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Ex Constable Saurabh Sharma के घर 9 दिन से जारी Raid में मिला 93 Crore का खजाना

भोपाल  27 दिसंबर से भोपाल के करोड़पति आरटीओ पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां छापेमारी देश भर में सुर्खियों में रही। उसके घर 9 दिन में बैक टू बैक तीन एजेंसियों ने छापे मारे। इस दौरान धनकुबेर सौरभ के पास 93 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है। इनमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश से लेकर 23 करोड़ की अन्य संपत्तियों और 6 करोड़ की एफडी शामिल है। इतने खुलासों ने जांच दलों को भी हैरानी में डाल दिया है। उसके यहां ईडी से लेकर लोकायुक्त और आयकर विभाग तीनों कार्रवाई को अंजाम दिया। शर्मा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उसके पास आय से कई गुना अधिक चल अचल संपत्ति मिली है। वह भी मात्र कुछ सालों के काम करने के बाद। छापेमारी का क्रम ऐसा रहा ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। ये सभी लोग सौरभ के काम में मददगार बताए जा रहे हैं। शुरुआती छापेमारी में सौरभ की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इसके बाद ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया और उनके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। इस दौरान भी कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। ईडी को अब तक शर्मा के परिजनों और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा 23 करोड़ रुपये की और संपत्ति भी जांच के घेरे में है। परिवार और दोस्तों के नाम बेनामी संपत्तियां भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में की गई छापेमारी में 6 करोड़ रुपये की एफडी भी मिली हैं। ईडी को शक है कि शर्मा ने अपने परिवार, दोस्तों और कंपनियों के नाम पर कई बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी का कहना है कि ये सभी लोग सौरभ के अवैध कारोबार से फायदा उठा रहे थे। या फिर उसके काम में मदद कर रहे थे। इस मामले में अभी जांच जारी है और आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। बता दें सौरभ शर्मा का अब तक लोकायुक्त पता नहीं लगा सकी है। सौरभ शर्मा दुबई में है या भारत में इसको लेकर एजेंसी के अधिकारी ही कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस बीच सौरभ शर्मा के यहां लगातार अलग-अलग एजेंसियों की तलाशी में काली कमाई निकल रही है। जानकारी के अनुसार सौरभ शर्मा के करीबियों की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने उसके ठिकानों पर 19 और 20 दिसंबर को सर्च की थी। इस दौरान सौरभ के भोपाल स्थित घर और कार्यालय से 7.98 करोड़ रुपए की चल संपत्ति बरामद की गई थी। वहीं, आयकर विभाग ने भी एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैस जब्त किया था।    लाल डायरी में छिपा है 2000 करोड़ का घोटाला?   पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने दावा किया कि सौरभ शर्मा से जब्त की गई लाल डायरी में नेता और अफसरों के नाम पर 2000 करोड़ रुपए के लेन-देन का हिसाब दर्ज है। इस डायरी में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे नेता और अधिकारियों की पहचान छिपाई गई है।   पटवारी की मांग: केंद्रीय एजेंसी से जांच हो पटवारी ने मांग की है कि लाल डायरी का सत्यापन केंद्रीय एजेंसियों से करवाया जाए। उन्होंने आशंका जताई कि लोकायुक्त पुलिस के पास मौजूद डायरी में छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने इसे सार्वजनिक करने की भी मांग की। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

Saurabh Sharma के ऑफिस में 13 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली तलाशी, जानिए सर्चिंग टीम को क्या कुछ मिला

