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यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया जारी, एक माह में जहरीले कचरे का नामोनिशान खत्म

भोपाल /इंदौर  भोपाल में दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है. पीथमपुर के रामकी संयंत्र में कचरे का निस्तारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को लगातार दी जा रही है. बड़ी बात ये है कि इस जहरीले कचरे को लेकर खतरनाक प्रदूषण फैलने की आशंकाएं न के बराबर हो गई हैं. दावा है कि प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड ने जहरीले कचरे से होने वाले प्रदूषण को सामान्य बताया है. एक माह में जहरीले कचरे का नामोनिशान खत्म इंदौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह का कहना है "यूनियन कार्बाइड का कचरा विशेषज्ञों की निगरानी में जलाया जा रहा है, जो अगले 30 से 35 दिन में पूरी तरीके से नष्ट कर दिया जाएगा. इसके निष्पादन प्रक्रिया की पूरी निगरानी की जा रही है. कचरे के निष्पादन के हरेक चरण की रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई है. वर्तमान में पीथमपुर के आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर भी सामान्य है. यूनियन कार्बाइड के कचरे में कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड के अलावा नैप्थलीन और पार्टिकुलेट मैटर पाया गया. इसके अलावा कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन क्लोराइड समेत हाइड्रोजन फ्लुराइड का उत्सर्जन हुआ. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य प्रदूषण श्रेणी का था." भोपाल से लेकर इंदौर तक दहशत का दौर दरअसल, 3 दिसंबर 1984 की सुबह भोपाल में यूनियन कर्बाइड से निकली मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस से 5000 से ज्यादा मौत हुई थीं. इस जहरीली गैस के दुष्प्रभाव के कारण करीब डेढ़ दशक में 15000 लोगों की अलग-अलग बीमारियों से मौत हो गई. तभी से यूनियन कार्बाइड में इस गैस के अवशेष के रूप में यह कचरा परिसर में मौजूद था. लगातार कई सालों से इस कचरे को गैस की तरह ही घातक और प्रदूषण की वजह बताया जा रहा था. भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद हाई कोर्ट जबलपुर के आदेश के तहत कचरे को इंदौर के पास पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित रामकी एनवायरो प्लांट में जलाकर नष्ट करने पर सहमति बनी. पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया जारी इसके बाद 2 जनवरी को 12 कंटेनर में इस कचरे को भरे जाने के बाद एक विशेष प्रकार के ग्रीन कॉरिडोर को तैयार कर 230 किलोमीटर दूर पीथमपुर लाया गया. कचरे को पीथमपुर में जलाए जाने को लेकर स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हुआ. फिर 10 मार्च 2025 को कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू की गई. फिलहाल यहां 50 से ज्यादा मजदूर प्रति घंटा 90 किलोग्राम कचरे को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम की निगरानी मे जलाकर नष्ट कर रहे हैं. तीन ट्रायल रन में 6570 किलोग्राम कचरे को नष्ट किए जाने के बाद लगातार शेष कचरे को जलने की प्रक्रिया जारी है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

रामकी इनवायरो के इंसीनेटर में 900 डिग्री से अधिक तापमान पर यूका कचरे को जलाया गया

धार धार जिले में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निस्तारण के लिए तीसरा ट्रायल रन सफलता के साथ पूरा किया गया। रामकी इनवायरो में स्थित इंसीनेटर में 900 डिग्री से अधिक तापमान पर कचरे को जलाया गया। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मध्यप्रदेश के रीजनल ऑफिसर श्रीनिवास द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह ट्रायल हाई कोर्ट के आदेशानुसार किया गया था। तीसरे ट्रायल रन की शुरुआत 10 मार्च को शाम 7:41 बजे हुई थी, जिसमें 12 मार्च सुबह 8:43 बजे तक कचरा जलाया गया। इस ट्रायल रन में लगभग 37 घंटे का समय लगा और कुल 10 टन कचरा जलाया गया। इस ट्रायल रन में 10 टन कचरा 270 किलो प्रति घंटे की दर से जलाया गया। ये अब तक का सबसे तेज और सफल ट्रायल साबित हुआ। इससे पहले दो ट्रायल रन और हो चुके हैं। पहले ट्रायल रन में 135 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया। वहीं दूसरे ट्रायल रन में  10 टन कचरा 180 किलो प्रति घंटे की दर से जलाया गया। यह यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निस्तारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मानकों के अनुरूप परिणाम इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए कंपनी और आसपास के गांवों में विशेष संयंत्र लगाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण मानकों के अनुरूप कचरे का निस्तारण किया गया और यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित पाई गई। हाई कोर्ट के आदेश के तहत हुआ ट्रायल यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का निस्तारण मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत किया जा रहा है। हाई कोर्ट के आदेशानुसार तीन ट्रायल रन किए गए, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कचरे को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से नष्ट किया जा सके। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

