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प्रदेश की कोई भी नदी सूखी नहीं रहेगी, सोनार नदी को नर्मदा से जोड़ने के लिए जल्द ही सर्वे शुरू होगा: सीएम मोहन यादव

सागर मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट खत्म करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया कि प्रदेश की कोई भी नदी सूखी नहीं रहेगी। सोनार नदी को नर्मदा से जोड़ने के लिए जल्द ही सर्वे शुरू होगा, जिससे इस क्षेत्र के किसानों को जबरदस्त फायदा मिलेगा। इसके अलावा, सागर-दमोह मार्ग को अपग्रेड करने और अन्य विकास कार्यों की भी घोषणा की गई। 6-7 साल में बदल जाएगी बुंदेलखंड की तस्वीर- सीएम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल, सड़क, शिक्षा और कृषि से जुड़े कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि नर्मदा-सोनार लिंक परियोजना इस क्षेत्र के जल संकट को खत्म कर देगी। सर्वे पूरा होते ही आगे का काम शुरू होगा, जिससे बुंदेलखंड की धरती पहले से भी ज्यादा उपजाऊ बन जाएगी। सीएम ने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से आने वाले 6-7 साल में बुंदेलखंड की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इस प्रोजेक्ट के जरिए हर खेत तक पानी पहुंचेगा, जिससे फसल उत्पादन दोगुना होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी जमीन न बेचें, क्योंकि जल्द ही बुंदेलखंड की मिट्टी पंजाब-हरियाणा से भी बेहतर होगी। सड़कों का भी होगा कायाकल्प गढ़ाकोटा रहली-देवरी मार्ग और सागर-दमोह मार्ग को अपग्रेड करने की भी घोषणा हुई। सागर-गढ़ाकोटा रोड को फोर लेन बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। किसानों और गौपालकों को राहत किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर सरकार 40% सब्सिडी देगी। वहीं, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई योजना लाई जा रही है, जिससे दूध उत्पादकों को बोनस मिलेगा। गेहूं के लिए सरकार 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी करेगी, जो अगले साल बढ़कर 2700 रुपए से ऊपर पहुंच जाएगी।  बुंदेलखंड को मिलेगा नर्मदा का आंचल, सुनार से होगा मिलन प्रदेश की जीवन-दायिनी मां नर्मदा अब अपने आंचल से सागर जिले को भी नया जीवन देगी। नर्मदा नदी को केसली-रहली से बहने वाली सुनार नदी से जोडऩे का काम शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है। नर्मदा व सुनार नदी के संगम से सागर जिले सहित दमोह, कटनी व रायसेन जिले को भी फायदा होगा। जिला योजना समिति ने दी सैद्धांतिक मंजूरी विशेषकर सूखे की आग में झुलस रहे बुंदेलखंड के इस क्षेत्र को नर्मदा की बूंदों से राहत मिलेगी। बुधवार को जिला योजना समिति ने इस काम को शुरू करने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सागर संभाग में पहले से ही केन-बेतवा लिंक परियोजना और बीना नदी परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल, नर्मदा व सोनार नदी को जोडऩे के लिए जल संसाधन विभाग को डीपीआर की जिम्मेदारी दी गई है। 2 हजार 994 करोड़ की बनी है डीपीआर वर्ष 2020 तक हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना के तहत बुंदेलखंड के सभी जिले में कार्ययोजना बनाई जा रही है। इनमें सागर संभाग के पांचों जिले छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर सहित दतिया जिले की कार्ययोजना बनाई जा रही है। सागर जिले में इस परियोजना के तहत 2 हजार 994 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। जिसमें पहले से चल रही सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ जिले के सभी 11 ब्लॉकों में नई सिंचाई परियोजनाओं, तालाब निर्माण, जलाशय निर्माण को भी शामिल किया गया है। 30 किमी दूर है नर्मदा केसली टड़ा के पास बरांझ नदी दक्षिण की तरफ नर्मदा नदी से मिलती है, जिसकी दूरी लगभग 30 किमी है। सुनार को बरांझ नदी से लिंक करके भी नर्मदा का पानी लाया जा सकता है। हालांकि जल संसाधन विभाग को सुनार व नर्मदा नदी जोडऩे के लिए सभी संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं। सुकून देती सुनार जलसंकट के इस दौर में जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं रहली की सुनार नदी लबालब भरी है। जलसंकट को देखते हुए प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने समनापुर स्थित बांध के गेट खुलवा दिए थे। जो 6 मार्च से 6 अप्रैल तक खुले रहे। नदी में पानी आने के बाद भोपाल स्थित लैब में इसका परीक्षण करवाया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद रहली में पानी की सप्लाई के लिए 13 अप्रैल को वॉटर प्लांट का भी शुभारंभ कर दिया गया है। फैक्ट फाइल नर्मदा नदी लंबाई     1,312 किमी मध्यप्रदेश में    1.077 किमी गुजरात में    161 किमी मप्र-महाराष्ट्र की सीमा पर    74 किमी मप्र के अमरकंटक, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, बरमान, होशंगाबाद, बड़वानी, ओंकालेश्वर, बड़वाह, महेश्वर और गुजरात के राजपिपला, धरमपुरी व भरूच शहर व आसपास से बहती है। सुनार नदी लंबाई 155 किमी सागर जिले के केसली, रहली-गढ़कोटा होते हुए दमोह जिले के हटा से कटनी के पास केन नदी में मिलती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

