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कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री शाह के खिलाफ जांच करेगी 3 सदस्यीय SIT टीम, जानें पूरा मामला

भोपाल मध्य प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ राज्य के मंत्री विजय शाह की टिप्पणी की जांच के लिए सोमवार देर रात तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया है. विशेष जांच दल (एसआईटी) में पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा, उप महानिरीक्षक कल्याण चक्रवर्ती और पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह शामिल हैं. सुप्रीम ने सोमवार को कर्नल कुरैशी पर की गई ‘‘अभद्र'' टिप्पणी के लिए विजय शाह को फटकार लगाई और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़े मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन करने का निर्देश दिया. कोर्ट के दखल के बाद पुलिस ने गठित की एसआईटी शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को मंगलवार सुबह 10 बजे तक आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने को कहा था, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल हो, जो मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दर्ज प्राथमिकी से जुड़े मामले की जांच करेगी.  मंत्री ने अपनी टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह एक सार्वजनिक व्यक्ति और अनुभवी राजनेता हैं और इसलिए उनके शब्दों में कुछ वजन होना चाहिए. इस मामले में CID ​​ने आदेश जारी कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2025 को कुंवर विजय शाह बनाम मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं अन्य के मामले में यह आदेश जारी किया था, जो एफआईआर क्रमांक 188/2025 से जुड़ा हुआ है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152, 196 (1) (बी) एवं 197 (1) (सी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है. गठित एसआईटी में पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन प्रमोद वर्मा, उप पुलिस महानिरीक्षक विशेष सशस्त्र बल भोपाल कल्याण चक्रवर्ती, पुलिस अधीक्षक डिंडोरी वाहिनी सिंह जांच करेंगे. CID के आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अक्षरशः एवं निर्धारित समय सीमा में पालन किया जाए. क्या है पूरा मामला दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के मामले में जांच करने के लिए एसआईटी गठन करने का आदेश दिया था. कुछ दिनों पहले मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर की विवादित टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच समिति (एसआईटी) बनाने का आदेश दिया था. साथ ही पीठ ने विजय शाह की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने मंत्री की लगाई फटकार पीठ ने कहा कि हमें ऐसी माफी नहीं चाहिए. आप पहले गलती करते हैं, फिर कोर्ट चले आते हैं. आप जिम्मेदार राजनेता हैं. आपको सोच-समझकर बोलना चाहिए, लेकिन आपने बहुत घटिया भाषा अपनाई है. इस पर विजय शाह के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि वह माफी मांग चुके हैं और माफी का वीडियो भी जारी कर चुके हैं. विजय शाह मेरी पार्टी में होते तो उन्हें निकाल देता: चिराग पासवान कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की टिप्पणी की निंदा करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि अगर भाजपा नेता उनकी पार्टी में होते तो उन्हें ‘‘जीवन भर के लिए निष्कासित कर दिया जाता.'' लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. वह अपने गृह राज्य बिहार के दौरे पर हैं. हाजीपुर से सांसद ने कहा, ‘‘हमें अपने सैन्यकर्मियों पर गर्व है, जो कोई भी उनकी तुलना आतंकवादियों से करता है, वह निंदा का पात्र है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति मेरी पार्टी में होता, तो उसे जीवन भर के लिए निष्कासित कर दिया जाता.'' चिराग की पार्टी भाजपा की सहयोगी है. शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में मीडिया को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘‘आतंकवादियों की बहन'' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. हालांकि, भाजपा ने अभी तक शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जो दावा कर रहे हैं कि यह ‘‘जुबान फिसलने'' के कारण हुआ. मध्यप्रदेश के मंत्री को राजग सहयोगियों के साथ-साथ विरोधियों की भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. न्यायालय ने कहा कि शाह के बयानों से ‘‘पूरा देश शर्मसार हुआ है''. इसने साथ ही आदेश दिया कि इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी की जांच तीन सदस्यीय विशेष जांच दल द्वारा की जाए. 8 दिन में सौंपना होगी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को 28 मई तक जांच करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शाह को