हर घंटे भस्मक में डाला जा रहा Union Carbide का 180 किलोग्राम कचरा

पीथमपुर इंदौर के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक निपटान संयंत्र में भोपाल (Bhopal) के यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) कारखाने के जहरीले कचरे को जलाने के दूसरे दौर के परीक्षण की प्रक्रिया बुधवार देर रात शुरू हो गई. इस चरण में 10 टन कचरे की एक और खेप को नष्ट किया जाएगा. इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यूनियन कार्बाइड के 10 टन जहरीले कचरे को जला कर नष्ट करने की दूसरा ट्रायल रन गुरुवार सुबह 10.30 से 11 बजे शुरू होगा. दूसरे ट्रायल रन में  180 किलो कचरा प्रति घंटे की दर से जलाया जाएगा. इस दौरान इंसीनेटर का तापमान 900 डिग्री सेल्सियल से ज्यादा रहेगा. इस मौके पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी मौजूद रहेंगे. ट्रायल रन का दूसरा दौर 8 मार्च को ख़त्म होगा. ट्रायल के बाद 55 से 56 घंटे तक कचरा जलाया जाएगा. गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर ये जहरीला कचरा इंदौर के पीथमपुरा स्थित प्लांट में नष्ट किया जा रहा है. 337 टन कचरे के निपटान की है योजना मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक इस कचरे के निपटान का परीक्षण सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए तीन दौर में किया जाना है और अदालत के सामने तीनों परीक्षणों की रिपोर्ट 27 मार्च को पेश की जानी है. कचरे को ऐसे किया जाएगा नष्ट राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि पीथमपुर के अपशिष्ट निपटान संयंत्र में यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को परीक्षण के तौर पर भस्म करने के दूसरे दौर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. भस्मक में कचरा डाले जाने से पहले इसे करीब 12 घंटे तक खाली चलाकर तय तापमान तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि दूसरे दौर के परीक्षण के दौरान भस्मक में हर घंटे 180 किलोग्राम कचरा डाला जाएगा और इस तरह कुल 10 टन कचरे को जलाया जाएगा. पहले दौर में सफलता पूर्वक नष्ट किए गए कचरे द्विवेदी ने बताया कि इस संयंत्र में यूनियन कार्बाइड कारखाने के 10 टन कचरे को परीक्षण के तौर पर भस्म करने का पहला दौर 28 फरवरी से शुरू होकर तीन मार्च को खत्म हुआ था. उन्होंने बताया कि पहले दौर का परीक्षण करीब 75 घंटे चला और इस दौरान संयंत्र के भस्मक में हर घंटे 135 किलोग्राम कचरा डाला गया था. खतरनाक स्तर से नीचे था उत्सर्जन कचरे में ये पदार्थ हैं शामिल प्रदेश सरकार के मुताबिक यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे में इस बंद पड़ी इकाई के परिसर की मिट्टी, रिएक्टर अवशेष, सेविन (कीटनाशक) अवशेष, नेफ्थाल अवशेष और ‘अर्द्ध प्रसंस्कृत' अवशेष शामिल हैं. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक इस कचरे में सेविन और नेफ्थाल रसायनों का प्रभाव अब  खत्म हो चुका है. बोर्ड के मुताबिक फिलहाल इस कचरे में मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का कोई अस्तित्व नहीं है और इसमें किसी तरह के रेडियोधर्मी कण भी नहीं हैं. भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की रात बरपा था कहर भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था.इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे. इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है. पीथमपुर में कचरे को जलाने का हो रहा था विरोध भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कारखाने का कचरा पीथमपुर लाए जाने के बाद इस औद्योगिक क्षेत्र में कई विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने इस कचरे के निपटान से इंसानी आबादी और आबो-हवा को नुकसान की आशंका जताई जिसे प्रदेश सरकार ने सिरे से खारिज किया है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

