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बांधवगढ़ में घास खाते बाघ को देखकर हैरान हुए लोग, Viral हुआ Video

उमरिया मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में पर्यटक उस और वक्त टाइगर सफारी के दौरान रोमांचित हो उठे. जब एक बाघ को घास खाते हुए देखा गया. ये नजारा देख सफारी का लुत्फ उठा रहे पर्यटकों ने कहा- अरे वाह…ये कैसे..? इसके बाद पर्यटकों के समूह से एक पर्यटक ने अपना कैमरा ऑन किया. इस सुंदर दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया. खितौली जोन में दिखा है ये बाघ दरअसल, वीडियो में बाघ घास खाते हुए दिखाई दे रहा है. अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो (Video Viral) उस समय का है, जब पर्यटक बांधवगढ़ के खितौली जोन में सफारी का लुत्फ उठा रहे थे. एक मिनट 40 सेकंड के इस वायरल हो रहे वीडियो में बाघ बड़े आराम से घास खाते हुए दिख रहा है. हालांकि, बाघ का घास खाने का यह मामला कोई असामान्य विषय नहीं है, कुत्ते, बिल्ली, बाघ समेत ऐसे कई जानवर होते हैं, जो कभी-कभी घास खाते हैं. वो ऐसा तब करते हैं जब उन्हें पाचन क्रिया में परेशानी होती है. डायरेक्टर अनुपम सहाय से ने  वीडियो की पुष्टि की  उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ डायरेक्टर अनुपम सहाय से बात हुई थी तो उन्होंने इस वीडियो की पुष्टि की है और बाघ को हरी घास खाने पर कहा कि जब उन्हें पाचन क्रिया में समस्या होती है तो घास खाते हैं. बाघ भी खाता है घास वायरल हो रहा वीडियो पीलीभीत के टाइगर रिज़र्व का है. यहां पर आपको एक टाइगर दिखाई दे रहा है, ज सड़क के किनारे टहल रहा है. उसके ठीक सामने एक मरा हुआ अजगर पड़ा हुआ है. वो उसके पास से निकलकर सामने मौजूद घास खाने लगता है. उसे इस तरह से घास चलते हुए देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे. आखिर बाघ खास कैसे खा सकता है, जबकि वो विशुद्ध तौर पर मांसाहारी जानवर है. अजगर ने कर दिया बुरा हाल इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर lucknowfeed नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. इसके साथ जानकारी दी गई है कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के इस बाघ ने अजगर खा लिया था, जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई. उल्टी हुई लेकिन फिर भी ठीक नहीं लग रहा था. वीडियो पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने बताया कि बाघ और कुत्ते भी कई बार पेट ठीक नहीं होने पर घास खाते हैं. वहीं कुछ यूज़र्स ने आश्चर्य जताया कि ये घास कैसे खा रहा है. घास चबाने से मिलता है राहत और पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि घास में फाइबर और कुछ विशेष पोषक तत्व होते हैं जो शेर और बाघ जैसे जानवरों के पाचन को बेहतर बनाते हैं। घास चबाना केवल एक आदत नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य लाभकारी प्रक्रिया है। यह आदत उनके पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए लाभकारी है। तनाव कम करने का प्राकृतिक तरीका विशेषज्ञों का मानना है कि घास चबाने का यह व्यवहार जानवरों को मानसिक राहत भी देता है। शेर और बाघ जैसे जानवरों का जीवन भी कई बार तनावपूर्ण हो सकता है खासकर जब वे अपने इलाके की सुरक्षा कर रहे होते हैं या अपने भोजन की तलाश में होते हैं। ऐसे में घास चबाना उनके लिए एक स्वाभाविक और कारगर तरीका है जिससे वे खुद को संतुलित और स्वस्थ महसूस करते हैं। बाघिन ने बहन के 3 शावकों को 4 साल पाला सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व की मौसी बाघिन T28 ने करीब चार साल बाद अपने पांच शावकों को खुद से अलग कर दिया है। 19 मई को इसके शावक दुबरी रेंज में अलग-अलग नजर आए। वैसे तो बाघ वंश की ये सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन T28 के मामले में ये बिल्कुल अलग है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 17

बुरहानपुर के शाहपुर वन परिक्षेत्र में मिला गर्भवती बाघिन का शव, पेट में तीन शावकों की हुई पुष्टि.

