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घर के मुख्य दरवाजे से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान, होगी बरकत

फेंगुशई के अनुसार घर का मुख्य द्वार घर में सकारात्मक ऊर्जा आने का मुख्य साधन है। इससे घर में खुशहाली और बरकत आती है। इसलिए घर के मुख्य दरवाजे से जुड़ी फेंग शुई की बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इसके अलावा फेंगशुई में घर में कुछ पौधे लगाने से भी सकारात्मक ऊर्जा आती है। लेकिन इन्हें लगानें से पहले कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातों के बारें में: 1. फेंगशुई के अनुसार घर के दरवाजे के पास ताजे फूल रखने चाहिए। इसके अलावा घर की खुशहाली के लिए दरवाजे के पास हरे पौधे और बुद्धा की प्रतिमा रखनी चाहिए। 2. परिवार के सदस्यों में प्यार बढ़ाने के लिए दरवाजे के बाहर विंड चाइम लगाएं इसके अलावा आप घर के दरवाजे के बाहर छोटी-छोटी लाइटें भी लगा सकते हैं। 3. कोशिश करें कि घर के दरवाजे का मुख्य द्वार का रास्ता सीधा नहीं हो, इसमें मुड़ाव जरूर होना चाहिए। फेंगशुई के अनुसार कहा जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है। 4. फेंगशुई के अनुसार घर में ऐसे पौधों को रखना चाहिए जो प्राकृतिक हों यानी जिन्हें बढ़ने के लिए मिट्टी, पानी और सूरज की रोशनी की जरूरत हो। इनकी सही तरीके से देखभाल भी करनी चाहिए। 5. घर के मुख्य दरवाजे के पास कोई भी फालतू चीज नहीं रखी होनी चाहिए। इसके अलावा घर की सुख-समृद्धि के लिए दरवाजे के दोनों तरफ पौधे लगाने चाहिए। इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 28

एमपी में व्हाइट टॉपिंग तकनीक बनेगी, बढ़ेगी सड़कों की उम्र, चार महीनों के अंदर काम खत्म करने का रखा टारगेट

भोपाल  मध्य प्रदेश में जल्द ही सड़कें और मजबूत बनेंगी। पीडब्ल्यूडी खराब सड़कों की समस्या से निपटने के लिए व्हाइट टॉपिंग तकनीक अपना रहा है। इस तकनीक से बनी सड़कें ज़्यादा टिकाऊ होती हैं और लंबे समय तक चलती हैं। शुरुआत में 21 जिलों की 41 सड़कों पर इस तकनीक का इस्तेमाल होगा। काम इसी महीने शुरू हो जाएगा और चार महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे बारिश में सड़कों के उखड़ने की समस्या से निजात मिलेगी। लोक निर्माण विभाग ने खराब सड़कों की बढ़ती शिकायतों के बाद यह कदम उठाया है। बारिश में सड़कें टूटने से लोगों को काफी परेशानी होती है। व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बनी सड़कें इस समस्या का समाधान करेंगी। इस तकनीक से करीब 108 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी। प्रोजेक्ट नवंबर अंत तक शुरू होकर अगले चार महीनों में पूरा हो जाएगा। सड़क निर्माण में नई क्रांति व्हाइट टॉपिंग तकनीक सड़क निर्माण में एक नया मोड़ है। यह तकनीक सड़कों को मजबूत और टिकाऊ बनाती है। इससे सड़कों का रखरखाव भी आसान हो जाता है। यह तकनीक लंबे समय में पैसा भी बचाती है। सरकार का यह कदम प्रदेश की सड़कों की दशा सुधारने में मददगार साबित होगा। इससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी। यह तकनीक भविष्य में सड़क निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है। यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। यह सड़कों को गर्मी से बचाती है. इससे शहरों का तापमान भी कम रहता है। व्हाइट टॉपिंग तकनीक से बेहतर सड़कें और बेहतर भविष्य की उम्मीद है। लोगों को मिलेगा बेहतर यात्रा का अनुभव भोपाल में वल्लभ भवन मार्ग और सीएम हाउस मार्ग समेत 14 सड़कों को चिह्नित किया गया है। PWD ने 15 अन्य जिलों में भी एक-एक सड़क पर इस तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इन जिलों में इंदौर, नर्मदापुरम, नीमच, बैतूल से लेकर मुरैना, रतलाम, रायसेन, रीवा, सतना,आगर मालवा, उमरिया, खंडवा, गुना, छतरपुर, देवास और हरदा शामिल हैं। इससे इन जिलों की सड़कों की हालत में सुधार होगा। लोगों को बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा। जानें क्या है व्हाइट टॉपिंग तकनीक व्हाइट टॉपिंग तकनीक में पुरानी सड़क की ऊपरी परत हटाकर कंक्रीट की मोटी परत बिछाई जाती है। इसमें M-40 ग्रेड सीमेंट और फाइबर बुरादा का इस्तेमाल होता है। 6 से 8 इंच मोटी यह परत सड़क को मजबूत बनाती है। भारी ट्रैफ़िक और खराब मौसम का भी इस पर कम असर होता है। इससे सड़क की उम्र 20 से 25 साल तक बढ़ जाती है। यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल भी है। कंक्रीट की सतह डामर से ज़्यादा ठंडी रहती है। इससे रखरखाव का खर्च भी कम आता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 34

