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‘हर हमले का जोरदार जवाब देंगे’, PAK अटैक के बीच जयशंकर ने EU, इटली से की बात

नईदिल्ली जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कुछ राज्यों में पाकिस्तान की ओर से अटैक किया गया. इन अटैक्स को भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया. भारत ने पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान और दो JF 17 विमानों को मार गिराया. साथ ही जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और राजस्थान के जैसलमेर में ड्रोन हमलों को भी नाकाम कर दिया गया. जयशंकर की दो टूक… किसी भी हमले का मिलेगा मुंहतोड़ जवाब अब भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) मार्को रुबियो से बातचीत की है. इसे लेकर एस. जयशंकर ने लिखा, 'आज (8 मई) शाम को मार्को रुबियो से बात हुई. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता की गहराई से सराहना करता हूं. सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया. आतंकवाद को बढ़ाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा.' एस. जयशंकर की इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी से भी बात हुई है. भारत के विदेश मंत्री ने लिखा, 'इटली के विदेश मंत्री ने आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया पर चर्चा की. किसी भी उकसावे की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी.' एस. जयशंकर ने यूरोपीय यूनियन की उपाध्यक्ष काजा काल्लास से भी बात की है. जयशंकर ने लिखा, 'यूरोपीय संघ की उपाध्यक्ष के साथ मौजूदा घटनाक्रम पर चर्चा की. भारत अपनी कार्रवाइयों को लेकर संयम बरता है. हालांकि, किसी भी तरह के हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

भारत बिना किसी डर के वह सब-कुछ करेगा जो देश और दुनिया के लिए अच्छा होगा, ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा: विदेश मंत्री

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहाकि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहाकि भारत बिना किसी डर के वह सब-कुछ करेगा जो देश और दुनिया के लिए अच्छा होगा। जयशंकर मुंबई में एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। विदेश मंत्री ने कहाकि स्वतंत्रता को कभी भी तटस्थता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि भारत आज एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। एक तरफ, पिछले दशक ने दिखाया है कि उसके पास क्षमताएं, आत्मविश्वास और सबसे महत्वपूर्ण बात, व्यापक मोर्चों पर विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है। माना जा रहा है कि इस दौरान वीटो का जिक्र कर जयशंकर ने दुनिया को अपना संदेश दिया है। एस जयशंकर ने कहाकि अस्वस्थ आदतों, तनावपूर्ण जीवनशैली या बार-बार होने वाली जलवायु घटनाओं से जूझ रही दुनिया, भारत की विरासत से बहुत कुछ सीख सकती है। लेकिन दुनिया को इस बारे में तभी पता चलेगा, जब हमारे देश के लोग इस पर गर्व करेंगे। जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में प्रौद्योगिकी और परंपरा को एक साथ चलना होगा। उन्होंने कहाकि भारत जरूर आगे बढ़ेाग, लेकिन उसे अपनी भारतीयता खोए बिना ऐसा करना होगा। तभी हम बहुध्रुवीय विश्व में वास्तव में अग्रणी शक्ति के रूप में उभर पाएंगे। जयशंकर ने कहाकि लोकतंत्र की गहराई से अब अधिक प्रामाणिक आवाजें उठी हैं। देश खुद को फिर से खोज रहा है और फिर से अपना व्यक्तित्व पा रहा है। जयशंकर को 27वें ‘एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार का नाम कांची कामकोटि पीठम के 68वें द्रष्टा दिवंगत श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती के नाम पर रखा गया है। विदेश मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने अपना वीडियो संदेश भेजा। ‘वीटो’ के जिक्र से क्या संदेश गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पांच स्थायी सदस्य – चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं। फिलहाल यह देश प्रक्रियात्मक फैसलों को छोड़कर, किसी भी फैसले पर अपना वीटो दे सकते हैं। यूएनसीसी की स्थापना 1945 में हुई थी। इसमें कुल 15 सदस्य हैं। पांच स्थायी सदस्यों को छोड़कर बाकी 10 अस्थायी सदस्य दो साल के लिए चुने जाते हैं। अस्थायी सदस्यों के पास वीटो पावर नहीं होता है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लगातार उठा रहा है। उसका कहना है कि 21वीं सदी में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद पर्याप्त नहीं है। इसके स्थायी और अस्थायी दोनों सदस्यों का विस्तार होना चाहिए। फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका भी सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के लिए पुरजोर आवाज उठा चुके हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