बुरहानपुर  जिले के शाहपुर वन परिक्षेत्र के चौंडी बीट क्रमांक 428 में गर्भवती बाघिन मृत अवस्था में मिली है. दरअसल बाघिन के पेट में 3 शावक पल रहे थे, पेट में पल रहे तीन शावकों की भी जान चली गई है. बाघिन का शव, 2-3 दिन पुराना बताया गया, फॉरेंसिक जांच में बाघिन के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है. 10 दिन में होने वाला था प्रसव जानकारों के मुताबिक, बाघिन का प्रसव 7-10 दिन में संभावित था. डीएफओ के मुताबिक, बाघिन की उम्र ढाई से तीन साल है. फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा. बता दें कि जिले में 1 साल में 3 बाघों की मौत हो चुकी हैं. ऐसे में वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है. जंगल में मिला बाघिन का शव बता दें कि, 2 मई की रात्रि को चौंडी के जंगल में मादा बाघ की मौत का मामला सामने आया है. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई, जिसके बाद नई दिल्ली से एनटीसीए और भोपाल से मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक की टीम भी मौके पर पहुंची. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर घटना स्थल निरीक्षण किया गया, आसपास से सेंपल जुटाए गए, साथ ही डॉग स्क्वाड की सहायता से घटना स्थल एवं उसके आस-पास छानबीन की कार्रवाई की गई है. डीएफओ विद्या भूषण सिंह ने बताया कि, ''बाघिन के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, पोस्टमार्टम टीम में एनटीसीए के प्रतिनिधि डॉ प्रशांत देशमुख, पोस्टमार्टम विशेषज्ञ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. हमजा नदीम, वन्यजीव चिकित्सक डॉ हीरासिंह भंवर, पशु चिकित्सक डॉ अंजू अचाले, डॉ रविन्द्र मौजूद थे.'' बाघिन के सभी अंग सुरक्षित डीएफओ ने कहा कि, ''पोस्टमार्टम के दौरान बाघिन के शरीर के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं. बाघिन का अंतिम संस्कार खंडवा सीसीएफ रमेश गणावा, डीएफओ विद्या भूषण सिंह, एसडीओ अजय सागर, तहसीलदार गोविंद सिंह रावत सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया.'' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

सूअरों से फलस की रक्षा के लिए खेत में गया था किसान, बाघ का बना शिकार

बालाघाट  वन परिक्षेत्र कटंगी के गोरेघाट सर्किल में एक किसान अपने खेत में बनी झोपडी में बैठा था। इसी दौरान शनिवार की अलसुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच बाघ ने किसान को अपना शिकार बना लिया। इस घटना के बाद से किसानों और पूरे गांव में दहशत बनी है। जानकारी के अनुसार, गांव गोरेघाट जंगल से लगा है। इस गांव के किसानों ने खेतों में रबी की फसल लगाई है। फसल को खाने जंगली सूअर रोजाना खेत में आ जाते हैं। इस वजह से किसान उन्हें भागने के लिए फटाखे फोड़ते है। पटाखे फोड़कर झोपड़ी में जाकर बैठ गया था ग्राम गोरेघाट निवासी किसान प्रकाश पिता तुकाराम पाने (58 वर्ष) ने रात तीन बजे जंगली सूअर को भागने के लिए पटाखे फोड़े और खेत की झोपड़ी में जाकर बैठ गया। सुबह होने पर वो घर नहीं पहुंचा, तो उसका पुत्र खेत में झोपडी तरफ जाकर देखा, लेकिन नहीं दिखाई दिया। आवाज लगाई, पर पता नहीं चलने पर झोपडी के आगे एक बंधी में बाघ उसके पिता को खाते दिखा। बाघ को देख वो उल्टे पर गांव में लौट आया और परिजन सहित आसपास में जानकारी दी। तभी सभी लोग मौके पर गए और बाघ को भगाने के लिए शोर मचाने लगे। बाघ ने किसान के शरीर के आधे पैर को खा लिया। जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई, लेकिन वन विभाग 11 बजे तक मौके पर नहीं पहुंच पाया। 15 दिन से बाघ का मूवमेंट किसानों में बताया कि गोरेघाट से समीप में जंगल लगा है। बाघ 15 दिनों से खेत में विचरण कर रहा है। इसके एक सप्ताह पहले भी खेत में बैठे एक किसान ने इस बाघ को नजदीक से देखा था। उस समय गनीमत रही कि बाघ सोया था, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। बताया गया कि इतने दिनों में ग्राम गोरेघाट में बाघ ने पांच बकरियों का शिकार किया है। वन विभाग को मिली सूचना     गोरेघाट में एक किसान का बाघ ने शिकार किया है। इसकी सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हमारा दल मौके पर पहुंच रहा है। मौके पहुंचने के बाद आगे की जांच की जाएगी। – बाबूलाल चढ़ार, वन परिक्षेत्र अधिकारी कटंगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 18