नर्मदा जयंती 4 फरवरी 2025 मंगलवार को मनाई जाएगी, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती

अमरकंटक नर्मदा नदी भारत की सात प्रमुख पवित्र नदियों में से एक है। हिंदू धर्म में गंगा के समान पवित्र माना जाता है। इसका उद्गम मध्यप्रदेश के अमरकंटक से हुआ है। नर्मदा के प्राकट्य होने के बाद से हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष नर्मदा जयंती 4 फरवरी 2025 मंगलवार को मनाई जाएगी। क्या करना चाहिए नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी पर स्नान करने के बाद मां नर्मदा नदी के तट पर फूल, धूप, अक्षत, कुमकुम आदि से पूजन करना चाहिए। इस दिन नर्मदा नदी में 11 आटे के दीप जलाने चाहिए और उनका दीपदान करना चाहिए। यह बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। विष्णु पुराण के अनुसार नाग राजाओं द्वारा माँ नर्मदा को यह वरदान प्राप्त है कि जो व्यक्ति इनके जल का स्मरण भी करेगा उसके शरीर में कभी सर्प का विष नहीं फैलेगा। वायु पुराण के अनुसार माँ नर्मदा पितरों की पुत्री हैं, जो पत्थर को भी देवत्व प्रदान करती हैं और पत्थर के भीतर आत्मा प्रतिष्ठित करने वाली हैं। नर्मदेश्वर शिवलिंग- नर्मदा के तट से प्राप्त शिवलिंगों को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। मान्यता है कि ये स्वयं प्रकट होते हैं और बिना किसी विशेष प्रक्रिया के पूजनीय होते हैं। नर्मदा पूजा विधि- नर्मदा जल लेकर भगवान शिव या किसी देवी-देवता पर अर्पण करें। स्नान करते समय “ॐ नमः शिवाय” या “नर्मदे हर” मंत्र का जाप करें। नर्मदा जल का प्रयोग- नर्मदा का जल घर में रखना शुभ माना जाता है। इसका उपयोग अभिषेक, हवन और अन्य धार्मिक कार्यों में किया जाता है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने किया पुण्य स्नान, चढ़ाई चुनरी

नर्मदापुरम कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर मध्यप्रदेश की नदियों, सरोवरों और तीर्थ क्षेत्रों में स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में नर्मदा और तवा नदी के संगम पर बांद्राभान में अब तक करीब दो लाख लोग स्नान कर चुके हैं। आदिवासी समाज के सदस्य भी बड़ा देव की आराधना करने यहां पहुंचे हैं, जो मोरपंख से विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। उज्जैन में शिप्रा तट पर भी लोग स्नान कर रहे हैं। राम घाट, नरसिंह घाट पर मंदिरों में पूजन-हवन चल रहे हैं। जबलपुर में ग्वारी घाट, खंडवा में ओंकारेश्वर और मंडला के रपटा और महिष्मती घाटों पर भी लोग नर्मदा जल में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। महेश्वर में नर्मदा तट पर स्नान-पूजन के साथ दीपदान किया जा रहा है। शाम को काकड़ा आरती की जाएगी। अहिल्या घाट पर तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव शुरू होगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 53