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वन विभाग उस ट्रेन को ‘जब्त’ करने वाली है, जिसकी टक्कर से रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी

भोपाल मध्य प्रदेश वन विभाग उस ट्रेन को 'जब्त' करने पर विचार कर रहा है, जिसकी टक्कर से मिडघाट-बुधनी रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी। रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरने वाली इस ट्रेन की चपेट में 3 बाघ शावक आए थे, जिनमें से एक की मौके पर मौत हुई और बचे 2 शावक रेस्क्यू के लगभग 15 दिन बाद दम तोड़ गए थे। उच्च अधिकारियों पर दबाव सूत्रों के अनुसार, 'टाइगर स्टेट' एमपी में वन अधिकारी निर्णायक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए असम सरकार के फैसले का उदाहरण लिया जा रहा है, जिसने एक रेलवे इंजन को 'जब्त' कर लिया था, जिससे अक्टूबर 2020 में एक हाथी और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। त्रासदी से सबक तीन शावकों की मौत ने मप्र के वन अधिकारियों को सदमे में डाल दिया है। उनका मानना है कि यह त्रासदी पूरी तरह से टाली जा सकती थी। तीनों शावक 14 जुलाई की रात को ट्रेन की चपेट में आ गए थे। एक की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके दो भाई-बहन एक पखवाड़े तक तड़पते रहे और फिर उनकी भी मौत हो गई। वन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि 'हमें उस ट्रेन के इंजन को जब्त कर लेना चाहिए जिसने इन शावकों को तब टक्कर मारी जब वे अपनी मां के पीछे चल रहे थे। यह एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। अगर असम वन विभाग एक जंगली हाथी और बछड़े की मौत के लिए इंजन 'जब्त' कर सकता है, तो हम अपने बाघ शावकों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?' ट्रेन की पहचान और जिम्मेदारी वन अधिकारी ट्रेन की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक अन्य आईएफएस अधिकारी ने कहा 'पटरियां जंगल से होकर गुजरती हैं और यह हमेशा वन भूमि रहेगी। शमन उपाय करना और तीसरी लाइन के लिए पर्यावरण मंजूरी के दौरान दी गई शर्तों का अनुपालन करना रेलवे की जिम्मेदारी है।' पिछले हादसे सीहोर और रायसेन जिलों में बरखेड़ा और बुधनी के बीच 20 किलोमीटर लंबे इस रेलवे खंड पर ट्रेनों की चपेट में आने से इन तीन शावकों सहित आठ बाघों की मौत हो गई है। 2015 के बाद से ट्रेन दुर्घटनाओं में 14 तेंदुए और एक भालू भी मारे गए हैं। एमपी के वनवासियों का कहना है कि तीन शावकों की मौत एक महत्वपूर्ण बिंदु है। वे असम सरकार की कार्रवाई का हवाला देते हैं, जहां उसका वन विभाग गुवाहाटी में बामुनिमैदान रेलवे यार्ड में गया और 27 सितंबर, 2020 को एक हाथी और उसके बच्चे को कुचलने और एक किलोमीटर तक घसीटे जाने के बाद दर्ज किए गए मामले के खिलाफ लोकोमोटिव को 'जब्त' कर लिया। उस घटना में रेलवे ने पायलट और सह-पायलट को निलंबित कर दिया था। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई एक डिप्टी रेंजर ने कहा, 'हाथियों की तरह, बाघ भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची -1 जानवर हैं। हमारे अधिकारी और फील्ड कर्मचारी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना खून बहाते हैं। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हम बाघों में नंबर 1 हैं। बाघों की हत्या के लिए कार्रवाई नहीं करने से वनवासियों का मनोबल गिरेगा।' उन्होंने कहा, ट्रेन पायलट अक्सर इस पैच के माध्यम से 20 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार कर जाते हैं, उन्होंने कहा: 'बाकी बाघों को बचाने के लिए ओवर स्पीडिंग की जांच की जानी चाहिए।' समिति का गठन वन अधिकारियों ने बाघ गलियारों में गति पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे को लिखा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने लोको पायलटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि 'उन्हें मामला दर्ज करना चाहिए और शावकों की मौत की जांच करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि वन विभाग इस पर धीमी गति से क्यों चल रहा है।' वन विभाग ने पश्चिम मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर यह जांच करने का आग्रह किया है कि बरखेड़ा और बुधनी के बीच तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए लगाई गई शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दुबे कहते हैं, 'उन्हें डीआरएम को एक नोटिस भेजना चाहिए और उस भयानक रात से गुजरने वाली ट्रेनों का विवरण मांगना चाहिए।' वन विभाग ने अनुपालन की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि इसमें रेलवे अधिकारियों को भी शामिल किया जाना है, लेकिन रेलवे ने अभी तक पैनल के लिए कोई नाम नहीं दिया है। वन अधिकारी क्षेत्र के दौरे की तारीख तय करने के लिए रेलवे प्रतिनिधि का इंतजार कर रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 45