भोपाल परिवहन विभाग के धनकुबेर पूर्व आरक्षक (Former RTO Constable) सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) और उसके सहयोगी चेतन गौर (Chetan Gour) पर अब ईडी (ED) का भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है. इनकी काली कमाई (Black Money) से जुड़े साक्ष्य तलाशने ईडी ने प्रदेश के अलग अलग इलाको में इनसे जुड़े ठिकानों पर एक साथ रेड की थी. ग्वालियर में सौरभ और चेतन के घरों पर लगभग साढ़े तेरह घण्टे तक जांच पड़ताल चली. बताया जा रहा है कि पुलिस इन दोनों जगहों से एक सेल डीड और एक डायरी जब्त करके ले गई है.  प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गुरुवार को ही ग्वालियर पहुंच गई थी. ऐसे हुई कार्रवाई ED ने गुप्त ढंग से यहां ऑपरेशन की योजना बनाई थी, उसने स्थानीय टैक्सी का सहारा लेकर पर्यटक बनकर पहले शहर में भ्रमण किया. शुक्रवार को सुबह 5 बजे टीम सौरभ शर्मा के विनय नगर सेक्टर दो में  शब्द प्रताप आश्रम स्थित घर पहुंची. यहां देर रात तक लगभग 13.30 घंटे तक सर्चिग चली, जिसमें मकान की रजिस्ट्री से संबंधित सेल डीड, एक डायरी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। इसके बाद टीम वहां से रवाना हो गई. सौरभ के किस ठिकाने से क्या मिला… 1. ई- 7/98, अरेरा कॉलोनी: इस मकान में सौरभ परिवार के साथ 2 साल से रह रहा है। सूत्रों का कहना है कि ये मकान रोहित तिवारी ने खरीदा था। सौरभ को उसने 50 हजार रुपए महीने किराए पर ये मकान दिया है। लोकायुक्त की टीम ने इस घर पर छापा मारा था। क्या मिला- यहां से प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज और नकदी मिली है। 2. ई- 7/78, अरेरा कॉलोनी: सौरभ ने ये बंगला 2 महीने पहले ही खरीदा है। बताया जा रहा है कि ये बंगला बहुत दिनों से खाली था। यहां लोकायुक्त की टीम ने छापा नहीं मारा, लेकिन दो दिन पहले यहां पुलिस देखी गई है। ये भी पता चला कि इस घर की निगरानी के लिए पुलिस ने एक दूसरे मकान पर सीसीटीवी लगाया था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। क्या मिला- ये मकान खाली था। यहां पर सर्चिंग के दौरान कुछ खास नहीं मिल पाया है। 3. ई- 7/ 657, अरेरा कॉलोनी: इस बंगले में सौरभ ने जयपुरिया स्कूल का ऑफिस बनाया हुआ था। इसमें ही उसका दोस्त चेतन सिंह गौर रहता था। लोकायुक्त को इसी मकान से 2 क्विंटल से ज्यादा चांदी की सिल्लियां मिली हैं। क्या मिला- जयपुरिया स्कूल में निवेश के कुछ दस्तावेज मिले हैं। खाली बैग मिले, जिन्हें नकदी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। 4. ई- 8/ 98, रेलवे कॉलोनी: इस मकान में शरद जायसवाल रहता है। शरद कंस्ट्रक्शन कंपनी अविरल में डायरेक्टर भी हैं। बताया जा रहा है कि शरद ने सौरभ के निवेश से जुड़ी अहम जानकारी ईडी को दी है। क्या मिला- प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज सौरभ की मां का लॉकर फ्रीज कराया सौरभ शर्मा के विनय नगर स्थित आवास से ईडी की टीम को उसकी मां उमा शर्मा के साथ जॉइंट अकाउंट के दस्तावेज मिले हैं। जो यूनियन बैंक के हैं। उमा शर्मा के नाम शब्द प्रताप आश्रम स्थित यूनियन बैंक में एक लॉकर भी मिला है। जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे आने जाने की आशंका पर उसे फ्रीज कराया गया है। हाईवे पर हाल ही में एक जमीन बेचे जाने के भी कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा कई सारे रिकॉर्ड जमा किए गए हैं, जिनको आगे जांच में लिया जा सकता है। इसके अलावा ग्वालियर में सौरभ शर्मा के सिटी सेंटर स्थित घर और जबलपुर में उसकी ससुराल के मकान में भी ईडी ने दिन भर सर्चिंग की। यहां से भी कुछ अहम दस्तावेज और बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। ईडी की एक अन्य टीम ने  सौरभ के दोस्त और पार्टनर चेतन गौर के कम्पू स्थित आवास पर छापा मारा. इस घर मे भी कोई मौजूद नहीं था. बताया गया कि ईडी ने चेतन के घर से कई दस्तावेज जब्त किये. चेतन के घर पर टीम ने तलाशी के बाद कुछ फाइलें भी जब्त कीं, जो सरकारी ठेकों से जुड़ी बताई जा रही हैं. बताया गया है चेतन ने सौरभ के काम में रिश्तेदारों का पैसा निवेश किया था, इसकी फाइलों की पड़ताल के लिए टीम यहां आई थी. चेतन ने 3 गाड़ियां भी दी हुई थीं, जिसके बदले में उसे हर महीने 2.50 लाख रुपये मिलते थे. बताया गया कि ईडी टीम (ED Team) ने सौरभ के विनय नगर स्थित घर मे काफी बारीकी से जांच पड़ताल की. उन्होंने फर्नीचर व जमीन को भी ठोक कर देखा. ईडी ने सौरभ के घर पर रखे फर्नीचर को भी अच्छी तरह से चेक करने के साथ ही फर्श  को भी कई बार ठोक कर देखा. वह यह देखना चाहती थी इनमें कुछ छिपा तो नहीं है. इसके साथ ही घर मे कार्यरत संग्राम नामक एक कर्मचारी से भी पूछताछ की. पता ये भी चला कि सौरभ ने कुछ समय पहले दुबई में अपनी पत्नी दिव्या के साथ अपने बेटे का जन्मदिन भी मनाया था. जांच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि सौरभ के कई रिश्तेदार भी दुबई में रहते हैं. सौरभ के घर से जांच टीम रात लगभग साढ़े सात बजे निकली और सीधे गाड़ियों में सवार हो गई. इस टीम में एक पुरुष और एक महिला मुंह ढंके हुए निकले जो पूरी कार्रवाई के दौरान टीम के साथ रहे. इन दोनों को लेकर दिन भर चर्चा रही. हालांकि बताया गया कि यह दोनो स्वतंत्र साक्ष्य के रूप में लाये गए थे, जो एक राष्ट्रीय बैंक के एक मैनेजर और एक फील्ड ऑफीसर थे. टीम घरों से निकलकर सीधे अपने गंतव्य पर रवाना हो गई. शहर में नहीं रुकी. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और … Read more

RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी

भोपाल परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक और सैकड़ों करोड़ के घोटाले के मास्टरमांग सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। बीते दिनों जांच एजेंसी द्वारा की गई छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति और सोना चांदी बरामद हुई थी। इसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया था। अब करोड़ों की काली कमाई करने वाले शर्मा के खिलाफ एलओसी जारी किया गया है। जानकारी के अनुसार आयकर विभाग द्वारा पूर्व आरक्षक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। इसके बाद एयरपोर्ट पर ही सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि, छपेमारी से पहले ही सौरभ शर्मा दुबई रवाना हो गया था। लोकायुक्त और आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच की जा रही है। छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली थी। लोकायुक्त की छापेमारी के बाद अब ईडी ने भी इस केस में एंट्री कर ली है। सौरभ शर्मा और उसके दोस्त चेतन सिंह गौर के खिलाफ ईडी ने केस दर्ज कर लिया है। सौरभ शर्मा के परिजनों को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी चेतन सिंह गौर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी ई – 7 स्थित ठिकाने पर छापेमारी कर लोकायुक्त ने करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त की थी। सात साल की नौकरी के बाद सौरभ शर्मा ने वीआरएस ले लिया था। इसके बाद सौरभ शर्मा ने रियाल एस्टेट बिजनेस में हाथ आजमाना था। अनुकंपा नियुक्ति में नियमों से हुआ खिलवाड़ भोपाल में सौरभ शर्मा पर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक की नियुक्ति पर भी गड़बड़ी सामने आई है। अनुकंपा नियुक्ति में नियमों से साथ खिलवाड़ हुआ है। पिता के निधन के बाद सौरभ ने आवेदन किया था। जानकारी के अनुसार सौरभ का भाई छत्तीसगढ़ में अधिकारी है। सौरभ शर्मा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं था यह जानकारी भी सामने आई है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 77

लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री

भोपाल  लोकायुक्त के शिकंजे में फंसे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की एंट्री हो गई है। ईडी ने सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में सौरभ के परिवार से भी पूछताछ की जाएगी। इधर जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे ही नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। अब सौरभ के बारे में पता चला है कि वह नौकरी छोड़ने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था। अपने लोगों को परिवहन के चेक पोस्टों पर भेजा करता था। हालांकि तब सितंबर 2023 में कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए जानकारी ऊपर तक भी पहुंचाई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं अब लोकायुक्त और आयकर विभाग के रडार पर आने के बाद सौरभ शर्मा के बारे में ये सारी बातें सामने आ रही हैं। हालांकि जिन अधिकारियों के सामने तब ये मामले आए थे, अब वे भी कुछ कहने से बच रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो सौरभ शर्मा के पास करीब 12 लोगों की ऐसी टीम थी, जिनको परिवहन के चेक पोस्टों पर वसूली का अनुभव था। बीच-बीच में उसके लोगों के वीडियो भी सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यमों पर वायरल हुए थे, तब मामला ऊपर तक भी पहुंचा था, लेकिन लिखित शिकायत से पहले ही पूरा मामला दबा दिया गया था। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सौरभ काफी सतर्क रहकर काम करता था। उसे नाकों की भी पूरी खबर रहती थी। अगर उसके लोगों की कुछ शिकायत आती थीं तो वह अपने रसूख का उपयोग कर उसे दबा देता था। आयकर विभाग का बिल्डर के बाद सौरभ पर फोकस आयकर विभाग की टीम ने बिल्डर के यहां छापेमारी में अहम राजफाश करने के बाद अब सौरभ शर्मा पर फोकस बढ़ा दिया है। दिल्ली से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आयकर विभाग ने सोने और 10 करोड़ रुपये की नकदी की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सौरभ के दुबई से भारत आने के बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। ऊपर से रकम को होल्ड करने के मिले निर्देश आयकर सूत्रों का कहना है कि रातीबड़ में एक फार्म की जमीन पर खड़ी कार से जब्त सोना और रुपये को लोकायुक्त को वापस करने की चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। आला अधिकारियों की बैठक के बाद रकम को होल्ड करने का निर्णय लिया गया है। जब तक सोने की पूरी जानकारी नहीं मिल जाती है, तब तक रकम और सोना आयकर विभाग के पास ही रहेगा। पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा… पढ़िए अब तक की पूरी कहानी     पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां कुछ रोज पहले ही लोकायुक्त ने भोपाल निवास व कार्यालय पर छापा मारा था। सौरभ मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला है।     जो गाड़ी आयकर की टीम ने पकड़ी, उसमें 54 किलो सोना व नौ करोड़ से ज्यादा नकद मिला था। यह गाड़ी सौरभ के नजदीकी चेतन सिंह गौर की थी। सौरभ की ग्वालियर के थाटीपुर में ससुराल है।     सोशल मीडिया पर पहले सौरभ व उसकी पत्नी दिव्या और इसके बाद एक एक करके सभी रिश्तेदार व नजदीकियों ने अपने फेसबुक व इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर लिए हैं। परिवहन महकमे में सबसे ज्यादा चर्चा सौरभ को लेकर परिवहन मुख्यालय से लेकर जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय तक में इन दिनों भारी चर्चा है। सौरभ शर्मा के कई जानने वाले कार्यालयों में पदस्थ हैं और दबी जुबान से अलग-अलग बातें कर रहे हैं। विभाग के कुछ लोगों का कहना है कि सौरभ ने ग्वालियर में शुरुआत जरूर की, लेकिन इसके बाद भोपाल की ओर रुख करने में देर नहीं की। सौरभ के अलग-अलग कारोबारों में पार्टनर भी हैं। जिस तरह रोहित तिवारी व शरद जायसवाल पार्टनर हैं, उसमें एक मेहता भी सौरभ का काफी नजदीकी है। शरद जायसवाल होटल फाटिगो भोपाल का भी काम देखता है। वहीं मेहता भी होटल से लेकर रियल स्टेट कारोबार में सौरभ का साथ देता है। सौरभ की नियुक्ति में पूर्व विधायक का बड़ा हाथ इस बीच, परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति नियम विरुद्ध बताई जा रही है। इसमें ग्वालियर अंचल के कांग्रेस से जुड़े एक कद्दावर नेता और पूर्व विधायक का बड़ा हाथ है। तत्कालीन कलेक्टर पर भोपाल तक से दबाव डलवाकर दो बार अनुकंपा नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव भिजवाया गया। परिवहन आयुक्त के स्टेनो ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई। आखिर सौरभ को यह लोग परिवहन विभाग में लाने में कामयाब हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री तक से पूर्व विधायक ने प्रदेश के मंत्रियों को सौरभ के लिए सिफारिश कराई थी। यह पूर्व विधायक सौरभ के परिवार से सालों से जुड़े हैं। सौरभ की नियुक्ति होने के बाद उसे परिवहन विभाग के दांव-पेंच सीखते में अधिक समय नहीं लगा। दो साल तक भाजपा सरकार में उसने पूरे दांव-पेंच सीखकर परिवहन चेक पोस्टों का ठेका उठाया। दो बार पीएससी मुख्य तक पहुंचा, अनुकंपा नियुक्ति से लगा पैसा कमाने का चस्का प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले मनोज शर्मा बताते हैं कि सौरभ पढ़ने में बहुत होशियार था। कोचिंग के टेस्ट में अव्वल आता था। उसमें प्रतिभा थी। दो बार उसने एमपीपीएससी दी और प्रारंभिक परीक्षा में सफलता हासिल की मुख्य परीक्षा तक पहुंचा। एक बार साक्षात्कार में रह गया। इसी दौरान पिता के निधन के बाद उसकी अनुकंपा नियुक्ति परिवहन विभाग में हो गई। यहां से उसे पैसा कमाने का चस्का लगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से 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