यूनियन कार्बाइड का कचरा आज 900 डिग्री के टेंपरेचर पर जलेगा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए

पीथमपुर भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से पीथमपुर आया जहरीला कचरा आज सुबह 10 बजे से जलाया जाएगा। हाईकोर्ट के 18 फरवरी के निर्देश के बाद 27 तारीख से पीथमपुर की रामकी फैक्ट्री में रखे रासायनिक कचरे के निष्पादन के ट्रायल रन की तैयारी कल से ही शुरू कर दी गई थी। यहां पर 12 कंटेनर 1 जनवरी को भोपाल से पीथमपुर भेजे गए थे। इनमें विभिन्न प्रकार के अवशिष्ट मौजूद हैं। इसमें नेप्थॉल, सेवीन, रिएक्टर रेसिड्यू, पेस्टिसाइड रेसिड्यू, सेमी प्रोसैस्ड रेसिड्यू एक्सकैवेटेड सॉइल (मिट्टी) वहां की जो थी। तीन बार में जलाया जाएगा कचरा यहां मौजूद कंटेनरों में से पांच कंटेनर में रखे अवशिष्ट को आज स्टोरेज शेड में ले जाया जाएगा, जहां पांचों कंटेनर में से 10 टन प्रॉपर प्रोपोर्शन में मिलाया जाएगा। इसके बाद इसे इंसीनेटर में फीड करेंगे। फीड करने के पहले इसे टेंपरेचर में लाने के लिए 12 घंटे तक ब्लैक में चलाएंगे यानी इसमें अवशिष्ट नहीं डालेंगे। वहीं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उनको मास्क, गॉगल्स और हैंड ग्लव्स दिए गए हैं। 10 टन अवशेष जलाने में करीब 72 घंटे का समय लगेगा। कोर्ट ने तीन ट्रायल के लिए कहां है। पहला ट्रायल 10 टन का होगा, जिसके तहत काम किया जा रहा है। 10 टन का दूसरा ट्रायल 4 तारीख को होगा और 10 टन का तीसरा ट्रायल 10 तारीख को होगा। इसके लिए तीन फीड रेट डिसाइड की गई है। 135 किलोग्राम पर ऑवर, दूसरा 180 किलोग्राम पर ऑवर और तीसरा 270 किलोग्राम पर ऑवर, तीनों की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी। 800-900 के टेंपरेचर पर जलेगा 10 टन कचरा एमपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इंदौर के रीजनल ऑफिसर श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट ने जो निर्देश दिए थे कि 18 तारीख से यूनियन कार्बाइड का जो अवशिष्ट रखा हुआ है उसका डिस्पोजल शुरू किया जाए। इसके ट्रायल की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिसके तहत जो कंटेनर आए थे उसमें जो अवशिष्ट थे। 5 कंटेनर खोले गए हैं, उसको स्टोरेज शेड में भंडारित किया जाएगा। पांचों कंटेनर में से 10 टन प्रॉपर प्रोपोर्शन से मिलाकर इंसीनेटर में फीड किया जाएगा। जब टेंपरेचर 850 हो जाएगा तब उसको फीड करेंगे। इंसीनेटर में प्रोसेस के समय प्राइमरी चेंबर में 850 प्लस माइनस 50 मतलब 800 से 900 के बीच में टेंपरेचर होना चाहिए। शुरू में वेस्ट डालने पर टेंपरेचर कम हो जाता है, जिसे 850 तक ले जाना होगा। सुबह 10 बजे से काम शुरू होगा। तीन दिन तक चलेगा कचरा जलाने का प्रोसेस फर्स्ट ट्रायल में तीन दिन कचरा जलाया जाएगा। इस दौरान उसमें मिट्टी निकलेगी। इसके बाद गैस आगे क्लीनिंग सेक्शन में जाएगी जो सेकेंडरी सेक्शन है। वहां टेंपरेचर 1100 से 1200 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। वहां भी डीजल डालते हैं। वहां जलने के बाद आगे ब्लू गैस है, वह आगे बढ़ेगी जिसकी क्लीनिंग की प्रक्रिया है, जिसके तहत मल्टी साइक्लोन में जाएगी जहां बड़े पार्टिकल जो हैं वह नीचे चले जाएंगे। गैस आगे बढ़ेगी मल्टी साइक्लोन के पहले स्प्रे ड्रायर है, इससे गैस क्लीनिंग होगी। ड्राई स्क्रबर में वेट फिल्टर फिर वेट स्क्रबर इसके बाद चिमनी में जाएगा। ये पूरी प्रक्रिया करनी होगी। 