एस जयशंकर ने इटली, जापान और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं

फ़िउग्गी (इटली)/नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इटली के फ़िउग्गी में जी 7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इटली, जापान और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ अपनी बैठक के बारे में विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखा“ दोनों ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे, यूक्रेन संघर्ष और इंडो-पैसिफिक पर विचारों का आदान-प्रदान किया। आज इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ गर्मजोशी से भरी बैठक हुई। प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्वच्छ ऊर्जा, उर्वरक, रेलवे और निवेश में अवसरों पर चर्चा की। आईएमईसी, यूक्रेन और इंडो-पैसिफिक पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। हाल ही में घोषित संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना हमारी गतिविधियों का मार्गदर्शन करती है। 2025 में भारत में उनका स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।” दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ताए-युल के साथ अपनी बैठक के बारे में उन्होंने पोस्ट किया, “कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री चो ताए-युल से मिलकर बहुत अच्छा लगा। भारत-प्रशांत क्षेत्र में हमारे बढ़ते सहयोग, जीवंत आर्थिक साझेदारी, मजबूत रक्षा संबंधों और सक्रिय तकनीकी सहयोग की सराहना करता हूं।” दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री ने पोस्ट किया “फ़िउग्गी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक की हलचल में डॉ़ एस जयशंकर से मिलकर और उनसे बातचीत करके भी प्रसन्नता हुई, हमेशा की तरह व्यावहारिक!”   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

एलएसी पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर हुए भारत-चीन समझौते को ‘सकारात्मक कदम’ बताया: एस. जयशंकर

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर हुए भारत-चीन समझौते को 'सकारात्मक कदम' बताया। हालांकि उन्होंने परिणामों के बारे में बहुत जल्दी अनुमान न लगाने की सलाह दी। इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार दोपहर घोषणा की कि पिछले कई हफ्तों से चल रही चर्चाओं के बाद दोनों देश एलएसी पर गश्त व्यवस्था को लेकर एक समझौते पर पहुंचे हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैनिकों की वापसी हुई और अंततः जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद क्षेत्र में उत्पन्न मुद्दों का समाधान हो रहा है। समिट में बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह समझौता, उस शांति और सौहार्द का आधार तैयार करता है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में होना चाहिए और जो 2020 से पहले मौजूद भी था। पिछले कुछ वर्षों से द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए भारत की यही प्रमुख चिंता रही है। जयशंकर ने कहा, "हमने हमेशा यह माना है कि एक तरफ, हमें स्पष्ट रूप से जवाबी तैनाती करनी थी…लेकिन, साथ ही, हम सितंबर 2020 से बातचीत भी कर रहे हैं। यह एक बहुत ही धैर्यपूर्ण प्रक्रिया रही है, शायद यह जितनी हो सकती थी उससे कहीं अधिक जटिल प्रक्रिया थी। तथ्य यह है कि यदि हम, पेट्रोलिंग करने और एलएसी की पवित्रता का पालन करने को लेकर एक समझ बना पाते हैं, तो, मुझे लगता है, उस शांति का आधार बनेगा जो सीमा क्षेत्रों में होना चाहिए और 2020 से पहले वहां मौजूद थी।" बता दें चीनी पक्ष ने जब भारत-चीन सीमा पर एलएसी का उल्लंघन करने का प्रयास किया, तो नई दिल्ली ने यह स्पष्ट कर दिया कि जमीन पर शांति और स्थिरता बनाए रखना प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और दोनों सरकारों के बीच बनी समझ के अनुसार होना चाहिए। हालांकि, विदेश मंत्री ने सावधानी बरतने और परिणामों के बारे में बहुत जल्दी अनुमान न लगाने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि समझौता अभी हुआ है और अगले कदमों की योजना बनाने के लिए चर्चा और बैठकें होंगी। विदेश मंत्री ने कहा, "हम पड़ोसी हैं और हमारे बीच सीमा विवाद अभी तक सुलझा नहीं है। वे बढ़ रहे हैं और हम भी बढ़ रहे हैं।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 23