देश में हुई ‘सुभद्रा योजना’की शुरुआत, लाभार्थी महिलाओं को सुभद्रा डेबिट कार्ड भी जारी किया जाएगा

नई दिल्ली  हाल ही में 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर महिलाओं के लिए 'सुभद्रा योजना'की शुरुआत की। इस योजना के तहत ओडिशा सरकार महिलाओं को हर साल 10,000 रुपये देगी। यह पैसा 21 से 60 साल की महिलाओं के खाते में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा। योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को सुभद्रा डेबिट कार्ड भी जारी किया जाएगा। आइए जानते हैं कि कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र है और इसका लाभ लेने के लिए क्या करना होगा। सवाल– सुभद्रा योजना क्या है? जवाब– सुभद्रा योजना ओडिशा सरकार की एक बड़ी पहल है, जिसका मकसद महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सवाल– सुभद्रा योजना के तहत लाभार्थियों को क्या लाभ मिलते हैं? जवाब- लाभार्थियों को सुभद्रा कार्ड और पांच वर्षों के लिए हर साल आर्थिक सहायता के रूप में 10,000 रुपये मिलते हैं। सवाल- लाभार्थियों को सुभद्रा योजना के तहत कितनी राशि मिलेगी? जवाब– योजना की पात्र लाभार्थी महिलाओं को कुल 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। ये रुपये पांच वर्षों में हर साल 10-10 हजार रुपये के तौर पर दिए जाएंगे। सवाल- खाते में ये रकम कब आएगी? जवाब- हर साल 5-5 हजार रुपये की दो किस्तों में ये रकम दी जाएगी। पहले 5,000 रुपये राखी पूर्णिमा (रक्षाबंधन) पर और दूसरे 5,000 रुपये अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर। सवाल– सुभद्रा कार्ड क्या है? जवाब- सुभद्रा कार्ड एक डेबिट कार्ड है जो सभी लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा, ताकि उन्हें अपने खाते से रुपये निकालने में आसानी हो। सवाल- क्या किसी अन्य आर्थिक योजना का लाभ ले रही महिलाएं सुभद्रा योजना के लिए योग्य हैं? जवाब– नहीं, जो महिलाएं अन्य योजनाओं के तहत 1,500 रुपये हर महीने या ज्यादा पा रही हैं, वे इस योजना के लिए अप्लाई नहीं कर सकतीं। सवाल– सुभद्रा योजना के तहत पुरस्कार कार्यक्रम का उद्देश्य क्या है? जवाब- यह कार्यक्रम डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए है, जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय में सबसे ज्यादा डिजिटल लेन-देन करने वाली 100 महिलाओं को 500 रुपये का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। सवाल- सुभद्रा योजना ओडिशा के किन जिलों में लागू होगी? जवाब– यह योजना ओडिशा के सभी 30 जिलों में लागू होगी। सवाल- सुभद्रा योजना के लिए कौन-कौन महिलाएं