गिरफ्तारी से राहत देते हुए जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर के बाद आपने क्या किया? जांच कहां पहुंची? पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को कुछ और ठोस कदम उठाने चाहिए थे. इस बयान से बढ़ीं विजय शाह की मुश्किलें मंत्री विजय शाह की मुश्किलें 11 मई को उनके द्वारा दिए गए बयान से बढ़ी हैं. उन्होंने महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मंच से बयान दिया था. उन्होंने नाम लिए बिना कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बता दिया था. उन्होंने कहा था कि, उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी तैसी करने उनके घर भेजा.'' हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान मंत्री का वीडियो वायरल हुआ तो जबलपुर हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया. हाईकोर्ट ने 14 मई को 4 घंटे में मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए. हालांकि मामले में FIR तो दर्ज हुई, लेकिन हाईकोर्ट ने FIR को खाना पूर्ति बताया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले में कोर्ट ही पुलिस जांच की निगरानी करेगी. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी कैविएट दायर की है. यानी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मामले को भी सुना जाएगा. विजय शाह मामले में कब क्या हुआ     11 मई को मंत्री विजय शाह, महू के रायकुंडा गांव पहुंचे और यहां एक कार्यक्रम … Read more

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंत्री द्वारा मांगी गई माफ़ी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं, कानून अपना काम करेगा

भोपाल कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन कर दिया है। इसमें मध्य प्रदेश के बाहर से एक महिला अधिकारी सहित तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को फटकार भी लगाई और उनकी माफी स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मंत्री द्वारा मांगी गई माफ़ी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। कोर्ट ने कहा, आप एक पब्लिक फिगर हैं। एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। हमें आपका वीडियो यहां दिखाना चाहिए। यह सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें बहुत ज़िम्मेदार होने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि अपने बयान के लिए वे माफी मांग चुके हैं। इस पर अदालत ने कहा कि माफी स्वीकार नहीं है। एक मंत्री का आचरण आदर्श वाला होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि माफी स्वीकार हो गई, तो आप बाह जाकर कहेंगे कि हमने अदालत के कहने पर माफी मांगी। आपके बयान से देश में गुस्सा है। भावना अच्छी होती तो माफी में अगर-मगर नहीं लगाते। कोर्ट ने तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी। कोर्ट ने अपने आदेश में डीजीपी को एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया। एसआईटी का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे और इसमें एक महिला भी शामिल होगी। विजय शाह को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी भाजपा की निगाहें विजय शाह द्वारा दिए गए बयान के बाद कांग्रेस लगातार उन्हें मंत्री पद से हटाने का दबाव बना रही है। उधर इस मामले में भाजपा की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर थी। इससे पहले मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज किया था। इधर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने के लिए विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन वहां से भी उन्हें फटकार मिली। पाकिस्तान ने बना लिया दुष्प्रचार का टूल मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तानी मीडिया ने दुष्प्रचार का टूल बना लिया है। वहां के मीडिया चैनल इस बयान के जरिए भारत को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। बार एंड बेंच के के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपने किस तरह की माफ़ी मांगी है? हमें दिखाइए। माफी का एक मतलब होता है। कभी-कभी नम्र और बनावटी माफी भी होती है, कभी कभी घड़ियालू आंसू भी होते हैं। आपका कौनसा मामला है? वहीं वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि माफी मांगी गई थी और इसे अदालत के सामने भी मांगी जा सकती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें माफी की ज़रूरत नहीं है, यह अवमानना ​​नहीं है। हम इसे कानून के अनुसार संभाल सकते हैं। सिर्फ इसलिए कि आप अदालत में आ रहे हैं, आप माफी मांग रहे हैं। आप एक सार्वजनिक व्यक्ति और एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और आपको अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

कर्नल सोफिया कुरैशी पर विजय शाह का विवादित बयान, सुप्रीम कोर्ट और HC में आज मामले की सुनवाई, जानें अब तक क्या हुआ?

