताबिक, व्यक्तिगत विकास में मन और बुद्धि का भी विकास होना चाहिए. विकास सिर्फ आर्थिक लाभ हासिल करना नहीं है, बल्कि यह मानसिक और भौतिक समृद्धि दोनों का मिलाजुला रूप होना चाहिए. अध्यात्म और विज्ञान भागवत ने यह भी कहा कि अध्यात्म और विज्ञान के बीच कोई टकराव नहीं है. दोनों का मकसद मानवता की भलाई है. उनके मुताबिक, यदि किसी को मोक्ष हासिल करना है, तो उसे अपने सांसारिक कर्मों को छोड़ना पड़ता है. उन्होंने कहा, "अर्थ (पैसा) कमाना है तो भागते रहो, बच्चों को अच्छे से रखना है, सुबह जाकर शाम को लौटना है, लेकिन इसके लिए कुछ न कुछ त्याग भी करना पड़ता है." Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है: मोहन भागवत

सतना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने  कहा कि रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. मोहन भागवत मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. मोहन भागवत ने कहा, "हम सभी को तीसरे विश्व युद्ध खतरा मंडराता हुआ महसूस हो रहा है. इस पर अटकलें कि यह यूक्रेन में शुरू हो सकता है या गाजा में." उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका लाभ अभी भी देश या दुनिया भर के गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है और दुनिया को नष्ट करने वाले हथियार हर जगह पहुंच गए हैं. पर्यावरण की स्थिति भी चिंताजनक- भागवत उन्होंने कहा, "कुछ बीमारियों की दवा ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध नहीं हो सकती है, लेकिन देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) उपलब्ध है." उन्होंने पर्यावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि यह ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां यह बीमारियों का कारण बन रहा है. भागवत ने कहा कि मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व में दुनिया को राह दिखाने की क्षमता है. भागवत ने कहा कि हिंदू शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से बहुत पहले से मौजूद है. उन्होंने कहा कि इसे पहली बार गुरु नानक देव ने सार्वजनिक प्रवचन में पेश किया था. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 51