MY SECRET NEWS

थोक महंगाई में राहत, खाने-पीने की चीजें सस्ती हुईं, मार्च में महंगाई 2.38% से घटकर 2.05% पर आई, यह चार महीने में सबसे कम

नई दिल्ली महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। खाने-पीने के सामान सस्ते होने से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। हालांकि, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में वार्षिक आधार पर वृद्धि हुई है। मार्च 2024 में यह 0.26 प्रतिशत थी। उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली व कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी। सरकार के अनुसार, मार्च 2025 में महंगाई दर बढ़ने का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों, अन्य उत्पादों, बिजली और कपड़ों की कीमतों में बढ़ोतरी है। थोक खाद्य महंगाई दर पिछले महीने घटकर 4.66% हो गई। फरवरी में यह 5.94% थी। इसका मतलब है कि खाने-पीने की चीजों की कीमतें अब कम तेजी से बढ़ रही हैं। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 3.07 प्रतिशत हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी। ईंधन तथा बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20 प्रतिशत रही। WPI फूड इंडेक्स WPI  फूड इंडेक्स, जिसमें खाद्य पदार्थ और विनिर्मित खाद्य उत्पाद शामिल हैं, फरवरी में 189.0 से मार्च में 188.8 पर थोड़ा कम हुआ। WPI आधारित खाद्य मुद्रास्फीति दर मार्च में 5.94 प्रतिशत से घटकर 4.66 प्रतिशत हो गई। WPI ईंधन मार्च में 0.20 प्रतिशत था, जबकि फरवरी में यह -0.71 प्रतिशत था। ईंधन और बिजली समूह सूचकांक में मार्च में 0.91 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण बिजली की कीमतों में 2.31 प्रतिशत की गिरावट और खनिज तेल की कीमतों में 0.70 प्रतिशत की गिरावट थी। कोयले की कीमतें अपरिवर्तित रहीं। यहां भी आई कमी प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर मार्च में घटकर 0.76% हो गई। फरवरी में यह 2.81% थी। प्राथमिक वस्तुएं वे होती हैं जो सीधे खेतों या खदानों से मिलती हैं, जैसे अनाज, फल, सब्जियां आदि। ईंधन और बिजली की थोक कीमतें मार्च में 0.20% रहीं। फरवरी में यह नेगेटिव 0.71% थी। इसका मतलब है कि ईंधन और बिजली की कीमतें अब बढ़ रही हैं, जबकि फरवरी में यह कम हुई थीं। विनिर्मित उत्पादों की कीमतें 3.07% बढ़ीं। फरवरी में यह 2.86% बढ़ी थीं। विनिर्मित उत्पाद वे होते हैं, जो फैक्ट्रियों में बनते हैं। थोक मूल्य सूचकांक में इनका हिस्सा लगभग 64% होता है। लेकिन बढ़ सकती है महंगाई इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने देश भर में लू चलने की चेतावनी दी है। इससे महंगाई बढ़ने की चिंता बढ़ गई है। BofA ग्लोबल रिसर्च के राहुल बजोरिया का कहना है कि जैसे-जैसे मौसम खराब होगा और गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे सब्जियों और फलों की कीमतें बढ़नी शुरू हो जाएंगी। खुदरा महंगाई दर की क्या स्थिति? भारत की खुदरा महंगाई दर फरवरी में घटकर 3.61% हो गई। यह पिछले सात महीनों में सबसे कम है। जनवरी में यह 4.31% थी। खुदरा महंगाई दर का मतलब है, जो सामान हम दुकानों से खरीदते हैं, उसकी कीमतों में बदलाव। सरकार मंगलवार शाम मार्च के खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। सब्जियों का उत्पादन बढ़ने से थोक बाजारों में खाने-पीने की चीजों की कीमतें कम हुई हैं। सब्जियों की कीमतें 15.88% घटी हैं। पिछले महीने यह 5.80% घटी थीं। प्याज की महंगाई दर मार्च में घटकर 26.65% हो गई। फरवरी में यह 48.05% थी। आलू की महंगाई दर -6.77% रही। फरवरी में यह 27.54% थी। इसका मतलब है कि आलू की कीमतें अब कम हो रही हैं। दालों की महंगाई दर पिछले महीने -2.98% रही। फरवरी में यह -1.04% थी। इसका मतलब है कि दालों की कीमतें भी कम हो रही हैं। अनाज की कीमतें बढ़ीं थोक बाजारों में अनाज की कीमतें मार्च में 5.49% बढ़ीं। पिछले महीने यह 6.77% बढ़ी थीं। इसका मतलब है कि अनाज की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं, लेकिन पहले की तुलना में कम तेजी से। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि महंगाई कम हुई है। खाने-पीने की चीजों के अच्छे उत्पादन की वजह से ऐसा हुआ है। MPC का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई और कम होगी। इससे लोगों को राहत मिलेगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