भोपाल मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर आज सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। मंत्री विजय शाह ने महू के मानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज किया था। इधर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने के लिए विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां से भी उन्हें फटकार मिली। अब इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश के बाद मानपुर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज किया था। इधर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने के लिए विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां से भी उन्हें फटकार मिली। अब इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। पुलिस सार्वजनिक नहीं करेगी जानकारी शाह ने हाई कोर्ट के एफआईआर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने अभी तक सिर्फ छापरिया के सरपंच और सचिव को बयान देने के लिए बुलाया है। पुलिस का कहना है कि मामला कोर्ट से जुड़ा है, इसलिए जांच की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। पुलिस के अनुसार, वे मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। कर्नल पर दिए बयान के बाद हुई आलोचना मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर एक विवादित बयान दिया था। इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। शाह ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पुलिस ने वीडियो तो जब्त कर लिया है, लेकिन उसे अभी तक फॉरेंसिक जांच के लिए नहीं भेजा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है भाजपा की निगाहें विजय शाह द्वारा दिए गए बयान के बाद कांग्रेस लगातार उन्हें मंत्री पद से हटाने का दबाव बना रही है। उधर इस मामले में भाजपा की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है। पाकिस्तान ने बना लिया दुष्प्रचार का टूल मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तानी मीडिया ने दुष्प्रचार का टूल बना लिया है। वहां के मीडिया चैनल इस बयान के जरिए भारत को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। विजय शाह ने दिया था विवादित बयान दरअसल, 11 मई को इंदौर के महू में आयोजित एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्यमंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था. जो एक दिन बाद 12 मई को वायरल हुआ था. मामले ने तूल पकड़ा तो विजय शाह ने माफी भी मांगी, लेकिन 14 मई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी को तत्काल मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे, हाईकोर्ट में जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बैंच ने उनकी इस भाषा को गटर जैसा बताया था, जिसके बाद मामले में एफआईआर भी हुई है. लेकिन विजय शाह ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आज हो सकता है अहम फैसला विजय शाह के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में कोई अहम फैसला हो सकता है. क्योंकि हाईकोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को केवल खानापूर्ति बताया था. हाईकोर्ट ने सख्ती से इस मामले में पुलिस जांच की बात कही थी. जिसके बाद मामले में तेजी देखी जा रही है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर ही विजय शाह का भविष्य तय करेगा. एक तरफ कांग्रेस लगातार प्रदेश में उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, तो दूसरी तरफ बीजेपी पर भी दवाब देखा जा रहा है. क्योंकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब विजय शाह ने इस तरह का विवादित बयान दिया हो, वह इससे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं. खास बात यह है कि विजय शाह की फिलहाल 16 मई के बाद से कोई लोकेशन नहीं मिल रही है, उनके भोपाल निवास पर कोई नहीं है, जबकि खंडवा और इंदौर में भी उनकी कोई जानकारी नहीं मिली है. फिलहाल वह कहा है कि इसकी जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन विजय शाह के मामले में प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है, जबकि कांग्रेस लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रही है.  