पात्र हैं? जवाब– आवेदक महिलाओं को ओडिशा की निवासी होना चाहिए। उम्र 21 वर्ष से ज्यादा और 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसके अलावा आर्थिक स्थिति और रोजगार से संबंधित दूसरी शर्तों को पूरा करना होगा। सवाल– सुभद्रा योजना के लिए कौन योग्य नहीं है? जवाब- 21 वर्ष से कम या 60 वर्ष से ज्यादा उम्र वाली महिलाएं इसके लिए अप्लाई नहीं कर सकतीं। साथ ही वो महिलाएं भी पात्र नहीं हैं, जो निर्धारित सीमाओं से ज्यादा आर्थिक सहायता प्राप्त कर रही हैं। सार्वजनिक प्रतिनिधि और जिनके पास कुछ संपत्तियां या आय के स्रोत हैं, वे अयोग्य हैं। सवाल– योजना का लाभ लेने लिए परिवार की इनकम कितनी होनी चाहिए। जवाब- 2.50 लाख रुपये सालाना से ज्यादा आय वाले परिवारों की महिलाएं योजना के लिए अयोग्य हैं। सवाल- आवेदन पत्र कहां से प्राप्त कर सकते हैं? जवाब– आंगनवाड़ी केंद्रों, ब्लॉकों, मो सेबा केंद्रों और सामान्य सेवा केंद्रों से आवेदन पत्र लिए जा सकते हैं। सवाल– आवेदक अपने आवेदन कहां जमा कर सकते हैं? जवाब- महिलाएं अपने भरे हुए आवेदन पत्र सामान्य सेवा केंद्रों या मो सेबा केंद्रों पर जमा कर सकती हैं। सवाल- क्या आवेदन पत्र के लिए कोई शुल्क है? जवाब– आवेदन पत्र निःशुल्क हैं। साथ ही आवेदकों को इसे जमा करते वक्त भी कोई शुल्क नहीं देना है। सवाल– योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं? जवाब– योजना की ऑफिशियल वेबसाइट https://subhadra.odisha.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सवाल- सुभद्रा योजना के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? जवाब- आवेदकों को आधार कार्ड, आधार से लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर और DBT-सक्षम बैंक खाते से जुड़े दस्तावेज जमा करने होंगे। सवाल- यदि आवेदक के पास DBT-सक्षम बैंक खाता नहीं है, तो क्या होगा? जवाब– आवेदक को उसके आधार कार्ड से जुड़ा DBT-सक्षम बैंक खाता खोलने और लिंक करने का अवसर दिया जाएगा। सवाल– योजना की लाभार्थी महिलाएं ई-केवाईसी प्रक्रिया कैसे पूरी कर सकती हैं? जवाब- लाभार्थी महिलाएं अपने आधार नंबर का इस्तेमाल कर सुभद्रा पोर्टल या मोबाइल एप्लिकेशन पर फेस-ऑथेंटिकेशन के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकती हैं। सवाल– योजना के लिए आवेदकों की पात्रता कैसे जांच की जाएगी? जवाब- पात्रता की जांच सरकारी डेटाबेस के जरिए और अगर जरूरत पड़ी तो फील्ड जांच के माध्यम से की जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 23

न्यूयॉर्क ने एक सदी पुराने कानून को निरस्त कर दिया, जिसमे जीवनसाथी को धोखा देना अपराध माना जाता था