सहारनपुर रेलवे स्टेशन के पास यात्री ट्रेन के पहिये पटरी से उतरे, मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारी

 सहारनपुर सहारनपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक अंबाला की तरफ शारदा नगर पुल के नीचे एक यात्री ट्रेन के पहिये पटरी से उतर गए। घटना का पता लगते ही रेलवे अधिकारियों में खलबली मच गई। मौके पर अफसर पहुंचे और तकनीकी टीम को बुलाकर पहियों को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है। वहीं सांसद इमरान मसूद भी मौके पर पहुंचे। ट्रेन नंबर 01619 दिल्ली सहारनपुर एक्सप्रेस रविवार सुबह स्टेशन पर करीब 11 बजे पहुंची। इसके बाद ट्रेन को वाशिंग लाइन ले जाया जा रहा था। शारदा नगर पुल के नीचे लाइन पर ट्रेन को शंटिंग किया गया। इससे ट्रेन के एक कोच के दो से तीन पहिये पटरी से उतर गए। चालक की जानकारी कंट्रोल रूम में दी गई तो अधिकारियों में खलबली मच गई। अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। मौके पर तकनीकी टीम भी दौड़ी। टीम पहियों को पटरी पर लाने में जुट गई। सांसद इमरान मसूद ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। पहिये पटरी उतरने से ट्रेनों के संचालन पर कोई असर नहीं हुआ है। कब और कैसे हुआ हादसा? पटरी से उतरने की घटना तब हुई जब ट्रेन एक पॉइंट पर जा रही थी, जो ट्रैक का एक गतिशील खंड है जिसका उपयोग विभिन्न रेल लाइनों के बीच ट्रेनों को बदलने के लिए किया जाता है। सौभाग्य से, उस समय ट्रेन खाली थी, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। अंबाला डिवीजन में वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) कार्यालय ने घटना की पुष्टि की, यह देखते हुए कि यार्ड को खाली करने और सामान्य परिचालन बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं। ट्रेन डेढ़ घंटे से अधिक देरी से दोपहर 12:26 बजे सहारनपुर जंक्शन पर पहुंची थी। रेलवे कर्मचारी फिलहाल पटरी से उतरे दोनों डिब्बों को वापस पटरी पर लाने का काम कर रहे हैं। यह घटना पिछले 18 दिनों के भीतर देश में ट्रेन के पटरी से उतरने की 10वीं घटना है। विशाखापट्टनम रेल हादसा दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन पर रविवार को एक ट्रेन में आग लगने की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, कोरबा से विशाखापट्टनम होते हुए तिरुमाला जा रही ट्रेन विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर खड़ी थी। इस दौरान एसी बोगी एम1, बी7, बी6 बोगियों में अचानक आग लग गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि बी7 बोगी के शौचालय में हुए शॉर्ट सर्किट से आग भड़की। ट्रेन के एसी बोगी की एम1, बी7, बी6 बोगियों में आग लगने की जानकारी मिलते ही रेलवे स्टेशन पर हड़कंप मच गया। ट्रेन धू-धू कर जलती दिखी। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। हादसे के वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि ट्रेन के कोच से बड़ी-बड़ी लपटें निकल रही है। इस दौरान पूरे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 67