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इस्लामाबाद.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थन में पिछले महीने विरोध प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार किए गए 38 समर्थकों को पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने शनिवार को रिहा कर दिया। पुलिस ने 26 नवंबर को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार किया था। यह लोग इस्लामाबाद तक मार्च निकालने जा रहे थे।

पीटीआई के संस्थापक और पूर्व पीएम इमरान खान ने 13 नवंबर को लोगों से देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि लोग पार्टी के लिए चुनावी जनादेश की बहाली, हिरासत में लिए गए पार्टी सदस्यों की रिहाई और 26वें संविधान संशोधन को बदलने की मांग करें। इसके बाद पार्टी के समर्थक 26 नबंवर को सड़क पर उतरे थे। पुलिस ने रावलपिंडी में 1,400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। डॉन अखबार के मुताबिक न्यायाधीश अबुल हसनत मोहम्मद जुल्करनैन ने शनिवार को 56 संदिग्धों के मामलों की सुनवाई की। पुलिस ने संदिग्धों के लिए 20 दिन की रिमांड मांगी थी। इस पर बचाव पक्ष के वकील अंसार कयानी ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने विरोध प्रदर्शन से पहले संदिग्धों को उनके घरों से गिरफ्तार किया था। पुलिस संदिग्धों से कुछ भी बरामद नहीं करना चाहती। पुलिस ने केवल उनकी संख्या पूरी की है। इस पर न्यायाधीश ने 50 व्यक्तियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया और छह अन्य को रिहा कर दिया। पुलिस को उन्हें फिर से गिरफ्तार न करने का आदेश दिया। जियो न्यूज ने बताया कि न्यायाधीश जुल्करनैन ने देर रात गिरफ्तार किए गए 32 व्यक्तियों के मामलों सुनवाई की। पुलिस ने संदिग्धों के लिए 30 दिन की रिमांड का अनुरोध किया। जबकि बचाव पक्ष के वकील कियानी ने तर्क दिया कि पुलिस ने कोटा पूरा करने के लिए निर्दोष श्रमिकों को उनके घरों से गिरफ्तार किया था। न्यायाधीश जुल्कारनैन ने अदालत में संदिग्धों की हथकड़ी खोलने का आदेश दिया और उन्हें मामलों से मुक्त कर दिया। उन्होंने पुलिस को उन्हें फिर से गिरफ्तार न करने की सख्त चेतावनी दी। न्यायाधीश ने कहा कि अगर पुलिस ने फिर से ऐसा किया, तो मैं उन्हें हथकड़ी पहना दूंगा।

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