4 और 10 मार्च को दूसरा और तीसरा ट्रायल इसमें प्राइमरी से ठोस अवशिष्ट की राख निकलेगी, दूसरा मल्टी साइक्लोन से ठोस अपशिष्ट निकलेगा, तीसरा ड्राई स्क्रबर से निकलेगा, चौथा वेट फिल्टर से सॉलिड पार्टिकल निकलेंगे, लास्ट में वेट स्क्रबर में पानी निकलेगा। जो सॉलिड पार्टिकल निकलेंगे। उनको स्टेबलाइज करके लैंडफिल में एक अलग सेल बनाकर उसमें डाला जाएगा और उसका डिस्पोजल होगा। कोर्ट ने तीन ट्रायल के लिए कहा है। पहला ट्रायल 10 टन का होगा जो 27 तारीख से चल रहा है, 10 टन का दूसरा ट्रायल 4 तारीख को होगा और 10 टन का तीसरा ट्रायल 10 तारीख को होगा। पिछला ट्रायल 90 टन पर किया गया था। गुरुवार रात से ड्राय रन शुरू हुआ गुरुवार दोपहर तीन से चार बजे के बीच पांच कंटेनर खोले गए। गुरुवार रात को इंसीनेटर का ड्राय रन शुरू कर उसका तापमान बढ़ाने का कार्य शुरू हो गया। यह प्रक्रिया शुक्रवार सुबह तक चलेगी। इस दौरान संयंत्र के प्रथम दहन कक्ष का तापमान कचरा जलाने के लिए निर्धारित 850 से 900 डिग्री सेल्सियस व दूसरे दहन कक्ष का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद कचरे को भस्मक संयंत्र में डाला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की रोक नहीं यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा धार जिले के पीथमपुर में ही जलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कचरा जलाने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी रिकार्ड पर ले लिया है, जिसमें कहा है कि कचरा जलाने के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। जवाब में कचरा जलाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, सावधानियां व हादसे की आशंका के चलते व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम इस बीच, पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की थी। इसमें कहा था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य नियमों का पालन किए बगैर जहरीला कचरा जलाने की तैयारी की गई है। सरकार ने पेश कर दिया जवाब 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा था कि वह बताए कि कचरा जलाने के दौरान कोई हादसा होता है, तो इससे निपटने के उसके पास क्या इंतजाम हैं। गुरुवार को सरकार ने जवाब पेश कर दिया। इसे रिकार्ड पर लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी। चिन्मय मिश्र ने कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की संभावना तलाशेंगे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) … Read more

यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में ही जलेगा, प्रक्रिया शुरू, फैक्ट्री के पास 24 थानों का फोर्स तैनात

