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सीसामऊ सीट पर समाजवादी पार्टी ने की जीत हासिल, नसीम सोलंकी का मुकाबला बीजेपी के सुरेश अवस्थी से था

सीसामऊ उत्तर प्रदेश के कानपुर में सीसामऊ विधानसभा सीट पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने विजय पताका फहराई है. इक समय ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन बीते 10 सालों में समाजवादी पार्टी ने यहां अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है. इस सीट से सपा नेता इरफान सोलंकी लगातार तीन बार से चुनाव जीते, अग्निकांड में उनके जेल जाने के बाद यह सीट खाली हो गई, जिसके बाद चुनाव करवाए गए. इरफान सोलंकी के जेल जाने की वजह से सपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी. पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को चुनावी अखाड़े में उतारा. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 8629 वोट से करारी मात दी. यहां सपा को 69,666 और बीजेपी को 61,037 वोट मिले. सीसामऊ सीट को बचाने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूरी ताकत झोंक दी थी. इधर, बीजेपी ने भी सपा के इस अभेद्य किले पर कब्जा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन फिर भी उसे हार का सामना करना पड़ा है.यहां 20 नवंबर को वोटिंग हो हुई थी और शनिवार यानी 23 नवंबर को मतगणना हुई है. उपचुनाव में धुरंधरों ने किया प्रचार इस सीट के राजनीतिक महत्व का अंदाजा इतने से ही लगाया जा सकता है कि खुद अखिलेश यादव इस सीट पर प्रचार करने आए. तीन बार शिवपाल यादव, डिंपल यादव और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद भी यहां पहुंचे. उधर, बीजेपी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोड शो और जनसभा की. वैसे तो सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर आते रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग रही. वह बड़े नेताओं से कम, आम लोगों से ज्यादा मिले. खुद बैठकर बूथ-सेक्टर, शक्ति केंद्र और तमाम मोर्चों के पदाधिकारियों से संवाद किया और हर हाल में सीट को जीतने की गणित बनाई. साल 2007 में सीसामऊ सीट कांग्रेस के संजीव दरियाबादी ने जीती थी. पहली बार साल 2012 में सपा के इरफान सोलंकी ने इस सीट को जीत कर सपा की झोली में डाला और 2022 तक अपनी स्थिति मजबूत करते हुए लगातार जीत दर्ज की. चूंकि 2022 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें आगजनी के एक मामले में जेल जाना पड़ा. ऐसे में रिक्त हुई सीट पर सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया. 1996 में आखिरी बार यहां से जीती BJP साल 1974 के चुनावों के दौरान पहली बार अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट पर पहले विधायक कांग्रेस के शिवलाल बने थे. हालांकि 77 के चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के मोतीलाल ने झटक ली. 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और 1980 व 1985 का चुनाव लगातार दो बार कमला दरियाबादी जीतीं. 1989 के चुनाव में यहां से जनता दल के टिकट पर शिवकुमार बेरिया विधायक चुने गए. इसके बाद 1991 से 1996 तक यह सीट तीन बार बीजेपी के राकेश सोनकर ने जीत ली. उसके बाद से इस सीट पर बीजेपी का खाता नहीं खुला है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

यूपी उपचुनाव सीट पर कांग्रेस -समाजवादी पार्टी में दरार, सपा के सामने जिद्द पर अड़ी कांग्रेस

लखनऊ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच एक तरफ महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे का पेंच फंसा हुआ है वहीं यूपी उपचुनाव में सपा की ओर से दो सीटों के ऑफर ने कांग्रेसी दावेदारों की बेचैनी बढ़ा दी है। पार्टी ने एक तरफ ज्‍यादा सीटों के लिए सपा पर दबाव बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ कई मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि अधिक सीटें नहीं मिलीं तो कांग्रेस यूपी उपचुनाव से किनारा भी कर सकती है। हालांकि अभी तक कांग्रेस नेताओं ने इस पर चुप्‍पी साध रखी है। प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय ने कहा है कि सीटों के बारे में राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व तय कर रहा है। हम लोग यूपी में संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर फंसे इस पेंच के बीच कांग्रेस यूपी में दो से ज्यादा सीटों के लिए अड़ी हुई है। अभी तक सपा की तरफ से उसके लिए केवल दो ही सीटें छोड़े जाने का स्पष्ट संकेत दिया गया है। यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी इंडिया गठबंधन के इन दोनों प्रमुख दलों के बीच सीटों के बंटवारे का विवाद हल नहीं हो पाया है। नामांकन की अंतिम तारीख 25 अक्तूबर नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस में टिकटों के दावेदारों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। अभी तक के संकेतों के अनुसार कांग्रेस को गाजियाबाद के अलावा खैर की सीट मिलने वाली है। समाजवादी पार्टी ने इन दोनों सीटों से अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इसके अलावा सपा ने कुंदरकी सीट पर भी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। गाजियाबाद और खैर सीट से कांग्रेस के टिकट के दावेदार भी खासे परेशान हैं। पार्टी ने उन्हें अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी केवल दो ही सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में सपा पर हर हाल में दो से ज्यादा सीटें छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उपचुनाव में दोनों दलों के बीच गठबंधन कौन सा मोड़ लेता है? सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस महाराष्ट्र में सपा की 12 सीटों पर दावेदारी से बेचैन है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों के लिए सीटों का विभाजन एक गंभीर मुद्दा बन गया है. कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी पांच से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी, वहीं समाजवादी पार्टी सिर्फ दो गाजियाबाद और खैर सीटों की पेशकश कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उन सीटों पर भी चुनाव लड़ना चाहती थी, जिनमें कुछ सीटों पर अखिलेश यादव ने अपनी ओर से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस हालत में, कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव न लड़ने का विचार कर रही है. इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, पार्टी प्रमुख अजय राय, और पार्टी नेता अराधना मिश्रा अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने ज्यादा सीटें देने की योजना नहीं बनाई है. कश्मीर-हरियाणा चुनाव के बाद दबाव में कांग्रेस सीट बंटवारे का यह मुद्दा तब सामने आया है जब हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों में निराशाजनक प्रदर्शन और जम्मू क्षेत्र में सीट ना जीत पाने के बाद कांग्रेस अपने सहयोगियों से अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए दवाब में है. यह बताया जा रहा है कि गांधी परिवार ने अखिलेश यादव के साथ फूलपुर सीट पर चर्चा की थी, जहां समाजवादी पार्टी ने अपने हार चुके प्रत्याशी मुस्तफा सिद्दीकी को कैंडिडेट बनाया है. यूपी की 9 सीटों पर होना है उपचुनाव उत्तर प्रदेश में 9 सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को आयोजित होंगे जिनमें करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), कटेहरी (अंबेडकर नगर), गाजियाबाद, सिसामऊ (कानपुर), मझावन (मिर्जापुर), फूलपुर (प्रयागराज), खैर (अलीगढ़), और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 47