बयान पर कांग्रेस ने जताई कड़ी आपत्ति महू के पास एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को उनकी ही बहन के जरिए सबक सिखाया। कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि शाह का इशारा कर्नल कुरैशी की तरफ था। शाह ने बाद में सफाई दी कि उनके भाषण को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। बीजेपी के एक महत्वपूर्ण आदिवासी नेता और अक्सर विवादों में रहने वाले शाह की इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। कौन हैं कुंवर विजय शाह कुंवर विजय शाह बीजेपी के एक महत्वपूर्ण नेता हैं। वे आदिवासी समुदाय से आते हैं और अक्सर विवादों में रहते हैं। कुंवर विजय शाह हरसूद सीट से लगातार आठ बार चुनाव जीत चुके हैं। यह सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है। वे वर्तमान में जनजातीय कार्य, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास मंत्री हैं। खंडवा के जंगलों से निकल भोपाल पहुंचे शाह खंडवा के जंगलों से निकलकर मध्य प्रदेश की राजनीति में ऊंचे पद तक पहुंचे हैं। लेकिन विवादों में रहने की उनकी आदत अक्सर उनकी तरक्की में बाधा बनती रही है। 2013 में शाह को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान … Read more

सरकारी कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह की फोटो को हटा दी गई

इंदौर  मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इंदौर में 'वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जिला स्तरीय वन अधिकार समितियों की प्रशिक्षण कार्यशाला' आयोजित की गई। इसमें उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कार्यक्रम स्थल पर लगे होर्डिंग्स में मंत्री विजय शाह की मुस्कुराती तस्वीर दिखी। इस पर अधिकारियों ने ऑब्जेक्शन लिया गया तो उसे हटाया गया। वर्कशॉप में मंत्री का फोटो वाला पोस्टर देखा तो अफसरों के बीच इसी की चर्चा होने लगी। इसके बाद मंत्री को हटा कर उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो चिपका दी गई। मौके पर पहुंचे सीनियर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए पोस्टर तुरंत हटवाए और संबंधित जिम्मेदारों को फटकार लगाई। क्या है पूरा मामला पूरा घटनाक्रम इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के फीनिक्स हॉल का है। यहां गुरुवार को ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा गया। इसमें अशासकीय सदस्यों, वन अधिकारी समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान वर्कशॉप के लिए पोस्टर लगाए गए। जिसमें, सीएम मोहन यादव के साथ मंत्री विजय शाह की फोटो लगी थी। इस वर्कशॉप कार्यक्रम में इंदौर उज्जैन के कलेक्टर, वन के मंडल अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे। वहीं, कार्यक्रम जनजाति कार्य विभाग ने आयोजित कराया था। इसके मंत्री विजय शाह हैं। इसी कार्यक्रम से फोटो हटाई गई। क्यों हटाई गई तस्वीर हाल ही में मंत्री विजय शाह ने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके चलते हाई कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस प्रकरण के बाद मंत्री को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण माना जा रहा है कि आयोजन में उनकी तस्वीर को हटा दिया गया। प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन कार्यशाला में जब इंदौर संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह की नजर इन होर्डिंग्स पर पड़ी, तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। आनन-फानन में अधिकारियों ने मंत्री विजय शाह की तस्वीर को पीएम मोदी की फोटो से ढंक दिया। जिससे न केवल प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ बल्कि आयोजकों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ खड़े हुए। नियमों के अनुसार, किसी भी सरकारी आयोजन में नेताओं की तस्वीरों का तय क्रम होता है। जिसमें प्रधानमंत्री का स्थान सर्वोच्च होता है। यहां पीएम मोदी की फोटो दूसरे स्थान पर और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहले स्थान पर रही, जो स्पष्ट रूप से अनुचित था। शाह की तस्वीर पर सफेद फ्लेक्स चिपका दिया अधिकारियों ने तत्काल पोस्टर से उनकी तस्वीर हटाने के निर्देश दिए। आनन-फानन में स्टाफ ने शाह की तस्वीर पर सफेद फ्लेक्स चिपका दिया। बाद में उक्त स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर को चस्पा किया गया। सुबह 11 बजे वन अधिकार अधिनियम को लेकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। लोगों ने उठाई थी आपत्ति आयोजन प्रदेश सरकार के जनजाति कार्य विभाग ने किया था। पोस्टर में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री विजय शाह की तस्वीर नजर आ रही थी। पोस्टर में मंत्री शाह की बड़ी सी मुस्कुराती तस्वीर थी। कुछ लोगों ने आपत्ति उठाई और मंत्री शाह की तस्वीर पोस्टर पर क्यों है, तो अफसरों ने तुरंत कार्रवाई की। सरकारी कार्यक्रमों से दूर इस घटना ने साफ कर दिया कि मंत्री शाह अब सिर्फ जनता की नजरों से ही नहीं, बल्कि सरकारी कार्यक्रमों से भी दूर किए जा रहे हैं। अफसर भी उनके साथ सार्वजनिक रूप से जुड़ना नहीं चाह रहे। भले ही उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन उनकी स्थिति बेहद कमजोर नजर आ रही है। संभागीय