न्यूयॉर्क. न्यूयॉर्क ने  एक सदी से भी ज़्यादा पुराने एक ऐसे कानून को निरस्त कर दिया, जिसका इस्तेमाल शायद ही कभी किया जाता था। इस कानून के तहत अपने जीवनसाथी को धोखा देना अपराध माना जाता था। यह एक ऐसा अपराध था जिसके लिए व्यभिचारियों को तीन महीने की जेल हो सकती थी। गवर्नर कैथी होचुल ने इस कानून को निरस्त करने वाले बिल पर हस्ताक्षर किए। यह कानून 1907 से चला आ रहा है और इसे लंबे समय से पुराना और लागू करने में मुश्किल माना जाता रहा है। उन्होंने कहा, "हालांकि मैं अपने पति के साथ 40 साल तक प्यार भरी शादीशुदा ज़िंदगी जीने के लिए भाग्यशाली रही हूं, लेकिन मेरे लिए व्यभिचार को अपराध से मुक्त करने वाले बिल पर हस्ताक्षर करना थोड़ा विडंबनापूर्ण है, लेकिन मैं जानती हूं कि लोगों के बीच अक्सर जटिल रिश्ते होते हैं।" "इन मामलों को स्पष्ट रूप से इन व्यक्तियों द्वारा ही संभाला जाना चाहिए, न कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली द्वारा। आइए इस मूर्खतापूर्ण, पुराने कानून को हमेशा के लिए हटा दें।" व्यभिचार कानून व्यभिचार पर प्रतिबंध वास्तव में कई राज्यों में कानून है और इसे तलाक लेना कठिन बनाने के लिए लागू किया गया था, ऐसे समय में जब पति या पत्नी द्वारा धोखा दिया जाना साबित करना कानूनी अलगाव पाने का एकमात्र तरीका था। आरोप दुर्लभ हैं और दोषसिद्धि और भी दुर्लभ है। कुछ राज्यों ने हाल के वर्षों में अपने व्यभिचार कानूनों को निरस्त करने के लिए भी कदम उठाए हैं। न्यूयॉर्क में व्यभिचार की परिभाषा इस प्रकार दी गई है कि जब कोई व्यक्ति “किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है, जबकि उसका कोई जीवित जीवनसाथी है या दूसरे व्यक्ति का कोई जीवित जीवनसाथी है।” न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख के अनुसार, राज्य के कानून का पहली बार इस्तेमाल इसके लागू होने के कुछ सप्ताह बाद एक विवाहित पुरुष और 25 वर्षीय महिला को गिरफ्तार करने के लिए किया गया था। बिल के प्रायोजक राज्य विधानसभा सदस्य चार्ल्स लैविन ने कहा कि 1970 के दशक से इस कानून के तहत लगभग एक दर्जन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, और उनमें से केवल पाँच मामलों में ही दोषसिद्धि हुई है। पार्क में यौन क्रिया करते हुए पकड़ी गई महिला ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य के कानून का अंतिम बार प्रयोग 2010 में एक महिला के विरुद्ध किया गया था, जो एक पार्क में यौन क्रिया करते हुए पकड़ी गई थी, लेकिन बाद में एक समझौते के तहत व्यभिचार के आरोप को हटा दिया गया था। 1960 के दशक में न्यूयॉर्क इस कानून को निरस्त करने के करीब पहुंच गया था, जब दंड संहिता का मूल्यांकन करने वाले राज्य आयोग ने कहा था कि इसे लागू करना लगभग असंभव है। 1965 के न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख के अनुसार, उस समय, विधिनिर्माता शुरू में प्रतिबंध हटाने के पक्ष में थे, लेकिन अंततः इसे बरकरार रखने का निर्णय लिया गया, क्योंकि एक राजनेता ने तर्क दिया कि इसे हटाने से ऐसा लगेगा कि राज्य आधिकारिक तौर पर बेवफाई का समर्थन कर रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

