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इंदौर-खंडवा हाईवे पर टोल प्लाजा का काम जुलाई से शुरू होगा और एनएचएआई संचालन करेगा

 इंदौर इंदौर-खंडवा राजमार्ग का पहला टोल प्लाजा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने जनवरी से शुरू करने का फैसला किया है। यह प्लाजा तेजाजी नगर बायपास से 33 किमी पर बनाया जाएगा, जो बलवाड़ा के नजदीक गांव पडाली में होगा। मगर वाहन चालकों से 33 की बजाए 46 किमी की सड़क का टोल टैक्स वसूला जाएगा, क्योंकि इंदौर-चोरल की बीच तीन सुरंगें होंगी। इस वजह से राजमार्ग के इस हिस्से की दरें अधिक होंगी। फिलहाल टोल की दरों पर यातायात को लेकर आकलन करना बाकी है, जो अक्टूबर से प्रारंभ किया जाएगा। उसके आधार पर दरें निर्धारित की जाएंगी। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर से भारी वाहन भी राजमार्ग से गुजरेंगे। 216 किमी लंबे इंदौर-खंडवा-एदलाबाद राजमार्ग का काम जनवरी 2025 में खत्म होना था, लेकिन काम धीमा होने से एनएचएआई ने प्रोजेक्ट की डेडलाइन बढ़ाई है। फरवरी 2026 तक मेघा इंजीनियरिंग को यह काम पूरा करना है। मगर तलाई (300), भेरूघाट (500) और चोरल (300) मीटर की तीन सुरंग है। इनका 35-40 फीसद काम बाकी है। एनएचएआइ ने एजेंसी को दिसंबर तक काम पूरा करने पर जोर दिया है। खंडवा तक रहेंगे दो टोल राजमार्ग पर दो से तीन टोल रहेंगे। इंदौर से बलवाड़ा के बीच पहला टोल रखा जाएगा, जबकि धनगांव में दूसरा प्लाजा अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक 50-55 किमी की दूरी पर टोल प्लाजा रहेंगे। इंदौर-बलवाड़ा वाले हिस्से में टैक्स थोड़ा अधिक होगा, क्योंकि इस हिस्से में तीन सुरंग है। इनकी लंबाई 1300 मीटर रखी है। अधिकारियों के मुताबिक सुरंग की लंबाई की तुलना में दस गुना टैक्स लगाया जाता है। जैसे 1300 मीटर सुरंग की लंबाई है तो 13 किमी सड़क का टोल टैक्स लगाया जाएगा। इस आधार पर इंदौर से बलवाड़ा के बीच 33 किमी का सफर तय करने पर 46 किमी का टैक्स देना होगा। एनएचएआई करेगी संचालित राजमार्ग का प्रोजेक्ट लगभग 900 करोड़ रुपये का है। नए नियमों के मुताबिक एजेंसी की बजाए एनएचएआई ही टोल का संचालन करेगा। टोल टैक्स से आने वाली राशि का कुछ हिस्सा एजेंसी को दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा, क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान 60 फीसद राशि एजेंसी लगाती है। अक्टूबर से करेंगे आकलन इंदौर-बलवाड़ा के बीच बनने वाले टोल प्लाजा से वाहन गुजरने का आकलन अक्टूबर से किया जाएगा। तब तक राजमार्ग का हिस्सा भारी वाहनों के लिए भी खोल दिया जाएगा। यातायात के दवाब को देखने के बाद टोल की दरें तय होंगी। कार, हल्के-भारी वाहन, कंटेनर-ट्रक, बस की राशि निर्धारित करेंगे। थोड़ा ज्यादा देना होगा टैक्स     इंदौर-खंडवा राजमार्ग पर पहला टोल प्लाजा बलवाड़ा के पास बनेगा। इसके लिए थोड़ी अधिक टैक्स राशि चुकानी होगी, क्योंकि इस हिस्से में तीन सुरंगें आ रही हैं। इन्हें बनाने में खर्च अधिक आता है। इसके लिए टैक्स भी अधिक वसूला जाएगा। सुरंग की लंबाई के आधार पर दस गुना टैक्स लगता है। जुलाई से टोल प्लाजा का काम शुरू होगा। अक्टूबर से दरें निर्धारित की जाएंगी। – सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

देश में 14 टोल प्लाजा की सालाना कमाई 200 करोड़ रुपये, राजस्थान में सबसे ज्यादा 156 टोल, लेकिन कमाई में UP नंबर 1