थोक महंगाई जनवरी में घटी, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी से मिली राहत

नई दिल्ली जनवरी में थोक मुद्रास्फीति घटीजनवरी 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर 2.31 प्रतिशत पर आ गई. यह दिसंबर 2024 में 2.37 प्रतिशत थी, जबकि जनवरी 2024 में मात्र 0.33 प्रतिशत दर्ज की गई थी. मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, विशेष रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट ने इस कमी में योगदान दिया. खाद्य मुद्रास्फीति में राहत जनवरी में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.88 प्रतिशत पर आ गई, जबकि दिसंबर 2024 में यह 8.47 प्रतिशत थी. खासकर सब्जियों की मुद्रास्फीति में तेज गिरावट दर्ज की गई, जो दिसंबर 2024 में 28.65 प्रतिशत थी और जनवरी में घटकर 8.35 प्रतिशत रह गई. यह दर्शाता है कि सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है. आलू और प्याज की कीमतों में वृद्धि जारी हालांकि, आलू और प्याज की कीमतों में अब भी तेजी बनी हुई है. आलू की मुद्रास्फीति 74.28 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जो यह दर्शाता है कि इस आवश्यक वस्तु की कीमतें अभी भी महंगाई का दबाव झेल रही हैं. वहीं, प्याज की मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 28.33 प्रतिशत हो गई, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ा. ईंधन एवं बिजली क्षेत्र में गिरावट ईंधन और बिजली श्रेणी में भी राहत देखने को मिली. इस क्षेत्र में मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 2.78 प्रतिशत रह गई, जबकि दिसंबर में यह 3.79 प्रतिशत थी. इससे ऊर्जा लागत में थोड़ी नरमी आने की संभावना है, जो उद्योगों और आम जनता के लिए राहत भरी खबर हो सकती है. विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हालांकि खाद्य वस्तुओं और ईंधन की मुद्रास्फीति में कमी आई, लेकिन विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि देखी गई. दिसंबर 2024 में यह 2.14 प्रतिशत थी, जो जनवरी 2025 में बढ़कर 2.51 प्रतिशत हो गई. इससे पता चलता है कि उत्पादन लागत में कुछ बढ़ोतरी हुई है, जो संभावित रूप से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकती है. खुदरा मुद्रास्फीति भी हुई कम खुदरा मुद्रास्फीति के हालिया आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 4.31 प्रतिशत हो गई. यह पिछले पांच महीनों का सबसे निचला स्तर है, जिससे यह संकेत मिलता है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आ रही है. आलू की मुद्रास्फीति 74.28 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही, तथा प्याज की मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 28.33 प्रतिशत हो गई। ईंधन और बिजली श्रेणी में जनवरी में 2.78 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि दिसंबर में 3.79 प्रतिशत की अपस्फीति थी। विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में 2.14 प्रतिशत की तुलना में 2.51 प्रतिशत रही। बुधवार को जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चला कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 4.31 प्रतिशत रह गई जो पांच महीने का निम्नतम स्तर है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 23

देश में थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में चार महीने के उच्च स्तर 2.36 प्रतिशत पर