 धार सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद गुरुवार को धार के पीथमपुर स्थित रामकी एनवायरो में कचरे के निपटान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आज 10 टन कचरे का निष्पादन होगा. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 17-18 घंटे लगेंगे. अधिकारियों ने बताया कि भोपाल से लाए गए यूनियन कार्बाइड के कचरे को कंटेनर से निकालने, उसकी जांच करने, उसे भस्मक तक ले जाने समेत भस्मक को गर्म करने और कचरे को जलाने के साथ ही लैंडफिल में उसे दबाने तक की प्रक्रिया की जाएगी. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम रामकी एनवायरो कंपनी के अंदर मौजूद है. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए रामकी एनवायरो के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.  ⁠बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को फैक्ट्री के बाहर तैनात किया गया है. पुलिसकर्मियों को फैक्ट्री के बाहर तैनात किया गया है. ⁠फैक्ट्री के अंदर भी पुलिसकर्मियों से भरी बस को भेजा गया है. ⁠फैक्ट्री की ओर आने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैटिकेड लगा दिए हैं. हालांकि, अभी किसी को रोका नहीं जा रहा है. पहले चरण में 10 टन कचरा जलाया जाएगा कोर्ट के इस रुख के बाद पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे के निष्पादन का ट्रायल आज से शुरू होगा। रामकी एनवायरो फैक्ट्री में कचरा जलाने का दूसरा ट्रायल 4 मार्च और तीसरा 12 मार्च से शुरू होगा। इधर, कचरा जलाने के ट्रायल को लेकर प्रशासन सतर्क है। इंदौर देहात और धार जिले के 24 थानों से 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी पीथमपुर में फैक्ट्री के पास तैनात किए गए हैं। इंदौर संभाग के आयुक्त दीपक सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद परीक्षण की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेशानुसार, पहले चरण में 10 टन कचरा जलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने इस केस की सुनवाई की। बेंच ने अपशिष्ट के निपटान के होने वाले परीक्षण पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई कर रहे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पास जाने का सुझाव दिया। नागरिक संगठनों और पीड़ित पक्षों की अपील को ठुकरा दिया। भोपाल गैस त्रासदी: एक भयावह इतिहास 1984 की भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक थी। दो और तीन दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था, जिससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए और हजारों लोग अपंग हो गए थे। कचरे का पीथमपुर स्थानांतरण और विरोध प्रदर्शन भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे को 2 जनवरी 2025 को पीथमपुर की अपशिष्ट निपटान इकाई में लाया गया था। इसके बाद, स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने इसके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि यह कचरा इंसानों और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर सकता है। हालांकि, प्रदेश सरकार ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया है और कहा है कि कचरे के सुरक्षित निपटान के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

यूनियन कार्बाइड कचरा जलाने के मामले में, हाईकोर्ट के निर्देश पर ट्रायल शुरू

भोपाल  पीथमपुर में ही यूका का कचरा जलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद विशेषज्ञों की निगरानी में यूका का कचरा पीथमपुर में जलाने का फैसला लिया गया था। इसे लेकर विरोध हो रहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह यूनियन कार्बाइड प्लांट में कचरे के निपटान से संबंधित मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि इस मामले की निगरानी पहले से ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय कर रहा है। याचिका खारिज मामले में जस्टिस बी. आर. गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सुनवाई की है। साथ ही याचिका खारिज हो गई है। इस पूरे मामले को अब एमपी हाईकोर्ट ही देखेगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पीथमपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में गुरुवार से कचरा को जलाए जाना था। सुप्रीम राहत मिलने के बाद कंपनी अब इस दिशा में आगे बढ़ेगी। दरअसल, यूका कचरा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उन पर असर पड़ेगा। इसे लेकर स्थानीय लेवल पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। हालांकि कंपनी और सरकार का कहना था कि इससे कोई नुकसान है। सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। एक्सपर्ट की अनुमति के बाद ही यह फैसला लिया गया है। कंपनी ने भी कहा कि हमारे सारे कर्मचारी वहीं रह रहे हैं। उन्हें कोई नुकसान नहीं है। ये है हाईकोर्ट का आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे के निपटान के लिए ट्रायल रन को मंजूरी दे दी है। इसमें 30 मीट्रिक टन कचरा जलाया जाएगा। यह काम तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 135 किलो कचरा प्रति घंटा जलाया जाएगा। दूसरे में 180 किलो और तीसरे में 270 किलो प्रति घंटा कचरा जलाया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19