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले में एक महिला की मौत, वन विभाग ने ग्रामीण जंगल के ज्यादा अंदर ना जाएं

उमरिया  बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पंपदा रेंज अंतर्गत कुशवाहा कोठिया गांव के पास बाघ के हमले में एक महिला की मौत हो गई है। सुबह 9 हुई इस घटना के बाद गांव के लोग आक्रोशित हो गए हैं। बताया गया है कि बाघ ने उस समय महिला पर हमला किया जब वह महुआ बीन रही थी। बाघ के हमले में मरने वाली महिला का नाम रानी सिंह पति ओमप्रकाश सिंह गोड़ उम्र 27 साल निवासी कुशमाहा कोठिया बताया गया है। घटना के समय महिला घर के बगल में सुबह 9 बजे महुआ बीन रही थी। इसी दौरान अचानक बाघ ने हमला कर दिया जिससे महिला की मौत हो गई। गांव के नजदीक बाघ बताया गया है कि जंगल के बीच बसे इस गांव के काफी नजदीक बाघ घूम रहा है। बाघ झाड़ियां में छिपा हुआ था और उसकी नजर आसपास थी। जब रानी महुआ बीनने के लिए झुकी तो बाघ ने उसे भी जानवर समझ लिया और उसके ऊपर हमला कर दिया। बाघ ने महिला की गर्दन दबोच ली, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। महिला को चीखने चिल्लाने का भी अवसर नहीं मिल पाया। लेकिन आसपास मौजूद लोगों ने महिला पर बाघ को हमला करते हुए देख लिया था, जिससे उन लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप बाघ महिला को मारने के बाद वहां से भाग गया। ग्रामीणों में दहशत गांव के इतने नजदीक बाघ के होने की वजह से ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों से सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है। गांव के लोगों का कहना है कि बाघ को यहां से हटाया जाए अन्यथा वह फिर किसी पर हमला कर सकता है। गांव के लोगों का कहना है कि इन दिनों महुआ गिर रहा है और ग्रामीण महुआ बीनने जाएंगे ही। क्योंकि वे वनोपज पर वह निर्भर हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया है कि वह जंगल के ज्यादा अंदर ना जाएं। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए बाघ को जंगल के अंदर हांकने का आश्वासन भी दिया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

गर्मी में पानी की कमी से बाघों के बीच वर्चस्व की जंग, जंगल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा

उमरिया मध्य प्रदेश के जंगलों में गर्मी के मौसम के दौरान बाघों के बीच वर्चस्व की जंग और तेज हो जाती है। इस बार ऐसा न होने पाए, इसकी तैयारी में वन प्रबंधन जुटा हुआ है। इसके लिए जंगलों में समर अलर्ट घोषित किया गया है और जंगल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मौसम में परिवर्तन के साथ न सिर्फ जंगल के स्वरूप में परिवर्तन होने लगता है, बल्कि वन्य प्राणियों के विचरण में भी परिवर्तन दिखाई देने लगता है। यही कारण है कि उनकी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। पानी का संकट यूं तो जंगलों में पानी के संकट को दूर करने के लिए अब सोलर पावर पंप का उपयोग किया जाने लगा है। प्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में करीब साढ़े तीन सौ सोलर पावर पंप के माध्यम से वाटर होल भरे जाते हैं। जबकि प्राकृतिक जल स्रोतों को भी संरिक्षत किया जाता है। इसके बाद भी पानी की कमी कहीं न कहीं गर्मी के दिनों में उत्पन्न हो जाती है और ज्यादा उम्र के बाघ पानी की तलाश में अपना क्षेत्र छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। इस दौरान उनका दूसरे बाघों से आमना-सामना हो जाता है। जंगल की आग महुआ का सीजन होने के कारण जंगल के बाहरी हिस्सों में गांवों के नजदीक अक्सर लोग आग लगा देते हैं। आग के कारण बफर जोन में सक्रिय बूढ़े और कमजोर बाघ उस स्थान को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं। घने जंगल के अंदर पहुंचते ही फिर उनका सामना जवान और ताकतवर बाघों से होता है और इस तरह वर्चस्व की जंग शुरू हो जाती है। बांधवगढ़ में जंग बांधवगढ़ के खितौली रेंज में इन दिनों डी-वन बाघ सक्रिय हो गया है जो दूसरे बाघों को इस तरफ टिकने नहीं दे रहा है। छोटा भीम के घायल होने के बाद जब से उसे भोपाल के वन विहार शिफ्ट किया गया है, तबसे उसके संपूर्ण क्षेत्र में डी-वन का कब्जा हो चुका है। डी-वन इन दिनों अपनी प्राइम ऐज में है। ऐसे में बाघ लगातार अपनी टेरिटरी बढ़ाता है। हाल ही में इसी बाघ ने बाघिन तारा के दो शावकों को मौत के घाट उतार दिया था। यहां का एक दूसरा बाघ पुजारी भी अब लगभग दस साल का हो चुका है। स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में वर्चस्व की जंग तेज हो सकती है। रक्षा के लिए ये इंतजाम     जंगलों में गश्त बढ़ाई गई और सुरक्षा श्रमिकों की संख्या भी।     पानी की कमी नहीं होने पाए इसके इंतजाम पर रख रहे हैं नजर।     जीरो फायर मिशन के तहत जंगल में आग नहीं लगे इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।     जिन क्षेत्रों में बाघों की आपसी दूरी सामान्य से कम है वहां हाथी दल के माध्यम से नजर रखी जा रही है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

शिवपुरी : माधव टाइगर रिजर्व में जल्द आएगा एक और टाइगर, ‘मादा टाइगर के लिए यह जंगल नया’