नई दिल्ली खाद्य उत्पादों और प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रा स्फीति अक्टूबर 2024 में बढ़कर 2.36 प्रतिशत रही। सरकार द्वारा गुरुवार को जारी अक्टूबर माह के थोक मूल्य सूचकांक के अनुसार, अक्टूबर में, खाद्य उत्पादों की थोक कीमतों में सालाना आधार पर 11.59 प्रतिशत और प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 1.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। वाणिज्यों एवं उद्योग मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, अक्टूबर माह में ईंधन और ऊर्जा के थोक भाव पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 5.79 प्रतिशत नीचे रहे जबकि विनिर्मित उत्पादों की थोक कीमतों में सालाना आधार पर 1.50 प्रतिशत की तेजी रही। सितंबर में थोक मुद्रा स्फीति 1.84 प्रतिशत और अगस्त में 1.25 प्रतिशत रही। सब्जियों की कीमतों में लगी आग आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 13.54 प्रतिशत हो गई, जबकि सितंबर में यह 11.53 प्रतिशत थी। इसमें सब्जियों की मुद्रास्फीति 63.04 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 48.73 प्रतिशत थी। अक्टूबर में आलू और प्याज की मुद्रास्फीति क्रमशः 78.73 प्रतिशत और 39.25 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर रही। ईंधन और बिजली में दिखा ये बदलाव खबर के मुताबिक, ईंधन और बिजली श्रेणी में अक्टूबर में 5. 79 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि सितंबर में 4. 05 प्रतिशत की अपस्फीति थी। विनिर्मित वस्तुओं में, मुद्रास्फीति अक्टूबर में 1. 50 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह 1 प्रतिशत थी। अक्टूबर महीने में थोक मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने वृद्धि देखी गई। अक्टूबर के स्तर से अधिक WPI पिछली बार जून 2024 में दर्ज की गई थी, जब यह 3. 43 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्च स्तर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि अक्टूबर, 2024 में मुद्रास्फीति मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों आदि के मूल्यों में बढ़ोतरी के चलते होगी। सप्ताह की शुरुआत में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज वृद्धि के साथ खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्च स्तर 6. 21 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ऊपरी सहनीय सीमा से अधिक है, जिससे दिसंबर में नीति समीक्षा बैठक में बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

‘विदेश से पैसा भेजने में लगने वाले समय और लागत को कम करना जरूरी’, आरबीआई गवर्नर ने बताया कारण

सितंबर में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 1.84 फीसदी पर, खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल से बढ़ोतरी  खाद्य पदार्थों के महंगे होने से थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई 'विदेश से पैसा भेजने में लगने वाले समय और लागत को कम करना जरूरी', आरबीआई गवर्नर ने बताया कारण नई दिल्ली  सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के महंगे होने से थोक मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई। अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 1.31 फीसदी थी। पिछले साल सितंबर में यह 0.07 फीसदी घटी थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 11.53 फीसदी हो गई, जबकि अगस्त में यह 3.11 फीसदी थी। इसकी वजह सब्जियों की मुद्रास्फीति रही, जो सितंबर में 48.73 फीसदी बढ़ी थी। अगस्त में यह 10.01 फीसदी घट गई थी। आलू की मुद्रास्फीति सितंबर में 78.13 और प्याज की 78.82 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में सितंबर में 4.05 फीसदी की अपस्फीति देखी गई, जबकि अगस्त में 0.67 प्रतिशत की अपस्फीति हुई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के निर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है आरबीआई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने इसी महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दर या रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े दिन में जारी किए जाएंगे। 'विदेश से पैसा भेजने में लगने वाले समय और लागत को कम करना जरूरी', आरबीआई गवर्नर ने बताया कारण  भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को विदेशों से धन भेजने में लगने वाले समय और लागत को कम करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी और भुगतान प्रणाली का उपयोग सीमा पार भुगतान में तेजी लाने और विस्तार के लिए किया जा सकता है। दास ने 'सेंट्रल बैंकिंग एट क्रॉसरोड्स' विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान कहा, "भारत सहित कई उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए सीमा पार पीयर-टू-पीयर (पी2पी) भुगतान की संभावनाओं को तलाशने के लिए धन प्रेषण पहला कदम है। हमारा मानना है कि इस तरह के धन प्रेषण की लागत और समय को काफी कम करने की अपार संभावनाएं हैं।" इसके अलावा, उन्होंने कहा कि डॉलर, यूरो और पाउंड जैसी प्रमुख व्यापारिक मुद्राओं में लेनदेन निपटाने के लिए वास्तविक समय सकल निपटान (आरटीजीएस) के विस्तार की व्यवहार्यता द्विपक्षीय या बहुपक्षीय व्यवस्था के माध्यम से तलाशी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत और कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों तरीकों से सीमा पार तीव्र भुगतान प्रणालियों के संपर्क का विस्तार करने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिए हैं। आरबीआई की ओर से शुरू किए गए ई रूपी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कुशल सीमा पार भुगतान की सुविधा प्रदान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए, मानकों और अंतर-संचालन में सामंजस्य सीबीडीसी को सीमा पार भुगतान और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी गंभीर वित्तीय स्थिरता चिंताओं को दूर करने में सक्षम बनाएगा। आरबीआई गवर्नर ने बैंकिंग क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इससे साइबर हमले और आंकड़ों के लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, "बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को इन सभी जोखिमों के खिलाफ पर्याप्त जोखिम उपाय करने चाहिए। बैंकों को एआई और बिगटेक फायदों का लाभ उठाना चाहिए।"   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32