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इस्लामाबाद
 पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर से भारत को चेतावनी देने का दुस्साहस किया है। उन्होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा है कि "पाकिस्तान की जल आपूर्ति को रोकने या मोड़ने की कोई भी कोशिश युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।" इशाक डार का बयान उस वक्त आया है जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा था कि 'खून और पानी साथ नहीं बह सकते।' एक्सपर्ट्स ने मोदी के बयान को 'सिंधु जल समझौता सस्पेंड' करने के फैसले को जारी रखना माना है। इशाक डार ने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि "कभी-कभी राष्ट्रों को बेहद कठिन विकल्प चुनने की आवश्यकता होती है, जैसा कि हमने 9 मई की रात को किया।"

इशाक डार ने सीएनएन से बात करते हुए आगे कहा कि "हम चाहते हैं कि पूरी प्रक्रिया दोनों पक्षों के बीच सम्मान के साथ आगे बढ़े।" अमेरिकी मीडिया ऑउटलेट से बात करते हुए इशाक डार ने कहा कि "हम बातचीत के माध्यम से सभी लंबित मुद्दों को हल करना चाहते हैं, ऐसे मुद्दे जो क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता की नींव रख सकते हैं।" इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दक्षिण एशिया में शांति का एकमात्र रास्ता कश्मीर समस्या का समाधान बताया। पाकिस्तान ऐसा करके एक बार फिर से कश्मीर को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर लाने की कोशिश कर रहा है और ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि कश्मीर समस्या का समाधान किए बगैर शांति नहीं हो सकती है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की गीदड़भभकी
कश्मीर को लेकर भारत ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि पाकिस्तान से जो भी बात होगी, वो पीओके को लेकर होगी। भारत ने पाकिस्तान से पीओके को खाली करने के लिए कहते हुए पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया है। सीएनएन से बात करते हुए इशाक डार ने कश्मीर को इंटरनेशनल मुद्दा बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि, "कश्मीर मुद्दा सिर्फ पाकिस्तान की स्थिति नहीं है बल्कि वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त विवाद है।" वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की इच्छा के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए डार ने ट्रंप की पेशकश को "बहुत महत्वपूर्ण" बताया और लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को हल करने के लिए अमेरिका सहित तीसरे पक्ष के समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। यानि पाकिस्तान अब कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता चाह रहा है, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर रखा है। कश्मीर पर भारत का रूख साफ है कि वो किसी भी तरह की मध्यस्थता का विरोध करता है।

इशाक डार ने भारत के साथ व्यापक बातचीत के लिए पाकिस्तान की तत्परता को दोहराया, लेकिन कहा कि "यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है। आप एक हाथ से ताली नहीं बजा सकते। हम इसे अकेले हल नहीं कर सकते।" उन्होंने बिना देरी के ऐसे मुद्दों को हल करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और चेतावनी दी, कि 'फैसला होने में जितनी देरी होगी, मुश्किलें उतनी ज्यादा बढ़ेंगी।' पाकिस्तान के नेता लगातार इंटरनेशनल मीडिया के जरिए कश्मीर मुद्दे को इंटरनेशनल मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस बात की कोई संभावना नहीं है कि भारत उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया भी दे।

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