शिवपुरी  मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव टाइगर रिजर्व में मादा बाघ को छोड़ा गया है। जब से वह पिंजरे से छूटी है तभी से वह जंगल में घूम रही है। पार्क सूत्रों ने बताया है कि मादा टाइगर पिछले 24 घंटे में जंगल के 15 किमी के क्षेत्र में भूरा खो से लेकर अन्य स्थानों पर घूमती रही। पार्क प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी मादा टाइगर के लिए यह जंगल नया है। वह पहले पूरे क्षेत्र को देखेगी और परखेगी। पार्क प्रबंधन ने इस नई बाघिन को एमटी-4 नाम दिया है। इसे पन्ना रिजर्व से लाया गया है। जंगल को समझ रही है बाघिन पार्क के अधिकारियों का कहना है कि अभी मादा टाईगर को जिस क्षेत्र में छोड़ा गया था। वह अभी उसी क्षेत्र में विचरण कर रही रही है। धीरे-धीरे वह जंगल को समझने के बाद अपना स्थायी आशियाना बनाएगी। अधिकारियों के अनुसार बाघिन किसी पानी किनारे वाली जगह पर आशियाना बनाएगी। बताया जा रहा है कि मादा टाईगर को शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ा गया। पहले तो वह कुछ देर तक टावर के आसपास रही। इसके बाद फिर उसने जंगल में इधर से उधर घूमना फिरना शुरू किया। सूत्रों की माने तो मादा टाइगर की लोकेशन मंगलवार सुबह भूरा खो के पास मिली। माधव टाईगर रिजर्व में जल्द आएगा एक और बाघ पार्क अधिकारियों का कहना है कि मादा टाइगर के बाद इसी सेलिंग क्लब वाले क्षेत्र में एक नर टाइगर भी छोड़ा जाना है। इसको लेकर पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन से बात चल रही है। जैसे ही वह नर टाइगर को पकड़ लेंगे तो जल्द ही उसे माधव टाइगर रिजर्व में सेलिंग क्लब के पास छोड़ दिया जाएगा। फिर पार्क में बाघों की संख्या 6 से बढ़कर 7 हो जाएगी। इसके बाद बाघों की संख्या समय के साथ बढ़ेगी। जल्द आएगा एक और बाघ पार्क अधिकारियों का कहना है कि मादा टाइगर के बाद इसी सैलिंग क्लब वाले क्षेत्र में एक नर टाइगर भी छोड़ा जाना है। इसको लेकर पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन से बात चल रही है। जैसे ही वह नर टाइगर को पकड़ लेंगे तो जल्द ही उसे माधव टाइगर रिजर्व में सैलिंग क्लब के पास छोड़ दिया जाएगा। फिर पार्क में बाघों की संख्या 6 से बढ़कर 7 हो जाएगी। इसके बाद बाघों की संख्या समय के साथ बढ़ेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 15

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का 9वें टाइगर रिजर्व के लिये माना आभार

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 10 मार्च को मध्यप्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस ऐतिहासिक अवसर पर एक बाघ एवं एक बाघिन को टाइगर रिजर्व में छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव टाइगर रिजर्व की 13 किलोमीटर लम्बी पत्थर की सेफ्टी वॉल का भी उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माधव राष्ट्रीय उद्यान को देश के 58वें और मध्यप्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व की सौगात प्रदान करने पर आभार जताया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि टाइगर रिजर्व बनने से वन्य-जीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को नई ऊँचाई मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश को वन्य-जीव संरक्षण क्षेत्र में मिली एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माधव राष्ट्रीय उद्यान ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है। टाइगर रिजर्व घोषित होने से वन्य-जीवों के संरक्षण के साझा प्रयासों को और अधिक मजबूती मिलेगी। शिवपुरी स्थित माधव नेशनल पार्क अब प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बन गया है। देश के 58वें और प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व पर जताई प्रसन्नता प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक आश्चर्यजनक समाचार प्राप्त हुआ है। भारत वन्य जीव विविधता और वन्यजीवों के संरक्षण करने वाली संस्कृति से धन्य है। हम हमेशा हमारे वन्य प्राणियों की रक्षा करने और एक सतत् विकासशील ग्रह में जीवन कायम रखने में योगदान देने में सबसे आगे रहेंगे। 375 से अधिक वर्ग कि.मी. में फैला है टाइगर रिजर्व माधव टाइगर रिजर्व का आरक्षित वन क्षेत्र 32429.52 हेक्टेयर, संरक्षित वन क्षेत्र 2422.00 हेक्टेयर और राजस्व क्षेत्र 2671.824 हेक्टेयर है। इस प्रकार कुल क्षेत्र 37523.344 हेक्टेयर अथवा 375.233 वर्ग किलोमीटर है। टाइगर रिजर्व में अब बाघों की संख्या 7 हो जायेगी टाइगर रिजर्व में कुल बाघों की संख्या 5 है। इसमें 2 नर और 3 मादा शामिल हैं। बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया है, जिनकी उम्र लगभग 8 से 9 माह है। सोमवार 10 मार्च को दो बाघ और छोड़े जाने से टाइगर रिजर्व में कुल बाघों की संख्या 7 हो जायेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19