पाक में गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच एससीओ समिट का आयोजन हो रहा है, शिखर सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे

इस्लामाबाद पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच एससीओ समिट का आयोजन हो रहा है। शंघाई हयोग संगठन के इस शिखर सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं। वहीं पाकिस्तान में इसका आयोजन किया जाना बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान सुरक्षा को लेकर लंबे समय से सवालों के घेरे में है। यहां तक कि विदेशी प्रतिनिधइयों को भी छोड़ा नहीं जा रहा है। ऐसे में इस बैठक को शांतिपूर्ण ढंग से करवाना इस्लामाबाद के लिए बड़ी चनौती बना हुआ है। पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को पनाह देता रहा है जो कि अब उसके लिए ही नासूर बन गया है। पाक में आए दिन पुलिस और सेना पर आतंकी हमले होते हैं। हाल में पाकिस्तान में हिंसा तेजी से बढ़ है। बलूचिस्तान में बड़ी संख्या में लोगों को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में चीनी नागरिकों को मार ड्ला गया। एक हमले में 20 बच्चों को मारा गया तो वहीं कोयले की खदान में धमाका करके सात कामगारों को मौत के घाट उतार दिया गया। पाकिस्तान का एक हिस्सा आजादी की मांग कर रहा है और इन दिनों यह मांग तेज हो गई है। जानकारों का कहना है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को पाकिस्तानी तालिबान से मदद मिल रही है। हालांकि हमला वे मिलकर नहीं करते हैं। एससीओ की बैठक को देखते हुए पूरे इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कोई भी वाहन बिना चेकिंग के आ-जा नहीं सकता है। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अनहोनी ना हो। वहीं पाकिस्तान में इन दिनों शट डाउन से भी हालात खराब हैं। अधिकारियों का कहना है कि बीते सप्ताह देश की अर्थव्यवस्था को करीब 684 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तानी सरकार की नाक में दम कर रखा है। ऐसे में कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिए गए थे। वहीं इमरान के समर्थकों के शटडाउन का असर भी बेहद बुरा हुआ है। पहले से ही कंगाल इस तरह के नुकसान को सहने के काबील नहीं है। शिखर सम्मेलन के दौरान सरकार ने पाकिस्तान में तीन दिनों का अवकाश गोषित कर दिया है। इसके अलावा वेडिंग हॉल, रेस्तरां, होटलों, कैफे और इस्लामाबाद की मार्केट भी बंद कर दी गई हैं। इससे पहले मार्च 2022 में पाकिस्तान ने एससीओ की बैठक की मेजबानी की थी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जा तो रहे हैं लेकिन भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह बहुपक्षीय कार्यक्रम है। वहां पाकिस्तान और भारत के संबंधों को लेकर कोई चर्चा नहीं होने जा रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि वह एससीओ के अच्छे सदस्य हैं और इसलिए उन्हें पाकिस्तान जाना पड़ रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि पाकिस्तान पहुंच ेहैं। इसके अलावा चीन, किर्गिस्तान के प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान पहुंच चुके हैं। एससीओ की बैठक 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 44

विदेश मंत्री जयशंकर नेUN के पुराने ढर्रे की जमकर आलोचना की, बोले इसी रवैये से देशों ने खुद ही कदम उठाने शुरू कर दिए