मध्यप्रदेश में प्रभावी संचार के लिए बिजली कंपनियां करेंगी उपयोग

भोपाल एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के संचालक मंडल द्वारा जागरूकता उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश में संचार के लिए ‘’विद्युत’’ और ‘’बिजली’’ को विद्युत वितरण कंपनियों के अधिकृत शुभंकर के रूप में उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। शुभंकर ‘’विद्युत’’ और ‘’बिजली’’ को मध्यप्रदेश में ऊर्जा विभाग के अधीन एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी, एम.पी.पॉवर जनरेटिंग कंपनी, एम.पी.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के साथ ही तीनों विद्युत वितरण कंपनियों क्रमश: पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल द्वारा इन शुभंकरों के माध्यम से प्रभावी संदेश तैयार कर प्रचार – प्रसार को बढावा देने के लिए उपयोग किया जाएगा।    गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में ऊर्जा के दक्ष उपयोग को बढ़ावा देने एवं घरों की छतों पर सोलर रूफ-टॉप के उपयोग को प्रोत्साहित करने बिजली बिलों के समय पर भुगतान और विद्युत सुरक्षा के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मध्यप्रदेश में संचार के लिए ‘’बिजली’’ नाम की एक छोटी बालिका और ‘’विद्युत’’ नाम के एक छोटे बालक को शुभंकर के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह शुभंकर बिजली उपभोक्ताओं तक बिजली संबंधी संदेश पहॅुंचाने के लिए ऊर्जा विभाग के राजदूत के रूप में काम करेंगे।   मध्यप्रदेश में कार्यरत तीनों विद्युत वितरण कंपनियों और ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत अन्य कंपनियों द्वारा ऊर्जा से संबंधित संदेशों को संप्रेषित करने के लिए इन दोनों शुभंकर का उपयोग एक अभिनव और आकर्षक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा तथा इन आकर्षक शुभंकरों के अधिकारिक उपयोग से बिजली सुरक्षा, ऊर्जा बचत, ऊर्जा दक्षता और सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलने के साथ ही बिजली बिलों का समय पर भुगतान करने के लिये उपभोक्ताओं को प्रभावी रूप से प्रेरित किया जा सकेगा। इससे राज्य में अधिक प्रभावी और जिम्मेदार ऊर्जा खपत संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।   कौन हैं "बिजली" और "विद्युत" शुभंकर बिजली एक छोटी बालिका है जिसकी आंखें चमकदार हैं और प्रभावित करने वाली हैं। यह लड़की बिजली को दर्शाने वाली लाल पोशाक पहनती है और हाथ में एक छोटा सा दीपक लिये हुए है, जो ऊर्जा और बिजली के महत्व को प्रतिबिम्बित करता है। बिजली एक ऐसी शुभंकर है जो कि चंचल, जिज्ञासु, ऊर्जा से भरपूर और उत्साही है, जो ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रतिनिधित्व करती है। यह गर्मजोशी और सुलभता को प्रतिविम्बित करती है, जो सभी उम्र के उपभोक्ताओं के लिए भरोसेमंद है। दूसरी ओर, विद्युत एक प्यार भरी शरारत लिये हंसता मुस्कुराता लड़का है, जिसने बिजली के प्रतीक वाली हरे रंग की टी-शर्ट पहनी है और हाथ में एक हरे लाल रंग का बिजली का चिन्ह है, जो बिजली की खपत को रेखांकित करता है। विद्युत शुभंकर दिखने में साहसी, आत्मविश्वास से परिपूर्ण और हमेशा सीखने के लिए उत्सुक दिखाई देता है। यह ऊर्जा संरक्षण और सौर ऊर्जा के नवीन पहलुओं को दर्शाता है और उसका करिश्माई स्वभाव युवाओं और उम्रदराज उपभोक्ताओं को समान रूप से आकर्षित करता है। छोटे बच्चे उमंग, उत्साह के पर्याय और देश का भविष्य हैं, इसलिए शुभंकर ‘’बिजली’’ और ‘’विद्युत’’ को छोटे बच्चे के रूप में दर्शाया गया है।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 30

देवेंद्र परमार को बेस्ट डेयरी फार्मर वर्ग में देशी पशु नस्ल सुधार के लिए द्वितीय पुरस्कार