भोपाल गैस कांड के निपटारे पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, 27 फरवरी को होनी है अगली सुनवाई

भोपाल  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1984 की भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे के निपटारे को लेकर अधिकारियों से यह बताने को कहा है कि इस प्रक्रिया में कौन-कौन से एहतियाती कदम उठाए गए हैं। यह मामला मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर क्षेत्र में कचरे के निपटारे से जुड़ा है, जहां 377 टन जहरीले कचरे को स्थानांतरित किया गया था। अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों से सवाल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह बेंच ने अधिकारियों से जवाब मांगा है कि क्या निपटारे से जुड़े सुरक्षा उपाय पर्याप्त हैं? अदालत ने कहा कि हम इस प्रक्रिया को तभी रोकेंगे, जब हमें इस पर गंभीर आपत्ति लगे। अदालत ने अधिकारियों को स्पष्ट करने को कहा कि क्या निवासियों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखा गया है? लगातार दो महीने सरकार को फटकार दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद यूनियन कार्बाइड का कचरा न हटाने पर फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने चार सप्ताह की समय-सीमा देते हुए सरकार को कचरे को हटाने का आदेश दिया था, अन्यथा अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी। 1 जनवरी 2024 की रात, 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में यह कचरा पीथमपुर ले जाया गया। याचिकाकर्ता ने जताई आपत्ति याचिकाकर्ता की अर्जी में कहा गया है कि चार से पांच गांव पीथमपुर में कचरा निपटारे स्थल के 1 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। गंभीर नदी इस निपटारे स्थल के पास से बहती है और यशवंत सागर बांध में मिलती है, जो इंदौर की 40% आबादी को पीने का पानी उपलब्ध कराता है। आरोप है कि अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को खतरे से अवगत नहीं कराया और कोई स्वास्थ्य परामर्श जारी नहीं किया। हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के इन आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने तर्क दिया कि पीथमपुर में कचरे का निपटान किए जाने से गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरे उत्पन्न होंगे। जनता को न तो कोई परामर्श दिया गया, न ही सुरक्षा उपायों पर चर्चा हुई। क्या है चुनौतियां पीथमपुर संयंत्र के पास आबादी बसी हुई है। तरापुरा गांव (105 मकान) सिर्फ 250 मीटर की दूरी पर है, लेकिन लोगों को विस्थापित करने की कोई योजना नहीं बनाई गई। भीर नदी के पास संयंत्र स्थित है, जिससे जल प्रदूषण होने का खतरा है। याचिका में मांग की गई है कि पीथमपुर में कचरे का निपटान न किया जाए। छोटे-छोटे हिस्सों में अलग-अलग जगहों पर सुरक्षित तरीके से कचरे को नष्ट किया जाए। प्रभावित नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बारे में जानकारी दी जाए और उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं। पीथमपुर में 1250 से अधिक उद्योग हैं और यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यह इंदौर से सिर्फ 30 किमी दूर है, जिससे इंदौर के नागरिकों पर भी खतरा मंडरा रहा है। तीन ट्रायल में होगा निपटारा 18 फरवरी के आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि 30 मीट्रिक टन कचरे का परीक्षण निपटारा (ट्रायल रन) किया जाएगा। पहला ट्रायल 27 फरवरी को 10 टन कचरे का होगा, जिसकी प्रक्रिया 3-4 दिन चलेगी। यदि कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता, तो दूसरा ट्रायल 4 मार्च और तीसरा ट्रायल 10 मार्च 2025 को होगा। परीक्षण के नतीजों के आधार पर बाकी कचरे का निपटारा किया जाएगा और एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित है यह देखेगा सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में यह देखेगा कि क्या खतरनाक कचरे के निपटारे में सुरक्षा सुनिश्चित हुई है? अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई गंभीर खतरा प्रतीत हुआ, तो कचरे के निपटारे पर रोक लगाई जा सकती है। वहीं, सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कचरे का निपटारा पूरी सुरक्षा और वैज्ञानिक मानकों के तहत किया जाए। भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे के निपटान को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आगे का रास्ता तय होगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14