कार्यशाला शुरू वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन और सामुदायिक वन अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए गुरुवार से दो दिनी संभागीय कार्यशाला की शुरुआत ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई। इसमें वन समितियों की भूमिका को लेकर भी चर्चा की गई। वक्ताओं ने ग्रामीणों को जंगल की जमीन पर अतिक्रमण रोकने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जंगल में ग्रामीणों को वन अधिकार के अंतर्गत पट्टे दिए जाते हैं। सिर्फ खेती करने में भूमि का उपयोग करें, जबकि कुछ पट्टे से लगी जमीन पर भी अतिक्रमण करते हैं, यह बिलकुल गलत है। शुभारंभ जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा और संभागायुक्त दीपक सिंह ने किया। सचिव बामरा ने बताया कि राज्य शासन वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक अधिकारों को सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

पाकिस्तान के मीडिया ने छेड़ा प्रोपेगंडा अभियान, मंत्री शाह का बयान बना हथियार

भोपाल  मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसे लेकर देश में लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया और मंत्री से माफी मांगने को कहा है। पाकिस्तानी चैनल्स से फैलाया जा रहा नफरती एजेंडा इस बीच पाकिस्तान ने मंत्री विजय शाह के बयान को एक टूल का तरह इस्तेमाल कर प्रोपेगैंडा चलाने का काम किया है। पाकिस्तान के सरकारी चैनल पीटीवी ने इस बयान को भारत में मुस्लिम के प्रति कथित नफरत के प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किया है। पाकिस्तान के चैनल्स ने एक प्रोपेगैंडा के तहत विजय शाह के बयान को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और पीटीवी के अलावा जीओ न्यूज, द डैली जंग सहित कई पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स ने इस बयान पर खबरें प्रकाशित कर दुनिया में मुस्लिम समुदाय में भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। पीटीवी का प्रोपेगैंडा पीटीवी ने बुधवार देर रात प्रसारित अपने प्राइम टाइम कार्यक्रम में कहा है, "भारत के हिन्दू बीजेपी के सीनियर नेता विजय शाह ने एक वफादार मुस्लिम महिला अफसर को दहशतगर्दों की कतार में खड़ा कर दिया है। मोदी के भारत में मुस्लिम के प्रति नफरत इस हद तक बढ़ चुकी है कि अब सेना के उच्च अधिकारी और महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं।" पीटीवी, जीओ न्यूज और जंग टीवी ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को मुख्यधारा से बाहर धकेला जा रहा है और अब जो लोग सेना जैसी संस्थाओं में भी अपनी सेवा दे रहे हैं, उन्हें संदेह की नजर से देखा जा रहा है। पाकिस्तान द्वारा कर्नल सोफिया के बहाने भारत की छवि को 'अल्पसंख्यक विरोधी राष्ट्र' के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की जा रही है। सिर्फ पाकिस्तानी टीवी चैनल्स ही नहीं, पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स से भी इस मुद्दे को लेकर नफरती एजेंडे और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार को तेज कर दिया गया है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ? पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगैंडा को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान अब सिर्फ विवादित बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा इसे भारत की धार्मिक समरसता और लोकतांत्रिक छवि के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनाने की कोशिश है। राजनीतिक और कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि एमपी के मंत्री का यह बयान ने पाकिस्तान और अन्य विरोधी ताकतों को भारत पर हमला करने का अवसर दे दिया है। हालांकि, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन, न तो भाजपा और न ही मध्यप्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की है। ठोस कार्रवाई नहीं होने से आग में घी पड़ रहा विशेषज्ञ मानते हैं कि अब यह मामला केवल एक विवादित बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा इसे भारत की धार्मिक समरसता और लोकतांत्रिक छवि के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनाने की कोशिश है। राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों में यह चिंता बढ़ रही है कि मंत्री शाह की टिप्पणी ने पाकिस्तान और अन्य विरोधी ताकतों को भारत पर हमला करने का अवसर दे दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन न तो भाजपा नेतृत्व और न ही मध्य प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई की है। इससे मामला लगातार गरमाता जा रहा है और पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक और बहाना मिल गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान के बाद मंत्री विजय शाह की मुश्किलें लगातार बढ़ रही, इस्तीफे का दबाव