भोपाल पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में उपलब्धि के लिए प्रदेश के शाजापुर जिले के किसान देवेंद्र परमार का केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार 2024 के लिए चयन हुआ है। उन्हें बेस्ट डेयरी फार्मर वर्ग में देशी पशु नस्ल सुधार के लिए द्वितीय पुरस्कार केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन द्वारा राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर के अवसर पर नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा। दुग्ध उद्यमी किसान देवेंद्र परमार शाजापुर जिले के पटलावदा के हैं, जो भोपाल दुग्ध संघ के अंतर्गत शुजालपुर दुग्ध उत्पादन समिति के सदस्य हैं। वह बड़ी संख्या में दुधारू पशुओं का पालन करते है। उन्होंने देशी गायों की नस्ल सुधार में उल्लेखनीय कार्य किया है। वह देव डेयरी के नाम से पैकेज्ड दूध बेचते हैं। उन्होंने अपने खेत में गोबर गैस संयंत्र भी लगया है, जिससे बड़ी मात्रा में गोबर गैस का उत्पादन करते हैं, साथ ही जैविक खाद बेचकर भी अच्छी आमदनी लेते हैं। राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कार राष्ट्रीय गोपाल-रत्न पुरस्कारों का उद्देश्य पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में काम करने वाले स्वदेशी जानवरों को पालन कर रहे किसान, एआई तकनीशियन और डेयरी सहकारी समितियां / दूध उत्पादक कंपनियां/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करना है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/ दुग्ध उत्पादक कंपनी/ डेयरी किसान उत्पादक संगठन को प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार में प्रथम श्रेणी के लिए 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, द्वितीय श्रेणी के लिए 3 लाख रुपये, तृतीय श्रेणी के लिए 2 लाख रुपये और पूर्वोत्तर क्षेत्र में विशेष पुरस्कार के लिए 2 लाख रुपये शामिल हैं। साथ ही एक प्रमाण-पत्र और एक स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है। इस वर्ष विजेताओं का चयन कुल प्राप्त 2574 आवेदनों में से किया गया था, जिन्हें एक ऑनलाइन आवेदन पोर्टल यानी https://awards.gov.in के माध्यम से आमंत्रित किया गया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन पशुपालन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जीवीए का एक तिहाई हिस्सा है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर 8% से ज्यादा है। साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियाँ किसानों की आय उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों और महिलाओं के लिए, इसके अलावा यह लाखों लोगों को सस्ती और पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। भारत की स्वदेशी गायों की नस्लें मजबूत हैं और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आनुवांशिक क्षमता रखती हैं। स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण पर एक विशेष कार्यक्रम के न होने से उनकी जनसंख्या कम हो रही थी और उनका प्रदर्शन उनकी क्षमता से कम है। इसलिए केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने दिसंबर 2014 में "राष्ट्रीय गोकुल मिशन" की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य स्वदेशी पशु नस्लों को संरक्षित और विकसित करना है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

लोकसभा सदस्यों को अब डिजिटल पेन से हस्ताक्षर करने होंगे ‘सबमिट’ बटन दबाना होगा

नई दिल्ली संसद के सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में भाग लेने वाले लोकसभा सदस्यों के पास ‘इलेक्ट्रॉनिक टैब’ पर ‘डिजिटल पेन’ का उपयोग करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प होगा। संसद को कागज रहित बनाने की अध्यक्ष ओम बिरला की पहल के तहत लोकसभा कक्ष की लॉबी में चार ‘काउंटर’ पर ‘इलेक्ट्रॉनिक टैब’ रखे जाएंगे। लोकसभा सचिवालय ने कहा, ‘‘काउंटर पर उपस्थिति पुस्तिका पहले की तरह रखी जाती रहेंगी लेकिन सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे टैब के उपयोग को प्राथमिकता दें और संसद को कागज रहित बनाने में मदद करें।’’ अधिकारियों ने बताया कि सदस्यों को सबसे पहले टैब पर ‘ड्रॉप डाउन मेन्यू’ से अपना नाम चुनना होगा, डिजिटल पेन की मदद से अपने हस्ताक्षर करने होंगे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए ‘सबमिट’ बटन दबाना होगा। तकनीकी सहायता के लिए हर ‘काउंटर’ पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के इंजीनियर की एक टीम मौजूद रहेगी। संसद सत्र के दौरान सदस्यों को अपना दैनिक भत्ता प्राप्त करने के लिए उपस्थिति पुस्तिका में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती है। इससे पहले, लोकसभा सदस्य मोबाइल ऐप का उपयोग करके भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20