नई दिल्ली हाईवे-एक्सप्रेसवे पर चलते हुए आपको टोल प्लाजा पर रुककर टोल टैक्स भरना पड़ता है. टोल टैक्स से आपकी जेब कटती है तो सरकार का खजाना भरना भरता है. इन टोल टैक्स से सरकारी खजाने में मोटा पैसा आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे कमाऊ टोल प्लाजा कौन सा है? इसकी कमाई इतनी है कि सालभर में यह 400 करोड़ रुपये आपकी जेब से वसूल लेता है. देश का सबसे कमाऊ टोल प्लाजा   देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला टोल प्लाजा गुजरात के भरथाना गांव में बना है, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर बना यह टोल प्लाजा कमाई के मामले में अव्वल है.  राजधानी दिल्ली को मुंबई से जोड़ने वाले इस हाईवे पर बने टोल प्लाजा की गिनती सबसे ज्यादा कमाई करने वाले टोल प्लाजा के तौर पर होती है.बता दें कि NH-48 देश के सबसे व्यस्त हाईवे में से एक है. क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे ज्यादा कमाई किस टोल प्लाजा पर होती है? इसका जवाब है गुजरात के भरथाना गांव में बना टोल प्लाजा। यह टोल प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 पर बना है जो राजधानी दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ता है। यह देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला टोल प्लाजा है। यह टोल प्लाजा हर साल लगभग 400 करोड़ रुपये कमाता है। यह पिछले पांच साल का औसत है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 देश का सबसे व्यस्त रूट है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लोकसभा में कुछ जानकारी दी। एनएच-48 के जरिए उत्तरी भारत के राज्यों से सामान पश्चिमी तट के पोर्ट्स तक जाता है। देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला दूसरा टोल प्लाजा भी इसी एनएच पर है। राजस्थान के शाहजहांपुर में NH-48 पर बना टोल प्लाजा हर साल 378 करोड़ रुपये कमाता है। सरकारी जानकारी के अनुसार भारत में 1,063 टोल प्लाजा हैं। इनमें से 14 टोल प्लाजा हर साल 200 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाते हैं। अभी देश में 1.5 लाख किलोमीटर के एनएच नेटवर्क में से लगभग 45,000 किलोमीटर पर टोल लगता है। इसमें नए बने एक्सप्रेसवे भी शामिल हैं। कैसे बढ़ी कमाई पिछले पांच साल में कई नए राजमार्ग बने हैं जिन पर टोल लगता है। FASTag के इस्तेमाल से टोल की चोरी भी कम हुई है। इसलिए टोल से होने वाली कमाई बहुत बढ़ गई है। साल 2019-20 में टोल से 27,504 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। पिछले साल यह कमाई बढ़कर 55,882 करोड़ रुपये हो गई। सरकार के आंकड़ों के अनुसार लोगों ने पिछले पांच साल में टोल के रूप में 1.9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिए हैं। लेकिन यह रकम राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए खर्च होने वाले बजट का सिर्फ पांचवां हिस्सा है। सरकार केवल उन्हीं राजमार्गों पर टोल लगाती है जो कम से कम ढाई लेन के हों। सरकार ज्यादा से ज्यादा राजमार्गों पर टोल लगाना चाहती है ताकि उसकी कमाई बढ़ सके। किस राज्य में हैं सबसे ज्यादा टोल प्लाजा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 97 टोल प्लाजा हैं। इन टोल प्लाजा ने पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा 22,914 करोड़ रुपये की कमाई की है। वहीं राजस्थान में सबसे ज्यादा 156 टोल प्लाजा हैं। इन टोल प्लाजा ने 20,308 करोड़ रुपये की कमाई की है। आमतौर पर, उन टोल प्लाजा पर ज्यादा कमाई होती है जो पोर्ट्स और इंडस्ट्रियल एरिया क्षेत्रों को जोड़ने वाले NH पर बने होते हैं।  एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, 'इन टोल प्लाजा पर ज्यादातर कमर्शियल गाड़ियां आती हैं। ये गाड़ियां निजी वाहनों की तुलना में ज्यादा टोल देती हैं। इसलिए ये प्रोजेक्ट निजी कंपनियों के लिए फायदेमंद होती हैं।' FASTag के आने से टोल संग्रह में पारदर्शिता आई है और टोल प्लाजा पर लगने वाला समय भी कम हुआ है। इससे यात्रियों को भी सुविधा हुई है और सरकार की कमाई भी बढ़ी है। बढ़ी टोल प्लाजा की कमाई   फास्टैग आने के बाद से टोल प्लाजा की कमाई बढ़ गई है. फास्टैग की मदद से टोल टैक्स की चोरी कम हुई है, जिसकी वजह से रेवेन्यू बढ़ा है.  सरकार ज्यादा से ज्यादा राजमार्गों पर टोल लगाना चाहती है ताकि उसकी कमाई बढ़ सके. वहीं एनएच-48 के जरिए उत्तरी भारत के राज्यों से सामान पश्चिमी तट के बंदरगाह तक पहुंचते हैं. ट्रकों और गाड़ियों को इस टोल प्लाजा से होकर गुजरना पड़ता है, जिसकी वजह से इस टोल प्लाजा की कमाई अधिक, वहीं निजी वाहनों के मुकाबले कॉर्मिशियल गाड़ियों का टोल भी अधिक है.   कमाई में ये भी अव्वल   इसी एचएच-48 पर बना राजस्थान के शाहजहांपुर टोल प्लाजा कमाई के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां हर साल 378 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन होता है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल का जलाधुलागोरी टोल प्लाजा कमाई में तीसरे नंबर पर है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में बाराजोर टोल प्लाजा चौथे नंबर पर है. बता दें कि  उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा है. इस राज्य में करीब 97 टोल प्लाजा हैं.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6