भोपाल महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद पर हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मंत्री विजय शाह के लिखाफ लिखी गई FIR की कॉपी पर भी सवाल उठाए हैं। इधर सियासी उथलपुथल भी तेज हो गई है। उमा भारती भी इस मामले में लगातार मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने विजय शाह को घेरते हुए गुरुवार को फिर से ट्वीट किया। उसमें लिखा कि कांग्रेस के कहने सुनने से हमें क्या मतलब, नैतिकता और देशभक्ति पर कांग्रेस खरी उतर ही नहीं पाई किंतु हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दी गई नसीहतों का तो हम ध्यान रखें।' पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार गुरुवार को युगलपीठ ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा है कि एफआईआर ऐसे कंटेंट के साथ लिखी गयी है,जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाये। युगलपीठ ने आदेश में उल्लेखित कंटेंट के बारे बताते हुए  एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। इसके अलावा एफआईआर में पुलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जाएगी।  पुलिस को जमकर लगाई फटकार, पूछे तीखे सवाल गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन यहां भी शाह को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पहले इसी कोर्ट ने बुधवार को विजय शाह के बयान पर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जैसा घातक बताया। हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए डीजीपी को विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। दिल्ली में भाजपा की अहम बैठक शाह का मामला दिल्ली के गलियारों तक भी पहुंच गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नाराजगी जता चुके हैं। गुरुवार को BJP में मंथन की बात सामने आ रही है। मंत्री विजय शाह को लेकर पार्टी महासचिव बीएल संतोष से मध्यप्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने मुलाकात की है। वहीं विजय शाह भी अमित शाह से मुलाकात के बाद इस्तीफे पर विचार करने का कह चुके हैं। हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी फिलहान सामने नहीं आ सकी है। विजय शाह पर पहले दिन क्यों नहीं हुई कार्रवाई –   पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा  कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मंत्री विजय शाह पर बीजेपी की ओर से अब तक कोई कार्रवाई ना होने को लेकर वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने दुख जताया है. पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा कि "इस पर तो पहले दिन ही कार्रवाई हो जाना चाहिए थी. मैं हैरान हूं कि पार्टी या सरकार ने अब तक कोई निर्णय क्यों नहीं लिया. उन्होंने कहा कि सारा फजीता करवाने के बाद अब अगर निर्णय लेंगे भी तो उसका क्या औचित्य रहेगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में शर्मा ने कहा कि ऐसे में पार्टी का उपहास होता है, उसकी तपस्या, त्याग, राष्ट्रभक्ति और विचार पर सवालिया निशान लगता है." शाह पर पार्टी ने क्यों निर्णय नहीं लिया, मुझे हैरानी बीजेपी नेता रघुनंदन शर्मा ने कहा कि "मंत्री रहते हुए अपनी वाणी भाषा संयम रहना आवश्यक है, क्योंकि मंत्री सरकार का प्रतिनिधित्व करता है. हमारे यहां विधान ज्वाइंट रिस्पांसिबिलिटी का है. एक व्यक्ति की त्रुटि सबकी त्रुटि मानी जाती है और एक व्यक्ति का त्याग सबका त्याग, या फिर उसका जनहित का काम पूरी सरकार का जनहित का लोकहित का काम माना जाता है. कहावत है जिएंगे भी साथ मरेंगे भी साथ. शर्मा ने कहा कि मुझे लगता है कि इसके उपर तत्परता से पहले दिन ही कार्रवाई हो जाना चाहिए थी. पार्टी ने या सरकार ने अभी तक क्यों निर्णय नहीं लिया, मुझे तो बड़ा दुख हो रहा है. इतनी फजीती करवाने के बाद निर्णय लेंगे, तो उसका क्या औचित्य रहेगा. उन्होंने कहा कि देश में एक जांबाज सैनिक के प्रति जो युद्ध के समय सम्मान का जो ज्वार उठा था, ऐसे समय में उसके बारे में बोलना और बहुत ही सम्मान प्रगट ना करते हुए अपमानित भाषा का उपयोग करना, चाहे वो कितने ही जोश में रहे हों, लेकिन जोश में होश नहीं खोना चाहिए. हमारे मंत्री ने जोश में होश खो दिया. उसका परिणाम उनको भी भुगतना पड़ रहा है और सारी पार्टी को भुगतना पड़ रहा है." ऐसे लोग पार्टी की त्याग तपस्या पर सवालिया निशान रघुनंदन शर्मा ने कहा कि "मेरी पार्टी को तो मैं क्या सलाह दूंगा. वहां अब सलाह का अर्थ भी नहीं है. ये तो स्वयं निर्णय लेने का मामला था. कोर्ट निर्णय ले और कोर्ट तक बात जाए, ऐसी परिस्थिति उपन्न ही नहीं होना देनी