नई दिल्ली  जमाने की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे तो इंसान हो या संस्थान, हिकारत ही झेलता है। और यही हाल है संयुक्त राष्ट्र का। दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत आज इस हालत में पहुंच गई है कि इसकी उपयोगिता पर उठे सवालों की जड़ें लगातार गहरी हो रही हैं। विश्व जब आज बहुध्रुवीय अवस्था में कहीं युद्ध तो कहीं युद्ध जैसे हालात का सामाना कर रहा है तो संयुक्त राष्ट्र का मूकदर्शक बनकर ठिठके रहना इस संस्था के निष्प्रभावी होने का पर्याप्त संकेत है। यही वजह है कि भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र को एक पुरानी कंपनी करार दे दिया जो बाजार से कदमताल तो नहीं मिला पा रही है, लेकिन जगह घेर रखी है। संयुक्त राष्ट्र की तुलना पुरानी कंपनी से जयशंकर ने यूएन की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक पुरानी कंपनी की तरह है जो बाजार के साथ पूरी तरह से नहीं चल पा रही है, लेकिन जगह घेरे हुए है। कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में एक बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में दो बहुत ही गंभीर संघर्ष चल रहे हैं। और इन पर संयुक्त राष्ट्र की भूमिका क्या है? विदेश मंत्री ने कहा, 'निश्चित रूप से एक दर्शक की।' उन्होंने अमेरिकी चुनावों के संभावित नतीजों पर एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका ने भू-राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण में वास्तविक बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि नवंबर में चाहे जो भी नतीजे हों, इनमें से कई रुझान आने वाले दिनों में तेज होंगे। कौटिल्य इकनॉमिक कॉन्क्लेव में बोले जयशंकर जयशंकर ने 'भारत और दुनिया' विषय पर आयोजित इंटेरेक्टव सेशन में भाग लिया और बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच भारत की भूमिका और चुनौतियों के बारे में बात की। जयशंकर ने श्रीलंका जैसे अपने पड़ोसी देशों के साथ-साथ अन्य देशों की मदद के लिए उठाए गए कुछ कदमों की चर्चा की। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी आगामी पाकिस्तान यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने फिर से अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ किसी भी द्विपक्षीय बातचीत से इनकार किया। पाकिस्तान दौरे को लेकर क्लियर कट जयशंकर ने कहा, 'मैं वहां एक खास काम, एक खास जिम्मेदारी के लिए जा रहा हूं। चूंकि मैं अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता हूं इसलिए मैं एससीओ मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वहां जा रहा हूं, और बस यही करने जा रहा हूं।' विदेश मंत्री ने शनिवार को भी कहा था कि वह बहुपक्षीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जा रहे हैं, न कि भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने। संयुक्त राष्ट्र की कड़ी आलोचना बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने विश्व निकाय के बारे में काफी आलोचनात्मक नजरिया पेश किया।उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र एक तरह से एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो बाजार के साथ पूरी तरह से नहीं चल पा रही है, लेकिन जगह घेरे हुए है। और, जब यह समय से पीछे होता है, तो इस दुनिया में आपके पास स्टार्ट-अप और इनोवेशन होते हैं, इसलिए अलग-अलग लोग अपनी चीजें खुद करने लगते हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'तो आज आपके पास संयुक्त राष्ट्र है, हालांकि कामकाज में कितना भी दोयम दर्जे का क्यों न हो, यह अभी भी एकमात्र वैश्विक पंचायत है।' विदेश मंत्री ने कहा, 'लेकिन, जब यह प्रमुख मुद्दों पर आगे नहीं बढ़ पाता है तो देश इसे करने के अपने-अपने तरीके खोज लेते हैं। उदाहरण के लिए, पिछले पांच-दस वर्षों को ही ले लीजिए, शायद हमारे जीवन में सबसे बड़ी चीज जो हुई वह थी कोविड। संयुक्त राष्ट्र ने कोविड पर क्या किया? मुझे लगता है कि जवाब है- बहुत ज्यादा नहीं।' जयशंकर ने कहा, 'आज दुनिया में दो संघर्ष चल रहे हैं, दो बहुत ही गंभीर संघर्ष, उन पर संयुक्त राष्ट्र कहां है, बस एक दर्शक की मुद्रा में।' यूएन की निष्क्रियता से खुद फैसले लेने लगे देश इससे हो यह रहा है कि सभी ने अपने-अपने हिसाब से कदम उठाए, जैसे कि कोवैक्स जैसी पहल जो कई देशों के एक समूह ने की थी। उन्होंने कहा, 'जब अब बड़े मुद्दों पर कुछ करने को लेकर सहमत होने वाले देशों के समूह बढ़ रहे हैं।' उन्होंने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी), ग्लोबल कॉमन्स की देखभाल के लिए इंडो-पैसिफिक में क्वाड, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और आपदा प्रतिक्रियाशील अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) जैसी संपर्क पहलों का हवाला देते हुए कहा कि ये सभी निकाय संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के बाहर आए हैं। जयशंकर ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र तो रहेगा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र से इतर का स्थान भी तेजी से तैयार हुआ है जो सक्रिय है और मुझे लगता है कि यह संयुक्त राष्ट्र पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।' संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत लेकिन हो नहीं रहे जयशंकर ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों का अदूरदर्शी दृष्टिकोण वैश्विक निकाय के लंबे समय से लंबित सुधार में आगे बढ़ने से रोक रहा है। पांच स्थायी सदस्य रूस, यूके, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं और ये देश किसी भी वास्तविक प्रस्ताव को वीटो कर सकते हैं। जयशंकर से अमेरिकी चुनावों के संभावित नतीजे और नई सरकार के साथ भारत कैसे जुड़ेगा, इस बारे में भी सवाल किया गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'पिछले पांच वर्षों पर गौर करें तो पता चलेगा कि ट्रंप प्रशासन की कई नीतियां वास्तव में न केवल बाइडेन प्रशासन ने आगे बढ़ाई गईं बल्कि उन्होंने उन नीतियों का विस्तार किया।' उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह बात समझ आ गई है कि जिस व्यवस्था को उसने कई साल पहले खुद तैयार किया था, वह अब उस हद तक उसके फायदे के लिए काम नहीं करती है।' संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, अपनी स्थापना के 75 से अधिक वर्षों के बाद संयुक्त राष्ट्र अभी भी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने, जरूरतमंदों को मानवीय सहायता देने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम रखने के लिए काम कर रहा है। भारत बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों की मांग करता रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको … Read more

