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दुनिया में सबसे कठिन डिग्रियों की बात होती है, तो उसमें मेडिसिन से जुड़े कोर्सेज, मैथ्स और फिजिक्स की डिग्री को सबसे मुश्किल माना जाता है। लेकिन इन कोर्सेज के अलावा भी कई ऐसे कोर्स हैं, जिन्हें पढ़कर डिग्री हासिल करने में पसीने छूट जाते हैं। आमतौर पर किसी डिग्री को कितना कठिन माना जाएगा, ये दो बातों पर निर्भर करता है, जिसमें पहला कोर्स की डिमांड है, यानी डिग्री पाने के लिए क्या अलग करना पड़ता है। दूसरा कंटेंट है, यानी जो चीज आप पढ़ेंगे वो कितना कठिन है। इस आधार पर स्टडी इंटरनेशनल ने दुनिया की 10 सबसे कठिन या कहें मुश्किल डिग्रियों के बारे में बताया है।

एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
इस कोर्स में आपको मैथ्स के कई नियम सीखने होंगे। जैसे कि कैलकुलस, ट्रिग्नोमैट्री और अल्जेबरा। ये सब एयरोस्पेस इंजीनियर बनने के लिए जरूरी हैं। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए आपको मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री की जानकारी होनी चाहिए। इस कोर्स का कंटेट सबसे कठिन माना जाता है।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग के तरीके इस्तेमाल करके ऐसी चीजें बनाते हैं, जो इंसानों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। जैसे कि पेसमेकर, इंसुलिन पंप और 3D प्रिंटेड ऑर्गन। इसमें आपको बायोलॉजी, केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, मैथ्स और मेडिकल साइंस जैसे विषय पढ़ने होते हैं।

लॉ (कानून)
एलएलबी जैसे कोर्सेज में संवैधानिक कानून से लेकर आपराधिक कानून तक, लॉ के छात्रों को कई कानूनी नियम समझने होते हैं। खासकर अगर आपको अंग्रेजी पढ़ने की आदत नहीं है तो ये और भी मुश्किल हो जाता है। वकील बनने के लिए बार परीक्षा पास करना भी जरूरी होता है।

चार्टेड अकाउंटेंसी
लॉ की तरह ही चार्टेड अकाउंटेंसी पढ़ने वाले छात्रों को भी अतिरिक्त ट्रेनिंग लेनी पड़ती है। आमतौर पर अकाउंटिंग डिग्री हासिल करने में तीन साल लगते हैं। हालांकि, कुछ छात्रों के लिए ये समय और भी ज्यादा लंबा हो सकता है। इस दौरान उन्हें कई तरह के मॉड्यूल की पढ़ाई करनी पड़ती है।

आर्किटेक्चर
आर्किटेक्चर सिर्फ डिजाइन बनाना नहीं है। आर्किटेक्ट बनने के लिए, आपको मैथ्स, जियोमेट्री, ट्रिग्नोमेट्री और अल्जेबरा की अच्छी समझ होनी चाहिए। ताकि आप इमारतों की सही माप तय कर सकें। आर्किटेक्चर के छात्रों को कई तरह के फॉर्मूला याद रखने पड़ते हैं। कई देशों के लाइसेंस एग्जाम भी देना पड़ता है।

मेडिकल कोर्स
डॉक्टर बनने के लिए आपको MBBS की पढ़ाई करनी पड़ेगी। इसके अलावा छात्र आगे रेजिडेंसी प्रोग्राम का हिस्सा भी बनते हैं, जहां उन्हें स्पेशलाइजेशन करवाया जाता है। इन कोर्सेज में छात्रों को क्लिनिकल ट्रेनिंग लेनी पड़ती है और कई तरह के शरीर के अंदरूनी हिस्सों के नाम याद रखने पड़ते हैं।

नर्सिंग
नर्सिंग की डिग्री में आपको नर्सिंग की प्रैक्टिकल स्किल और जानकारी दोनों सीखने होते हैं। नर्सिंग के लिए बायोसाइंस की बुनियादी जानकारी होनी चाहिए और उसे नर्सिंग में इस्तेमाल करना होगा। इस कोर्स का मुश्किल हिस्सा है लोगों के साथ अच्छे से काम करना।

डेंटिस्ट्री
डेंटिस्ट्री की डिग्री में आपको मुंह की बीमारियों को रोकने, पता लगाने और उनका इलाज करने के बारे में सिखाया जाता है। इसमें आप डेंटिस्ट्री के सिद्धांतों के बारे में सीखते हैं। जैसे कि एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मानव रोग, पैथोलॉजी और एपिडेमियोलॉजी।

साइकोलॉजी
अगर आपको लगता है कि इंसानी दिमाग के बारे में पढ़ना आसान है, तो आप गलत हैं। इस डिग्री में आपको मनोविज्ञान के वैज्ञानिक और सामाजिक दोनों पहलुओं में कुशल बनाया जाता है। इसमें बायोलॉजी और विकास, सामाजिक मानव विज्ञान, राजनीति, दर्शन और समाजशास्त्र शामिल हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
ChatGPT जैसे चैटबॉट के आने के बाद, यूनिवर्सिटी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े कोर्स शुरू किए हैं। यहां आप सीखेंगे कि AI सिस्टम को कैसे डिजाइन, डेवलप और इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा करने के लिए, आपको न्यूरोसाइंस, कॉग्निटिव साइंस, लैंग्वेज साइंस और मैथ्स की अच्छी समझ होनी चाहिए।

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