थी, लेकिन प्रत्युन्नमति का अभाव होने के कारण ये सब खेल खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में पार्टी का उपहास होता है. पार्टी का त्याग पार्टी की तपस्या पार्टी की राष्ट्रभक्ति पार्टी का विचार सारा इस सबके ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देते हैं. ऐसे लोग जिसमें निर्णय ना लेने लोग भी शामिल हैं. मैं सोचता हूं कि इस बारे में बात साफ कर लेना चाहिए. दूध का दूध का पानी का पानी पहले ही हो जाना चाहिए था. क्यों नहीं हो रहा है मैं खुद हैरान हूं." राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेस विधायक FIR के बाद भी मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कड़ा रुख अपनाया … Read more

मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में SC ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें फटकार लगाई

 मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार, MP High Court के एफआईआर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, पूछा- संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा बयान कैसे दे सकता मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में SC ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें फटकार लगाई भोपाल / जबलपुर मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर उनके खिलाफ महू के मानपुर थाने में बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई थी। मंत्री द्वारा एफआईआर रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी, जिस पर उन्हें वहां से भी फटकार मिली। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि स्वत: संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। आज हाईकोर्ट के पटल पर उस वीडियो का लिंक भी रखे जाएंगे, जिसमें मंत्री ने कर्नल सोफिया को लेकर टिप्पणी की थी। कांग्रेस कर रही मंत्री को पद से हटाने की मांग इधर कांग्रेस मंत्री विजय शाह को पद से हटाने की मांग कर रही है। प्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर सहित कई शहरों में मंत्री शाह के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया था। इन धाराओं में दर्ज हुआ केस, उम्र कैद या 7 साल तक की सजा का प्रविधान बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 152 : अलगाव, सशस्त्र विद्रोह और विध्वंसक गतिविधियों को भड़काने वाले कृत्यों को अपराध मानती है। यह देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को भी अपराध मानती है। इसमें उम्रकैद या सात साल तक के कारावास के दंड का प्रविधान है। बीएनएस 196(1)(ख) : धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करने से संबंधित है। इसमें पांच वर्ष के कारावास का प्रविधान है। बीएनएस 197(1)(ग) : राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों से संबंधित है। इसमें किसी भी समूह की भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा को संदेह में लाने वाले आरोप, दावे या कथन शामिल हैं। इसमें तीन वर्ष के कारावास का प्रविधान है। हाईकोर्ट ने कहा- “गटर जैसी भाषा”, दर्ज हुआ मामला 14 मई 2025 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत ने उनकी टिप्पणी को “गटर की भाषा” कहा और इसे महिलाओं के सम्मान और सेना की गरिमा के विरुद्ध करार दिया। कोर्ट के मुताबिक, एक कैबिनेट मंत्री की ओर से इस तरह की टिप्पणी न केवल कर्नल सोफिया के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि इससे भारतीय सेना की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े होते हैं। आदेश के तहत आईपीसी की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है। Supreme Court की फटकार, 16 मई को अगली सुनवाई विजय शाह ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए Supreme Court का रुख किया, लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। 15 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मंत्री की भाषा अस्वीकार्य है और उन्होंने अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है और कहा है कि मामले में कानून के तहत उचित निर्णय लिया जाएगा। सोशल मीडिया पर समर्थन, विपक्ष का हमला यह मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हजारों लोग कर्नल सोफिया के समर्थन में सामने आए हैं और विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं और सेना के प्रति भाजपा सरकार के “दृष्टिकोण” का प्रतिबिंब बताया है। यह विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर गरमाया हुआ है और आने वाले दिनों में इसका असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर भी दिख सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6