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा- एआई को दुनिया के लिए परमाणु बम जिनता खतरनाक, तेजी से उभर रही यह टेक्नोलॉजी

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को दुनिया के लिए परमाणु बम जिनता खतरनाक बताते हुए कहा कि तेजी से उभर रही यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया को अगले दशक में गहराई तक प्रभावित करेगी। नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ और वित्त मंत्रालय की साझेदारी में आयोजित कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि एआई आने वाले समय में काफी बढ़ने वाला है और देशों को इसके प्रभावों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह वैश्विक इकोसिस्टम के लिए भी एक महत्वपूर्ण कारक बनने जा रहा है। दुनिया के लिए "एआई कुछ इतना खतरनाक होगा, जितने एक समय पर परमाणु बम थे"। विदेश मंत्री ने कहा कि जनसांख्यिकी, कनेक्टिविटी और एआई वैश्विक व्यवस्था को बदल देंगे। अगले दशक में वैश्वीकरण को हथियार बनाया जा सकता है और दुनिया को इसे लेकर सतर्क रहना चाहिए। दुनिया में कई लोग इसे बेरोजगारी और क्रांति के अन्य नकारात्मक प्रभावों के लिए दोषी मानते हैं। विदेश मंत्री ने कहा, "वैश्वीकरण पर सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया ने पिछले दशक में गति पकड़ी है। वैश्वीकरण की वास्तविकताएं अनिवार्य रूप से संरक्षणवाद से टकराती हैं।" जयशंकर ने आगे कहा कि आज के युग में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका केवल एक दर्शक की रह गई है। उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र एक पुराना बिजनेस है, जो जगह काफी ले रहा है, लेकिन दुनिया के मुताबिक बदल नहीं रहा है।" मध्य पूर्व के देशों में चल रहे संघर्ष पर जयशंकर ने कहा कि आज के समय में लड़ाई केवल आर्थिक गलियारा, जमीन और समुद्र के लिए हो रही है, लेकिन भविष्य में लड़ाइयां जलवायु परिवर्तन के लिए भी होंगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 28